09/12/2020
पापा मुझे माफ़ कर देना
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पापा-पापा मुझे यह जीन्स दिला दो। आच्छा ले लो।Thank You पापा आप दुनिया के Best पापा हो (तोतली आवाज़ में)। यह सुन कर पिता का दिल भर आया। पर वह 5 साल के मासूम को क्या मालूम था , पापा ने आपने लिए जूते खरीदने बाज़ार गए थे दिसंबर का ठंड जो पड़ रही थी। राहुल (काल्पनिक नाम) के पिता पिछले 6 साल से सोच रहे थे कि अगली ठंडी में जूता ले ही लूंगा ,पर कोई न कोई problem आ ही जाती थीं। लेकिन इस बार राहुल की मां ने जबरन जो भेजा था। पर इस बार भी राहुल के पापा ने बिना जूते लिए ही ख़ुशी- खुशी वापस आ गए।
इसी तरह समय बीतता गया राहुल अब 14 साल का हो गया था। अपने पापा के साथ राहुल एक बार फिर बाज़ार जाता है। तभी उसके पापा एक बेल्ट के शोरूम में जाते है , तो राहुल आचानक बोलता है, अच्छा किया पापा कि आप बेल्ट के शोरूम में आए। मुझे एक बेल्ट दिला दो , पर फिर से उसको क्या मालूम था कि पापा भी अपने लिए बेल्ट ही लेने आए हैं। फिर क्या था पिता अपने बच्चों को कोई चीज के लिए मना कर सकता है भला। राहुल को वह बेल्ट दिलाए और फिर से आपने लिए कुछ नहीं लिया ( पैसे जो नहीं थे) और मुस्कुराते हुए वापस आ गए।
राहुल का अब इंजिनियरिंग में दाखिला हो गया था सभी बहुत खुश थे।उसकी पढ़ाई भी आच्छी चल रही थी। समय बीतता गया राहुल अब घर पे बहुत कम बात करता था। उसके पापा के पूछने पर बोलता था पढ़ाई का बहुत pressure है, इसी कारण बात नहीं कर पाता हुं।
लेकिन किसको मालूम था कि उसकी दोस्ती कुछ असामाजिक तत्वों से हो गई है , और वह नशा करने लगा है । इस नशे के चक्कर में खुद को कहीं खो दिया है।
एक दिन उसके पापा को यह बात पता चलता है। तो वह उसके कॉलेज जाते हैं , और मुस्कुराते हुए बोलते हैं इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है। गलती उन लड़कों की हैं, जो तुमको यह सब करने को कहा। और राहुल को घर ले आते हैं। उसकी इलाज़ करवाते है। राहुल कुछ दिनों में ठीक हो जाता है। अपने किए पर वह बहुत सर्मिंदा होता है ।
कुछ दिन के बाद जब सब लोग सुबह उठते हैं तो देखते है , कि राहुल आपने बेड रूम में नहीं होता है, पर टेबल पर एक चिट्ठी होती हैं उसमे लिखा होता है (पापा मुझे माफ़ कर देना) ...............में कॉलेज जा रहा हूं अब कुछ बन कर ही लौटूंगा।
पिता के चेहरे पे फिर से एक उम्मीद का मुस्कान....
यह घटना काल्पनिक है, इसका उदरेश नशा के खिलाफ आवाज उठाना है।
अक्सर यह देखा गया है कि उच्च शिक्षा संस्थानों में नशा का सेवन बहुत अधिक मात्रा में हो रहा है। इसी को मदेनजर रखते हुए यह Article लिखा गया है।
आप अपने लिए ना सही ,लेकिन उस माता - पिता के लिए नशा का सेवन ना किजिए जो आपनी खुशियां को नजर अंदाज कर के केवल आपकी खुशियों को देख कर खुश होते हैं , आपकी दुख को देखकर दुःखी।
नशा एक खुशहाल जीवन में केवल आग लगने की काम करती है। आइए हम सब मिलकर भारत को नशा मुक्त बनाए।
भारत सरकार द्वारा जन हित में जारी।
जय हिन्द ।।
अभय कुमार।
Ministry of Social Justice and Empowerment, Government of India
District Administration,East Champaran,Motihari