
10/04/2025
2025 के पद्मश्री पुरस्कार विजेताओं की सूची में कर्नाटक की 96 वर्षीय भीमव्वा डोड्डबालप्पा शिल्लेक्याथर का नाम शामिल होना भारतीय कला जगत के लिए गर्व की बात है।
तोगलु गोम्बेयाटा – कर्नाटक की पारंपरिक कठपुतली कला में निपुण भीमव्वा 70 से अधिक वर्षों से रामायण और महाभारत की कहानियों को जीवंत कर रही हैं।
उन्होंने महज 12 वर्ष की उम्र में इस कला को सीख लिया था और विवाह के बाद भी अपनी साधना जारी रखी। अमेरिका, पेरिस, इटली, स्विट्जरलैंड, हॉलैंड, ईरान, इराक और दुबई जैसे कई देशों में उन्होंने इस कला का प्रदर्शन किया।
2014 में उन्हें राज्योत्सव पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, और अब उन्हें भारत के प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया है।
भीमव्वा अम्मा ने साबित कर दिया कि उम्र सिर्फ़ एक संख्या है और संस्कृति को जीवित रखने के लिए जुनून ही सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है। 💙🎭