Dr. Shrikant Shinde's Homoeopathy

Dr. Shrikant Shinde's Homoeopathy all type of disease that troubles ur daily life ,

Homoeopathy, ayurveda, allopathy treatments .

15/05/2025

पाकिस्तान की अंदर-बाहर चारों ओर से ठुकाई चालू है
भारत माता के वीर सैनिकों को नामन्
🇮🇳बलिदान हुए सैनिको के कर्जदार रहेंगे 🙏

15/05/2025

शेवग्याच्या पानांचा अर्क लिव्हर सुदृढ ठेवतो.
त्यातील क्लोरोफिल लिव्हरमध्ये साठलेले टॉक्सिन्स काढून टाकतो.
दर आठवड्यातून दोनदा शेवग्याचा काढा घ्या.

17/02/2025
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16/02/2025

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घोळूची भाजी म्हणजे शेतातील सोन्याची खाण पर्स्लेन (पोर्टुलाका ओलेरेसिया) ही एक पानेदार हिरवी वनस्पती आहे जी बहुतेक वेळा त...
06/02/2025

घोळूची भाजी म्हणजे शेतातील सोन्याची खाण

पर्स्लेन (पोर्टुलाका ओलेरेसिया) ही एक पानेदार हिरवी वनस्पती आहे जी बहुतेक वेळा तण मानली जाते परंतु प्रत्यक्षात आरोग्य फायदे आणि उपयोगांची श्रेणी देते. येथे दहा उल्लेखनीय फायदे आणि पर्सलेनचे उपयोग आहेत:

1. ओमेगा -3 फॅटी ऍसिडस् समृद्ध
पर्स्लेन हे ओमेगा-३ फॅटी ऍसिडचे सर्वोत्तम वनस्पती-आधारित स्त्रोतांपैकी एक आहे, जे हृदयाच्या आरोग्यासाठी आणि जळजळ कमी करण्यासाठी महत्वाचे आहे.

2. पोषक तत्वांमध्ये जास्त
व्हिटॅमिन ए, व्हिटॅमिन सी, व्हिटॅमिन ई, मॅग्नेशियम, कॅल्शियम, पोटॅशियम आणि लोह यासह जीवनसत्त्वे आणि खनिजे पर्स्लेन समृद्ध आहे, ज्यामुळे ते पोषक तत्वांचे अन्न बनते.

3. अँटिऑक्सिडंट गुणधर्म
वनस्पतीमध्ये बीटा-कॅरोटीन आणि व्हिटॅमिन सी सारखे अँटिऑक्सिडंट्स असतात, जे पेशींना ऑक्सिडेटिव्ह तणाव आणि नुकसानापासून संरक्षण करण्यास मदत करतात, एकूण आरोग्यास प्रोत्साहन देतात आणि जुनाट आजारांचा धोका कमी करतात.

4. हृदय आरोग्यास समर्थन देते
पर्स्लेनचे ओमेगा -3 फॅटी ऍसिडस् आणि उच्च पोटॅशियम सामग्री रक्तदाब कमी करून, कोलेस्टेरॉलची पातळी कमी करून आणि हृदयरोग रोखून हृदयाचे आरोग्य राखण्यास मदत करते.

5. दाहक-विरोधी प्रभाव
ओमेगा -3 फॅटी ऍसिडस् आणि पर्सलेनमधील इतर पोषक घटकांमध्ये दाहक-विरोधी गुणधर्म असतात जे संधिवात आणि इतर दाहक रोगांसारख्या परिस्थितीची लक्षणे कमी करण्यास मदत करू शकतात.

6. मधुमेह व्यवस्थापन
पर्सलेन रक्तातील साखरेची पातळी नियंत्रित करण्यात मदत करू शकते, ज्यामुळे मधुमेह असलेल्या व्यक्तींसाठी ते संभाव्य फायदेशीर ठरते. त्यातील फायबर सामग्री इन्सुलिन संवेदनशीलता सुधारण्यास देखील मदत करते.

7. त्वचा आरोग्य
पर्सलेनमधील जीवनसत्त्वे आणि अँटिऑक्सिडंट्स, विशेषत: व्हिटॅमिन ए, त्वचेच्या कायाकल्पात मदत करतात आणि त्वचेचा पोत सुधारू शकतात, मुरुमांवर उपचार करू शकतात आणि सुरकुत्या कमी करू शकतात.

8. पाचक आरोग्य
पर्सलेनमध्ये म्युसिलेज, एक प्रकारचा विरघळणारा फायबर असतो जो पचन सुधारण्यास मदत करतो, बद्धकोष्ठता प्रतिबंधित करतो आणि निरोगी आतड्यांतील वातावरणास समर्थन देतो

9. प्रतिकारशक्ती विकास
हे रोगाच्या परिस्थितीविरूद्ध चांगली प्रतिकारशक्ती निर्माण करण्यास मदत करते.

10. मानसिक आरोग्य
हे मज्जासंस्थेला आराम करण्यास मदत करते आणि मानसिक आरोग्य टिकवून ठेवण्यास मदत करते.


Purslane (Portulaca oleracea) is a leafy green plant that is often considered a w**d but actually offers a range of health benefits and uses. Here are ten notable benefits and uses of purslane:

1. Rich in Omega-3 Fatty Acids
Purslane is one of the best plant-based sources of omega-3 fatty acids, which are important for heart health and reducing inflammation.

2. High in Nutrients
Purslane is rich in vitamins and minerals, including vitamin A, vitamin C, vitamin E, magnesium, calcium, potassium, and iron, making it a nutrient-dense food.

3. Antioxidant Properties
The plant contains antioxidants like beta-carotene and vitamin C, which help protect cells from oxidative stress and damage, promoting overall health and reducing the risk of chronic diseases.

4. Supports Heart Health
Purslane’s omega-3 fatty acids and high potassium content help maintain heart health by lowering blood pressure, reducing cholesterol levels, and preventing heart disease.

5. Anti-Inflammatory Effects
The omega-3 fatty acids and other nutrients in purslane have anti-inflammatory properties that can help reduce symptoms of conditions like arthritis and other inflammatory diseases.

6. Diabetes Management
Purslane may help regulate blood sugar levels, making it potentially beneficial for individuals with diabetes. Its fiber content also helps improve insulin sensitivity.

7. Skin Health
The vitamins and antioxidants in purslane, particularly vitamin A, help in skin rejuvenation and may improve skin texture, treat acne, and reduce wrinkles.

8. Digestive Health
Purslane contains mucilage, a type of soluble fiber that helps improve digestion, prevents constipation, and supports a healthy gut environment

9. Immunity Development
It helps to build good immunity against disease conditions.

10. psychological Health
It helps to relax the nervous system and helps to preserve psychological health.

घोळुची भाजी म्हणजे तुमच्या शेतातील सोन्याची खाण आहे. वेळीच महत्व ओळखून नेहमी आहारात ठेवा.

Gardening
05/02/2025

Gardening

दुनिया का सबसे ताकतवर पोषण पूरक आहार है- सहजन (मुनगा)। इसकी जड़ से लेकर फूल, पत्ती, फल्ली, तना, गोंद हर चीज उपयोगी होती ...
18/10/2024

दुनिया का सबसे ताकतवर पोषण पूरक आहार है- सहजन (मुनगा)। इसकी जड़ से लेकर फूल, पत्ती, फल्ली, तना, गोंद हर चीज उपयोगी होती है।
आयुर्वेद में सहजन से तीन सौ रोगों का उपचार संभव है। सहजन के पौष्टिक गुणों की तुलना :- विटामिन सी- संतरे से सात गुना अधिक। विटामिन ए- गाजर से चार गुना अधिक। कैलशियम- दूध से चार गुना अधिक। पोटेशियम- केले से तीन गुना अधिक। प्रोटीन- दही की तुलना में तीन गुना अधिक।
स्वास्थ्य के हिसाब से इसकी फली, हरी और सूखी पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-ए, सी और बी-काम्प्लेक्स प्रचुर मात्रा में पाई जाते हैं। इनका सेवन कर कई बीमारियों को बढ़ने से रोका जा सकता है, इसका बॉटेनिकल नाम ' मोरिगा ओलिफेरा ' है। हिंदी में इसे सहजना, सुजना, सेंजन और मुनगा नाम से भी जानते हैं, जो लोग इसके बारे में जानते हैं, वे इसका सेवन जरूर करते हैं।
सहजन का फूल पेट और कफ रोगों में, इसकी फली वात व उदरशूल में, पत्ती नेत्ररोग, मोच, साइटिका, गठिया आदि में उपयोगी है। इसकी छाल का सेवन साइटिका, गठिया, लीवर में लाभकारी होता है। सहजन के छाल में शहद मिलाकर पीने से वात और कफ रोग खत्म हो जाते हैं।
सहजन की पत्ती का काढ़ा बनाकर पीने से गठिया, साइटिका, पक्षाघात, वायु विकार में शीघ्र लाभ पहुंचता है। साइटिका के तीव्र वेग में इसकी जड़ का काढ़ा तीव्र गति से चमत्कारी प्रभाव दिखाता है। मोच इत्यादि आने पर सहजन की पत्ती की लुगदी बनाकर सरसों तेल डालकर आंच पर पकाएं और मोच के स्थान पर लगाने से जल्दी ही लाभ मिलने लगता है।
सहजन के फली की सब्जी खाने से पुराने गठिया, जोड़ों के दर्द, वायु संचय, वात रोगों में लाभ होता है। इसके ताजे पत्तों का रस कान में डालने से दर्द ठीक हो जाता है साथ ही इसकी सब्जी खाने से गुर्दे और मूत्राशय की पथरी कटकर निकल जाती है। इसकी जड़ की छाल का काढ़ा सेंधा नमक और हींग डालकर पीने से पित्ताशय की पथरी में लाभ होता है।
सहजन के पत्तों का रस बच्चों के पेट के कीड़े निकालता है और उल्टी-दस्त भी रोकता है। ब्लड प्रेशर और मोटापा कम करने में भी कारगर सहजन का रस सुबह-शाम पीने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है। इसकी पत्तियों के रस के सेवन से मोटापा धीरे-धीरे कम होने लगता है। इसकी छाल के काढ़े से कुल्ला करने पर दांतों के कीड़े नष्ट होते हैं और दर्द में आराम मिलता है।
सहजन के कोमल पत्तों का साग खाने से कब्ज दूर होता है, इसके अलावा इसकी जड़ के काढ़े को सेंधा नमक और हींग के साथ पीने से मिर्गी के दौरों में लाभ होता है। इसकी पत्तियों को पीसकर लगाने से घाव और सूजन ठीक होते हैं।
सहजन के बीज से पानी को काफी हद तक शुद्ध करके पेयजल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके बीज को चूर्ण के रूप में पीसकर पानी में मिलाया जाता है। पानी में घुल कर यह एक प्रभावी नेचुरल क्लोरीफिकेशन एजेंट बन जाता है। यह न सिर्फ पानी को बैक्टीरिया रहित बनाता है, बल्कि यह पानी की सांद्रता को भी बढ़ाता है।
कैंसर तथा शरीर के किसी हिस्से में बनी गांठ, फोड़ा आदि में सहजन की जड़ का अजवाइन, हींग और सौंठ के साथ काढ़ा बनाकर पीने का प्रचलन है। यह काढ़ा साइटिका (पैरों में दर्द), जोड़ों में दर्द, लकवा, दमा, सूजन, पथरी आदि में भी लाभकारी है |
सहजन के गोंद को जोड़ों के दर्द तथा दमा आदि रोगों में लाभदायक माना जाता है। आज भी ग्रामीणों की ऐसी मान्यता है कि सहजन के प्रयोग से वायरस से होने वाले रोग, जैसे चेचक आदि के होने का खतरा टल जाता है।
सहजन में अधिक मात्रा में ओलिक एसिड होता है, जो कि एक प्रकार का मोनोसैच्युरेटेड फैट है और यह शरीर के लिए अति आवश्यक है। सहजन में विटामिन-सी की मात्रा बहुत होती है। यह शरीर के कई रोगों से लड़ता है। यदि सर्दी की वजह से नाक-कान बंद हो चुके हैं तो, सहजन को पानी में उबालकर उस पानी का भाप लें। इससे जकड़न कम होती है। सहजन में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं। इसका जूस गर्भवती को देने की सलाह दी जाती है, इससे डिलवरी में होने वाली समस्या से राहत मिलती है और डिलवरी के बाद भी मां को तकलीफ कम होती है, गर्भवती महिला को इसकी पत्तियों का रस देने से डिलीवरी में आसानी होती है।
सहजन के फली की हरी सब्जी को खाने से बुढ़ापा दूर रहता है इससे आंखों की रोशनी भी अच्छी होती है। सहजन को सूप के रूप में भी पी सकते हैं, इससे शरीर का खून साफ होता है।
सहजन का सूप पीना सबसे अधिक फायदेमंद होता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। विटामिन सी के अलावा यह बीटा कैरोटीन, प्रोटीन और कई प्रकार के लवणों से भरपूर होता है, यह मैगनीज, मैग्नीशियम, पोटैशियम और फाइबर से भरपूर होते हैं। यह सभी तत्व शरीर के पूर्ण विकास के लिए बहुत जरूरी हैं।
कैसे बनाएं सहजन का सूप? सहजन की फली को कई छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लेते हैं। दो कप पानी लेकर इसे धीमी आंच पर उबलने के लिए रख देते हैं, जब पानी उबलने लगे तो इसमें कटे हुए सहजन की फली के टुकड़े डाल देते हैं, इसमें सहजन की पत्त‍ियां भी मिलाई जा सकती हैं, जब पानी आधा बचे तो सहजन की फलियों के बीच का गूदा निकालकर ऊपरी हिस्सा अलग कर लेते हैं, इसमें थोड़ा सा नमक और काली मिर्च मिलाकर पीना चाहिए।
१. सहजन के सूप के नियमित सेवन से सेक्सुअल हेल्थ बेहतर होती है. सहजन महिला और पुरुष दोनों के लिए समान रूप से फायदेमंद है।
२. सहजन में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाया जाता है जो कई तरह के संक्रमण से सुरक्षित रखने में मददगार है. इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन सी इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का काम करता है।
३. सहजन का सूप पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाने का काम करता है, इसमें मौजूद फाइबर्स कब्ज की समस्या नहीं होने देते हैं।
४. अस्थमा की शिकायत होने पर भी सहजन का सूप पीना फायदेमंद होता है. सर्दी-खांसी और बलगम से छुटकारा पाने के लिए इसका इस्तेमाल घरेलू औषधि के रूप में किया जाता है।
५. सहजन का सूप खून की सफाई करने में भी मददगार है, खून साफ होने की वजह से चेहरे पर भी निखार आता है।
६. डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए भी सहजन के सेवन की सलाह दी जाती है।

प्रस्तुति - जितेन्द्र रघुवंशी, प्रज्ञाकुंज, हरिद्वार

09/10/2024

प्रश्न - दूधाबरोबर कोणता पदार्थ खाल्याने हार्ट अटॅकचा धोका उद्भवू शकतो?
उत्तर - दूधाबरोबर उडदाची डाळ खाल्ल्याने हार्ट अटॅकचा धोका उद्भवू शकतो.

07/10/2024

First golden hour of newborn म्हणजेच १६संस्कारातील नालोच्छेदनपुर्वीचे ४थे जातकर्म संस्कार,
५० वर्षानंतर विज्ञानाला चुक कळाली.
सनातन हिंदु धर्मच विज्ञान आहे.

07/10/2024

✅First golden hour of newborn म्हणजेच १६संस्कारातील नालोच्छेदनपुर्वीचे ४थे जातकर्म संस्कार,
५० वर्षानंतर विज्ञानाला चुक कळाली.
🚩सनातन हिंदु धर्मच विज्ञान आहे.🚩
✅पुर्वी लगेचच घाईत नाळ कापुन बाळ आईपासून दुर केले जात

आता बाळाचा जन्म झाल्यावर

✅जन्मानंतर ताबडतोब रडणारे कोणतेही टर्म बाळ आईच्या उदर किंवा छातीवर ठेवले जाते जेणेकरून ते त्वचेपासून त्वचेच्या संपर्कात आणि बंधनाने उबदार होईल.
विलंबित कॉर्ड क्लॅम्पिंग (30-60 मिनिटांनंतर): हे आईकडून बाळाला अतिरिक्त 10-50 मिली रक्त आणि पोषक तत्वांच्या हस्तांतरणास प्रोत्साहन देते.
✅बाळाला स्वच्छ (अम्नीओटिक द्रव आणि रक्त) आणि कोरडे करा. व्हर्निक्स नावाचा पांढरा मेणाचा थर हायड्रेशन राखतो आणि बाळाच्या त्वचेचे रक्षण करतो, जो पुढील दोन दिवसांत बाहेर पडेपर्यंत राहू शकतो.
✅बालरोगतज्ञांकडून वजन तपासणे आणि डोक्यापासून पायापर्यंतची तपासणी कोणत्याही मोठ्या विसंगती (चोअनल अट्रेसिया, फाटलेले ओठ, फाटलेले टाळू, मणक्याचे दोष, गुद्द्वार आणि नाभीसंबधीची रक्तवाहिनी गहाळ होणे) वगळण्यासाठी.
व्हिटॅमिन K 1 mg IM भारतात जन्मलेल्या सर्व बाळांना दिले जाते.
जर बाळ ठीक असेल तर, आम्ही बाळाला स्वच्छ 100% सुती कापड घालतो आणि जन्माच्या 30 मिनिटांपासून ते 1 तासाच्या आत बाळाला स्तनपानासाठी आईच्या स्तनावर ठेवतो जेणेकरून लवकर स्तनपानास प्रोत्साहन मिळेल.
गोल्डन अवरसाठी तयार रहा:

✅आई स्वतःला किमान अर्धा तास द्या म्हणजे प्रस्तुती श्रमाचा ताण कमी होईल.
नर्स बाळाला तुमच्या जवळ किंवा तुमच्या छातीवर ठेवत असताना, तुमच्या लहान मुलाला पहा आणि धरून ठेवा. तुमच्या मेंदूमध्ये तसेच नवजात मुलाच्या मेंदूत आपोआप प्रेम आणि बंध निर्माण होऊ लागतात. मातृत्वाचा सुंदर प्रवास सुरू होतो.

✅बाळंतपणाच्या अर्ध्या तासाच्या आत बाळाला स्तनपान करणे अत्यंत उपयुक्त आहे कारण यामुळे तुमचे गर्भाशय आकुंचन पावते आणि गर्भाशयाच्या रक्तस्त्रावाचे प्रमाण कमी होते.

✅बाळ जागृत आणि सतर्क असल्याने स्तनपान सुरू करण्यासाठी पहिला तास उत्तम आहे. लवकरच, बाळ गाढ झोपेत जाईल आणि नंतर स्तनपान सुरू करणे कठीण होऊ शकते

✅कोलोस्ट्रम (लिक्विड गोल्ड) ही तुमच्या मुलाची पहिली लस आहे: तुमचे पहिले पिवळे दूध तुमच्या बाळाच्या पोषणासाठी आणि संसर्गापासून संरक्षणासाठी महत्त्वाचे आहे.
पहिल्या दोन दिवसांत कोलोस्ट्रम आणि दुधाचे प्रमाण खूप कमी असू शकते परंतु काळजी करू नका.
हे प्रमाण तुमच्या मुलासाठी पुरेसे आहे. पुढील आठवडाभरात त्यात हळूहळू वाढ होईल.

05/10/2024

आहारामधील ५ गोष्टी नियंत्रित करा नाहीतर तुमची हाडे तरुण वयातच ठिसूळ होऊन मोडतील...!
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 #अजीनोमोटो को हम इसके रासायनिक  नाम मोनो सोडियम ग्लूटामेट के नाम से भी जानते है ! इसको संक्षिप्त में हम एमएसजी नाम से भ...
30/09/2024

#अजीनोमोटो
को हम इसके रासायनिक नाम मोनो सोडियम ग्लूटामेट के नाम से भी जानते है !
इसको संक्षिप्त में हम एमएसजी नाम से भी जानते है. ..
अजीनोमोटो की कंपनी का मुख्य कार्यालय चोओ,
टोक्यो में स्थित है !
• यह 26 देशों में काम करता है.
इसका इस्तेमाल ज्यादातर चीन की खाद्य पदार्थो में
खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है. ..

👉 पहले हम अधिकांशतः घर पर बने खाने को खाते थे,
लेकिन अब लोग चिप्स, पिज्ज़ा और मैगी जैसे खाने को ज्यादा पसंद करने लगे हैं !
जिनमे अजीनोमोटो का इस्तेमाल होता है.
इसका इस्तेमाल कई डिब्बाबंद फ़ास्ट फ़ूड सोया सॉस, टोमेटो सॉस, संरक्षित मछली जैसे सभी संरक्षित खाद्य उत्पादों में किया जाता है.

👉अजीनोमोटो
को पहली बार 1909 में जापानी जैव रसायनज्ञ किकुनाए इकेडा के द्वारा खोजा गया था.
उन्होने इसके स्वाद को मामी के रूप में पहचाना जिसका अर्थ होता है

👉 सुखद स्वाद.
कई जापानी सूप में इसका इस्तेमाल होता है.
इसका स्वाद थोडा नमक के जैसा होता है. देखने में यह चमकीले छोटे क्रिस्टल के जैसा होता है.
इसमें प्राकृतिक रूप से एमिनो एसिड पाया जाता है. ..

• किन्तु
आज दुनिया के हर कुक खाने में स्वाद को बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल करते है.
एमएसजी का इस्तेमाल सुरक्षित माना गया है,
इसका
इस्तेमाल पहले चीन की रसोई में होता था,
लेकिन अब ये धीरे धीरे हमारे भी घरों की रसोई में अपना पैठ बना चुका है.
अपने
समय को बचाने के लिए जो हम 2 मिनट में नुडल्स को तैयार कर ग्रहण करते है इस तरह के अधिकांशतः खाद्य पदार्थो में यह पाया जाता है जो धीरे धीरे हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते है. ..

👉 यह एक प्रकार से
नशे की लत जैसा होता है अगर आप एक बार अजीनोमोटो युक्त भोजन को ग्रहण कर लेते है,
तो आप उस भोजन को नियमित खाने की इच्छा रखने लगेंगे. ..
• इसके सेवन से शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बढ़ जाती है. ..

• जब आप एमएसजी मिले पदार्थो का सेवन करते है, तो रक्त में ग्लूटामेट का स्तर बढ़ जाता है.

• जिस की वजह से इसका शरीर पर गंभीर प्रभाव पड़ता है.

👉 एमएसजी
को एक धीमा हत्यारा🔥 भी कहा जा सकता है !!

• यह
आँखों की रेटिना को नुकसान पहुंचाता है साथ ही यह थायराईड और कैंसर जैसे रोगों के लक्षण पैदा कर सकता है.

👉 अजीनोमोटो
से युक्त खाद्य पदार्थो का अगर नियमित सेवन किया जाये तो यह माइग्रेन पैदा कर सकता है।

दुनियां का कोई भी खाद्य पदार्थ आपके स्वास्थ्य से अधिक सुखदायी नहीं है l इसलिए स्वाद के लिए नहीं स्वास्थ्य के लिए खाएं l जानकारी से सहमत हो तो अपने घर परिवार, व मित्रों के साथ साँझा करें l धन्यवाद
अशोक कुमार अश्क कुसेहटा प्रयागराज 🙏👈

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