Shree shyam medicose

Shree shyam medicose बोलो बोलो प्रेमियो श्याम प्यारे की जय

20/02/2025
फागुन आयो रे बसंती🌻खिल रही केसर क्यार☘️श्याम को मेलो आयो रे🫶*बाबा श्याम के रंग बिरंगे सतरंगी फागण महीने की सभी श्याम प्र...
13/02/2025

फागुन आयो रे बसंती🌻
खिल रही केसर क्यार☘️
श्याम को मेलो आयो रे🫶
*बाबा श्याम के रंग बिरंगे सतरंगी फागण महीने की सभी श्याम प्रेमियों को हार्दिक बधाई*

तेरी चाहत मे हम ज़माना भूल गये,,,किसी और को हम अपनाना भूल गये...तुम से मोहब्बत है बताया सारे जहाँ को,,,बस एक तुझे ही बता...
09/02/2025

तेरी चाहत मे हम ज़माना भूल गये,,,
किसी और को हम अपनाना भूल गये...
तुम से मोहब्बत है बताया सारे जहाँ को,,,
बस एक तुझे ही बताना भूल गये...

❥ Զเधे-Զเधे ❥

जय श्री श्याम जी

जिसके दिल में किसी का भला करने का 'जज्बा' होता है, भगवान उसकी जिंदगी में किसी चीज की 'कमी' नहीं होने देते, जिंदगी में हर...
06/02/2025

जिसके दिल में किसी का भला करने का 'जज्बा' होता है, भगवान उसकी जिंदगी में किसी चीज की 'कमी' नहीं होने देते, जिंदगी में हर जगह पैसा काम नहीं आता, कई जगह तो इंसान का सहारा ही बहुत होता है।

05/02/2025

🌿🌹संतुष्टी🌹🌿

एक समय मोची का काम करने वाले व्यक्ति को रात में भगवान ने सपना दिया और कहा कि कल सुबह मैं तुझसे मिलने तेरी दुकान पर आऊंगा।

मोची की दुकान काफी छोटी थी और उसकी आमदनी भी काफी सीमित थी। खाना खाने के बर्तन भी थोड़े से थे। इसके बावजूद वो अपनी जिंदगी से खुश रहता था।

एक सच्चा, ईमानदार और परोपकार करने वाला इंसान था। इसलिए ईश्वर ने उसकी परीक्षा लेने का निर्णय लिया।

मोची ने सुबह उठते ही तैयारी शुरू कर दी। भगवान को चाय पिलाने के लिए दूध, चायपत्ती और नाश्ते के लिए मिठाई ले आया। दुकान को साफ कर वह भगवान का इंतजार करने लगा। उस दिन सुबह से भारी बारिश हो रही थी। थोड़ी देर में उसने देखा कि एक सफाई करने वाली बारिश के पानी में भीगकर ठिठुर रही है।

मोची को उसके ऊपर बड़ी दया आई और भगवान के लिए लाए गये दूध से उसको चाय बनाकर पिलाई।

दिन गुजरने लगा। दोपहर बारह बजे एक महिला बच्चे को लेकर आई और कहा कि मेरा बच्चा भूखा है इसलिए पीने के लिए दूध चाहिए। मोची ने सारा दूध उस बच्चे को पीने के लिए दे दिया। इस तरह से शाम के चार बज गए। मोची दिनभर बड़ी बेसब्री से भगवान का इंतजार करता रहा।

तभी एक बूढ़ा आदमी जो चलने से लाचार था आया और कहा कि मै भूखा हूं और अगर कुछ खाने को मिल जाए तो बड़ी मेहरबानी होगी। मोची ने उसकी बेबसी को समझते हुए मिठाई उसको दे दी। इस तरह से दिन बीत गया और रात हो गई।
रात होते ही मोची के सब्र का बांध टूट गया और वह भगवान को उलाहना देते हुए बोला कि "वाह रे भगवान सुबह से रात कर दी मैंने तेरे इंतजार में लेकिन तू वादा करने के बाद भी नहीं आया। क्या मैं गरीब ही तुझे बेवकूफ बनाने के लिए मिला था।"

तभी आकाशवाणी हुई और भगवान ने कहा कि " मैं आज तेरे पास एक बार नहीं, तीन बार आया और तीनों बार तेरी सेवाओं से बहुत खुश हुआ। और तू मेरी परीक्षा में भी पास हुआ है, क्योंकि तेरे मन में परोपकार और त्याग का भाव सामान्य मानव की सीमाओं से परे हैं।"
🌹शिक्षा🌹
इस कहानी से हमको यह शिक्षा मिलती है कि किसी भी मजबूर या ऐसा व्यक्ति जिसको आपकी मदद की जरूरत है उसकी मदद जरूर करना चाहिए। क्योंकि शास्त्रों में कहा गया है कि 'नर सेवा ही नारायण सेवा है'। और मदद की उम्मीद रखने वाले, जरूरतमंद और लाचार लोग धरती पर भगवान की तरह होते हैं। जिनकी सेवा से सुकून के साथ एक अलग संतुष्टी का एहसास होता है।।

🌹🙏जय श्री राधे कृष्ण🙏🌹

तमन्ना हो श्याम से मिलने की तो बंद आंखों में भी नजर आयेंगे महसूस करने की कोशिश तो कीजिए दूर होते हुए भी पास नजर आयेंगे।स...
03/02/2025

तमन्ना हो श्याम से मिलने की
तो बंद आंखों में भी नजर आयेंगे
महसूस करने की कोशिश तो कीजिए
दूर होते हुए भी पास नजर आयेंगे।
सुबह सुबह एक जयकारा बाबा श्याम जी का।
बोलो हारे के सहारे की जय।
बोलो शिश के दानी की जय।
बोलो खाटू नरेश की जय।
बोलो लखदतार की जय।
।। जय श्री श्याम जय खाटू धाम।।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

तू इतना सुन्दर क्यूं है क्यूं मै इतना पागल हूँ.कमल से कोमल नैनो से क्यों मै इतना घायल हूँ.तेरी मंद-मंद मुस्कान सच है या ...
18/12/2024

तू इतना सुन्दर क्यूं है
क्यूं मै इतना पागल हूँ.
कमल से कोमल नैनो से
क्यों मै इतना घायल हूँ.
तेरी मंद-मंद मुस्कान
सच है या मेरी कल्पना.
सामने तू ही हैं न या है
कोई खुली आँखों का सपना.
श्यामल-श्यामल तेरा चितवन
या बादल कही छाया है.
तेरे अधरों ने कहा है कुछ
या मेरे कानों ने मुझे भरमाया है.
सपना है अगर ये तो मुझे
इस सपनों में हीजीने दो
ये रूप का अमृत मेरे श्याम
उम्र भर मुझे यूही पीने दो
सभी श्याम भक्तो को प्यार भरा जय श्री श्याम
🙏बोलते रहो , बोलते रहो, बोलते रहो मन मे मिश्री घोलते रहो बोलते रहो, बोलते रहो, बोलते रहो, समय कोई भी ह़ो
बस नाम एक ही होना चहिये।🙏
🙋जय श्री श्याम 🙋
🙏"जय श्री श्याम🙏
🙏"जय श्री श्याम🙏

जय श्री श्याम जरूर लिखें

मेरे मालिक के दरबार में,सब लोगो का खाताजितना जिसके  भाग्य में होता ,वो उतना ही पातामेरे मालिक के दरबार में....क्या साधू ...
05/12/2024

मेरे मालिक के दरबार में,
सब लोगो का खाता
जितना जिसके भाग्य में होता ,
वो उतना ही पाता
मेरे मालिक के दरबार में....

क्या साधू क्या संत गृहस्थी,
क्या राजा क्या रानी,
प्रभु की पुस्तक में लिखी है,
सब की कर्म कहानी,
वही सभी के जमा खरच का, सही हिसाब लगाता,
मेरे मालिक के दरबार में ...

बड़े कड़े कानून प्रभु के,
बड़ी कड़ी मर्यादा,
किसी को कौड़ी कम नही देता, किसी को दमड़ी ज्यादा इसलिए तो दुनिया में ये जगत सेठ कहलाता,
मेरे मालिक के दरबार में ...

करते हैं फ़ैसला सभी का प्रभु आसन पर डट के,
इनका फैसला कभी ना बदले, लाख कोई सर पटके,
समझदार तो चुप रहता हैं,
मूरख शोर मचाता,
मेरे मालिक के दरबार में....

तारा है सारा ज़माना श्याम हम को भी तारो।हम को भी तारो श्याम हम को भी तारो॥हम ने सुना है श्याम मीरा को तारा,वीणा का कर के...
01/12/2024

तारा है सारा ज़माना श्याम हम को भी तारो।
हम को भी तारो श्याम हम को भी तारो॥

हम ने सुना है श्याम मीरा को तारा,
वीणा का कर के बहाना, श्याम हम भी तारो।

हमने सुना है श्याम द्रोपदी को तारा,
साडी का कर के बहाना, श्याम हम को भी तारो।

हमने सुना है श्याम कुब्जा को तारा,
चन्दन का कर के बहाना, श्याम हम को भी तारो।

हमने सुना है श्याम गणिका को तारा,
तोते का कर के बहाना, श्याम हम को भी तारो।

हमने सुना है श्याम अर्जुन को तारा,
गीता का कर के बहाना, श्याम हम को भी तारो।

हमने सुना है श्याम प्रहलाद को तारा,
खम्बे का कर के बहाना, श्याम हम को भी तारो।

हमने सुना है श्याम केवट को तारा,
नौका का कर के बहाना, श्याम हम को भी तारो।
!! जय जय श्री राधे गोविन्द !!
🌹🌹🌹🌹🌹👏🏻🌹🌹🌹🌹🌹

(((( बुढ़िया का निष्काम प्रेम ))))एक गाँव में एक बूढ़ी माई रहती थी। माई का आगे-पीछे कोई नहीं था इसलिए बूढ़ी माई बेचारी अके...
13/04/2024

(((( बुढ़िया का निष्काम प्रेम ))))
एक गाँव में एक बूढ़ी माई रहती थी। माई का आगे-पीछे कोई नहीं था इसलिए बूढ़ी माई बेचारी अकेली रहती थी।
एक दिन उस गाँव में एक संत आए। बूढ़ी माई ने महात्मा जी का बहुत ही प्रेम पूर्वक आदर सत्कार किया।
जब महात्मा जी जाने लगे तो बूढ़ी माई ने कहा.. महात्मा जी ! आप तो ईश्वर के परम भक्त है।
कृपा करके मुझे ऐसा आशीर्वाद दीजिये जिससे मेरा अकेलापन दूर हो जाये।
अकेले रह-रह करके उब चुकी हूँ ..
तब उन महात्मा ने मुस्कुराते हुए अपनी झोली में से बाल-गोपाल की एक मूर्ति निकाली और बुढ़िया माई को देते हुए कहा..
माई ये लो.. आपका बालक है, इसका अपने बच्चे की तरह प्रेम पूर्वक लालन-पालन करती रहना।
बुढ़िया माई बड़े लाड़-प्यार से ठाकुर जी का लालन-पालन करने लगी।
एक दिन गाँव के कुछ शरारती बच्चों ने देखा कि माई मूर्ती को अपने बच्चे की तरह लाड़ कर रही है।
नटखट बच्चो को माई से हंसी-मजाक करने की सूझी।
उन्होंने माई से कहा.. अरी मैय्या सुन ! आज गाँव में जंगल से एक भेड़िया घुस आया है, जो छोटे बच्चो को उठाकर ले जाता है।
और मारकर खा जाता है। तू अपने लाल का ख्याल रखना, कही भेड़िया इसे उठाकर ना ले जाये !
बुढ़िया माई ने अपने बाल-गोपाल को उसी समय कुटिया मे विराजमान किया और स्वयं लाठी (छड़ी) लेकर दरवाजे पर पहरा लगाने के लिए बैठ गयी।
अपने लाल को भेड़िये से बचाने के लिये बुढ़िया माई भूखी -प्यासी दरवाजे पर पहरा देती रही।
पहरा देते-देते एक दिन बीता, फिर दुसरा, तीसरा, चौथा और पाँचवा दिन बीत गया।
बुढ़िया माई पाँच दिन और पाँच रात लगातार, बगैर पलके झपकाये, भेड़िये से अपने बाल-गोपाल की रक्षा के लिये पहरा देती रही।
उस भोली-भाली मैय्या का यह भाव देखकर, ठाकुर जी का ह्रदय प्रेम से भर गया...
अब ठाकुर जी को मैय्या के प्रेम का प्रत्यक्ष रुप से आस्वादन करने की इच्छा हुई।
भगवान बहुत ही सुंदर रुप धारण कर, वस्त्राभूषणों से सुसज्जित होकर माई के पास आये।
ठाकुर जी के पाँव की आहट पाकर माई ड़र गई कि... कही दुष्ट भेड़िया तो नहीं आ गया, मेरे लाल को उठाने !
माई ने लाठी उठाई और भेड़िये को भगाने के लिये उठ खड़ी हूई।
तब श्यामसुंदर ने कहा.. मैय्या मैं हूँ, मैं तेरा वही बालक हूँ, जिसकी तुम रक्षा करती हो..
माई ने कहा... क्या ? चल हट तेरे जैसे बहुत देखे है, तेरे जैसे सैकड़ो अपने लाल पर न्यौछावर कर दूँ, अब ऐसे मत कहियो ! चल भाग जा यहा से।
ठाकुर जी मैय्या के इस भाव और एकनिष्ठता को देखकर बहुत ज्यादा प्रसन्न हो गये।
ठाकुर जी मैय्या से बोले.. अरी मेरी भोली मैय्या, मैं त्रिलोकीनाथ भगवान हूँ, मुझसे जो चाहे वर मांग ले, मैं तेरी भक्ती से प्रसन्न हूँ..
बुढ़िया माई ने कहा.. अच्छा आप भगवान हो, मैं आपको सौ-सौ प्रणाम् करती हूँ !
कृपा कर मुझे यह वरदान दीजिये कि मेरे प्राण-प्यारे लाल को भेड़िया न ले जाय..
अब ठाकुर जी और ज्यादा प्रसन्न होते हुए बोले.. तो चल मैय्या मैं तेरे लाल को और तुझे अपने निज धाम लिए चलता हूँ, वहाँ भेड़िये का कोई भय नहीं है।
इस तरह प्रभु बुढ़िया माई को अपने निज धाम ले गये।
भगवान को पाने का सबसे सरल मार्ग है, भगवान को प्रेम करो, निष्काम प्रेम जैसे बुढ़िया माई ने किया....
हमें अपने अन्दर बैठे ईश्वरीय अंश की काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार रूपी भेड़ियों से रक्षा करनी चाहिए।
जब हम पूरी तरह से तन्मय होकर अपनी पवित्रता और शांति की रक्षा करते है तो एक न एक दिन ईश्वर हमें दर्शन जरुर देते है।

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((((((( जय जय श्री राधे )))))))
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24/01/2024

*'जय श्री राम'*
दिल में भक्ति श्री राम की है !
शोभा ललित ललाम की है !!
जिसे देख कभी न मन भरता !
प्यारी सूरत मेरे राम की है !!
भक्ति से वश में हो जाते !
छवि भोली मेरे राम की है !!
मन रमा ,राम की चाहत में !
दुनियाँ न मेरे काम की है !!
सब भाव विह्वल जय बोल रहे !
यहाँ ख़ुशियाँ चारों धाम की है !!

तीन लोक प्रभु आपके, चौथे  आप महान |सकल विश्व की कामना, पूरी कर दो जान ||विपदा  सारी  दूर    हो, करते  रहना काम |सुख- दुख...
03/12/2023

तीन लोक प्रभु आपके, चौथे आप महान |
सकल विश्व की कामना, पूरी कर दो जान ||

विपदा सारी दूर हो, करते रहना काम |
सुख- दुख दोनों साथ है,कहते हैं श्री राम ||

वीरों के तुम वीर हो, महावीर बलवान |
लंका जल के खाक में, रखा आपने मान ||

राघव साथी विपत्ति के, देते ज्ञान विवेक |
पल- पल हर- पल साथ है, सभी देवता एक ||

प्रेम राम का रूप है, कहना मानो आप |
मात-पिता भाई सभी, करते रहना जाप ||

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