Nakshatraspeaks

Nakshatraspeaks Astrologist and Psychic.

24/10/2021

Check SE corner of your house if you are facing liquid cash issues ,NNE for immunity & health,SSW for wastages of all types

24/10/2021

Aim hreem kleem chamundaye vichai
Narvan mantra for all problems

21/07/2020

People often ask for their presiding deity
Ar, Cn, Li ,Cp- Brahma. Ta, Le, Sc, Aq-Shiva
Ge, Vi, Sg ,Pi-Vishnu

मीन- मीन लग्न के लिए शुक्र, बुध व शनि अषुभ हैं अतः इनके लिए 4, 6, व 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। चन्द्र, मंगल व गुर...
03/07/2020

मीन- मीन लग्न के लिए शुक्र, बुध व शनि अषुभ हैं अतः इनके लिए 4, 6, व 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। चन्द्र, मंगल व गुरु कारक हैं अतः इनके लिए मोती, मूंगा व पुखराज धारण करें। अषुभ भाव में स्थित होने की स्थिति में रत्न की अपेक्षा 2, 3 व 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करना शुभ रहेगा। षष्ठेष सूर्य का शुभ प्रभाव प्राप्त करने के लिए 1 मुखी रुद्राक्ष धारण करें। ------------------------------

कुम्भ- कुम्भ लग्न के लिए शनि, शुक्र व बुध योगकारक हैं अतः नीलम, हीरा व पन्ना धारण करें। शनि द्वादषेष भी है और बुध भी अष्...
03/07/2020

कुम्भ- कुम्भ लग्न के लिए शनि, शुक्र व बुध योगकारक हैं अतः नीलम, हीरा व पन्ना धारण करें। शनि द्वादषेष भी है और बुध भी अष्टमश का दोष होने से ग्रसित है इसलिए रत्नों के साथ 7 व 4 मुखी रुद्राक्ष धारण करें। सूर्य, चन्द्र, मंगल व गुरु अकारक हैं अतः इनका शुभ प्रभाव प्राप्त करने के लिए 1, 2, 3 व 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। यदि बुध, शुक्र व शनि अशुभ भाव में स्थित हों तो इनके लिए भी रत्न की अपेक्षा 4, 6 व 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करें।

मकर- मकर लग्न के लिए शनि, शुक्र व बुध योगकारक हैं अतः नीलम, हीरा व पन्ना धारण करना चाहिए। सूर्य, चन्द्र, मंगल व गुरु इस ...
26/06/2020

मकर- मकर लग्न के लिए शनि, शुक्र व बुध योगकारक हैं अतः नीलम, हीरा व पन्ना धारण करना चाहिए। सूर्य, चन्द्र, मंगल व गुरु इस लग्न के लिए अषुभ हैं अतः 1, 2, 3 व 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करें। यदि बुध, शुक्र व शनि अषुभ भाव में स्थित हों तो इनके लिए भी रत्न की अपेक्षा 4, 6 व 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करें।

22/06/2020

धनु- धनु लग्न के लिए गुरु, सूर्य व मंगल योगकारक हैं। अतः पुखराज, माणिक्य व मूंगा धारण करें। मंगल द्वादशेष भी है इसलिए 3 मुखी रुद्राक्ष पहनना भी आवश्यक है। अष्टमेश् चन्द्रमा के लिए 2 मुखी रुद्राक्ष धारण करें। अकारक शुक्र, बुध व शनि के लिए 6, 4 व 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करना शुभत्व देता है। यदि सूर्य, मंगल व गुरु अषुभ भाव में बैठे हों तो इनके लिए 1, 3 व 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करें

19/06/2020

वृश्चिक- वृश्चिक लग्न के लिए सूर्य, चन्द्र, मंगल व गुरु योगकारक हैं इसलिए इनके रत्न माणिक, मोती, मूंगा व पुखराज धारण करें। मंगल के षष्ठेष होने के अशुभ प्रभाव से मुक्ति हेतु 3 मुखी रुद्राक्ष धारण करें। अकारक शनि, शुक्र व बुध के लिए 7, 6 व 4 मुखी रुद्राक्ष धारण करें। यदि सूर्य, चन्द्र एवं गुरु अषुभ भाव में स्थित हों तो इनके लिए 1, 2 व 5 मुखी रुद्राक्ष ही धारण करें।

18/06/2020

तुला- तुला लग्न के लिए शुक्र, शनि व बुध योगकारक हैं इसलिए हीरा, नीलम व पन्ना धारण करें। अष्टमेश शुक्र व षष्ठेष बुध के लिए इनके साथ 6 व 4 मुखी रुद्राक्ष भी धारण करना चाहिए। सूर्य, चन्द्र, मंगल व गुरु इस लग्न के लिए अकारक हैं अतः इनके लिए रत्न की अपेक्षा 1, 2, 3 व 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करें। यदि शुक्र, शनि व बुध अशुभ भाव में बैठे हों तो रत्न की अपेक्षा 6, 7 व 4 मुखी रुद्राक्ष धारण करना ही उचित होगा।

17/06/2020

कन्या- कन्या लग्न के लिए बुध, शुक्र व शनि योगकारक हैं इसलिए पन्ना, हीरा व नीलम धारण करना शुभ रहेगा परन्तु अष्टमेष शनि व द्वितीयेष शुक्र के लिए साथ में 7 व 6 मुखी रुद्राक्ष भी धारण करे। यदि बुध, शुक्र व शनि अशुभ भाव में बैठे हों तो रत्न की अपेक्षा रुद्राक्ष ही धारण करें। कन्या लग्न के लिए सूर्य, चन्द्र व मंगल अकारक हैं इसलिए इनकी शान्ति हेतु 1, 2 व 3 मुखी रुद्राक्ष धारण करें। गुरु के केन्द्राधिपति दोष के निवारणार्थ पंचमुखी रुद्राक्ष या रुद्राक्ष माला धारण करना हितकर रहेगा।

16/06/2020

सिंह- सिंह लग्न के लिए सूर्य व मंगल योगकारक हैं। अतः इनके लिए माणिक्य व मूंगा धारण करें। अष्टमेश गुरु, द्वादशेष चन्द्रमा तथा अकारक शनि, बुध व शुक्र के लिए 5, 2, 7, 4 व 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करना शुभ रहेगा। यदि सूर्य व मंगल अषुभ भाव में स्थित हों तो इनके लिए भी 1 मुखी व 3 मुखी रुद्राक्ष ही धारण करना चाहिए।

15/06/2020

कर्क- कर्क लग्न के लिए चन्द्र, मंगल व गुरु योगकारक हैं इसलिए मोती, मूंगा व पुखराज धारण करना शुभ रहेगा परन्तु गुरु के षष्ठेष होने के अषुभ प्रभाव को कम करने हेतु साथ में पंचमुखी रुद्राक्ष भी धारण करना चाहिए। शनि, बुध, शुक्र इस लग्न के लिए अकारक हैं तथा सूर्य में मारक प्रभाव है अतः इनके लिए 7, 4, 6 व 1 मुखी रुद्राक्ष धारण करना ही बेहतर होगा। यदि चन्द्र, मंगल व गुरु भी अशुभ भाव में आ जाएं तो रत्न की अपेक्षा 2, 3 व पंचमुखी रुद्राक्ष पहनें।

14/06/2020

मिथुन- मिथुन लग्न के लिए बुध, शुक्र व शनि योगकारक हैं इसलिए आप पन्ना, हीरा व नीलम धारण कर सकते हैं परन्तु शुक्र द्वादशेश् व शनि अष्टमेश् भी है इसलिए इनका पूर्ण फल प्राप्त करने हेतु 4 मुखी रुद्राक्ष भी साथ में धारण करेंगे तो पूर्ण फल प्राप्त होता है। सूर्य, चन्द्रमा व मंगल की शुभता के लिए एक, दो व तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करें। गुरु के केन्द्राधिपति दोष के कारण गुरु का रत्न पुखराज अशुभफलदाई होता है अतः गुरु के शुभ फल हेतु रुद्राक्ष माला या पंचमुखी माला या पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करें।

13/06/2020

अब तक मैंने मेष और वृषभ लग्न के लिए जादुई उपाय उपलब्ध कराए हैं, इस पृष्ठ से जुड़े रहिए और अन्य लग्न के उपायों के बारे में जानिए !

12/06/2020

वृष- वृष लग्न के लिए शनि, शुक्र व बुध योगकारक हैं इसलिए नीलम, हीरा व पन्ना पहनना आपके लिए शुभ है। अष्टमेष गुरु एवं द्वादशेष मंगल के अशुभ प्रभाव से मुक्ति हेतु 5 मुखी एवं 3 मुखी रूद्राक्ष धारण करें। सूर्य व चन्द्रमा भी इस लग्न के लिए बाधाकारक है इसलिए इनके लिए भी 1 मुखी व 2 मुखी रुद्राक्ष धारण करें। शनि, शुक्र व बुध भी यदि छठे, आठवें या बारहवें स्थान पर आ जाते हैं तो रत्न की अपेक्षा 7, 6 व 4 मुखी रुद्राक्ष धारण करना ही श्रेष्ठ है।
मिथुन- मिथुन लग्न के लिए बुध, शुक्र व शनि योगकारक हैं इसलिए आप पन्ना, हीरा व नीलम धारण कर सकते हैं परन्तु शुक्र द्वादशेश् व शनि अष्टमेश् भी है इसलिए इनका पूर्ण फल प्राप्त करने हेतु 4 मुखी रुद्राक्ष भी साथ में धारण करेंगे तो पूर्ण फल प्राप्त होता है। सूर्य, चन्द्रमा व मंगल की शुभता के लिए एक, दो व तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करें। गुरु के केन्द्राधिपति दोष के कारण गुरु का रत्न पुखराज अशुभफलदाई होता है अतः गुरु के शुभ फल हेतु रुद्राक्ष माला या पंचमुखी माला या पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करें।

12/06/2020

मेष- इन्हें सूर्य का रत्न माणिक्य धारण करना चाहिए व तीनमुखी तथा पंचमुखी रुद्राक्ष भी पहनना चाहिए। जिन जातकों की पत्री में सूर्य शुभ प्रभाव में बली होकर बैठा है उन्हें यश, मान, कीर्तिलाभ व सत्ता की प्राप्ति होगी तथा जिनका सूर्य अशुभ भाव में बैठा है उन्हें नौकरी रोजगार व राजदण्ड आदि समस्याओं के निराकरण में सफलता प्राप्त होगी। आपके लिए सूर्य, चन्द्र मंगल व गुरु योगकारक ग्रह हैं। अतः इनके लिए माणिक्य, मोती, मूंगा व पुखराज धारण कर सकते हैं लेकिन मंगल अष्टमेश् है अतः मंगल के लिए 3 मुखी रुद्राक्ष स्वास्थवर्धक हो सकता है। गुरु के लिए द्वादशेष् होने के कारण पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करना समृद्धि कारक होगा। बुध, शुक्र व शनि इस लग्न के लिए बाधाकारक हैं अतः इन ग्रहों के लिए रत्न धारण न कर 4 मुखी, 6 मुखी व 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करना श्रेष्ठ है। यदि सूर्य, चन्द्र भी छठे, आठवें एवं बारहवें स्थान पर आ जाते हैं तो रत्न की अपेक्षा 1 मुखी व 2 मुखी रूद्राक्ष धारण करना ही श्रेष्ठ है।

Address

Noida
201301

Telephone

+915699569999

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Nakshatraspeaks posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Practice

Send a message to Nakshatraspeaks:

Share

Share on Facebook Share on Twitter Share on LinkedIn
Share on Pinterest Share on Reddit Share via Email
Share on WhatsApp Share on Instagram Share on Telegram