14/09/2025
❤️🙏 पितृपक्ष किसी ने मुझसे आज पूछा कि श्राद्ध में जो हम तर्पण करते हैं या हम भोजन करवाते हैं ब्राह्मण को वह उन तक कैसे पहुंच जाता है ?
❤️🙏जी हां बिल्कुल सही किसी ने पूछा क्योंकि जब हम छोटे थे तो हमारे मन में भी आता था कि पितरों के लिए खाना बन रहा है दादा जी के नाम का है या दादी का है या किसी अन्य के नाम से है , जो भी हमारे बुजुर्ग इस दुनिया को छोड़ कर जा चुके होते हैं उनके नाम पर हम तर्पण करते हैं और श्राद्ध करते हैं, बार-बार ये बात मन मे आती है । तो उसके मन में भी यह भाव जरूर आता है कि खाना हम यहां ब्राह्मण को खिला रहे हैं ,और कह रहे हैं कि दादा जी के पास जा रहा है यह दादी के पास जा रहा है। बिल्कुल सही की ये आहार कैसे पहुंच जाता है हमारे पितरों के पास यह बात मन के अंदर जरूर रहती है भोजन यानी कि जो हमारा आहार जाता है उसका "सार तत्व" जाता है। अन्न और जल जो भौतिक रूप में है ,वह तो यहीं रहता हैं ,पर उनका "सार तत्व"(रस गन्ध) भाव हमारे पितरों पर अवश्य जाता है और उनसे उन्हें तृप्ति मिलती है और मोक्ष के लिए वह अग्रसर होते हैं जब भी कहा गया है कि यह 16 दिन यमराज सारे दरवाजे खोल देता है नर्क के स्वर्ग के जहां हमारे पितृ होते हैं वह शरीर रूप में नहीं होते आत्मा रूप में होते हैं और उनसे कहा जाता है कि अपनी वंशावली में जाकर किसी से भी मिलकर वह आ सकते हैं तो वह इन दिनों अपने परिवारजनों के पास किसी ना किसी रूप में आते हैं इसलिए हमारे शास्त्रों में पक्षियों को जानवरों को और इंसानों को और पेड़ पौधों से चीटियों को चारों तरीके से यानी कौआ के रूप में कुत्ते के रूप में चीटियों के रूप में और ब्राह्मण के रूप में हम अन्न जलअर्पण करते हैं तर्पण करते हैं और हम कोशिश करते हैं कि हमारे पितरों तक वह मैसेज पहुंच जाए कि हम उन्हें याद कर रहे हैं या आज भी हमारे लिए वह श्रेष्ठ है तो उससे वह हम सभी को आशीर्वाद रूप में हम लोगों को वरदान देकर जाते हैं कि हमारे जीवन में जो परेशानी आ रही है ,वह परेशानी नहीं आती। पर जहां पर पितरों का ध्यान नहीं रखा जाता उनको स्मरण नहीं किया जाता और वह उनसे मिलने के लिए अगर पृथ्वी पर आते हैं देखते हैं कि हमें कोई याद करने वाला ही नहीं है तो उदास हो जाते हैं और हमें जाने अनजाने में ही श्राप का भागी बनना पड़ता है इसके लिए हमें पितृपक्ष में श्राद्ध बड़े श्रद्धा के साथ करना चाहिए। क्योंकि ,श्रद्धा भाव ही समर्पण भाव है ।अपने पितरों के लिए वह आज किसी ने मुझसे पूछा था उसका उत्तर देने का मैंने प्रयास किया है कि आप सभी लोगों को जिनके मन में यह प्रश्न होता है ।उन तक ये उत्तर अवश्य पहुंचे। 🙏❤️ sharma 9213728510