08/10/2023
Attention for All private Practiceners
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केरल के कोल्लम में आर्थोपेडिक सर्जन डॉ अनूप कृष्ण की आत्महत्या दिल को झकझोरने वाली है और साथ ही अन्य चिकित्सकों को सबक सीखाने वाली भी है। 😥😭🇮🇳
एक सात साल की बच्ची जो ऐसे बीमारी से ग्रस्त थी जिसके इलाज़ को करने के लिये कोई भी तैयार नहीं था। क्युकिं सर्जरी काफी बड़ी थी, रिस्क भी ज्यादा था और परिवार गरीब था। फिर भी परिवार वाले एक के बाद एक दसियों डाक्टरों के पास घुमें और डाक्टरों से अनुरोध करते रहें की वह रिस्क लेने को तैयार हैं बस कोई कम पैसे में सर्जरी कर दे।
अन्त में डॉ अनूप कृष्ण जो की एक युवा उत्साही चिकित्सक थे, उन्होने यह जिम्मेदारी ली और लगभग नगण्य लाभ पर यह सर्जरी दया भावना में करना प्लान किया। बच्ची को निश्चेतक दिया गया सर्जरी के दौरान दुर्भाग्य से उसे हर्ट अटैक पड़ गया। डाक्टर अनूप कृष्ण ने इमर्जेंसी इलाज़ देकर तुरंत एम्बुलेंस से बच्ची को कोल्लम मेडिकल कालेज रेफर किया जहां सारे प्रयास के बाद बच्ची की मृत्यु हो गयी।
इस मृत्यु के बाद केरल के सोशल मीडिया और मीडिया में हो हल्ला मचाया गया। डॉ अनूप को लालची, हत्यारा, लाश से पैसे कमाने वाला आदि घोषित किया गया। यह सब क्रम लगातार चलता रहा। वहीं परिवार जो कल तक डॉ अनूप के आगे रो रहा था और सारे रिस्क के लिये तैयार बता रहा था वह भी अपनी बातों से पलट गया।
डॉ अनूप परेशान होकर अपने घर गये और उन्होने अपने इस चरित्र हनन से आहत होकर आत्महत्या कर लिया। अपने पीछे अपनी पत्नी और अपने अबोध बालक के साथ साथ अपने उपर आश्रित बुजुर्ग मां बाप छोड गये।
पुरे जीवन मेहनत पाकर एक मुकाम हासिल किया और एक झटके में सब ढह गया।
इस घटना से कई सारी सीख मिलती हैं।
आप किसी भी पर खासकर प्राइवेट प्रैक्टिस में भरोसा मत करिये और निम्नलिखित बातों का ध्यान रखिए।
1- Communication
2- Documentation
3- Communication of the Documentation
&
4- Documentation of the Communication
यह आप ध्यान रखेंगे तो आपके पास भी मीडिया ट्रायल, पत्रकारों की ब्लैकमेलिंग के समय दिखाने के लिये कुछ सबूत होंगें।
निम्नलिखित लोगों से बेहद संभल कर रहिए और खासकर प्राइवेट प्रैक्टिस में उचित दूरी बनाइये।
1- Police
2- Prosecutor
3- Press
4- Pr******te
&
5- Personal relations
और उससे महत्वपुर्ण बात यह याद रखिए की मरीज़ के तीमारदार आपका सम्मान तभी तक करते है जब तक उन्हे आपसे रिजल्ट चाहिये।
या तो मरीज़ मर गया या फिर ठीक हो गया फिर उसके बाद वह आपसे हर तरह से Bargaining करना शुरु कर देगा।
किसी भी बहकावे, दिखावे और बड़ी बड़ी बातों में न आयें। आपके मरने के बाद किसी को आपको याद रखने की फुरसत नही है।
आखिरी बात एक अनपढ व्यक्ति या कम पढ़ा लिखा व्यक्ति यदि ठेकेदारी से, नेतागिरी से, व्यवसाय से रोज़ करोडों रुपये भी कमाए तो किसी को कोई समस्या नहीं और पढा लिखा व्यक्ति यदि अधिकारी, अभियंता, जज, वकील आदि बनकर ब्लैक कमाई करे तो भी किसी को कोई समस्या नहीं है लेकिन एक डाक्टर, डाक्टर बनने के लिये 05 साल की उम्र से 35 साल की उम्र तक अपना जीवन लगाता है, बावजूद उसके यदि वह कमाता है तो सबको कष्ट और कुंठा होता है।
अत: स्वयं के महत्व को समझिये, अपने और अपने परिवार के त्याग को हमेशा याद रखिए।
दूसरों के लिये नहीं अपने लिये सुरक्षित तरीके से संभल कर प्रैक्टिस करिये।