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प्रोस्टेट बढ़ना या बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया क्या है?प्रोस्टेट शरीर में मौजूद एक ग्रंथि होती है, जिसको 'पौरुष ग्रं...
12/01/2024

प्रोस्टेट बढ़ना या बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया क्या है?

प्रोस्टेट शरीर में मौजूद एक ग्रंथि होती है, जिसको 'पौरुष ग्रंथि' भी कहा जाता है। यह एक द्रव पदार्थ का उत्पादन करती है, जो स्खलन के दौरान शुक्राणुओं को ले जाता है। पौरुष ग्रंथि मूत्रमार्ग के चारों ओर होती है (मूत्रमार्ग वह ट्यूब होती है, जो पेशाब को शरीर से बाहर निकालती है)। पौरुष ग्रंथि के बढ़ने का मतलब होता है कि यह ग्रंथि अधिक विकसित हो गई है।
अधिक उम्र होने पर लगभग सभी पुरूषों की पौरुष ग्रंथि का आकार बढ़ने लगता है। प्रोस्टेट का आकार बढ़ने से मूत्राशय से मूत्र के प्रवाह को अवरुद्ध करने जैसी मूत्र संबंधी समस्याएं विकसित हो सकती हैं, जो काफी तकलीफें पैदा कर सकती हैं। इसके कारण मूत्राशय, मूत्र पथ या किडनी संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। एक बढ़े हुए प्रोस्टेट को 'सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लाशिया' (BPH) कहा जाता है। पौरुष ग्रंथि का आकार बढ़ना कोई कैंसर संबधी समस्या नहीं होती और ना ही यह कैंसर होने के जोखिमों को बढ़ाती हैं।

बी. पी. एच. के लक्षण :

बी. पी. एच. के कारण पुरुषों में होनेवाली मुख्य तकलीफ निम्नलिखित है:

रात को बार-बार पेशाब करने जाना।

पेशाब की धार धीमी और पतली हो जाना।

पेशाब करने के प्रारंभ में थोड़ी देर लगना।

रुक रुककर पेशाब का होना।

पेशाब लगने पर जल्दी जाने की तीव्र इच्छा होना किन्तु, उस पर नियंत्रण नहीं होना और कभी-कभी कपड़ों में पेशाब हो जाना।

पेशाब करने के बाद भी बूँद-बूँद पेशाब का आना।

पेशाब पूरी तरह से नहीं होना और पूरा पेशाब करने का संतोष नहीं होना।

गंभीर बी. पी. एच. अगर अनुपचारित छोड़ दिया जाये तो एक समय के बाद यह गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।

होम्योपैथी उपचार की एक वैकल्पिक प्रणाली है, जो व्यक्तिगतकारण (individualisation) के सिद्धांत पर आधारित है, जिसका मतलब है कि किसी व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक स्थिति और बीमारी के लक्षणों के आधार पर दवाइयां निर्धारित की जाती हैं। इसके अलावा मरीज की मेडिकल हिस्ट्री, जेनेटिक हिस्ट्री और मनोवैज्ञानिक लक्षणों का भी ध्यान रखा जाता है। होम्योपैथी दवाईयों को प्राकृतिक पदार्थों से तैयार किया जाता है और इसीलिए इनका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया के उपचार के लिए बरयेटा कार्बोनिका , चिमाफिला अम्बेलाता , कोनियम मैक्यूलेटम , डिजिटलिस परप्यूरिया , लाइकोपोडियम क्लैवेटम और थुजा ओसिडेंटलिस सहित और भी दवाओं का उपयोग किया जाता है।
- डॉ हिमेश उपाध्याय
अरोग्यम क्लीनिक,
भँवाल वालो का नोहरा के पास,
मेड़ता सिटी
मो. 9509021021

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30/05/2023

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