Dr.Rupali_ayurved

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आयुर्वेदाचार्य ��
Our goal is to promote good health��
Only Ayurved can prevent as well as cures the disease.�
Ayurved treats body, mind & soul together���
Indian�

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16/09/2025

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16/09/2025

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16/09/2025

Part 1- suvarnaprashan in detail

“Strengthen your child’s immunity naturally with Suvarna Prashan – the golden boost of health!”
16/09/2025

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11/09/2025

Nasal bone growth due to chronic rhinitis.This is how ayurveda helped him without surgery. In some cases surgery is needed but I repeat in some cases, not in every case. He got Instant relief within a single session, & to remove it completely he will need some more sessions along with ayurved medicines & proper diet.

22/08/2025

The smile on his face is our soul satisfaction
#आयुर्वेद

19/08/2025

जेव्हा तुम्ही डॉक्टर वर 200% विश्वास ठेवता आणि त्यांनी सांगितल्याप्रमाणेच सगळं नीट फॉलो करता तेव्हा result नक्कीच मिळतो.

15/08/2025

Are you also suffering from pain since 2 days??


15/08/2025

आज मक्खन+ मिश्री जरूर खाना!!
❤️✨


#आयुर्वेद

14/12/2022

स्वस्थ म्हणजेच निरोगी व्यक्तीने दररोज भोजनामध्ये सगळ्या ६ चवींचा समावेश करावा परंतु खालीलप्रमाणे विकारांमध्ये प्रामुख्याने त्याच चवींचा समावेश केल्यास त्याचा उत्तम लाभ मिळतो.
♦️६ चवी
१) मधुर - गोड (sweet)
२) अम्ल - आंबट (sour)
३) लवण - खारट (salty)
४) कटू - तिखट (spicy)
५) तिक्त - कडु (bitter)
६) कषाय - तुरट (astringent)

🌱 वात विकरांमध्ये -☑️ गोड, आंबट, खारट या चवींचा उपयोग करावा.
✖️ तिखट, कडू , तुरट यामुळे वात वाढतो.

🌱 पित्त विकारांमध्ये - ☑️ गोड, कडु, तुरट या चवींचा उपयोग करावा.
✖️ आंबट, खारट, तिखट यामुळे पित्त वाढते.

🌱 कफ विकारांमध्ये - ☑️ तिखट, कडू , तुरट या चवींचा उपयोग करावा.
✖️ गोड, आंबट, खारट यामुळे कफ वाढतो.

#आयुष्य #आयुर्वेद

14/12/2022

🔶If you want to stay healthy then follow this ritucharya🍂 according to ayurved & see the results... Don't forget to mention your experience in the comment section ✨
#आयुर्वेद



















25/11/2022

इन वेगो को कभी भी धारण नहीं करना चाहिए अर्थात अगर शरीर में इनका वेग बने तो इनसे जल्द ही निवर्त हो जाना ही फायदेमंद रहता है |
➡️मूत्र :- पेशाब के वेग को रोकने से पेडू और लिंगेद्रिय में दर्द होता है | मूत्र रुक – रुक कर एवं पीड़ा के साथ होता है | साथ ही सरदर्द एवं आफरा की शिकायत होती है |
➡️मल :- मल के वेग को कभी भी नहीं रोकना चाहिए | माधवाचार्य के अनुसार इसे रोकने से पेट में दर्द, गैस, आफरा, गुदा में काटने जैसी पीड़ा एवं कब्ज जैसे रोग हो सकते है |
➡️अधोवायु (गैस) :- (गुदा मार्ग से निकलने वाली वायु) को रोकने से मल, मूत्र रुक जाते है | शरीर में अतिरिक्त वात की उपस्थिती हो जाती है | पेट में वायु के कारण दर्द रहता है | आफरा एवं गैस की समस्या बढ़ जातिक है |
➡️डकार :- इसको रोकने से कंठ एवं मुख का भारी होना, हिचकी, खांसी एवं अरुचि जैसे रोग हो सकते है |
➡️छींक :- छींक आने के वेग को रोकने से गर्दन के पीछे की मन्या नामक नस जकड़ जाती है, सिर में दर्द रहता है | मुंह टेढ़ा हो जाता है | इन्द्रियां दुर्बल हो जाती है | आधे शरीर में वात की व्रद्धी हो जाती है |
➡️च्छर्दि :- आयुर्वेद में उल्टी को च्छर्दि कहते है | अगर उल्टी की इच्छा हो तो इसे रोकना नहीं चाहिए स्वाभाविक आने वाली उल्टी को करना ही लाभप्रद रहता है | इसे रोकने से अजीर्ण, अरुचि, सुजन, पीलिया, विसर्प आदि रोग हो जाते है | स्वाभाविक आने वाली उल्टी अमाशय का शोधन करती है एवं वात – पित्त एवं कफ का शमन करती है |
➡️शुक्र :- शुक्र के वेग को रोकने से मूत्राशय में सुजन, गुदा एवं अंडकोष में पीड़ा, पत्थरी जैसे रोग हो सकते है |
➡️भूख :- इस वेग को रोकने से तन्द्रा, आलस, शरीर टूटना, अरुचि, थकान तथा नजर कमजोर हो जाती है | शरीर में निर्बलता, कमजोरी एवं रोगों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है | अत: भूख लगते ही खाना खा लेना चाहिए |
➡️प्यास :- आयुर्वेद में प्यास को भी अधारणीय वेगों में गिना गया है | क्योंकि इसे रोकने से कंठ एवं मुंह सुख जाते है | हृदय में पीड़ा होती है, आचार्य चरक श्रम एवं श्वांस का होना भी बताते है |
➡️जम्भाई :- जम्भाई या उबासी को रोकने से गर्दन के पीछे की नस और गले का जकड़ जाना जैसी समस्या होती है | इसे रोकने से नासा रोग, नेत्र रोग, मुख रोग एवं कानों के रोग हो जाते है |
⏩आंसू :- आंसुओं के वेग को भी धारण नहीं करना चाहिए | आंसुओं को रोकने से दिमाग का भारीपन, आँखों के रोग, पीनस आदि रोग हो जाते है |
⏩साँस :- इस स्थिति में रोगी को आराम देना चाहिए |
⏩निद्रा :- निद्रा को रोकने से जम्भाई आना, अंग टूटना, नेत्रों व मस्तक का जड़ हो जाता है| इसलिए निंद आने पर सो लेना चाहिए|
#आयुर्वेद #भारतीयचिकित्सा #आयुर्वेदिक_ज्ञान #आयुष #वेद #ग्रंथ #चरक #वाग्भट #गुरू #ज्ञान

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