Markaze Tasawwuf

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Salamati rehmat aur barqat ata ho,,,, Aameen,,,jaisa ki aap jaante hai Sarkar Khawaja Moinuddin Hasan Sanjari Q.S.A ki K...
16/01/2024

Salamati rehmat aur barqat ata ho,,,, Aameen,,,jaisa ki aap jaante hai Sarkar Khawaja Moinuddin Hasan Sanjari Q.S.A ki Kitaab jiska Tarjuma Peero Murshid Sarkar Sufi Ghyassuddin Shah Sahab ne Hindi me kiya ye Kitaab "KHAAS TALIMAT" Naam se Markaze Tasawwuf se Shaya ho chuki hai,,,Ye Kitaab aap Markaze Tasawwuf, Mehrauli, New Delhi se Hasil Kar sakte hai Ya Janab Sufi Sameer Ghyasi ya Sufi Shamim Ghyasi sahab ko in numbers par call karke le sakte hai 95828 27214,, 9716084184,,,aur Khaas Talimat kitab ki PDF aap Markaze Tasawwuf ki website (www.markazetasawwuf.com) se par click karke Download kar sakte hai,,,agar aapko koi dikkat aaye PDF download karne me toh aap Facebook par message kar sakte hai,,,, Shukria

https://markazetasawwuf.com/books-e-books/

Salamati,,, rehmat aur barqat ata ho aameen,,,,Shukria us Zaat-E-Murshid ka jo ki rehmate,,,barqate aur Ishq ka Nuzool k...
22/10/2023

Salamati,,, rehmat aur barqat ata ho aameen,,,,Shukria us Zaat-E-Murshid ka jo ki rehmate,,,barqate aur Ishq ka Nuzool karne wala hai,,,,Aap sabhi logo ko jo bhi Sarkar Sufi Ghyasuddin Shah Q.S.A se Mohabbat karne ya unse unsiyat rakhne wale hai ,,,,unhe ye batate hue khushi ho rahi k Sarkar k mission k liye,,,,Unke k Qaram se,,,,Sarkar k gulaamon ne kuch Callander 2024 k chapwaye hai,,,jin logo ko callender chahiye wo Zakir Nagar,,,New Delhi se Sufi Kashan Ghyasi bhai ko in number par contact karke le sakte hai,,,,9911590331,,,,Sarkar k Hukm k Mutabik aane wale waqt me aap logo k liye aur tohfe latey rahenge,,,,THE SHOW MUST GO ON,,,,,,shukria

Posted by :
Sufi Faiz Anwar Ghyasi

05/10/2023
सरकारे दो आलम ने फरमाया जल्द ही तुम अपने रब को इसी तरह ज़ाहिर देखोगे जिस तरह चौहंदवीं रात के इस चाँद को देख रहे हो अल्लाह...
26/09/2023

सरकारे दो आलम ने फरमाया जल्द ही तुम अपने रब को इसी तरह ज़ाहिर देखोगे जिस तरह चौहंदवीं रात के इस चाँद को देख रहे हो अल्लाह तआला का फरमान है - अगर फरिश्ता और जिस्मानियत, जिस्म का होना, इस आलम में दाख़िल हो तो जल जायें " और हज़रत जिब्राईल अ.स. ने फरमाया अगर मैं उंगली के पोरे के बराबर भी आगे बढुंगा तो जल जाऊँगा ! ये किताब कलमा ला इलाह इल्लल लाह, मोहम्मदुर रसूलअल्लाह " के हरफों की गिनती के बराबर चौबीस हिस्सों में है रात और दिन में भी चौबीस घण्टे होते है इसी ताल्लुक से किताब के हिस्से भी चौबीस है !शुक्रिया

किताब - राज़ों का राज़

(मरकज़े तसव्वुफ़)

नबी मुरसल से मकसद नबी करीम स.अ.व. की बशरियत और करीबी फरिश्ते से मकसद हुजूर स.अ.व. की रूहानियत है जो कि नूर जबरूत से तख़ली...
25/09/2023

नबी मुरसल से मकसद नबी करीम स.अ.व. की बशरियत और करीबी फरिश्ते से मकसद हुजूर स.अ.व. की रूहानियत है जो कि नूर जबरूत से तख़लीक हुई है बनी है जैसे फरिश्ते नूरे जबरूत से है इसीलिये ये फरिश्ते नूरे लाहूत में दाखिल नहीं हो सकते रसूले करीम स.अ.व. ने फरमाया !
बेशक अल्लाह तआला के यहाँ एक ऐसी जन्नत भी है जिस में ना तो कोई हूर या महल है ना बाग़ बहार, ना शहद की नहरे हैं ना दूध के झरने वहाँ सिर्फ अल्लाह तआला को देख लेने की नैमत है !" अल्लाह तआला ने फरमाया ! कई चेहरे उस रोज़ बा - रौनक और तरो ताज़ा होंगे और अपने रब के नूर और खुबसूरती की तरफ देख रहे होंगे !"
(सुरह कयामत 75 आयत 22-23)

किताब - राज़ों का राज़

(मरकज़े तसव्वुफ़)

(4)जिस तरह बच्चा पाकीज़ा सूरत है इसी तरह रूह भी पाकीज़ा सूरत है यही वजह है के ख्वाब में फरिश्ते या दूसरीपाक चीज़ें बच्चे ...
24/09/2023

(4)जिस तरह बच्चा पाकीज़ा सूरत है इसी तरह रूह भी पाकीज़ा सूरत है यही वजह है के ख्वाब में फरिश्ते या दूसरी
पाक चीज़ें बच्चे की मिसाली सूरत में नज़र आती है ! जो हमेशा एक जैसे रहेंगे'

(5)अल्लाह तआला ने जन्नत बनाने की वजह को बच्चों की तरह पाक और मासूम होने की ख़ासियत से मख़सूस किया है ! जैसा कि कुरान शरीफ में फरमाया गया है -“ गर्दिश करते होंगे इनके इर्द गिर्द नोखैज़ लड़के जो हमेशा एक जैसे रहेंगे (सुरह वाकया 56 आयत 17)
इन के गुलाम बच्चे अपनी खूबसूरती की वजह से ऐसे मालूम होंगे जैसे वो छुपे हुए मोती हो(सुरह तूर 52 आयत 24)

(6)पाक रूह को ये नाम पाकीज़ा होने और लताफत, महसूस होने लेकिन ना दिखने की वजह से दिया गया है !

(7)पाक रूह या तिफ्ले मआनी कामिल और हकीकी इन्सान है क्योंकि इसे अल्लाह तआला के साथ ख़ास लगाव है ! जैसा के सरकारे दो आलम ने फरमाया बारगाहे खुदावन्दी में मुझे एक ऐसा वक्त भी हासिल होता है के जिस में ना तो किसी करीबी फरिश्ते की गुंजायश होती है और ना नबी मुरसल की

किताब - राज़ों का राज़

(मरकज़े तसव्वुफ़)

(1)पहली वजह तो ये है के पाक रूह हकीकत के दिल, कल्ब से पैदा हुई है जैसे बच्चा माँ के पेट से पैदा होता है माँ की तरह इसकी ...
23/09/2023

(1)पहली वजह तो ये है के पाक रूह हकीकत के दिल, कल्ब से पैदा हुई है जैसे बच्चा माँ के पेट से पैदा होता है माँ की तरह इसकी परवरिश कल्ब यानि हकीकत का दिल करता है फिर बच्चे की तरह पाक रूह परवरिश पाकर बालिग होने की उमर तक पहुँच जाती है !

(2)दूसरी वजह ये है के तालीम का सिलसिला बचपन से शुरू होता है बच्चों की तरह पाक रूह को भी अल्लाह तआला की पहचान की तालीम दी जाती है !

(3)जिस तरह बच्चा गुनाह से पाक होता है उसी तरह पाक रूह भी शिर्क, गफलत, दुनिया में रहने की बेहोशी से पाक होती है !

किताब - राज़ों का राज़

(मरकज़े तसव्वुफ़)

आलमे मआरफत यानि वो दुनिया जिसमें अल्लाह तआला की पहचान होती है यानि आलमे लाहूत इन्सान का असली वतन है इस दुनिया में ही पाक...
22/09/2023

आलमे मआरफत यानि वो दुनिया जिसमें अल्लाह तआला की पहचान होती है यानि आलमे लाहूत इन्सान का असली वतन है इस दुनिया में ही पाक रूह की बेहतरीन बराबरी पर रूह पैदा होती है पाक रूह से मकसद हकीकत का कामिल इन्सान है ये तब ही ज़ाहिर हो सकता है जब हकीकत की ना टूट जाने वाली तौबा की जाये और तसव्वुफ की जो तालीम है उस पर अमल किया जाये ! कलमा ला एलाह इल्लल्लाह का लाज़िम, जरूर - हो जाना हकीकत के कामिल इन्सान के वुजूद को ज़ाहिर कर सकता है शर्त ये है के पहले ये ज़िक्र ज़बान से, फिर हकीकत के दिल की जिंदगी से और फिर दिल से किया जाये हकीकत के कामिल इन्सान या पाक रूह का दूसरा नाम तिफ्ल मआनी यानि इनायत करने वाला पाक मासूम बच्चा भी है क्योंकि इसका ताल्लुक पाक इनायत से है इसे तिफ्ल कहने की और भी कई वजह हैं !

किताब - राज़ों का राज़

(मरकज़े तसव्वुफ़)

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