
24/08/2016
:- हम मानते हे की आप सही कह रहे हो | पर भारतीय नागरिक को कोई फरक नहीं पड़ता है. -:
जागो ग्राहक जागो .जागो भारतीय नागरिक जागो .अपने पुरानी परम्परा को अपनाओ
कही देर ना हो जाए
मेहरबानी करके पुरी पोस्ट को पढ़ लेना,,, और फिर अपने दिल पर हाथ रखकर सोचो
क्या हमने कुछ गलत लिखा है।
विदेशी तो सदा से ही चोर थे उनके पलले कया था और आज कया है सिरफ चोरी और लुटपाट पहले विशव को ताकत और मककारी बेईमानी और धूरतता से लुटने का ठेका ईगंलेंड के पास था ! अब वो ठेका अमरिका ने हथिया लिया है!
हम मानते हे की आप सही कह रहे हो | पर भारतीय को कोई फरक नहीं पढता है | चीन हमेशा हमारे खिलाफ रहता है तो भी हम चाइना के सामान उपयोग करते है | हमको मालूम है शराब , गुटखा खराब हे तब भी वही खाते हे | गोबर भर चूका है दिमाग में लोगो के अब उनको समझाने से कोई फायदा नहीं
अंग्रेजी दवा पर बहुत भरोसा है सब को. कभी आप ने देखा होगा. मेडिकल स्टोर पर क्या लिखा रहता है.
डृग एड केमिसट. आप खुद जानते हुए. अपने लिए जहरीली दवा लेकर आते हो .और मैं जानता हूँ. की इस में आप कि कोई गलती नहीं है .अंग्रेजी दवा की बहुत बड़ी मोनोपोली है पुरे दुनिया में .कयुकी इसमें कम लागत में मोटी रकम मिलती हैं .. तो इसको पुरी दुनिया में इज्जत जादा मिलती हैं .. और जो जड़ से बिमारी दुर करती हैं. उसको कोई पुछता ही नहीं है, उसको होमियोपैथिक कहते हैं . और दुसरी आयुर्वेदिक. उसके लिए पुरे दुनिया में .. सिर्फ नेटवर्क मार्केटीग में डाल दी उसकी कोई इज्जत ही नहीं करता बड़ी घृणा कि नजरों से देखते हैं . अरे ये तो चैन सिस्टम है, अरे पागलों पागलन छोडो होश में आवो . वरना बिमारी से लड़ते लड़ते इक दिन मर जाओगे, बिदेशी राजनीति से बचो . जागो और लोगों को जागरूक करने की जरूरत है, आयुर्वेदीक दवा भी scientists हि रिसर्च सेंटर में रिसर्च करने के बाद बनती है और लोगों तक पहुँचाने का काम नेटवर्क मार्केचीख के द्वारा आप तक पहुँचती हैं, मार्केटीग के फायदा आप को समझ में नहीं आयेगा कयुकी ये उचे लेबल कि बातें हैं, आप लोगों को समझ में नहीं आयेगा, और मरो बिमारी से समझाया उसको उसको जाता है जो समझना चाहते हैं, अगर जिंदा रहना चाहते हो तो आयुर्वेद को समझो वरना बिमारी से लड़ते लड़ते, दो बातें होंगी, आप के पैसे और मरिज दोनों जायेगा. होमियोपैथिक को और आयुर्वेदीक को गिराने कि ये चाल विदेशी राजनीति है .और यही उनकी पोलिसी है .और आप अच्छी दवा छोड़ कर डृग और केमिसट के पिछे भाग रहे हों .जागो हिदुसतानियो और सोचो क्या कोई डृगस आप को ठीक कर सकता है. कभी नही वह सिर्फ दबा देती है, और अन्य बिमारी पैदा करती हैं। और अस्पतालों में जिन्दगी और मौत से जूझ रहे हैं। और खून के आंसू रो रहे हैं
बेतुकी बातें करने वालों की बातें सुने :
1, कोई साईडिफेकट हुआ तो
2, फायदा नहीं हुआ तो पैसे रिटर्न दोगे क्या
3, इसमें क्या मिलाया है डृग तो नहीं है ना
4, कम्पनी कहाँ कि है और कितनी पुरानी है
5, कोन मालिक है कम्पनी का
6, चैन सिस्टम हमें पसंद नहीं है
7, हमें फालतू काम में कोई दिलचस्पी नहीं है मैं नैकरी करता हूँ
8, मैं नैकरी में बहुत खुश हूँ और शुकून से हु
9, हमको आयुर्वेद पर भरोसा नहीं है
अब हम आपके सवालों के जवाब एक एक कर के देता हूँ दोस्तों :
1, आयुर्वेद दवा में कोई साईडिफेकट नहीं होता उसकि पुरी तरह से पुष्टि होने पर लाइसेंस मिलता है,
2, क्या यही बात आप मेडिकलस्टोर वाले से बोल सकते हो, या उस डॉक्टर को जिसने दवा लिखा है
3, मेडिकलस्टोर पर मिलने वाली हर दवा में डृगस होता है तब क्यों दवा लेते हों
4, मेडिकलस्टोर पर दवा लेते समय कभी कयू नहीं पुछा , कम्पनी कहाँ कि है. और कितनी पुरानी है
5, मेडिकलस्टोर पर दवा लेते समय कभी पुछा कभी कम्पनी का मालिक कोन है
6, आप जब पैदा हुए तो चैन सिस्टम कि ही देन है, आप के पापा जी और मम्मी जी अलग अलग घर परिवार से है, जब उनकी शादी होती हैं, तो उसी चैन सिस्टम से आप का जन्म होता हैं, और आगे की लाईफ में वही चैन सिस्टम से आप शादी
7, चैन सिस्टम को जो लोग फालतू कहते हैं और नोकरी को अपनी शान मानते हैं, माफ करना दोस्तों आप को बताना चाहता हूँ कि नोकरी का मतलब होता है नोकर और नोकर ही नोकरी करता है, नेटवर्क मार्केटिंग करने वाले किसी के नोकर नहीं होता हैं, वह बिजनेस मैन होता हैं,, अपने बिजनेस और मर्जी का खूद मालिक होता हैं
8, अपने नोकरी में आप खुश नहीं हो खुश होने का सिर्फ दिखावा है और कुछ नहीं है महिना खतम होते ही गरिबी का एहसास होता है कि क्या करूँ और जब परिवार के खर्च को नही पुरा नहीं कर पाते हो आप जैसे लोग फिर गलत काम करने लगते,,, अपने बोस या अपने कम्पनी में चोरी और धोखा धडी करने पर मजबूर हो जाता है ,,,,, और आप से बहुत अच्छा नेटवर्कर होता कमसे कम चोरी औरधोखा धडी तो नहीं करता है किसी के साथ
9, आप को आयुर्वेद पर भला कयू भरोसा होगा,, आप को तो डृगस पर भरोसा है, इसमें आपकी कोई गलती नहीं है,, आप तो वही लोग हैं जो,, आयुर्वेदिक दवाओं को कचरा समझ ने वाले एक बात याद रखना,, जब कोई भयंकर बीमारी से आप लड़ते लड़ते थक जाना और डॉक्टर के ऐलोपैथ दवा आप के बिमारी को ठीक ना कर पाये तो एक बार समय रहते और जिना चाहते हो तो आयुर्वेदिक कि दवा जरूर लेना
माफ कीजिएगा हमारे किसी बात से अगर आप के दिल पर चोट लगी हो तो हमें माफ कर देना
किसी प्रकार की सहायता के लिए आप मुझे कॉल कर सकते है,या Email. कर सकते है
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