All Ayurvedics

All Ayurvedics आयुर्वेद रोग का शमन और शोधन करती है जिसके सिद्धांत पूर्णतः प्रकृति से जुड़े है...

19/07/2025

Calf muscle’s को “दूसरा दिल” क्यों कहा जाता है?
• पैर की मांसपेशियाँ, खून को नीचे से ऊपर (दिल की ओर) ले जाने में मदद करती हैं।
• जब हम चलते हैं या पैर हिलाते हैं, तो calf muscles की मांसपेशियाँ सिकुड़कर नसों पर दबाव डालती हैं, जिससे खून ऊपर की ओर धकेला जाता है।
• यह प्रक्रिया दिल की तरह खून पंप करने का काम करती है, इसलिए इसे “दूसरा दिल” कहा जाता है।

फायदा:
• खून का सही संचार
• सूजन, वैरिकोज़ नसें और थक्के बनने से बचाव

नियमित चलना या पैरों की एक्सरसाइज करना ज़रूरी है।
वैद्य एस के राय,
आयुर्वेदाचार्य ( स्वर्ण लब्ध),
जगोत्तम आयुर्वेद पंचकर्म केंद्र,
प्रयागराज 🙏🙏

16/07/2025

🌿 सुप्रभात मित्रों,

हर दिन मुझे पंचकर्म से जुड़ी प्रक्रियाओं और उनके परिणामों को लेकर कई कॉल आते हैं।
अधिकतर लोग सोशल मीडिया की रील्स और भ्रामक विज्ञापनों से प्रभावित होकर जानकारी चाहते हैं।

अफसोस की बात है कि आजकल अभ्यंग, स्वेदन, शिरोधारा, नेत्र वस्ती, जानु वस्ती, हृदय वस्ती, सर्वांगधारा आदि को ही “पंचकर्म” कहा जा रहा है।
⚠️ यह सरासर गलत है।
ये सभी तो केवल पूर्वकर्म (Purvakarma) हैं — यानी मुख्य पंचकर्म की तैयारी के लिए की जाने वाली प्रक्रियाएँ।

📜 वास्तविक पंचकर्म की पाँच मुख्य प्रक्रियाएँ होती हैं:
1. वमन (औषधीय वमन क्रिया)
2. विरेचन (पथ्य विरेचन)
3. बस्ती (स्नेह एवं कषाय बस्ती)
4. नस्य (नाक के द्वारा औषध प्रवाह)
5. रक्तमोक्षण (विकारित रक्त का निष्कासन)

✅ ये सभी उपचार केवल प्रकृति और विकृति के गहन विश्लेषण के बाद ही योग्य वैद्य द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।

🙏 अतः अपने जीवन में एक प्रतिष्ठित और ज्ञानवान आयुर्वेदिक वैद्य अवश्य जोड़ें।
पंचकर्म कोई आरामदायक स्पा नहीं, बल्कि शरीर और मन की गहराई से शुद्धि की वैज्ञानिक प्रक्रिया है।

वैद्य एस के राय,
आयुर्वेदाचार्य (स्वर्ण लब्ध)
जगोत्तम आयुर्वेद पंचकर्म केंद्र,
प्रयागराज

13/07/2025

क्या आप इस फल को जानते है? आपकी भाषा में इसका नाम क्या है? इस फल की सुखी गिरी बवासीर और कब्ज से ग्रसित लोगों के लिए किसी रामबाण से कम नहीं।

13/07/2025

कब्ज से कैसे बचे और इसके आसान उपाय:

कब्ज से बचने के लिए, आपको अपने आहार और जीवनशैली में कुछ बदलाव करने होंगे। खूब पानी पिएं, फाइबर युक्त भोजन खाएं, नियमित रूप से व्यायाम करें, और जब भी आपको मलत्याग करने की इच्छा हो, उसे न रोकें। कब्ज से बचने के लिए, आयुर्वेदिक उपाय में त्रिफला, इसबगोल, गर्म पानी, और फाइबर युक्त आहार का सेवन शामिल है। नियमित व्यायाम और तनाव प्रबंधन भी महत्वपूर्ण हैं।

आइए कुछ आसान उपायों के बारे में बताते है :

कब्ज से राहत पाने के लिए, आप निम्नलिखित आसान उपायों को आजमा सकते हैं:

त्रिफला:

त्रिफला चूर्ण कब्ज के लिए एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक उपाय है। इसे गर्म पानी के साथ या रात को सोने से पहले लिया जा सकता है।

इसबगोल:

इसबगोल की भूसी घुलनशील फाइबर का एक अच्छा स्रोत है, जो मल को नरम करने और कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है।

गर्म पानी:

सुबह उठकर गर्म पानी पीने से मल त्यागने में आसानी होती है।

फाइबर युक्त आहार:

अपने आहार में फल, सब्जियां, और साबुत अनाज जैसे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें।

पर्याप्त पानी पिएं:

दिन भर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से मल मुलायम रहता है और कब्ज नहीं होती।

नियमित व्यायाम:

नियमित रूप से व्यायाम करने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और कब्ज से बचाव होता है।

तनाव प्रबंधन:

योग और ध्यान जैसी विश्राम तकनीकों का अभ्यास करके तनाव को कम करें, क्योंकि तनाव भी कब्ज का एक कारण हो सकता है।

अन्य सुझाव:

अंजीर:

अंजीर को रात भर पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट खाने से कब्ज में आराम मिलता है।

पपीता:

पपीता एक प्राकृतिक रेचक है और कब्ज से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।

शहद:

शहद को गर्म पानी या दूध के साथ लेने से भी कब्ज में आराम मिल सकता है।

योग:

भुजंगासन, पवनमुक्तासन, और वज्रासन जैसे योग आसन कब्ज से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यदि आपकी कब्ज बनी रहती है या गंभीर होती है, तो आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

12/07/2025

IBS (इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम) के कारण – आयुर्वेद की दृष्टि से

🧠 1. आंत्र-मस्तिष्क संबंध (Gut-Brain Connection)
➡ मन और पाचन अग्नि में सीधा संबंध होता है। चित्त की अशांति (रज, तम बढ़ना) पाचन क्रिया को बाधित करती है।

😰 2. तनाव (Stress)
➡ अत्यधिक चिंता, भय, क्रोध आदि वात और पित्त दोष को बढ़ाते हैं, जिससे मल प्रवाह अनियमित हो जाता है।

🍞 3. कार्बोहाइड्रेट असहिष्णुता (Carbohydrate Intolerance)
➡ अपाच्य आहार और विरुद्ध आहार का सेवन—मंदाग्नि का कारण बनता है, जिससे आम (toxins) का निर्माण होता है।

🦠 4. गट माइक्रोबायोम असंतुलन (Gut Microbiome Imbalance)
➡ आयुर्वेद में इसे “कृमि” या “असंतुलित दोष” कहा जाता है, जिससे पेट में गड़बड़ी, गैस और मल विकृति होती है।

🤒 5. संक्रमण उपरांत IBS (Post-Infectious IBS)
➡ संक्रमण के बाद अग्नि और त्रिदोष असंतुलित हो जाते हैं, जिससे मलधातु की स्थिरता प्रभावित होती है।



✅ आयुर्वेदिक समाधान:
• सत्वस्थ चित्त (मानस शांति)
• अग्नि का सम्यक् संतुलन
• नियमित विहार एवं आहार
• पंचकर्म द्वारा दोष शुद्धि
• आम Pachana (Toxin Detox)

🌿 “जहाँ दोष संतुलित, वहीं पाचन स्वस्थ!”
🌱 आयुर्वेद ही है IBS का प्राकृतिक समाधान।
वैद्य एस के राय,
आयुर्वेदाचार्य (स्वर्ण लब्ध),
जगोत्तम आयुर्वेद पंचकर्म केंद्र,
प्रयागराज 🙏

10/07/2025

रात को अच्छी नींद के लिए, आप कुछ आयुर्वेदिक उपाय आजमा सकते हैं। इनमें शामिल हैं सोने से पहले गर्म दूध में जायफल या अश्वगंधा मिलाकर पीना, ब्राह्मी, तुलसी या शंखपुष्पी से बनी हर्बल चाय पीना, और सोने से पहले सिर या पैरों की मालिश के लिए गर्म तिल के तेल का उपयोग करना...

इसके अतिरिक्त, नियमित रूप से व्यायाम करना, सोने से पहले कैफीन से बचना, और एक निश्चित समय पर सोने और जागने की दिनचर्या का पालन करना भी फायदेमंद हो सकता है.

कुछ आसान लेकिन कारगर उपाय :

गर्म दूध:

गर्म दूध में जायफल या अश्वगंधा मिलाकर पीने से नींद अच्छी आती है। जायफल नींद लाने में मदद करता है और अश्वगंधा तनाव कम करता है.

हर्बल चाय:

ब्राह्मी, तुलसी या शंखपुष्पी से बनी हर्बल चाय पीने से भी नींद अच्छी आती है.

तिल का तेल:

सोने से पहले सिर या पैरों की मालिश के लिए गर्म तिल के तेल का उपयोग करने से भी नींद अच्छी आती है.

नियमित व्यायाम:

नियमित रूप से व्यायाम करने से शरीर थकता है और रात को अच्छी नींद आती है.

कैफीन से बचें:

सोने से पहले कैफीन का सेवन करने से बचें, क्योंकि यह नींद में बाधा डाल सकता है.

निश्चित समय:

एक निश्चित समय पर सोने और जागने की दिनचर्या का पालन करें.

डिजिटल उपकरणों से दूरी:

सोने से कम से कम एक घंटा पहले डिजिटल उपकरणों से दूरी बना लें.

ध्यान:

सोने से पहले ध्यान का अभ्यास करने से भी नींद अच्छी आती है.

भारी भोजन से बचें:

रात के खाने में भारी या मसालेदार भोजन से बचें.

शांत वातावरण:

सोने के लिए एक शांत और आरामदायक वातावरण बनाएं.

10/07/2025
15/09/2024
26/06/2024

जल्दी बताओ कौन हूँ मैं? ☺️😊

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