
31/07/2024
15 मई 2017, मुंगेर : सत्यानंद योग पद्धति को देश और दुनिया में स्थापित करने वाले परमहंस स्वामी निरंजनानंद सरस्वती को रविवार को पादुका दर्शन संन्यास पीठ में आयोजित एक सादे समारोह में पद्मभूषण सम्मान से अलंकृत किया गया. मुंगेर के डीएम उदय कुमार सिंह ने भारत के महामहिम राष्ट्रपति द्वारा भेजे गये पद्मभूषण सम्मान को स्वामी जी को समर्पित किया. सम्मानित होने के बाद परमहंस स्वामी निरंजनानंद सरस्वती ने कहा कि पद्मभूषण का सम्मान मेरा नहीं, बल्कि बिहार और मुंगेर की जनता का है. यह सम्मान मैं उन्हीं को समर्पित करता हूं. उन्होंने कहा कि मैं तो एक साधन मात्र हूं. असल काम तो स्वामी शिवानंद ने 1930 में योग का वीजारोपण कर किया था और स्वामी सत्यानंद ने उस बंजर भूमि को योग के लायक बनाया.
हम तो उनकी खेती को सिंचित करने का प्रयास करते रहे हैं. उन्होंने उन तमाम लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने उन्हें इस सम्मान के लिए चयन किया और अपना मत दिया. गौरतलब है कि स्वामी निरंजनानंद सरस्वती पंचाग्नि साधना के कारण दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में आयोजित अलंकरण समारोह में शरीक नहीं हो पाये थे. लिहाजा उनका सम्मान राज्य सरकार को भेजा गया और उसके प्रतिनिधि के रूप में मुंगेर के जिलाधिकारी ने आज उन्हें सुपूर्द किया. जिलाधिकारी ने कहा कि स्वामी निरंजनानंद सरस्वती ने पूरी दुनिया में मुंगेर को एक पहचान दिलायी है. इस सम्मान से मुंगेर का मान बढ़ा है.
रिखिया पीठ की पीठाधेश्वरी साध्वी सत्यसंगानंद सरस्वती ने स्वामी सत्यानंद के योग परंपरा को विस्तार से रेखांकित किया और कहा कि स्वामी निरंजन ने सत्यानंद योग को पूरी दुनिया में फैलाया है. आज जब उन्हें यह सम्मान प्रदान किया जा रहा है तो मैं काफी गौरवान्वित महसूस कर रही हूं. वे त्याग, समर्पण, श्रद्धा, विश्वास, सेवा और प्रेम के प्रतीक हैं.