Nakshatra Astrology Services - Vishal Baviskar

Nakshatra Astrology Services - Vishal Baviskar Professional Astrologer .. VEDIC - PALM - FACE - PHYSIC Nakshatra Astrology Services ..

Contact : Vishal J Baviskar
Mobile # +91 9850995905

Add :Sur 6, Saptsarovar Row House, Near Ganpati Mandir, Alkapuri, New Mumbai Agra Road,
Nasik (Nashik) -10
Mail ID : vishaljbaviskar@gmail.com



• WE PROVIDE SERVICES ON :

* Astrology Horoscopes
* Palmistry
* Face Reading
* Ask A Question
*Matchmaking
* Shubh Yog (Muhurtas)
* Baby Names
* Geminology
* Numerology
* Vaastu Shaastra
* Medical Astrology

OUR FEATURES :

• Astrology Consultations
• Unlocking Your Potential
• Helping Individual & Business
• Guiding You At Every Step
• Find The Answers And Take A Guided Tour To Potentials.

21/10/2025

●● NAKSHATRA RITUAL ASTROLOGY
●● गोवर्धन पूजा 2025 तिथि और समय

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 अक्टूबर 2025 को शाम 5:54 बजे से आरंभ होगी और 22 अक्टूबर को रात 8:16 बजे तक रहेगी। चूँकि उदयातिथि 22 अक्टूबर को है, इसलिए इस दिन गोवर्धन पूजा का आयोजन किया जाएगा।

प्रातःकालीन मुहूर्त – सुबह 6:26 से 8:42 बजे तक (कुल 1 घंटा 16 मिनट)

सायाह्नकालीन मुहूर्त – दोपहर 3:29 से शाम 5:44 बजे तक (कुल 2 घंटे 16 मिनट)

●● गोवर्धन पूजा का महत्व

गोवर्धन पूजा को अन्नकूट उत्सव भी कहा जाता है। मान्यता है कि द्वापर युग में जब भगवान इंद्र ने लगातार वर्षा करके ब्रजवासियों को संकट में डाल दिया, तब भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर सभी ग्रामवासियों और पशुओं की रक्षा की। तभी से यह पर्व विशेष रूप से पूजनीय हो गया।

इस दिन घर-घर में विविध प्रकार के अन्न और पकवानों से अन्नकूट का भोग तैयार किया जाता है और भगवान श्रीकृष्ण व गोवर्धन महाराज को अर्पित किया जाता है। इस पूजा का उद्देश्य भगवान की कृपा प्राप्त करना और प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करना है।

18/10/2025

The festival of lights is also the festival of cosmic alignment.

This Diwali, as we illuminate our homes, let’s also brighten our destiny by aligning with the power of the stars. Each diya lit is a reminder that no planetary shadow is greater than the light within.

✨ Narak Chaturdashi (Oct 19) — The victory of light over darkness and purity over negativity.

✨ Diwali – Lakshmi Puja (Oct 20) — The night of illumination, devotion, and divine blessings.

May Goddess Lakshmi bless you with prosperity, and may the universe guide your path towards joy, harmony, and success.

Wishing you a spiritually radiant and astrologically blessed Diwali!

17/10/2025

●● NAKSHATRA RITUAL ASTROLOGY
🌸 धनतेरस 2025: तिथि, पूजा और महत्व

धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है, पाँच दिवसीय दीपावली उत्सव की शुरुआत का दिन है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाला यह पावन पर्व भगवान धन्वंतरि, भगवान कुबेर, मां लक्ष्मी और यमराज के आशीर्वाद को समर्पित है। यह दिन भगवान धन्वंतरि के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है, जिन्हें आयुर्वेदाचार्य और देव वैद्य माना जाता है।

🌸 इस वर्ष धनतेरस 18 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी।

त्रयोदशी तिथि: 18 अक्टूबर, दोपहर 12:18 बजे से 01:51 बजे तक

प्रदोष काल: 18 अक्टूबर, 05:48 बजे से 08:19 बजे तक

वृषभ काल: 18 अक्टूबर, 07:15 बजे से 09:11 बजे तक

पूजा मुहूर्त: 07:15 बजे से 08:19 बजे तक

🌸 धनतेरस का अर्थ -
“धन” का अर्थ है समृद्धि और “तेरस” का अर्थ है कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी। इस दिन भक्त स्वास्थ्य, धन, सौभाग्य और सुरक्षा की कामना करते हैं। शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर अमूल्य धन-संपत्ति के साथ प्रकट हुए थे, इसलिए यह दिन धन प्राप्ति और समृद्धि के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

🌸 रीति-रिवाज और परंपराएँ -

घर और कार्यस्थल की सफाई करके उन्हें फूलों, रंगोली, दीपक और रोशनी से सजाया जाता है।

संध्या के समय पूरे परिवार के साथ मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। देवी को कुमकुम, अक्षत, पुष्प और घी के दीप अर्पित किए जाते हैं।

विशेष भोग और मिठाइयाँ तैयार की जाती हैं। महाराष्ट्र में सूखे धनिए और गुड़ से बनी नैवेद्य अर्पित करने की परंपरा है।

एक विशेष परंपरा के अनुसार आटे का दीपक बनाकर दक्षिण दिशा की ओर जलाया जाता है और यमराज को अर्पित कर अकाल मृत्यु से रक्षा की कामना की जाती है।

इस दिन स्वर्ण, रजत, बर्तन और अन्य उपयोगी वस्तुओं की खरीदारी शुभ मानी जाती है।

🌸 धनतेरस के मंत्र -

ॐ धन्वंतरये नमः

ॐ श्री धन्वन्त्रे नमः

ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं कमले कमलालये प्रसिद प्रसिद, ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः

धनतेरस केवल भौतिक धन-संपत्ति का पर्व नहीं है, बल्कि यह दिव्य कृपा, उत्तम स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है। इस दिन श्रद्धा, भक्ति और एकता के साथ दीपावली की शुरुआत करें और घर-परिवार में सुख, समृद्धि और प्रकाश का स्वागत करें।

16/10/2025

●● NAKSHATRA RITUAL ASTROLOGY
●● Panch Diwas of Diwali — The Five Divine Days of Light & Blessings 🕉️

As the most auspicious week of the year approaches, let us welcome the five sacred days of Diwali, each carrying a unique vibration of light, prosperity, and divine grace:

✨ Dhanteras (Oct 18) — The day to invoke Goddess Lakshmi and welcome abundance.
✨ Narak Chaturdashi (Oct 19) — The victory of light over darkness and purity over negativity.
✨ Diwali – Lakshmi Puja (Oct 20) — The night of illumination, devotion, and divine blessings.
✨ Govardhan Puja (Oct 22) — Honoring Lord Krishna’s protection and gratitude towards nature.
✨ Bhai Dooj (Oct 23) — Celebrating the eternal bond of love between brothers and sisters.

May these five days fill your life with Shanti, Shakti, and Samriddhi. ✨

10/10/2025

✨ करवा चौथ 2025 ✨

इस वर्ष करवा चौथ शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। इस पावन दिन पर विवाहित स्त्रियाँ निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लंबी आयु, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

✨ समय

व्रत आरंभ: सुबह 06:19 बजे

पूजा मुहूर्त: शाम 05:57 से 07:11 बजे तक

चंद्रोदय: रात 08:13 बजे

पूजा विधि

प्रातः स्नान कर सरगी ग्रहण करें।

श्रद्धा से निर्जला व्रत का संकल्प लें।

संध्या समय करवा, दीपक, रोली, चावल, फल और मिठाई से थाली सजाएँ।

माँ पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी की पूजा करें व करवा चौथ की कथा सुनें।

चंद्रमा दर्शन के पश्चात छलनी से चाँद देखें, अर्घ्य दें और पति के हाथों से व्रत खोलें।

यह करवा चौथ आपके वैवाहिक जीवन के बंधन को और गहरा करे तथा घर में सुख-शांति और समृद्धि लाए।

uth

08/10/2025

https://youtu.be/qBN7IPyNr8o?si=JT411I0Zu2KY676l

Please Watch - Share - Like - Comment & Subscribe

●● NAS PACKAGE SERVICES

❤ पायराइट स्टोन - Pyrite Stone ..

पायराइट स्टोन एक बहुत ही शक्तिशाली पत्थर माना जाता है। यह धन, आत्मविश्वास, सुरक्षा और सकारात्मक ऊर्जा से जुड़ा होता है |

💰 1. धन और समृद्धि के लिए
पायराइट को “समृद्धि का पत्थर” कहा जाता है।
यह धन आकर्षित करता है और आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाता है।
बिजनेस और करियर में सफलता लाने में मदद करता है।

🔮 2. नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा
यह बुरी नज़र (evil eye) और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव करता है।
व्यक्ति की आभा (aura) को मजबूत बनाता है और सुरक्षा प्रदान करता है।

⚡ 3. आत्मविश्वास और प्रेरणा बढ़ाता है
इसे पहनने से आत्मविश्वास और हिम्मत बढ़ती है।
डर, आलस्य और असमंजस को दूर करता है।
लक्ष्य प्राप्त करने की शक्ति देता है।

🧠 4. ध्यान और एकाग्रता के लिए
मन को शांत और केंद्रित रखता है।
निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है।

❤ 5. शारीरिक लाभ
शरीर में ऊर्जा स्तर संतुलित रखता है।
फेफड़ों, गले और पाचन में लाभकारी होता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता (immune system) को मजबूत करता है।

📿 उपयोग कैसे करें
इसे ब्रैसलेट, रिंग या पेंडेंट के रूप में पहन सकते हैं।
घर या ऑफिस के उत्तर-पूर्व दिशा में या कैश बॉक्स में रखने से धन और भाग्य में वृद्धि होती है।

We offer 100% authentic and energized Pyrite Stones, available as bracelets, rings, or pendants.
Each piece is carefully energized to bring protection, focus, confidence, and prosperity.

Nakshatra Astrology Services ..

❤❤ To Book An Appointment & For All The Details @ PACKAGES - CHARGES & PAYMENTS : Connect Us On -

https://nakshatraastrologyservices.com

●● NAKSHATRA RITUAL ASTROLOGY  ●● शरद पूर्णिमा 2025 ✨हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि 6 अक्टूबर दोपहर...
06/10/2025

●● NAKSHATRA RITUAL ASTROLOGY
●● शरद पूर्णिमा 2025 ✨

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि 6 अक्टूबर दोपहर 12:23 बजे से प्रारंभ होकर 7 अक्टूबर सुबह 9:16 बजे तक रहेगी। इस गणना के आधार पर, इस वर्ष शरद पूर्णिमा 2025 का पर्व 6 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

✨ शरद पूर्णिमा स्नान–दान मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:39 से 05:28 बजे तक

लाभ–प्रगति का समय: सुबह 10:41 से दोपहर 12:09 बजे तक

अमृत श्रेष्ठ समय: दोपहर 12:09 से 01:37 बजे तक

✨ शरद पूर्णिमा का महत्व
इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है और माना जाता है कि इसकी किरणें अमृत बरसाती हैं। परंपरा के अनुसार इस रात चाँदनी में खीर (दूध और चावल से बनी मिठाई) रखी जाती है। विश्वास है कि चंद्रमा की रोशनी से यह खीर अमृत तुल्य हो जाती है। अगली सुबह सूर्योदय से पहले इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से रोग दूर होते हैं और शरीर स्वस्थ रहता है।

यह तिथि माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा के लिए भी अत्यंत शुभ मानी जाती है। उनकी आराधना से धन, अनाज, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

✨ शरद पूर्णिमा पूजा विधि

प्रातः पवित्र नदी में स्नान करें या घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान करें।

स्वच्छ वस्त्र धारण करें और उपवास व पूजा का संकल्प लें।

भगवान विष्णु, माँ लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा करें।

फलों, पुष्पों, वस्त्रों, अक्षत, धूप–दीप आदि का अर्पण करें।

गाय के दूध से खीर बनाकर भोग लगाएँ।

रात को चंद्रदेव को अर्घ्य दें। अर्घ्य में दूध, चावल और सफेद पुष्प मिलाएँ।

खीर को पूरी रात चाँदनी में रखें।

अगले दिन सूर्योदय से पहले उस खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।

✨ इस दिन अन्न, वस्त्र, चावल, दूध, मिठाई और दक्षिणा का दान करना भी अत्यंत पुण्यकारी माना गया है।

शरद पूर्णिमा का यह पावन पर्व सभी के लिए स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि लेकर आए।

01/10/2025

●● NAKSHATRA RITUAL ASTROLOGY
🌸 दशहरा 2025 – अच्छाई की बुराई पर जीत

🌸 दशहरा पर्व हर साल सत्य और धर्म की विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। साल 2025 में यह शुभ त्योहार 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन लोग भगवान श्रीराम और माता दुर्गा की पूजा करते हैं। मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था और माता दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का संहार किया था।

🌅 शुभ पूजा मुहूर्त (2 अक्टूबर 2025)
● ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:53 – 05:41
● प्रातः संध्या: सुबह 05:17 – 06:29
● अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:04 – 12:51
● विजय मुहूर्त: दोपहर 02:27 – 03:15
● गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:26 – 06:50

🌸 रावण दहन: सूर्यास्त के बाद (लगभग शाम 06:05 बजे प्रदोष काल में)।

🌸 दशहरा पूजन विधि
● सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
● स्वच्छ वस्त्र धारण कर भगवान श्रीराम का जलाभिषेक करें।
● धूप, दीप और अगरबत्ती जलाएँ।
● पीले फूल और पीला चंदन भगवान श्रीराम को अर्पित करें।
● श्रीराम रक्षा स्तोत्र या राम मंत्रों का जाप करें।
● इस दिन श्रीराम के साथ भगवान विष्णु की भी पूजा करें।
● भोग में तुलसी पत्ते अर्पित करें।
● अंत में आरती करें और प्रसाद बाँटें।

🌸 श्रीराम को प्रसन्न करने के मंत्र
● ॐ श्री रामाय नमः।
● श्री राम जय राम जय जय राम।
● ॐ ह्रां ह्रीं रां रामाय नमः।
● ॐ आपदामप हर्तारं दातारं सर्व सम्पदाम।

✨ इस दशहरे पर धर्म, साहस और सत्य के मार्ग पर चलने का संकल्प लें। ✨ विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ। 🌸

#दशहरा2025 #राम #दुर्गापूजा #रावणदहन #अच्छाईकीजीत

01/10/2025

●● NAKSHATRA RITUAL ASTROLOGY
*❤❤ दशहरा पर क्या-क्या हुआ था?*

https://youtu.be/DVecTGb3Fq0?si=4pTuAwPsAeiUco_X

*Please Watch - Share - Like - Comment & Subscribe*

❤ रामायण से

● भगवान राम ने आज के दिन रावण का वध किया और बुराई पर अच्छाई की जीत दर्ज की।
● इसी कारण रावण दहन की परंपरा चली।
महाभारत से (पांडवों की कथा)
● पांडवों को 13 साल का वनवास मिला था।
● उन्होंने अपना अस्त्र-शस्त्र (हथियार) एक शमी के पेड़ पर छिपा दिए थे।
● विजयादशमी के दिन उन्होंने वही हथियार फिर से निकाले और दुर्गा माँ की पूजा की।

👉 इसलिए आज के दिन नए काम, शिक्षा और युद्ध की शुरुआत शुभ मानी जाती है।

❤देवी माँ से जुड़ा प्रसंग

● माँ दुर्गा ने 9 दिनों तक युद्ध किया और दशमी के दिन महिषासुर राक्षस का वध किया।

👉 इसलिए इसे देवी विजयादशमी भी कहते हैं।

❤अन्य मान्यताएँ

● दक्षिण भारत में इसे माँ चामुंडेश्वरी की विजय से जोड़ा जाता है।
● कहीं-कहीं लोग शमी वृक्ष की पूजा करते हैं (क्योंकि पांडवों ने उसमें हथियार रखे थे)।

# Nakshatra Astrology Services ..

❤❤ To Book An Appointment & For All The Details @ PACKAGES - CHARGES & PAYMENTS : Connect Us On -

https://nakshatraastrologyservices.com

●● NAS : RITUAL ASTROLOGY●● शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व-देशभर में भक्ति और उत्साह के साथ शारदीय नवरात्रि का पर्व मनाया ...
29/09/2025

●● NAS : RITUAL ASTROLOGY
●● शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व-
देशभर में भक्ति और उत्साह के साथ शारदीय नवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। यह विशेष अवसर मां दुर्गा की उपासना और आशीर्वाद प्राप्त करने का है। नवरात्रि का समापन इस वर्ष 2 अक्तूबर, विजयादशमी के दिन होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह पूरा समय देवी दुर्गा की साधना और आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। श्रद्धालु इन नौ दिनों में मां के नौ रूपों की पूजा करते हैं। कई लोग व्रत रखते हुए दिन-रात मां दुर्गा का स्मरण करते हैं और पूजा-पंडालों से लेकर घर-आंगन तक में भक्ति का माहौल रहता है।

नवरात्रि में विशेष रूप से अष्टमी और नवमी तिथि का महत्व होता है। इन दिनों कन्या पूजन का विधान है। कन्याओं को देवी स्वरूप मानकर उनका पूजन करना, उन्हें भोजन कराना और आशीर्वाद प्राप्त करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। मान्यता है कि कन्या पूजन के बिना नवरात्रि के व्रत और साधना का पूर्ण फल नहीं मिलता।

●● अष्टमी और नवमी की तिथियां-
इस बार अष्टमी तिथि 29 सितंबर को शाम 4:31 बजे आरंभ होगी और 30 सितंबर को शाम 6:06 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि को मान्यता देते हुए, दुर्गा अष्टमी 30 सितंबर को मनाई जाएगी। इसके बाद नवमी तिथि शुरू होगी, जो 1 अक्तूबर को शाम 7:02 बजे तक रहेगी। इस प्रकार महानवमी 1 अक्तूबर 2025 को मनाई जाएगी।

●● कन्या पूजन के शुभ मुहूर्त-
✨अष्टमी के दिन:

सुबह 5:00 से 6:12 बजे तक

सुबह 10:40 से दोपहर 12:10 बजे तक

✨ नवमी के दिन:

सुबह 4:53 से 5:41 बजे तक

सुबह 8:06 से 9:50 बजे तक
इसके अलावा शाम 7:02 बजे तक अन्य समय पर भी कन्या पूजन किया जा सकता है।

●● कन्या पूजन की विधि

● सबसे पहले घर में मां दुर्गा की विधिवत पूजा करें।

● मां को हलवा, पूरी और चने का भोग अर्पित करें।

● से 9 वर्ष की कन्याओं को आमंत्रित कर उन्हें बैठाएं।

● उनके चरण धोकर उन्हें तिलक लगाएं और प्रसादस्वरूप हलवा, पूरी, खीर, फल आदि खिलाएं।

● भोजन के बाद उन्हें उपहार या दक्षिणा देकर विदा करें और सुख-समृद्धि की कामना करें।

● अंत में उनके चरण स्पर्श कर क्षमा याचना करें।

●● NAS : RITUAL ASTROLOGY❤❤ मांगलिक दोष के मुख्य पैरामीटर ..1. मंगल ग्रह क्या है?मंगल को ज्योतिष में “अंगारक” या “Kuja” ...
27/09/2025

●● NAS : RITUAL ASTROLOGY
❤❤ मांगलिक दोष के मुख्य पैरामीटर ..

1. मंगल ग्रह क्या है?
मंगल को ज्योतिष में “अंगारक” या “Kuja” भी कहा जाता है।
यह ग्रह सूर्य के बाद दूसरा ग्रह है जो ऊर्जा, साहस और शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
मंगल का रंग लाल माना जाता है और यह ऊर्जा, वीरता, उत्साह और लड़ाई की भावना का कारक है।

2. मंगल ग्रह का महत्व
मंगल ग्रह शक्ति, साहस, कर्म और पुरुषार्थ का ग्रह है।
यह व्यक्ति की धैर्य, आत्मविश्वास, नेतृत्व और निर्णय क्षमता को प्रभावित करता है।
मंगल किसी भी व्यक्ति की कुंडली में जीवनसाथी, विवाह, करियर और स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।

3. मंगल ग्रह का स्वभाव
गुण: तेज, सक्रिय, साहसी, जोशीला
दोष: गुस्सा, अहंकार, जल्दबाजी, झगड़े की प्रवृत्ति
मंगल का सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव घर और योग पर निर्भर करता है।

4. मंगल ग्रह का असर (Shubh और Ashubh प्रभाव)
शुभ प्रभाव:
साहस और आत्मविश्वास बढ़ाना
स्वास्थ्य और ऊर्जा में वृद्धि
नौकरी, व्यापार और प्रतियोगिता में सफलता
जीवनसाथी और परिवार के साथ सामंजस्य
जोखिम लेने पर लाभ
अशुभ प्रभाव (Manglik Dosh):
विवाह में कठिनाई, जीवनसाथी से झगड़े
गुस्से या हिंसक प्रवृत्ति
परिवार में तनाव और मानसिक अस्थिरता
धन या स्वास्थ्य संबंधी बाधाएँ

5. मंगल ग्रह का रंग और रूप
रंग: लाल
धातु: लोहा
दिन: मंगलवार
देवता: भगवान हनुमान से जुड़ा माना जाता है

6. मंगल ग्रह के उपाय
मंगलवार को हनुमानजी की पूजा और मंगल मंत्र जाप
लाल वस्त्र या लाल फूल का दान
लोहे के बर्तन या सामग्रियों का दान
विवाह या जीवनसाथी के मामलों में कुंडली मिलान और सही मुहूर्त

मंगल ग्रह जितना मजबूत होगा, व्यक्ति उतना साहसी, मजबूत और नेतृत्वकारी बनेगा।
यदि कमजोर या अशुभ स्थान में होगा तो मांगलिक दोष, गुस्सा और जीवनसाथी में तनाव ला सकता है।

https://nakshatraastrologyservices.com

Watch the details on Youtube.

22/09/2025

●● NAS : RITUAL ASTROLOGY✨
●● शारदीय नवरात्रि 2025

मां दुर्गा की भक्ति और आस्था का पर्व, शारदीय नवरात्रि, इस वर्ष विशेष उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाएगा।

हालाँकि साल में चार नवरात्रि होती हैं, लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्रि का महत्व सबसे अधिक माना जाता है। इस बार शारदीय नवरात्रि 22 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2025 तक मनाई जाएगी। इस वर्ष पितृ पक्ष एक दिन कम होने के कारण नवरात्रि के दिन 10 हो गए हैं।

🌼 नवरात्रि तिथियाँ और देवी पूजन -

दिन 1 – 22 सितम्बर : शैलपुत्री पूजा

दिन 2 – 23 सितम्बर : ब्रह्मचारिणी पूजा

दिन 3 – 24 सितम्बर : चंद्रघंटा पूजा

दिन 4 – 25 सितम्बर : विनायक चतुर्थी

दिन 5 – 26 सितम्बर : कूष्मांडा पूजा

दिन 6 – 27 सितम्बर : स्कंदमाता पूजा

दिन 7 – 28 सितम्बर : कात्यायनी पूजा

दिन 8 – 29 सितम्बर : कालरात्रि पूजा

दिन 9 – 30 सितम्बर : महागौरी पूजा

दिन 10 – 1 अक्टूबर : महानवमी / अयुध पूजा

2 अक्टूबर : विजयादशमी (दशहरा)

🌼 नवरात्रि का महत्व और उत्सव
● नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना से होती है।

● प्रतिदिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है।

● दुर्गा सप्तशती पाठ, उपवास, भजन-कीर्तन और आरती से वातावरण भक्तिमय हो उठता है।

● अष्टमी पर विशेष संधि पूजा होती है।

ग● रबा और डांडिया की रातें भक्ति और उल्लास को और बढ़ा देती हैं।

● महानवमी और विजयादशमी पर मां की आराधना का समापन होता है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।

इस नवरात्रि मां दुर्गा की कृपा से आपके जीवन में शक्ति, समृद्धि और मंगल का प्रकाश फैले।

Address

‘’Rudraksha’’ Bunglow Plot No 41 Prashant Nagar Sales-Tax Office (GST Bhavan) Road Nesr NMC (ZP) School Pathardi Phata New Mumbai/Agra Road Nashik/(Land-Mark : Back Side Of Vakratund Hospital)
Nashik
422010

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Nakshatra Astrology Services - Vishal Baviskar posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Share

Share on Facebook Share on Twitter Share on LinkedIn
Share on Pinterest Share on Reddit Share via Email
Share on WhatsApp Share on Instagram Share on Telegram