
21/08/2024
यथार्थ सच ये ....
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*जिस पल आपकी मृत्यु हो जाती है,*
*उसी पल से आपकी पहचान एक "बॉडी" बन जाती है।*
अरे
*"बॉडी" लेकर आइये,*
*"बॉडी" को उठाइये,*
*ऐसे शब्दो से आपको पुकारा जाता है, वे लोग भी आपको आपके नाम से नही पुकारते ,*
जिन्हे प्रभावित करने के लिये आपने अपनी पूरी जिंदगी खर्च कर दी।
इसीलिए
*जीवन में आने वाली हर चुनौती को स्वीकार करें।......*
अपनी पसंद की चीजों के लिये खर्चा करें।......
*इतना हंसिये के पेट दर्द हो जाये।....*
*आप कितना भी बुरा नाचते हो ,*
*फिर भी नाचिये।......*
उस खूशी को महसूस कीजिये।......
*फोटोज् के लिये पागलों वाली पोज् दीजिये।......*
बिलकुल छोटे बच्चे बन जाइये ।
*क्योंकि मृत्यु जिंदगी का सबसे बड़ा लॉस नहीं है।*
लॉस तो वो है
के जिंदा होकर भी आपके अंदर *जिंदगी जीने की आस खत्म हो चुकी है।.....*
हर पल को खूशी से जीने को ही जिंदगी कहते है।
*"जिंदगी है छोटी,पर" हर पल में खुश हूँ "काम में खुश हूं,"आराम में खुश हूँ ,*
*"आज पनीर नहीं," दाल में ही खुश हूं,*
*"आज गाड़ी नहीं," पैदल ही खुश हूं,*
*"दोस्तों का साथ नहीं," अकेला ही खुश हूं,*
*"आज कोई नाराज है," उसके इस अंदाज से ही खुश हूं,*
*"जिस को देख नहीं सकता," उसकी आवाज से ही खुश हूं ।।*
❤️..... ✍️🌹🙏