15/05/2025
ऋतु परिवर्तन में सूजन और बीमारियों से कैसे बचे: समाधान श्री दीर्घायु आयुर्वेद क्लिनिक से
अगर ग्रीष्म ऋतु से वर्षा ऋतु के संक्रमण के दौरान समस्याएं बनी रहती हैं, तो कौन-कौन सी बीमारियाँ हो सकती हैं?
ऋतु परिवर्तन के कारण जब शरीर में दोषों का संतुलन बिगड़ता है और आम (टॉक्सिन्स) जमा होता है, साथ ही ओज क्षीण होता है, तब यह आगे चलकर कई बीमारियों का कारण बन सकता है:
1. त्वचा संबंधी रोग (पित्त + आम)
एक्ज़िमा, पित्ती, फोड़े-फुंसी, फंगल संक्रमण
कारण: पित्त दोष की अधिकता, आद्र्रता और रक्त धातु का विकार
2. संधि (जॉइंट) विकार (वात वृद्धि)
गठिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस, अकड़न
कारण: वर्षा ऋतु में वात दोष और आम का संधियों में जमना
3. पाचन तंत्र की समस्याएँ (मंदाग्नि + आम)
IBS, अम्लपित्त, पेचिश, गैस्ट्राइटिस
कारण: मंद पाचन अग्नि और भारी भोजन
4. श्वसन तंत्र के विकार (कफ + वात)
अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, साइनस, एलर्जिक राइनाइटिस
कारण: आर्द्रता, फफूंद, और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली
5. ऑटोइम्यून रोग (दीर्घकालिक अवस्था)
सोरायसिस, एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस, SLE
कारण: वर्षों से जमी हुई आम और ओज क्षीणता
श्री दीर्घायु आयुर्वेद क्लिनिक कैसे सहायता करेगा?
1. व्यक्तिगत आयुर्वेदिक निदान
नाड़ी परीक्षा, रोग-निदान द्वारा दोषों का गहराई से विश्लेषण
आपकी प्रकृति और विकृति के अनुसार उपचार योजना
2. शुद्धिकरण चिकित्सा (शोधन चिकित्सा)
विरेचन – त्वचा और पित्त विकारों के लिए
बस्ति – वात और जोड़ों के विकारों में
नस्य – श्वसन तंत्र और साइनस विकारों के लिए
3. रसायन चिकित्सा और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना
गुडुचि, अश्वगंधा, त्रिफला गुग्गुलु जैसे हर्बल औषधियों से ओजवर्धन
4. ऋतुचर्या (सीज़नल डाइट एवं दिनचर्या परामर्श)
ऋतु अनुसार डाइट चार्ट, हर्बल चाय, योग और प्राणायाम निर्देश
5. विशेष पंचकर्म पैकेजेस
डिटॉक्स, इम्युनिटी बूस्ट, तनाव, और जोड़ों के दर्द के लिए व्यक्तिगत पंचकर्म
श्री दीर्घायु आयुर्वेद क्लिनिक क्यों चुनें?
क्योंकि ऋतु परिवर्तन में दिखाई देने वाली सामान्य लक्षण भी गंभीर असंतुलन के संकेत हो सकते हैं।
हम प्रदान करते हैं:
शास्त्रीय आयुर्वेदिक चिकित्सा आधुनिक डायग्नोस्टिक के साथ
शरीर, मन और जीवनशैली का समग्र उपचार
अनुभवी वैद्य जो लक्षण नहीं, जड़ से उपचार करते हैं