02/07/2018
जहां प्यार है वहीं तकरार भी है. तकरार जब तक तकरार रहे तब तक तो ठीक है लेकिन जब यही तकरार लड़ाई-झगड़े में बदल जाती है तो रिश्ता बिखरने की कगार पर पहुंच जाता है.
इन लड़ाई-झगड़ों की असली वजह हमारी शारिरिक असंतुष्टि या बच्चे ना होना है। जिसकी वजह से चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है. चिड़चिड़ापन बढ़ जाने से छोटी-छोटी बातें भी बुरी लगने लगती हैं. यही चिड़चिड़ापन तलाक की वजह बनता है.
शरीर की अन्य समस्याओं की तरह ये समस्या भी आम हैं। इन्हें छिपाने के बजाय इनका समाधान ढूंढ़ना चाहिए। उचित सलाह एवं चिकित्सा के अभाव में व्यक्ति हीन भावना और डिप्रेशन का भी शिकार हो जाता है। कई बार इसकी परिणति आत्महत्या के रूप में भी सामने आती है।
कारण-
यौन रोग की बीमारी के अलावा और भी वजहें हो सकती हैं. तनाव, नशीली दवाओं का इस्तेमाल, शराब पीना, तंबाकू का इस्तेमाल, साइकिल चलाना या आपसी रिश्तों से जुड़ी परेशानियां इन वजहों में शामिल हैं.
इलाज-कैसे सुखमय जीवन बिताए
थानवी क्लीनिक पिछले 39 वर्षो से अनेको गंभीर से गंभीर बीमारीयों का आयुर्वेदिक दवाईयां खिलाकर सफल इलाज कर रहे है। इसी प्रकार थानवी क्लीनिक पर गुप्त रोगियों का भी सफलतापूर्वक इलाज करते आ रहे है। नामर्दी, भी अनेक प्रकार की होती है, इसमे बहुत से जन्मजात नामर्द होते है, उनका कोई इलाज नही होता है, क्योकि उनकी इन्द्री नही होती है। इसी प्रकार मनुषय की खराब जीवनशीली होने जैसे फास्टफूड,नींद न पूरी होना, चोट लग जाना, शराब व सिगरेट का ज़्यादा सेवन करना और शुगर के रोगियों में अचानक कमजोरी आ जाती है, इससे उनकी मर्दाना ताकत एकदम शून्य हो जाती है तथा रोगी घबराकर आत्महत्या तक करने पर मजबूर हो जाता है। परन्तु नामर्दी कोई ऐसा रोग नही है, जिसका इलाज न किया जा सके, इसके लिये थानवी क्लिनिक पर कुश्तो व भस्मो द्वारा निर्मित आयुर्वेदिक दवाईयों से इलाज किया जाता है, इस इलाज से हमारे कई रोगी लाभ प्राप्त कर चुके है। इसके लिये हमारे यहां कोई ज्यादा रकम भी नही ली जाती है। माऋ दवाईयों के खर्च व अपनी फीस पर ही हजारों लोगो का इलाज किया जा चुका है तथा वे रोगी ठीक हो चुके है। आयुर्वेदिक दवाईयों का कोई भी साइड इफैक्ट नही होता है। बचपन की गल्तियो के कारण रोगियों की नसे बंद हो जाती है, उन्हे अच्छे इलाज कर तिलो के द्वारा खोल दिया जाता है। ताकत की दवाईयों का कोर्स करने के बाद रोगी सारी उम्र के लिये जवां मर्द बन जाता है। जो रोगी किसी भी रोग के कारण शादी नही कराना चाहते वे थानवी क्लिनिक के इलाज से बिल्कुल ठीक हो सकते है। थानवी क्लिनिक का दावा है कि अगर दुनिया में इस प्रकार का रोगी हो तो हमारी आयर्वेदिक दवाईयों से बिल्कुल ठीक हो सकता है। ये बीमारी कोई गंभीर बीमारी नही होती है, इसे थोडे समय में ही उचित इलाज से रोगी को पूरा फायदा हो जाएगा।
कुछ रोगी शर्म के कारण किसी से परामर्श करने में हिचखीचतें हैं। इसलिए अगर किसी को इस प्रकार की कोई दिक्कत है तो वो अपनी सारी परेशानी हमें व्हाट्सएप पर लिख कर अपने पते के साथ भेज सकता है।
ओर दवा घर बैठे प्राप्त कर सकता है।
बच्चे न होना या महिलाओं के बांझपन इलाज आयुर्वेद में
जिनके बच्चे नही होते है। इस प्रकार के रोगी ऐलौपैथीक डॉक्टरों के यहां चक्कर काट-काट कर थक जाते है। इस इलाज से रोगियों का काफी धन तो खर्च हो ही जाता है परन्तु फायदा भी नही होता। कुछ रोगि अपने रोगों का नलो का आपरेशन करवाते है परन्तु उसके बाद भी नाकामी ही मिलती है। थानवी क्लिनिक पिछले 39 वर्षों से इस बीमारी का सफल इलाज कर रहे है। इनके इलाज से जाने कितने निराश परिवार संतान की प्राप्ति कर चुके है। आयुर्वेदिक दवाई से संतानहीनता दूर हो जाती है तथा रोगी के घर में खुशियां लौट आती है।
संपर्क करें-
डॉ0 नसीम अहमद थानवी मेमोरियल क्लिनिक
शामली रोड, तांगा स्टैंड के सामने ऊपरी मंज़िल
मुज़फ्फरनगर (सिटी)
उत्तर प्रदेश
Dr. Naseem Ahmed Thanvi Memorial Clinic
Shamli Road, Near Tanga Stand
Muzaffarnagar (City)
Uttar Pradesh
Call
9319418364
Whatsapp
9837035794