12/09/2025
गुड़हल के औषधीय उपयोग।
गुड़हल क्या है ?(What is Gudhal in Hindi?)
गुड़हल के फूल (gudhal ka phool) घंटाकार होते हैं। इसे बाग-बगीचे, घर और मंदिरों में लगाया जाता है। गुड़हल का फूल इकहरा, दोहरा, तिहरा, लाल, सफेद या सफेद लाल, बैंगनी, पीला, नारंगी इत्यादि कई रंगों का होता है। इसकी केसर बाहर निकली हुई होती है। सफेद, और सफेद तथा लाल रंग वाला गुड़हल फूल विशेष गुणकारी होता है।
गुड़हल की मुख्यतया दो प्रजातियां होती हैं।
जपा बड़ी (Hibiscus rosa-sinensis Linn.)
जपा छोटी (Malvaviscus arboreus Cav.)।
अन्य भाषाओं में गुड़हल के नाम (Gudhal Called in Different Languages)
गुड़हल का वानस्पतिक नाम हिबिस्कस रोजा-सायनेन्सिस (Hibiscus rosa-sinensis Linn., Syn-Hibiscus festalis Salisb. है, और यह मालवेसी (Malvaceae) कुल से है। अड़हुल के अन्य नाम ये भी हैंः-
Gudhal in –
Hindi – जवा, ओड्रहुल, अढ़ौल, गुड़हल, जवाकुसुम, अड़हुल
English – शू फ्लावर (Shoe Flower), रोज मैलो (Rose mallow), रोज आफ चाइना (Rose of china), गार्डन हिबिस्कस (Garden hibiscus), चाइना रोज (China rose)
Sanskrit – औड्रफूल, जपा, अरुण, प्रतिका, अर्कप्रिया, हरिवल्लभ, त्रिसन्ध्या
Oriya – मोनदरो (Mondaro), ओडोफूलो (Odophulo)
Kannada – दासणिगे (Dasnigae), दसवला (Dasavala)
Gujarati – जासुद (Jasud), जासूवा (Jasuva)
Telugu – दासनी (Dasani), दासनमु (Dasanamu)
Tamil – सेम्बारुट्टी (Sembarattai), सेवारट्टी (Sevarattai)
Bengali – ओरु (Oru), जुबा (Joba)
Nepali – जपा कुसुम (Japa kusum), गुड़हल (Gudahal)
Marathi – जास्वन्द (Jasavanda), जासवन्दी (Jassvandi)
Malayalam – चेम्पारट्टी (Chemparatti), शेम्पारट्टी (Shemparatti)
Arabic – अंघारे हिन्दी (AngharaeHindi)
Persian – अंगारेहिन्दी (AngaraeHindi)
गुड़हल के फायदे (Gudhal Benefits and Uses in Hindi)
गुड़हल के फूल के फायदे (gudhal ke fayde) बहुत सारे हैं। गुड़हल के औषधीय प्रयोग, इस्तेमाल की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-
नींद न आने की परेशानी में गुड़हल से लाभ (Hibiscus Flower Benefits in Fighting with Insomnia in Hindi)
गुड़हल के 100 फूल लें। हरे डंठल को तोड़कर पंखुड़ियों को नींबू के रस में भिगो लें। इसे कांच के बर्तन में रात किसी खुले स्थान पर रख दें। सुबह इसे मसलकर छान लें। इसमें 650 ग्राम मिश्री या चीनी, तथा 1 बोतल उत्तम गुलाब जल मिला लें। इसे दो बोतलों में बंद कर धूप में दो दिन तक रखें। इस दौरान बोतल को हिलाते रहें। मिश्री अच्छी तरह घुल जाने पर शरबत बन जाता है। इसे 15 से 40 मिली की मात्रा में पीते रहने से नींद न आने की परेशानी में लाभ होता है।बालों को बढ़ाने में गुड़हल के फायदे (Hibiscus leaves Uses in Hair Fall Problem in Hindi)
गुड़हल के पत्तों को पीसकर लुग्दी बना लें। इसे बालों में लगाएं। दो घंटे बाद बालों को धोकर साफ कर लें। इस प्रयोग को नियमित रूप से करने से बालों को पोषण मिलता है, और सिर भी ठंडा रहता है।
गुड़हल के ताजे फूलों (gudhal ke phool) के रस में बराबर मात्रा में जैतून का तेल मिलाकर आग में पका लें। जब तेल केवल रह जाए तो शीशी में भरकर रख लें। रोजाना बालों में मल कर जड़ों तक लगाने से बाल चमकीले और लम्बे होते हैं।
अड़हुल के फूल और भृंगराज के फूल को भेड़ के दूध में पीसकर लोहे के बर्तन में रखें। सात दिन बाद निकालकर भृंगराज के पंचांग के रस में मिलाएं। इससे बाल धोने से बाल काले हो जाते हैं।
लौह भस्म, आंवला चूर्ण तथा जपा के फूल (jaba phool) से बने पेस्ट से सिर में लेप करने से बाल लम्बे समय तक काले रहते हैं।
याददाश्त बढ़ाने के लिए गुड़हल का उपयोग (Hibiscus Leaves Benefits in Increasing Memory power in Hindi)
गुड़हल के फूलों और पत्तों को बराबर मात्रा में लेकर सुखाएं। इसे पीसकर पाउडर बना लें और शीशी में भर लें। एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम पिएं। इसे आपको एक कप मीठे दूध के साथ पीना है। इससे याददाश्त (स्मरण-शक्ति) बढ़ती है।
एनीमिया (खून की कमी) रोग में गुड़हल से लाभ (Hibiscus Powder Uses to Treat Anemia in Hindi)
एक चम्मच गुड़हल के फूल के चूर्ण (gudhal powder) को एक कप दूध के साथ सुबह शाम नियमित रूप से सेवन करें। इससे कुछ ही माह में खून की कमी दूर होती है। शरीर में शक्ति मिलती है।
गुड़हल (gudhal) की जड़ और फूलों का काढ़ा बना लें। इसे 20-40 मिली की मात्रा में सुबह पीने से गर्भ में पल रहे शिशु का शरीर स्वस्थ रहता है।सिर दर्द से आराम पाने के लिए गुड़हल का सेवन (Gudhal Flower Benefits in Relief from Headache in Hindi)
गुड़हल के 100 फूल की पंखुड़ियां लें। इसे नींबू के रस में भिगोकर कांच के बरतन में रात भर के लिए किसी खुले स्थान पर रख दें। सुबह मसलकर छान लें। इसमें 650 ग्राम मिश्री या चीनी तथा 1 बोतल उत्तम गुलाब जल मिलाएं। इसे दो बोतलों में बंद कर धूप में दो दिन तक रखें। इस दौरान बोतल को हिलाते रहें। मिश्री अच्छी तरह घुल जाने पर शरबत बन जाता है। इसे 15 से 40 मिली तक की मात्रा में पीते रहने से सिर दर्द से राहत मिलती है।
गुड़हल (gurhal) के पत्तों तथा फूलों को पानी में पीसकर सूजन और दर्द वाले स्थान पर लगाएं। इससे सूजन और दर्द से आराम मिलता है।सांसों की नली की सूजन में गुड़हल का सेवन लाभदायक (Benefits of Gudhal Flower in Bronchitis in Hindi)
सांसों की नली में सूजन होने पर गुड़हल के फूल का काढ़ा बनाएं। इसे 15-30 मिली की मात्रा में सेवन करने से सांस की नली की सूजन ठीक हो जाती है।गुड़हल का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Gudhal?)
गुड़हल का इस्तेमाल इतनी मात्रा में करना चाहिएः-
गुड़हल का रस- 5-10 मिली
गुड़हल का पेस्ट- 5-10 ग्राम
गुड़हल का काढ़ा- 10-20 मिली
अधिक लाभ के लिए किसी आयुर्वेद चिकित्सक के परामर्शानुसार उपयोग करें।गुड़हल के साइड इफेक्ट (Gudhal Side Effects)
गुड़हल का अधिक इस्तेमाल करने पर ये नुकसान हो सकता है-
अधिक मात्रा में सेवन करने से इससे आंखों में कीड़े होने की संभावना रहती है।
ठंडे शरीर (शीत प्रकृति) वाले लोगों वालों के लिए नुकसानदेह होता है।
हानि होने पर काली मिर्च व मिश्री का सेवन करना चाहिए।