वैदिक ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड सेवा

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पूजाकर्म सेवा
कथा हवन पूजा पाठ।
(5)

*🚩जय सांवलिया सेठ की🚩*           *आज का श्रृंगार दर्शन*        *मंडफिया धाम,चितौड़गढ़ से*     *🙏जय श्री सांवलिया सेठ की🙏...
19/09/2025

*🚩जय सांवलिया सेठ की🚩*

*आज का श्रृंगार दर्शन*

*मंडफिया धाम,चितौड़गढ़ से*

*🙏जय श्री सांवलिया सेठ की🙏*

!!यं यं चिन्तयते कामं तं तं प्राप्नोति निश्चितम् !!
18/09/2025

!!यं यं चिन्तयते कामं तं तं प्राप्नोति निश्चितम् !!

ॐ विश्वकर्मणे नमः मिलें तुझसे बल माँगते हैं श्रद्धा का प्रभु जी फल माँगते हैंजिन्हें कर्म में विश्वास है, विश्वकर्मा जी ...
17/09/2025

ॐ विश्वकर्मणे नमः
मिलें तुझसे बल माँगते हैं श्रद्धा का प्रभु जी फल माँगते हैं
जिन्हें कर्म में विश्वास है, विश्वकर्मा जी उनके पास हैं।
सत्कर्म करते रहते हैं वो पावन धरा पर, शरीर में उन के जब तक अंतिम सांस है।
आप सभी देशवासियों को हिंदू सनातन संस्कृति की ओर से विश्वकर्मा पूजा की शुभकामनाएं....🙏🙏🙏

इंदिराएकादशी का व्रत (उपवास)  ♦️♦️महत्व        आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी इन्दिरा एकादशी कहलाती है। 👉जब कभी श्रा...
17/09/2025

इंदिरा
एकादशी का व्रत (उपवास)


♦️♦️महत्व
आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी इन्दिरा एकादशी कहलाती है।
👉जब कभी श्राद्ध, श्रद्धा से न करके दबाव से किया जाता है या अयोग्य व्यक्ति के द्वारा श्राद्ध होता है तो श्राद्ध के बावजूद भी मुक्ति नहीं होती है।
👉इस व्रत के प्रभाव से बड़े-बड़े पापों का नाश होता है। ऐसे में इंदिरा एकादशी का व्रत रखने से पितरों को सद्गति प्राप्त होती है। यह भटकते हुए पितरों की गति सुधारने वाला व्रत है। इस दिन भगवान विष्णु के प्रतीक शालिग्राम जी की उपासना की जाती है। व्रती को शालिग्राम जी को तुलसी पत्र यानि तुलसी का पत्ता अवश्य चढ़ाना चाहिए। शास्त्रों और वैष्णवों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि एकादशी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है। एकादशी का व्रत करने से विष्णु शीघ्र ही प्रसन्न होते है।

♦️♦️एकादशी व्रत की विधि

- यह व्रत दशमी अर्थात एकादशी से एक रात पहले आरम्भ हो जाता है। दशमी की रात को भोजन नहीं किया जाता है। फिर एकादशी के पूरा दिन अन्न नहीं खाना चाहिए। व्रत को निराहार या फलाहार लेकर करें। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर व्यक्ति को पूर्णरुप से स्वच्छ हो जाना चाहिए। सूर्यदेव को अर्घ्य दें। उसके बाद भगवान विष्णु के विग्रह के समक्ष घी का दीप प्रज्जवलित करें। ईश्वर का ध्यान लगाकर भजन, चालीसा और आरती कर पूजा करें।
- एकादशी के व्रत का पारण एकादशी के अगले दिन सुबह किया जाता है। लेकिन व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना अति आवश्यक है। यदि द्वादशी तिथि में पारण न किया जाए तो व्रत का फल व्रती को प्राप्त नहीं होता है।
- एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति को वैष्णव धर्म का पालन करना चाहिए। इस दिन व्रती को नामजप अवश्य करना चाहिए। गाय को हरा चारा खिलाएँ।
- भगवान विष्णु के समक्ष गीता का पाठ करना विशेष फलदायी होता है। काँसे के बर्तन में भोजन नहीं करना चाहिए।
- व्रती को अधिकांश समय भजन और प्रभु स्मरण में बिताना चाहिए।
- सार्वजनिक स्थान पर पीपल का पौधा लगाएँ।
- इस दिन विशेषतौर पर चावल नहीं खाने चाहिए।
- रात्रि में जागरण करना चाहिए।
- उपवास करने वाले व्यक्ति को प्याज, बैंगन, पान-सुपारी, लहसुन व मांस-मदिरा आदि नहीं खाने चाहिए।

♦️♦️ व्रत के लाभ
👉 एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।

👉जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।_*

👉जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।

👉एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।_*

👉 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।

👉कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।

👉 परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।

♦️एकादशी के दिन ये सावधानी रहे

👉महीने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए।

🙏।।ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ।।🙏
वैदिक ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड सेवा
#मोदीनगर_गाजियाबाद

🙏🙏🙏स्वर्ण श्रृंगार दर्शन🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩प्रातः कालीन दर्शन 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩सर्व सिद्धि मां पीतांबरा बगलामुखी माता मंदिर, नलखेड़ा, जिला ...
16/09/2025

🙏🙏🙏स्वर्ण श्रृंगार दर्शन🚩🚩🚩🚩🚩
🚩🚩🚩🚩प्रातः कालीन दर्शन 🚩🚩🚩🚩🚩
🚩🚩🚩सर्व सिद्धि मां पीतांबरा बगलामुखी माता मंदिर, नलखेड़ा, जिला आगर मालवा मध्यप्रदेश🙏🙏🙏
🌸🌸जय माता दी🌸🌸

🔥🔥॥ ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा ॥ जय माँ बगलामुखी जी के अलौकिक दर्शन🔥🔥

🔥बहुत सुन्दर और ज्ञान वर्धक प्रसंग...🔥पहली बात: हनुमान जी जब संजीवनी बूटी का पर्वत लेकर लौटते है तो भगवान से कहते हैं :-...
16/09/2025

🔥बहुत सुन्दर और ज्ञान वर्धक प्रसंग...🔥

पहली बात: हनुमान जी जब संजीवनी बूटी का पर्वत लेकर लौटते है तो भगवान से कहते हैं :-

"प्रभु आपने मुझे संजीवनी बूटी लेने नहीं भेजा था..बल्क़ि मेरा भ्रम दूर करने के लिए भेजा था..औऱ आज मेरा ये भ्रम टूट गया कि मैं ही आपका राम नाम का जप करने वाला सबसे बड़ा भक्त हूँ''।

भगवान बोले:- वो कैसे ...?

हनुमान जी बोले :- "वास्तव में मुझसे भी बड़े भक्त तो भरत जी हैं.. मैं जब संजीवनी लेकर लौट रहा था तब मुझे भरत जी ने बाण मारा और मैं गिरा तो भरत जी ने न तो संजीवनी मंगाई, न वैध बुलाया।
कितना भरोसा है उन्हें आपके नाम पर.. उन्होंने कहा कि यदि मन, वचन और शरीर से श्री राम जी के चरण कमलों में मेरा निष्कपट प्रेम हो, यदि रघुनाथ जी मुझ पर प्रसन्न हों तो यह वानर थकावट और पीड़ा से रहित होकर स्वस्थ हो जाए।
उनके इतना कहते ही मैं उठ बैठा।
सच कितना भरोसा है भरत जी को आपके नाम पर।

🔥शिक्षा :- 🔥
हम भगवान का नाम तो लेते हैं पर भरोसा नहीं करते..भरोसा करते भी हैं तो अपने पुत्रों एवं धन पर.. कि बुढ़ापे में बेटा ही सेवा करेगा, धन ही साथ देगा।
उस समय हम भूल जाते हैं कि जिस भगवान का नाम हम जप रहे हैं वे हैं.. पर हम भरोसा नहीं करते।
बेटा सेवा करे न करे पर भरोसा हम उसी पर करते हैं।

🔥दूसरी बात प्रभु...! 🔥

बाण लगते ही मैं गिरा.. पर्वत नहीं गिरा..क्योंकि पर्वत तो आप उठाये हुए थे और मैं अभिमान कर रहा था कि मैं उठाये हुए हूँ।

मेरा दूसरा अभिमान भी टूट गया।

🔥शिक्षा :- 🔥

हमारी भी यही सोच है कि..अपनी गृहस्थी के बोझ को हम ही उठाये हुए हैं। जबकि सत्य यह है कि हमारे नहीं रहने पर भी हमारा परिवार चलता ही है।

जीवन के प्रति जिस व्यक्ति कि कम से कम शिकायतें हैं.. वही इस जगत में अधिक से अधिक सुखी है।
#साभार

नमामि शमीशान निर्वाण रूपम।विभुम व्यापकम ब्रह्म वेदस्वरूपम।।निजम निर्गुणम निर्विकल्पम  निरीहम।चिदाकाश माकाश वासम भजेहम।नि...
15/09/2025

नमामि शमीशान निर्वाण रूपम।
विभुम व्यापकम ब्रह्म वेदस्वरूपम।।

निजम निर्गुणम निर्विकल्पम निरीहम।
चिदाकाश माकाश वासम भजेहम।

निराकार मोकार मूलम तुरीयम।
गिराज्ञान गोतीत मीशम गिरीशम।।

करालं महाकाल कालम कृपालम
गुणागार सन्सार पारम नतोहम।

तुषाराद्रि संकाश गौरम गम्भीरम।

मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम।
स्फुररमौल कल्लोलिनी चारुगंगा।

लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजंगा।
चलत्कुण्डलं भू सुनेत्रम विशालम।
0प्रसन्नाननं नीलकण्ठम दयालम
मृगाधीशचर्माम्बरं मुंड मालम।
प्रियम शंकरम सर्वनाथम भजामि।

प्रचंडं प्रकृष्टम प्रगलभम परेशम।
अखंडम अजम भानुकोटिप्रकाशम।

त्रयःशूल निर्मूलनम शूलपाणि:।
,भजेहम भवानीपति भाव गम्यम।

कलातीत कल्याण कल्पांत कारी।
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी।

चिदानंद सन्दोह मोहापहारी।
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी

न जानामि योगम जपम नैव पूजां।
नतोहम सदा सर्वदा शम्भूतुभ्यम।

जरा जन्म दुक्खौतातप्यमानम
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो:।।

रुद्राष्टक मिदम प्रोक्तम, विप्रेण हर तोषये।
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भू प्रसीदति।।🙏🏻🙏🏻

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वैदिक ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड सेवा
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201204

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