Neurotherapy trainning and treatment center Nashik

Neurotherapy trainning and treatment center Nashik पातंजल सूत्र 'नाभि चक्रे काया व्यूह ज?

30/05/2025

AVN
Clinics में कुछ समय से AVN के Patient की visit ज्यादा Frequently हो रही है । यह चिंता का विषय तो है ही परंतु हमारे लिये challenge भी है । According to Definition necrosis का अर्थ है कि उस Particalar region के Tissues का मृतप्रायः हो जाना । ध्यान दीजिये की Tissues मरे नहीं है , बहुत ही कमजोर हो गये हैं । तो यदि वहाँ पर blood circulation बढ़ाया जाये तो , निश्चित रूप से अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे ।
यह तो theoreticall analysis हो गया ।
Neurotherapy के Treatments निम्न प्रकार हांगे .
। TF , NNS Accordingly
I (20) TF (6) NNS , GAL - LIV X3
Ill (20) TF (6) NNS LT / RT OV X6
IV (10) PAN
V (20) TF (6) NNS LIV + MU (1) GAS I 6 Pnt X6
VI (20) TF (6) NNS GAS (6) GAS I J / TT heparin , (1/2 ) GAS I LT /RT [ (1/2 ) GAS I is given like const / dys point ]
Dont's - (6) L345 π √123
Second या Third visit से आराम आने लगता है । ( मोहित पांडे - नाशिक )

29/05/2025

LMNT के PAN , GAL , SPL आदि Point केवल उस organ या gland के लिये काम नहीं करते , बल्कि एक Perticular region के लिये Blood circulation बढाते हैं । किसी Region के सबसे महत्वपूर्ण organ या gland के आधार पर उस Point का नाम रखा गया है । किसी chemical के लिये कितनी बार उस Point को stimulate करना है यह उस organ के उन cell की स्थिति पर निर्भर होता है कि वह आलोच्य region में कहाँ पर स्थित है । Treatment की Repetation इत बात पर निर्भर करती है कि हमें कितना chemical चाहिये । देखा जाये तो हम direct or indirect iscemia ( प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रक्त अवरोध ) को ही ठीक करते हैं । इस लिये जिज्ञासा स्वाभाविक भी और स्वागत योग्य भी है ।
मोहित पांडे

27/05/2025

WATER AND FLUID
सामान्यतयाः हम व्यवहारिक जीवन में कुछ शब्दों या वाक्यों का COPY PAST कर लेते हैं । क्योंकि एक तो काम चल जाता है और दूसरे इस पर कभी विमर्श भी नही होता ,ना ही आवश्यक्ता पड़ती है । इसके कुछ उदाहरण , अमुक को Cervical हो गया या अमुक को Thyroid हो गया ।
जबकि ये तो organ / gland हैं , ये तो होते ही है , समस्या तो इनको होती है । इसी तरह का शब्द पुग्म है Water retention । इसका अर्थ हुआ पानी जमा होना । सामान्य व्यक्ति के लिये यह शब्द पर्याप्त है , किंतु वो लोग जो चिकित्सा जगत से किसी भी प्रकार से जुड़े हैं , उनके लिये आवश्यक है कि वो शब्द , शब्दों की उत्पत्ति और लगभग समान अर्थ रखते शब्दों में स्पष्ट अंतर कर सके ।
water Retention के लिये medical term है Edema .
Edema का अर्थ ही है , presence of excess fluid in body tissues.
परंतु ध्यान दीजिये कि यहाँ पर Fluid का अर्थ water नहीं है ।
Fluid अर्थात् तरल किसी पदार्थ या यौगिक कि एक अवस्था है । परंतु water / पानी एक यौगिक है जिसका रासायनिक नाम Dihydrogen monoxide . सामान्य तापमान पर पानी तरल अवस्था में रहता है । दूसरा महत्वपूर्ण बिंदु है किसी भी तरल की प्रकृति की । अर्थात् वह अम्लीय प्रकृति दिखायेगा या क्षारीय ?
यहाँ हम फिर पानी पर बात करेंगे । पानी एक निरपेक्ष तरल है ना तो यह अम्लीय है ना ही क्षारीय , परंतु अन्य किसी पदार्थ या यौगिक के मिलने से इसकी प्रवृति अम्लीय या क्षारीय हो सकती है ,अर्थात् इस की pH value बदल जाती है ।
इससे यह स्पष्ट होता है कि किसी विलियन ( solution )में पानी मिला देने से वह Dilute होगा , उसकी प्रवृति मंद होगी पर प्रकृति वही रहेगी । कहने का तात्पर्य है कि , अम्ल या क्षारमें पानी मिला देने से वह तनु हो जायेगा , उसकी तीव्रता कम हो जायेगी परंतु प्रकृति वही रहेगी । यही पर इसका उल्टा भी होगा कि यदि किसी विलयन से पानी कम किया जाये तो उसकी तीव्रता बढ़ेगी ।
अब यदि बात करें Acidosis और alkalosis के कारण उत्पन्न होने वाली बिमारियों की तो , osmosis , half permibility, catalyst इत्यादि को समझना होगा ।
- मोहित पांडे (नाशिक )

21/04/2025

Pain Points , medical Reports And clinical Diagnose
यह सवाल कि एक LMNT Therapist किसे प्राथमिकता दें , Pain points को या Medical Reports को ?
वास्तव में यह एक कठिन सा पर सरल प्रश्न है । इसका उत्तर दूँढने के लिये हमें बस एक ग्रामीण कहावत ' पैर गरम, पेट नरम , सिर ठंडा ' और Medical Reports के अंत में लिखे ' please corelat with clinical diagnosis ' पर ध्यान देना होगा ।
क्यों ना इसे समझने के लिये थोड़ा ' ताऊ का तरीका ' इस्तेमाल किया जाये यानि कान को पीछे से पकड़ा जाये । मान लीजिये कोई Paralysis patient है , अब चाहे Hematoma हो या infract एक LMNT Therapist को heparin formula तो use करना ही है । परंतु आवश्यक नहीं कि उसके PAN ,LIV इत्यदि Points में दर्द हो ही । Pain Points check करने का उद्देश्य है कि पेट के किसी organ की तरफ ischemia जैसे स्थिति तो उत्पन्न नहीं हो रही है ( GUYTON AND HALL page 552 ) यदि ऐसा होगा तो इसका अर्थ है उस region में उपस्थित organ / s सही से काम ही नही कर पायेंगे । सभी chemicas के लिये raw material तो पेट के ही विभिन्न हिस्सों में बनता है ना । तभी तो यह लोकोक्ति ' पैर गरम , पेट नरम , सिर ठंडा ' चिकित्सा सिद्धांतो का मूल है । कहने का अभिप्राय है कि Pain Point manage करके हम पेट के organs को सही से काम करने के लिये प्रेरित करते है । अब आते है LMNT के मूल सिद्धांत पर ' Blood में सभी chemical अपने natural range में होने चाहिये ' और medical Reports से इसी का पता चलता है कि कहाँ गड़बड़ है और क्यों गड़बड़ है । इसी से पता चलता है कि TH , ADR , KU में से क्या देना है , SPL , RT OV , LT OV , PAN वगैरा से क्या नहीं देना है । X - RAY जो है वो Do's and dont's of physical points बताता है । लब्बो - लुआब ये है कि , क्या , क्यों और कैसे बिमारी आई का उत्तर medical reports से मिलता है, वहीं समाधान की ओर जाने का रास्ता Pain Point प्रशस्त करते हैं । [ From Alphabets of Neurotherapy - MOHIT PANDEY ]

20/04/2025

Pain Points , medical Reports And clinical Diagnose
यह सवाल कि एक LMNT Therapist किसे प्राथमिकता दें , Pain points को या Medical Reports को ?
वास्तव में यह एक कठिन सी पर सरल प्रश्न है । इसका उत्तर दूँढने के लिये हमें बस एक ग्रामीण कहावत ' पैर गरम, पेट नरम , सिर ठंडा ' और Medical Reports के अंत में लिखे ' please corelat with clinical diagnosis ' पर ध्यान देना होगा ।
क्यों ना इसे समझने के लिये थोड़ा ' ताऊ का तरीका ' इस्तेमाल किया जाये यानि कान को पीछे से पकड़ा जाये । मान लीजिये कोई Paralysis patient है , अब चाहे Hematoma हो या infract एक LMNT Therapist को heparin formula तो use करना ही है । परंतु आवश्यक नहीं कि उसके PAN ,LIV इत्यदि Points में दर्द हो ही । Pain Points check करने का उद्देश्य है कि पेट के किसी organ की तरफ ischemia जैसे स्थिति तो उत्पन्न नहीं हो रही है ( GUYTON AND HALL page 552 ) यदि ऐसा होगा तो इसका अर्थ है उस region में उपस्थित organ / s सही से काम ही नही कर पायेंगे । सभी chemicas के लिये raw material तो पेट के ही विभिन्न हिस्सों में बनता है ना । तभी तो यह लोकोक्ति ' पैर गरम , पेट नरम , सिर ठंडा ' चिकित्सा सिद्धांतो का मूल है । कहने का अभिप्राय है कि Pain Point manage करके हम पेट के organs को सही से काम करने के लिये प्रेरित करते है । अब आते है LMNT के मूल सिद्धांत पर ' Blood में सभी chemical अपने natural range में होने चाहिये ' और medical Reports से इसी का पता चलता है कि कहाँ गड़बड़ है और क्यों गड़बड़ है । इसी से पता चलता है कि TH , ADR , KU में से क्या देना है , SPL , RT OV , LT OV , PAN वगैरा से क्या नहीं देना है । X - RAY जो है वो Do's and dont's of physical points बताता है । लब्बो - लुआब ये है कि , क्या , क्यों और कैसे बिमारी आई का उत्तर medical reports से मिलता है, वहीं समाधान की ओर जाने का रास्ता Pain Point प्रशस्त करते हैं । [ From Alphabets of Neurotherapy - MOHIT PANDEY ]

10/03/2025

विषय: - शिबिर संदर्भातील सूचना

*LMNT RTI च्या राष्ट्रीय शिबिर प्रभारी श्री अजय कुमार यांच्या मार्गदर्शनाखाली शिबिर आयोजित करण्यासाठी महाराष्ट्र टीम प्रयत्नशील आहे. पहिला शिबिर २३/३/२५ रोजी आयोजित होणार आहे. श्री विष्णु कैलाशपुरी यांनी या शिबिराचे आयोजन करण्याची जबाबदारी घेतली आहे. हे अत्यंत आनंदाचे विषय आहे की पहिले शिबिर श्री संभाजी नगरमध्ये आयोजित होणार आहे.*
विषय: - गळा, पाठीचा कणा, गुडघे दुखणे, न्यूरोथेरपी प्रसार व युवावर्गाला न्यूरोथेरपीचे महत्त्व आणि रोजगारपरक माहिती देणे.

स्वस्थ समाज हा राष्ट्राची संपत्ती आहे. समाजाची मूलभूत एकक एक नागरिक आहे. म्हणूनच निरोगी नागरिक हे स्वतःच समृद्धीचे प्रतीक ठरतात.
वास्तविक, या सूत्रावर आधारित LMNT RTI च्या कार्यक्रमांची रचना केली जाते. प्रत्येक कार्यकर्ता या सूत्राला आत्मसात करून, स्वस्थ जनसमाज आणि समृद्ध राष्ट्राचा ध्येय साध्य करण्यासाठी प्रयत्नशील आहे.
याच कारणामुळे LMNT RTI संपूर्ण भारतभर एक दिवस, एक शिबिर आयोजित करत आहे. राष्ट्रीय शिबिर प्रभारी श्री अजय जी यांच्या मार्गदर्शनाखाली महाराष्ट्र न्यूरोथेरपी टीमही यथाशक्ती सहकार्य करण्यासाठी कटिबद्ध आहे.

ही माहिती देताना अत्यंत आनंद होतो की *२३/३/२५ रोजी होणारे पहिले शिबिर श्री संभाजी नगरमध्ये, वरिष्ठ न्यूरोथेरपिस्ट श्री विष्णु कैलाशपुरी* यांच्या सहकार्याने आयोजित केले जात आहे.

*स्थान - हॉल नं. 28, दुसरा मजला, शिवसेना भवन, औरंगपुरा*

19/02/2025

Dr.LAJPATRI MEHRA'S NEUROTHERAPY
एक ऐसी पद्धति जो मूलतः पतंजलि के योगसूत्र ' 29 ' पर आधारित है । ' नाभिचक्रे कायाव्यूह ज्ञानम् ' यह नाभि के शरीर पर प्रभाव के महत्व को रेखांकित करता है । डा. लाजपत राय मेहरा जी ने इस सिद्धांत की Modern medical science के अनुसार व्याख्या की । 'ANATOMY AND PHYSIOLOGY BY GUYTON AND HALL ' के गहन अध्ययन और गाँव देहात की परम्पारगत उपचार पद्धतियों के सिद्धांतो को खोजकर उन्होंने जो परिष्कृत और परिमार्जित विधा समाज को हस्तगत की उसे ही हम LMNT या न्यूरोथैरेपी कहते है । सरल शब्दों में कहें तो ' प्रत्येक समय पर Blood में chemicals की मात्रा natural Range में रहनी चाहिये ' पर न्यूरोथैरेपी आधारित है ।
इसके लिये निम्न दो मुख्य शर्तें है ।
1 - भोजन संतुलित और पौष्टिक हो । ( यह सुंदर और स्वादिष्ट हो या ना हो किंतु स्वास्थवर्धक हो )
2 - आवश्यक है कि शरीर में भोजन का metabolism proper हो । भोजन में उपस्थित Row materials का proper synthesis हो ।
यहाँ ध्यान देने वाला तथ्य है कि , भोजन की गुणवत्ता के साथ ही digestive system के ऊपर सारा उत्तरदयित्व है । इसी लिये नाभि और उदर (Abdomen ) की स्थिति पर NEUROTHERAPIST द्वारा सबसे पहले ध्यान दिया जाता है ।
दूसरा मुख्य कारक है , Blood का Acid / Alkeline Blaance | प्राप्त परिणामों से यह लगभग सिद्ध है कि LMNT की मान्यता , Left kidney द्वारा Acid management और Right kidney द्वारा Alkeline mangement की सही है । Acid / Alkeline Balance यानि Blood की प्रकृति ।
तीसरा मुख्य कारक है ऑक्सीजन का level l प्राणवायु के महत्व पर कुछ कहने की आवश्यक्ता के करने की अपेक्षा यह उल्लेख करना अधिक आवश्यक है कि LMNT के उपचार से OXYGEN level बढ़ता है ।

इसके बाद सबसे महत्वपूर्ण कारक है , Endocrine glands का कार्य , हार्मोन के कार्य , प्रभाव तथा उन पर LMNT का नियंत्रण ।
यह LMNT का सामान्य परिचय है । प्रत्येक system के कार्य , प्रभाव और उन पर LMNT द्वारा उपचार पर अगले लेख में विस्तृत वर्णन का प्रयास होगा - मोहित पांडे

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19/02/2025

सर्वे सन्तु निरामया
सेवा समर्पण स्वास्थ्य स्वावलंबन समृद्धि
“ औषधाशिवाय अद्भुत उपचार पद्धति “
“ नैसर्गिक व वैज्ञानिक सिद्धांताच्या संगमातून साकारलेली उपचार पद्धति “
डा. लाजपत राय मेहरा जी द्वारा शोधित ऐवं संवर्धित पद्धति
IIन्यूरोथेरपीII
या उपचार पद्धति चे जनक डॉ. लाजपतराय मेहरा हे । असुन महर्षि पतंजली यांनी जसे नाभील केन्द्रस्थानी मानुन उपचार पद्धति निर्माण केले , पतंजलि योग सूत्र 3.29 “ नाभिचक्रे कायाव्यूहज्ञानम् “ यांच सुत्रावर आधारित डॉ. लाजपतराय मेहरा यांनी या उपचार पद्धति नाभील केंद्रस्थानी मानले।
खाली नमुद शारीरिक व्याधि असलयेयानी संपर्क करावा ।
“ मतिमंद किंवा विकलांग , मिर्गी, व फीट येणे ,पोटाचे विकार ,मधुमेह , दमा वी अस्थमा , मान , कंबर , गुडगे , तीव्र वेदना , साइटिका , आम्लपित्त , संधिवात , आमवात , हृदयासमबंधी आजार ,अर्धान्गवायु (पैरालिसीसिस) , स्त्रियाँचा शारीरिक समस्या , लट्ठ्पना , भुक ना लागणे , मूतखड़ा , किडनी विकार , खोकला .... विशेषतः मड्क्यासम्बंधी त्रास असलेले तसेच मतिमंद व विकलांग यावर प्रभावी उपचार पद्धति । मतिमंद व विकलांग यावर प्रभावी उपचार . मतिमंद वा विकलांग म्हणजे काही दैवी प्रकोप किंवा ग्रह नक्षत्रांचे प्रभाव नव्हे तर आपल्या शरीरातील रसायांचे असंतुलन झायाल्यामुले सुद्धा या प्रकाराचे जन्मजात अथवा जन्मनान्तर हे विकार जडु शकतात । न्यूरोथेरेपी ही यावर अद्भुत व प्रभावी उपचार पद्धति असुन या उपचार पद्धतिमुले रसायञ्चे संतुलन साधणे व आक्सीजन पुरवठा वाढविणे ही साधणे जाते ।
आजच संपर्क करा ......
आपले स्वास्थ हेच राष्ट्राची संपत्ति भावनेने प्रेरित होउन सन् 2003 पासून सेवारत मोहित पांडे ( निष्णात Lmnt therapist, sujok therapist and Naturopath )
संपर्क … 8275828165 , 9028988165

लों सर्वे सन्तु निरामया
सेवा समर्पण स्वास्थ्य स्वावलंबन समृद्धि
“ औषधाशिवाय अद्भुत उपचार पद्धति “
“ नैसर्गिक व वैज्ञानिक सिद्धांताच्या संगमातून साकारलेली उपचार पद्धति “
डा. लाजपत राय मेहरा जी द्वारा शोधित ऐवं संवर्धित पद्धति
IIन्यूरोथेरपीII
या उपचार पद्धति चे जनक डॉ. लाजपतराय मेहरा हे । असुन महर्षि पतंजली यांनी जसे नाभील केन्द्रस्थानी मानुन उपचार पद्धति निर्माण केले , पतंजलि योग सूत्र 3.29 “ नाभिचक्रे कायाव्यूहज्ञानम् “ यांच सुत्रावर आधारित डॉ. लाजपतराय मेहरा यांनी या उपचार पद्धति नाभील केंद्रस्थानी मानले।
खाली नमुद शारीरिक व्याधि असलयेयानी संपर्क करावा ।
“ मतिमंद किंवा विकलांग , मिर्गी, व फीट येणे ,पोटाचे विकार ,मधुमेह , दमा वी अस्थमा , मान , कंबर , गुडगे , तीव्र वेदना , साइटिका , आम्लपित्त , संधिवात , आमवात , हृदयासमबंधी आजार ,अर्धान्गवायु (पैरालिसीसिस) , स्त्रियाँचा शारीरिक समस्या , लट्ठ्पना , भुक ना लागणे , मूतखड़ा , किडनी विकार , खोकला .... विशेषतः मड्क्यासम्बंधी त्रास असलेले तसेच मतिमंद व विकलांग यावर प्रभावी उपचार पद्धति । मतिमंद व विकलांग या वर प्रभावी उपचार . मतिमंद वा विकलांग म्हणजे काही दैवी प्रकोप किंवा ग्रह नक्षत्रांचे प्रभाव नव्हे तर आपल्या शरीरातील रसायांचे असंतुलन झायाल्यामुले सुद्धा या प्रकाराचे जन्मजात अथवा जन्मनान्तर हे विकार जडु शकतात । न्यूरोथेरेपी ही यावर अद्भुत व प्रभावी उपचार पद्धति असुन या उपचार पद्धतिमुले रसायञ्चे संतुलन साधणे व आक्सीजन पुरवठा वाढविणे ही साधणे जाते ।
आजच संपर्क करा ......
आपले स्वास्थ हेच राष्ट्राची संपत्ति भावनेने प्रेरित होउन सन् 2003 पासून सेवारत मोहित पांडे ( निष्णात Lmnt therapist, sujok therapist and Naturopath )
संपर्क … 8275828165 , 9028988165

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19/02/2025

Dr . Mredula जी की class , चाय और गपशप ...

Dr . Mredula जी की class Join ही की थी कि एक मित्र मिलने आ गये । मित्र भी ऐसे वैसे नही , Civil Engineer , अब Engineer बंदा वो काम जरूर करेगा जो नहीं करने को कहा जायेगा , मैं भी उस ही बिरादरी से आता हूँ । तो मैम बोल रहीं थीं लीवर सिरोसिस पर , और भाई सिरोसिस के catalyst को उदरस्थ किये ज्ञान दे ...
तो यहाँ अपने योगी जी की बात याद आई कि " जो जिस भाषा में समझेगा , उस भाषा में जबाब देंगे " . .
फिर उसे एक फेसबुकिया समाज का JOKE सुनाया कि Math वाला व्यक्ति अपनी व्यक्तिणी को msg करता है 12.9999999 , और वो समझ जाती है कि ये कह रहा कि तेरा होने लगा हूँ .
तब मैंने कहा भाई Cirrhosis भी 12.9999 ही है , Sorry आपका परिचय जरा Catalyst sir से करा दूँ , इन्हें आप किशोर कुमार समझिये , मतलब ये हैं तो ऊर्जा बढ़ना तय है , हाँ कभी दर्द भरे मुकेश जी बन जाते है तब इनके सम्मान में negative शब्द लगाना पड़ता है ।
तो Bile की उपस्थिति में Fat का पाचन अच्छे से होता है ।
हमारे पेट में Pepsin , Lipase , Amylase इन्हें किसी की help चाहिये ही ..
यदि ऐसा नहीं होता तो ये हमारे शरीर को ही खा जाते 😳😳
कहने का मतलब है कि catalyst वो compund हैं जिनके उपस्थिति में किसी रासायनिक क्रिया की गति में प्रभाव पड़ता है ।
और chirosis का अर्थ मृत तुल्य है अर्थात् लगभग मरे जैसा लेकिन मरा हुआ नही । तो आशा है कि न्यूरोथैरेपी ट्रीटमेंट से अच्छे परिणाम मिलें .

12.9999
यह तो खैर एक Joke है । इसका संदर्भ लेने का कारण यह है कि ' हो रहे होने में और हो जाने में ' अंतर है। कल डा. जी ने बहुत बढ़िया तरह से समझाया । उनको बहुत बहुत धन्यवाद और अभिनंदन । मैं बस इसे और थोड़ा आसान करने का प्रयास कर रहा हूँ आशा है , डा. मृदुला जी इसकी अनुमति देंगी ।
क्या होता है कि , ऐसी बिमारी जिसमें organ अपनी कार्यक्षमता खो रहा होता है या शरीर के प्रति उसका जो उत्तर दायित्व है वह नहीं निभा पाता तो उसका कारण है , वे Tissue जिनसे उस organ का निर्माण हुआ है , बहुत कमजोर हो गये हैं । यहाँ ध्यान देने वाली बात है कि मृत नहीं हुए है , कह सकते है कि coma में हैं । वे शरीर से कम ही सही पोषक तत्व ग्रहण कर ही रहे है , उनसे गंदगी बाहर आ ही रही है , वे अभी infection से लड़ पा रहे हैं । अर्थात् कम ही सही पर Blood उन तक पहुँच ही रहा है और वापिसी में wastage को लेकर आ भी रहा है । जैसा की मैडम ने बताया भी कि न्यूरोथैरेपी से ऐसे केसेस में अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं । आखिर LMNT Blood circulation को ही तो manage करती है , और किस Treatment या formula को प्रयोग करना यह तो पेशेंट का clinical dignose करके तय कर लिया जाता है ...
- मोहित पांडे

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19/02/2025

Basics and Facts of Neurotherapy
जय गुरुजी , जय न्यूरोथैरेपी
औषधयो : एकमेव विकल्पः इति ,
मान्यता : निर्मिति लोकाणाम् ,
न्यूरोथैरेपी परिणामाः ,
प्रमाणाः भवति शनै : - शनैः ( न्यूरोथैरेपी नमान्यहम् से )..
नमस्कार , हम सभी न्यूरोथैरेपी - साधक के रूप में , न्यूरोथैरेपी के Results से परिचित हैं । बहुत बार हम स्वानुभूत ज्ञान से या फिर किन्हीं अनुभवी व्यक्तियों के मार्गदर्शन से समुचित परिणाम प्राप्त कर तो लेते हैं , किंतु बताये गये Treatment के Logic को समझ नहीं पाते । वास्तव में यह कोई गलती नहीं है , केवल अनभिज्ञता है । यह 'Basics and facts ' बस , इस अनभिज्ञता को दूर करने का एक छोटा सा प्रयास है । जैसा कि हम जानते हैं , न्यूरोथैरेपी बिल्कुल ही गणित की तरह ही है , जैसे दो और दो जोड़कर चार ही होता है , वैसे ही न्यूरोथैरेपी के formula निर्माण की व्यवस्था भी श्री गुरुजी ने दे दी है ।
न्यूरोथैरेपी का आधारभूत सिद्धांत है कि , किसी भी समय रक्त में उपस्थित chemicals की मात्रा उनके natural Range में ही होनी चाहिये । और दूसरा सहायक सिद्धांत है कि Bones पर पड़ने वाला दबाव न्यूनतम हो । आइये इसे तनिक विस्तार से समझें , हम जब मन की बात करते हैं , जैसे मन अच्छा है या मन ठीक नहीं है तो हम क्या बता रहे होते हैं ? देखें तो मन तो कोई organ या gland है ही नहीं ! इसका तात्पर्य होता है कि , उस समय रक्त में कुछ Hormones की मात्रा । ( विस्तार से चर्चा करेंगे )
अब दूसरा आता है , Bones पर पड़ने वाला दबाव , इसे न्यूनतम कैसे किया जाय ? वजन - प्रबंधन एक विषय है , दूसरा आम जीवन में उठना, बैठना , खड़े होने की स्थिति । हम बहुत बार Jokes पढ़ते हैं कि , वो दसवीं में पढ़े हुऐ Sin , Cos कभी काम भी आते हैं क्या ? निश्चित रूप से काम आते हैं ( medical Reports में पढ़े जाने वाले शब्द Lordosis , kyphosis etc यही दिखाते हैं ) आप में से सभी ने B . R . Chopra साहब की निर्देशित महाभारत देखी होगी । द्रौपदी स्वयंवर के समय का एक Dialoge है , उपस्थित राजा लोग अर्जुन के लिये कहते हैं " क्या सीधा शरीर है , विजयी होने के यही लक्षण हैं " । सीधा शरीर अर्थात् प्रत्येक Joint पर पड़ने वाले दबाव के न्यूनतम होने की guarantee । ऐसा इसलिये होता है क्योंकि प्रभावी दबाव force ( यहाँ पर व्यक्ति का वजन ) displacement ( व्यक्ति की लंबाई ) और दबाव के कोण के cos value के गुणनफल के बराबर होता है । इसमें वजन को manage किया जा सकता है , किंतु लंबाई तो constant होगी , हम तात्कालिक रूप से उठने ,बैठने, खड़े होने की स्थितियों में सुधार का सुझाव दे सकते हैं । ब्यक्ति जितना झुकेगा , उसके Joints पर पड़ने वाला दबाव उतना अधिक होगा , क्योंकि Cos 90 की value zero होती है , जबकि Cos Zero का मान 1 होता है । कहने का अर्थ जितना झुकाव शरीर में रहेगा , Joints पर उतना दबाव होगा । हमने पहले Bio chemistry को और बाद में Bio mechanics की बात की ...
क्रमशः

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06/02/2025

Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard! मेरे नए फ़ॉलोअर्स का स्वागत है! आपसे जुड़ना मेरे लिए खुशी की बात है! Shraddha Shetye, Pardeep Kumar

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