
10/02/2024
जब-जब धरती पर दैत्यों और बुरी शक्तियों ने मानवता के विपरीत अत्याचार किए तब-तब भगवान विष्णु ने एक नया अवतार लेकर बुरी ताकतों का सर्वनाश किया। भगवान विष्णु के चौथे अवतार नृसिंह भगवान हुए हैं। हिरण्यकश्यप जैसे दैत्य का संहार करने के लिए उनको आधे नर और आधे सिंह का यह अनोखा अवतार लेना पड़ा। जिस दिन भगवान विष्णु ने यह अवतार लिया था, उस दिन वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी थी। इस बार यह तिथि 14 मई को है। आइए जानते हैं भगवान नृसिंह के अवतार की कहानी और देश में कहां-कहां है इनका मंदिर…
कथा के अनुसार भगवान नृसिंह की अवतार स्थली यूपी का प्रख्यात हरदोई जिला है। पौराणिक काल में यहां हिरण्यकश्यप का राज चलता है और चूंकि वह भगवान को नहीं मानता था, इसलिए अपने शहर में किसी को भी भगवान राम का नाम नहीं लेने देता था। इसलिए पहले इस स्थान का नाम हरिद्रोही था। माना जाता है यही वह स्थान है जहां पर भगवान नृसिंह प्रकट हुए थे। आज यह स्थान प्रह्लाद कुंड के नाम से प्रचलित है। यहां पर अग्नि में होलिका जलकर खाक हो गई और प्रह्लाद बच गया। उसके बाद प्रकट हुए भगवान नृसिंह और फिर उन्होंने हिरण्यकश्यप का अंत कर दिया। यह स्थान आज प्रह्लाद कुंड के नाम से जाना जाता है।