15/08/2025
आज के इस ख़ास दिन—यानी तिरंगे के साए में, हिंदुस्तान की आज़ादी की सालगिरह पर—हम सब अपने शहर के उन शहीदों को दिल से याद करते हैं, जिन्होंने मुल्क की खातिर जान कुर्बान की। मुरादाबाद की सरज़मीं हमेशा से ही बहादुरी और वफ़ादारी की मिसाल रही है।
उनहोंने अपने लहू से वतन की मिट्टी को सींचा, ताकि हम खुली फिज़ा में चैन से सांस ले सकें।
आईए, इसी जज़्बे और मोहब्बत के साथ आज हम ये वादा करें—
कि मुल्क की एकता और भाईचारे को सबसे ऊपर रखेंगे,
अपने शहर मुरादाबाद का नाम रौशन करेंगे,
और हर कदम पर अपने आज़ाद हिंदुस्तान की हिफ़ाज़त में खड़े रहेंगे।
उन शहीदों की कुर्बानियों को हमेशा याद रखते हुए, दिल से दुआ करते हैं:
"इश्क़ वतन से बढ़कर कोई चीज़ नहीं,
जो शहीद हुए हैं उनकी क़सम,
ये वतन कभी झुकने न देंगे।"