Ayurveda Health Advisor & Social Worker

Ayurveda Health Advisor & Social Worker TAKE ACTION & GAIN AVERYTHING

--- लक्कड़ हजम पत्थर हजम --- ☘️🍃🌿🥬🫒🎋🌾🍀*PREM SHARMA  9454873254 आयुर्वेदाचार्य / वैलनेस कोच ((उ0 प्र0))**शेयर करें*हाजमे ...
05/12/2024

--- लक्कड़ हजम पत्थर हजम ---
☘️🍃🌿🥬🫒🎋🌾🍀
*PREM SHARMA 9454873254 आयुर्वेदाचार्य / वैलनेस कोच ((उ0 प्र0))*

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हाजमे का जबरदस्त पाउडर

आज का फार्मूला भूख नहीं लगने वाले लोगों के लिए खास पेशकश है।
ऐसे बच्चे. बूढ़े. जवान. मर्द. औरतें जिन्हें भूक नहीं लगती खाना हजम नहीं होता
थोड़ा सा खाना खाकर मन भर जाता है लेकिन भूख लगी रहती है
ऐसे बच्चे जिन्हें लालच देकर खाना खिलाना पड़ता है
आफिस में काम करने वाले ऐसे लोग जो सुबह नाश्ता करलें तो उन्हें शाम तक भूख नहीं लगती
पेट से परेशान लोग यह फार्मूला बना लें।
फायदा न हो तो मेहनत समेत कीमत मुझ से लेलें।

-------- फार्मूला नोट करें -------

नोशादर ठीकरी(पापड़ा नोशादर)- 25 ग्राम
सौंफ -25 ग्राम
काला नमक -25 ग्राम
सोंठ -25 ग्राम
काली मिर्च -25 ग्राम
सूखा पुदीना- 25 ग्राम
इलाइची दाना -25 ग्राम
दालचीनी- 25 ग्राम
टंकण भस्म (फुलाया हुआ सुहागा)-25 ग्राम
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सभी चीज़ें बराबर वजन में साफ सुथरी लेकर खुद भी कंकर मिट्टी से साफ करलें।
अच्छे से पीसकर पाउडर बना लें।
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सेवन विधि
आधा ग्राम
सुबह दोपहर शाम खाना खाने के 30 मिनट बाद ताजे पानी से
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अगर खाने में मजा नहीं आता हो और मुंह में पानी भी आता हो इस स्तिथि में भी यह पाउडर बहुत बहतरीन रिजल्ट देता है।
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एक बात हमेशा ध्यान रखें कि अगर मुंह से पानी आता है तो साथ साथ पेट के कीड़ों का इलाज भी करें।
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यह दवा स्पेशल भूख के लिए लिखी गई है। आप यह दवा साफ सुथरी जड़ी बूटियां लेकर बनायें।
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प्रतिदिन आयुर्वेद से जुड़ी जनाकारी पाने के लिए एवं किसी अन्य बीमारियों के लिए संपर्क करें
*9454873254*
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समय मिलने पर आपके msz का जबाब diya जायेगा

*शेयर करें*फेफड़ो की सफाई करने का घरेलू नुस्खा, एक बार प्रयास करके देखें...*प्रेम शर्मा 094548 73254  आयुर्वेदाचार्य / वै...
28/11/2024

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फेफड़ो की सफाई करने का घरेलू नुस्खा, एक बार प्रयास करके देखें...

*प्रेम शर्मा 094548 73254 आयुर्वेदाचार्य / वैलनेस कोच ((उ 0प्र 0))*
🫒🥬🌿🌾🎋🍃🍀☘️
यह नुस्खा फेफड़ों को, धूम्रपान या किसी और तरह से होने वाले नुक्सान से बचा कर रखेगा।

▪️▪️जानिये इस नुस्खे के बारे में...

◼️सामग्री ....

■ 1 इंच अदरक

■ 400ग्राम प्याज

■ 400 ग्राम शुद्ध शहद

■ 2 चम्मच हल्दी पाउडर

■ 1 लीटर पानी

▪️▪️विधि/इस्तेमाल करने का तरीका....

● पानी आग पर रखे और उबालें।

● जब यह उबलने लगे तो इसमें कटा हुआ अदरक और प्याज डालें।

● अब मिश्रण में हल्दी एवम शहद डाल कर इसे तब तक धीमी आग पर रखें जब तक यह सारा मिश्रण कम हो कर आधा नहीं रह जाता।

● जब यह मिश्रण आधा रह जाए तो इसे आग से हटा लें और इस मिश्रण को सामान्य तापमान तक ठंडा होने दें।

● मिश्रण ठंडा होने के बाद इस मिश्रण को ग्लास जार में निकाल कर फ्रिज में स्टोर करके रखें।

2 चम्मच रोजाना खाली पेट
और 2 चम्मच रात को सोने से
2 घंटे पहले इस मिश्रण का सेवन
आपके फेफड़ों को समय से पहले खराब होने से बचा सकता है।

धूम्रपान आपकी और आपके आस पास के लोगों की सेहत के लिए बहुत हानिकारक है। इसे जल्द से जल्द त्याग कर स्वस्थ जीवन का आनंद प्राप्त करें।

अपनी किसी भी प्रॉब्लम की जानकारी एवं आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए पहले अपनी प्रॉब्लम अपने नाम के साथ व्हाट्सएप कर दीजिए। समय मिलते ही आपकी प्रॉब्लम का जवाब दिया जाएगा।
*9454873254*

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*शेयर करें*☘️🍀🍃🎋🥬🫒🌾🌿उच्च रक्तचाप (High BP), अनिद्रा का स्थायी उपचार*प्रेम शर्मा 9454873254 आयुर्वेदाचार्य / वैलनेस कोच (...
26/11/2024

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☘️🍀🍃🎋🥬🫒🌾🌿
उच्च रक्तचाप (High BP), अनिद्रा का स्थायी उपचार

*प्रेम शर्मा 9454873254 आयुर्वेदाचार्य / वैलनेस कोच ((उ0 प्र0))*

जो मरीज हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हों, रोज दवा लेने की ज़रूरत पड़ती हो उनके लिए अमृत योग:
100 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण
100 ग्राम ब्राह्मी चूर्ण
100 ग्राम जटामांसी चूर्ण
इन तीनों औषधि को मिला कर रखें, ।सुबह शाम आधा आधा चम्मच चूर्ण 1 चम्मच शहद या दूध की मलाई या गुनगुने पानी के साथ लेना शुरू करें।
पहले 10 दिन तक अपनी पहले से चल रही दवा के साथ ही इसे लें, उसके बाद ऐलोपैथी की दवा एक दिन छोड़ कर 7 दिन तक इसके साथ लें, ऐसे ही कम करते हुए 15 दिनों में ऐलोपैथी दवा बन्द करनी है,
ये योग नियमित लेते रहें, इस उपचार को 2 से 3 महीने नियमित करना है।
अपने भोजन में दालचीनी की लकड़ी का चूर्ण प्रतिदिन आधा चम्मच तक शामिल करें।
हाई ब्लड प्रेशर, अनिद्रा (नींद न् आना), मानसिक तनाव आदि समस्याएं स्थाई रूप से ठीक हो जाएंगी।*

अन्य बीमारियों के लिए संपर्क करें
094548 73254

*शेयर करें*टाइफाइड के लिए सरल उपाय🌿🌾🥬🎋🍃🌿🫒☘️🍀*प्रेम शर्मा,9454873254 आयुर्वेदाचार्य /वैलनेस कोच(( उ0 प्र0))*सामग्री:  - *...
25/11/2024

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टाइफाइड के लिए सरल उपाय
🌿🌾🥬🎋🍃🌿🫒☘️🍀
*प्रेम शर्मा,9454873254 आयुर्वेदाचार्य /वैलनेस कोच(( उ0 प्र0))*
सामग्री:
- **लौंग** – 2 नग
- **तुलसी के पत्ते** – 5-7 नग (अधिक प्रभावी परिणाम के लिए पत्तों की संख्या बढ़ाएं)
- **सोंठ (शुष्क अदरक)** – 1 ग्राम
- **काली मिर्च** – 2 नग
- **अपामार्ग जड़** – 1 अंगुल के पोर बराबर

विधि:
1. सभी सामग्री को 2 कप पानी में डालकर धीमी आंच पर पकाएं।
2. पानी को उबालते-उबालते जब यह 1 कप रह जाए, तो इसे छान लें।
3. इसे गुनगुना करके सुबह और शाम मरीज को पिलाएं।

विशेषता:
- **अपामार्ग जड़** टाइफाइड के विषाणु को नष्ट करने में मदद करती है।
- तुलसी और सोंठ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
- काली मिर्च और लौंग संक्रमण को नियंत्रित करते हैं और शरीर की गर्मी को संतुलित करते हैं।
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अन्य बीमारियों के लिए संपर्क करें *9454873254*

बुस्टर 👊💪चूर्ण 🫒🌿☘️🥬🍃🌾🍀🎋*प्रेम शर्मा 094548 73254  आयुर्वेदाचार्य / वैलनेस कोच ((उ0 प्र0))*🍃🌾🍀🎋🥬☘️🌿🫒250 ग्राम  मैथीदाना....
15/11/2024

बुस्टर 👊💪चूर्ण
🫒🌿☘️🥬🍃🌾🍀🎋
*प्रेम शर्मा 094548 73254 आयुर्वेदाचार्य / वैलनेस कोच ((उ0 प्र0))*
🍃🌾🍀🎋🥬☘️🌿🫒
250 ग्राम मैथीदाना...

100 ग्राम अजवाईन...

50 ग्राम काली जीरी....

उपरोक्त तीनो चीजों को साफ-सुथरा करके हल्का-हल्का सेंकना(ज्यादा सेंकना नहीं) ।

तीनों को अच्छी तरह मिक्स करके मिक्सर में पावडर बनाकर डिब्बा-शीशी या बरनी में भर लेवें।

रात्रि को सोते समय एक चम्मच पावडर एक गिलास पूरा कुन-कुना पानी के साथ लेना है।

गरम पानी के साथ ही लेना अत्यंत आवश्यक है , लेने के बाद कुछ भी खाना पीना नहीं है।

यह चूर्ण सभी उम्र के व्यक्ति ले सकतें है।

चूर्ण रोज-रोज लेने से शरीर के कोने-कोने में जमा पडी गंदगी(कचरा) मल और पेशाब द्वारा बाहर निकल जाएगी ।

पूरा फायदा तो 80-90 दिन में महसूस करेगें, जब फालतू चरबी गल जाएगी, नया शुद्ध खून का संचार होगा । चमड़ी की झुर्रियाॅ अपने आप दूर हो जाएगी।

शरीर तेजस्वी, स्फूर्तिवाला व सुंदर बन जायेगा ।

फायदे....

1. गठिया दूर होगा और गठिया जैसा जिद्दी रोग दूर हो जायेगा ।

2. हड्डियाँ मजबूत होगी ।

3. आख का तेज बढ़ेगा ।

4. बालों का विकास होगा।

5. पुरानी कब्जियत से हमेशा के लिए मुक्ति।

6. शरीर में खुन दौड़ने लगेगा ।

7. कफ से मुक्ति ।

8. हृदय की कार्य क्षमता बढ़ेगी ।

9. थकान नहीं रहेगी, घोड़े की तहर दौड़ते जाएगें।

10. स्मरण शक्ति बढ़ेगी ।

11. स्त्री का शारीर शादी के बाद बेडोल की जगह सुंदर बनेगा ।

12. कान का बहरापन दूर होगा ।

13. भूतकाल में जो एलाॅपेथी दवा का साईड इफेक्ट से मुक्त होगें।

14. खून में सफाई और शुद्धता बढ़ेगी ।

15. शरीर की सभी खून की नलिकाए शुद्ध हो जाएगी ।

16. दांत मजबूत बनेगा, इनेमल जींवत रहेगा ।

17. नपुसंकता दूर होगी।

18. डायबिटिज काबू में रहेगी, डायबिटीज की जो दवा लेते है वह चालू रखना है। इस चूर्ण का असर दो माह लेने के बाद से दिखने लगेगा ।

जीवन निरोग,आनंददायक, चिंता रहित स्फूर्ति दायक और आयुष्ययवर्धक बनेगा ।
अन्य बीमारियों के संपर्क करें

*9454873254*
जीवन जीने योग्य बनेगा ।

शेयर करें 100 लोगो को यह msz किसी का जीवन बना सकता है

💎वात रोग नाशक योग💎🍀🍃🌾🫒🥬☘️🌿🎋*प्रेम शर्मा 094548 73254 **आयुर्वेदाचार्य / वैलनेस कोच ((उ 0प्र 0))*💎इस से वात के सभी प्रकार...
13/11/2024

💎वात रोग नाशक योग💎
🍀🍃🌾🫒🥬☘️🌿🎋
*प्रेम शर्मा 094548 73254 *
*आयुर्वेदाचार्य / वैलनेस कोच ((उ 0प्र 0))*

💎इस से वात के सभी प्रकार के रोग से निजात पा सकते है। जैसे पक्षाघात (लकवा), अर्दित (मुंह का लकवा), दर्द, गर्दन व कमर का दर्द,अस्थिच्युत (डिसलोकेशन), अस्थिभग्न (फ्रेक्चर) एवं अन्य अस्थिरोग, गृध्रसी (सायटिका), जोड़ों का दर्द, स्पांडिलोसिस आदि तथा दमा, पुरानी खांसी,हाथ पैरों में सुन्नता अथवा जकड़न, कंपन्न आदिके साथ वात के सभी प्रकार के रोग मे योग असरकारक है।
सोंठ,
काली मिर्च,
पीपर,
दालचीनी,
इलायची,
तमालपात्र,
नागकेशर,
पीपरामूल,
वायविडंग,
अजवायन,
लौंग,
च्यवक,
चित्रक,
हल्दी,
दारूहल्दी,
पुष्करमूल,
रास्ना,
देवदार,
पुनर्नवा,
गोखरू,
अश्वगंधा,
शतावरी,
विधारा,
नीम, व कौंचा के बीज का चूर्ण.........आदि
💎प्रतिदिन 5 ग्राम की मात्रा में, सुबह गाय के दूध के साथ लें (पाचनशक्ति उत्तम हो तो शाम को पुनः ले सकते हैं।)परंतु ध्यान रखें।
💎 इसका सेवन कर रहे हैं तो भोजन में मूली, अधिक तेल व घी तथा खट्टे पदार्थों का सेवन न करें और स्नान व पीने के लिए गुनगुने पानी का प्रयोग करें।
💎अगर आप भी किसी समस्या से परेशान है और निजात पाना चाहते हो तो *9454873254* आयुँवेदिक औषधियॉ का सेवन करे और समस्या का समाधान करे।

*किसी रोगी को बनाने मे अशुविधा हो तो बना हुआ लेने के लिए संपर्क करें & शेयर करें*

मासिक धर्म अनियमितता  पीरियड्स रेगुलर न आना।🥬☘️🍃🌿🌾🎋🫒🍀 *प्रेम शर्मा  094548 73254  आयुर्वेदाचार्य वेलनेस कोच(( उत्तर प्रद...
12/11/2024

मासिक धर्म अनियमितता पीरियड्स रेगुलर न आना।
🥬☘️🍃🌿🌾🎋🫒🍀
*प्रेम शर्मा 094548 73254 आयुर्वेदाचार्य वेलनेस कोच(( उत्तर प्रदेश))*

आज हम महिलाओ के स्वास्थ हेतु पोस्ट कर रहा हुँ।

जिन महिलाओ को मासिक धर्म नियमित रूप से नहीं होता है, वह इन उपाय को कर के देखे अवश्य लाभ होगा। आयुर्वेद में हर समस्या का उपाय है बस उसका उपयोग ठीक से करे।

कलौंजी

2 ग्राम कलौंजी को पीसकर उसे पानी के साथ खा लेने से मासिक धर्म (पीरियड्स) रेगुलर आते है। दिन में एक बार ही सेवन करे।

अजवायन

अगर आप की तारीख निकल चुकी है। और मासिकधर्म नहीं आये, तो 3 ग्राम अजवायन को पीसकर, भैस के दूध के साथ मिक्स कर के पी ले अवश्य पीरियड्स शुरू हो जायेगे।

गाजर के बीज

जिसे मासिकधर्म न होते हो, या मासिकधर्म में काफी दर्द हो, तो ऐसे वक्त सुबह शाम गिलास पानी में गाजर के बीज 2 चम्मच और 4 ग्राम गुड़ को लेकर तीनो को उबाले और गरम गरम पिए।

अंगूर

150 ग्राम अंगूर का सेवन रोज करे। इससे और भी लाभ मिलेंगे और मासिक धर्म भी नियमित होगा।

नोट

मासिक धर्म नियमित आना जरुरी है,,,अगर नहीं आता हो तो इससे आप के चहरे की रौनक चली जाएगी। चहरे पे दाग धब्बे होने लगेंगे जो फिर जिंदगीभर ठीक नहीं होंगे। समय पे समस्या को समाप्त करे।


अगर आपको किसी बीमारी का इलाज करवाना हो तो आप बीमारी के बारे में बताकर या परेशानी के बारे मे बता कर आयुर्वेदिक औषधियां मंगवा सकते हैं।..

किसी भी जानकारी के लिए या ट्रीटमेंट के लिए आप पहले हमें अपनी प्रॉब्लम व्हाट्सप पर शेयर कर दीजिये (9454873254)समय मिलते ही आपको जवाब दिया जायेगा...
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सभी सुखी और निरोगी

महिलाओ के बन्द गर्भाशय की नलिका खोलने का आयुर्वेदिक उपचार~ *प्रेम शर्मा 9454873254 आयुर्वेदाचार्य /वेलनेस कोच ((उत्तर प्...
10/11/2024

महिलाओ के बन्द गर्भाशय की नलिका खोलने का आयुर्वेदिक उपचार~

*प्रेम शर्मा 9454873254 आयुर्वेदाचार्य /वेलनेस कोच ((उत्तर प्रदेश ))*

रोज 45-45 मिनट ,कपालभांति और अनुलोम विलोम करे यह अकेला उपाय बन्द नलिका को 3 माह में खोल देता है

आवश्यक सामाग्री:-

काले तिलों का चूर्ण - 30 ग्राम
अजवायन का चूर्ण – 25 ग्राम
गाजर के बीज का चूर्ण –50 ग्राम
सौंठ का चूर्ण – 50 ग्राम
लौहभस्म - 25 ग्राम
शंखभस्म - 15 ग्राम
गर्भ चिंतामणि रस- 10 ग्राम
अर्क गुलाब - 10 ग्राम

सबको आपस में मिलाकर अच्छे से खरल में घूटाई करें तथा अर्क गुलाब छिड़कते रहे घूटाई करते वक्त, उसके बाद किसी एयर टाइट डिब्बे में रख ले यह 30 दिन की दवा है।

3-3 ग्राम सुबह और शाम भोजन से आधा घंटा पहले पानी, शहद या मलाई के साथ लेना है, सबसे उत्तम शहद है।

अन्य समस्या के लिए संपर्क करें 094548 73254

⚫⚫⚫⚫कान दर्द से तुरंत छुटकारा पाने के सफल घरेलू नुस्खे और दवा.....🍀🥬🌿🍃☘️🌾🎋🫒* *प्रेम शर्मा 094548 73254 * *आयुर्वेदाचार्य...
09/11/2024

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कान दर्द से तुरंत छुटकारा पाने के सफल घरेलू नुस्खे और दवा.....
🍀🥬🌿🍃☘️🌾🎋🫒
* *प्रेम शर्मा 094548 73254 * *आयुर्वेदाचार्य/ वेलनेस कोच (( उत्तर प्रदेश ))*
*
◼️1. ये होम रेमेडी बड़ी ही आसान है जैतून के तेल को हल्का गर्म करे और उसकी 4-5 बूंदे कान में डाले। ये नुस्खा करने के दूसरा आसान तरीका है एक रुई का टुकड़ा तेल में डुबाए और उसे कान पर लगा के रखे। अगर आपके घर में जैतून का तेल नहीं है तो आप सरसों का तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

◼️2. लह्सुन के 2 कलिया ले और उनपे दबाव डालकर पेस्ट बना ले और उसमे 2 चमच्च सरसों का तेल मिलाए। अब इस मिश्रण को गर्म करे जब तक लह्सुन का रंग भूरा ना हो जाए। अब इसे थोडा ठंडा होने के बाद इसकी कुछ बुँदे कान में डाले। कुछ ही समय में आपको कान दर्द में राहत महसूस होने लगेगी।

◼️3. एक साफ़ प्याज़ का टुकड़ा ले और उससे रस निकल ले। इस रस को धीमी आग में हल्का गर्म करे। अब इस हलके गर्म प्याज़ के रस की 2-3 बुँदे कान में डाले। ऐसा आप दिन में 2 बार सुबह शाम करे।

◼️ 4. आपको बस नमक को हलकी आंच पर थोडा गर्म करना है और रुई के एक छोटे टुकड़े पर हल्का गर्म नमक रखे। और इस रुई को 10 मिनट के लिए कान पर रखे।

◼️ 5. पहला तरीका है कुछ पुदीने की ताज़ा पत्तियों का जूस निकाले और इस रस की कुछ बूंदे कान में डाले। दूसरा तरीका है रुई को पुदीने के तेल में बिगोए और उससे कान के बाहरी तरफ कुछ समय के लिए रखे। ध्यान रहे पुदीने का तेल कान के अंदर ना जाने पाए।
🥬🌿🍃🎋🌾☘️🍀🫒
अपनी किसी भी प्रॉब्लम की जानकारी एवं आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए पहले अपनी प्रॉब्लम अपने नाम के साथ व्हाट्सएप
*9454873254* कर दीजिए।
समय मिलते ही आपकी प्रॉब्लम का जवाब दिया जाएगा।

---: आयुर्वेद के कुछ अचूक उपाय :---🍀☘️🌾🎋🥬🌿🍃🫒*प्रेम शर्मा  9454873254**आयुर्वेदाचार्य / वैलनेस कोच ((उत्तर प्रदेश))*  काल...
08/11/2024

---: आयुर्वेद के कुछ अचूक उपाय :---
🍀☘️🌾🎋🥬🌿🍃🫒
*प्रेम शर्मा 9454873254*
*आयुर्वेदाचार्य / वैलनेस कोच ((उत्तर प्रदेश))*

कालापन --
हल्दी के चूर्ण को आक (मदार ) - के दूध में मिलाकर, चेहरे पर लेप करने से, मुँह का कालापन दूर हो जाता है।

हृदयरोग -------
(क) अर्जुन की छाल, रात में एक गिलास पानी में भिगो दे। सुबह दातौन करने के पश्चात् , छानकर पी ले। हृदय रोग जड़ से चला जायगा।

(ख) विजयसार की लकड़ी के गिलास में, पानी पीने से भी हृदयरोग में आराम होता है। अगर लकड़ी हो, तो उसे एक गिलास पानी में रात को भिगो दे। फिर दूसरे दिन भी पानी में , उसी लकड़ी को डालकर, पानी का प्रयोग करे।

मधुमेह (शुगर)---
शहदइया की जड़ 11 ग्राम 500 मिलीग्राम साफ - सुथरा कर, उसमें चार-पाँच काली मिर्च मिलाकर पीस ले, गाय का दूध 250 या 500 ग्राम लेकर, उसी के साथ निगल जाय। दातौन करने के पश्चात्, सुबह लगातार इक्कीस दिन करना है। बीच में नागा नहीं करना है। परंतु गरमी में ही करना है, जाड़े में करने से, गठिया का रोग हो सकता है।

बहता खून बंद करना ---
काले कुकरौंधा के पत्ते का रस, हाथ से निकालकर कटे हुए स्थान पर डाले, बहता हुआ रक्त तुरंत बंद हो जायगा।

पेट के अंदर से रक्त आता हो ---
सफेद दूर्वा (दूब) लेकर पीस ले और उसे चीनी या गुड़ डालकर शर्बत बनाकर रोगी को पिला दे, रक्त तुरंत बंद कर देगा। यह दो-तीन बार देना है।

शरीर के अंदर से कट-कटकर, रक्त कहीं से आता हो ।.... खस (कतरा)- की जड़, कमल का फूल और दूर्वा (दूब), पुराने चावल (चावल जितना ही पुराना हो अच्छा रहेगा। कम-से-कम, एक साल का पुराना अवश्य हो)- के पानी में पीसकर, रोगी को एक गिलास जल में , शर्बत बनाकर पिला दे। रक्त तुरंत बंद हो जायगा । इसे दो-तीन बार देना चाहिये।

जूंए की औषधी --
शरीफा (मेवा) - की गुद्दी को निकालकर पीस डाले और उसे पानी में घोल दे, सिर में लगाये, सभी जूँए समाप्त हो जायँगी।
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*🩸सभी असाध्य रोगों में परामर्श करें🩸*
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{ 094548 73254 }

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*(कृपया इसे जनहित में जरूर शेयर करें)*

सफेद दाग होने के कारण, इससे निजात पाने के सबसे आसान घरेलू उपाय-प्रेम शर्मा (9454873254)(आयुर्वेदाचार्य/हेल्थ & वेलनेस को...
07/11/2024

सफेद दाग होने के कारण, इससे निजात पाने के सबसे आसान घरेलू उपाय-

प्रेम शर्मा (9454873254)
(आयुर्वेदाचार्य/हेल्थ & वेलनेस कोच इंडिया)

सफेद दाग के रोग में चमड़ी के ऊपर का भाग सफेद हो जाता है जिसे सफेद दाग या श्वेत कुष्ठ कहते हैं। इस रोग में शरीर में कही दर्द नहीं होता है और न ही यह फैलने वाला रोग है। सफेद दाग के रोग में सबसे पहले शरीर पर काले धब्बे (निशान) से बन जाते है।

फिर त्वचा में जलन और खुजली मचने लगती है और त्वचा बिल्कुल सुन्न हो जाती है और फिर कुछ समय में शरीर पर जगह-जगह सफेद दाग दिखाई देने लगते हैं। शुरूआत में यह दाग हाथों, कोहनी, चेहरा, घुटने, पैर और जो अंग दबाने से ग्रस्त होते हैं जैसे कमर में नाड़ा बांधने की जगह आदि स्थानो पर हो जाते हैं। धीरे-धीरे यह दाग एक-दूसरे से मिलते हुए पूरे शरीर पर फैल जाते हैं।

इन दागों में किसी प्रकार का दर्द नहीं होता। इसलिये जब यह छोटा सा दाग होता है तो रोगी इसकी तरफ ज्यादा ध्यान नहीं देता। जब अंगुलियों, हथेली, पैरों के तलवे पर, होठों पर यह सफेद दाग हो जाते हैं तो इनको ठीक कराने में बहुत ज्यादा समय लगता है तथा शरीर के सारे अंग सफेद होने पर इस रोग के ठीक होने की संभावना बहुत ही कम रहती है। यह रोग वैसे तो छूत का नहीं होता है पर अक्सर लोग इस रोग के रोगी को अजीब तरह से देखते है।

सफेद दाग होने के कारण :

आयुर्वेद के मुताबिक सफेद दाग ज्यादातर उन लोगों को होता है, जो परस्पर विरुद्ध वाले भोजन करते हैं जैसे दूध के ऊपर मछली खाना। इसके अलावा डकार , छींक, उल्टी, शौच (टट्टी), मूत्र (पेशाब) आदि को आने से रोकने के कारण भी ये रोग हो जाता है। ज्यादातर धूप में काम करने से, भोजन करने के बाद कसरत करने से, खट्टी और ज्यादा गर्म चीजे खाने से भी यह रोग हो जाता है। वायु (गैस), पित्त, तथा कफ (बलगम) खराब होकर शरीर में खून, चर्बी और मांस का रूप बिगाड़ देते हैं। यह रोग वंशानुगत (पहले कभी घर में किसी को हुआ हो) तो भी हो जाता है। शरीर में उपदंश या नाड़ी की खराबी के कारण भी शरीर पर सफेद दाग हो जाते हैं।

सफेद दाग में भोजन और परहेज :

सफेद दाग के रोग में भोजन हमेंशा ताजा और शाकाहारी करना चाहिये।

सफेद दाग से पीड़ित रोगी को त्रिफला के पानी में भिगोए हुए अंकुरित चने, मूंग, पालक, गाजर , परवल, बथुआ, चोकर के आटे की रोटी, कैल्शियम और विटामिन `डी´ वाली चीजों का सेवन करना चाहिए और शरीर में सूरज की किरणे लगानी चाहिए।

रोगी को जिस भोजन को खाकर ठंड़क मिले वो ही भोजन करना चाहिये।

सफेद दाग के रोग में भोजन में खट्टे पदार्थ, तेल, लालमिर्च और गर्म मसालों का सेवन बन्द कर देना चाहिये और नमक भी कम खाना चाहिए।

सफेद दाग के रोग में मांस बिल्कुल नहीं खाना चाहिए।

सफेद दाग के रोग से ग्रस्त रोगी को मीठी चीजों का सेवन कम करना चाहिए।

सफेद दाग के लिए 40 आसान और कारगर घरेलू उपाय

कालीमिर्च : थोड़ी सी पिसी हुई कालीमिर्च को सिरके में मिलाकर त्वचा पर लगाने से सफेद दाग मिट जाते हैं।

सेंधानमक : 1 चुटकी सेंधानमक और 6 ग्राम बावची को मिलाकर पानी के साथ खाने से सफेद दाग दूर हो जाते हैं।

लहसुन : हरड़ को घिसकर लहसुन के रस में मिलाकर लेप करने से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं। लहसुन को खाने से भी सफेद दाग ठीक हो जाते हैं। सफेद दाग के रोग में लहसुन जरूर खाने चाहिये। लहसुन के रस को निकालकर लगाने से सफेद दाग जल्दी ठीक हो जाते हैं। लहसुन का रस त्वचा के सफेद दागों पर लगाने से लाभ होता है।

केला : केले के पत्ते को जलाकर बिल्कुल राख बना लें। अब इसमें थोड़ा सा मुर्दा शंख को पीसकर मिला लें। दोनो कों तिल्ली के तेल में मिलाकर लगाने से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं।

चूना : 1 चम्मच चूना और 5 ग्राम हरताल को एक साथ पीसकर नींबू के रस में मिलाकर लगभग 2 महीने तक सफेद दागों पर लगाने से लाभ होता है।

अंजीर : अंजीर के कच्चे फलों से दूध निकालकर सफेद दागों पर लगातार 4 महीने तक लगाने से सफेद दाग मिट जाते हैं। अंजीर को घिसकर नींबू के रस में मिलाकर सफेद दाग पर लगाने से लाभ होता है। अंजीर के पत्तों का रस श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) पर सुबह और शाम लगाने से लाभ होता है।

उड़द : काले उड़द को पीसकर सफेद दागों पर दिन में 3-4 बार लगाने से सफेद दागों का रंग वापस शरीर के बाकी रंग की तरह होने लगता है। उड़द को पानी में भिगोकर और पीसकर सफेद दागों पर लगातार 4 महीने तक लेप करने से सफेद दाग मिट जाते हैं।

तुलसी : तुलसी के पौधे की जड़ और तने को साफ करके छोटे-छोटे टुकड़े कर लें। फिर इसे आधा किलो शुद्ध तिल के तेल में डालकर आग पर अच्छी तरह से पका लें और छानकर एक शीशी में भर लें। इस तेल को दिन में 3-4 बार रूई के फाये से लगाने से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं। या 1 तुलसी का ताजा हरा पौधा जड़ के साथ लेकर धोकर साफ कर लें। फिर इसे पीसकर आधा किलो पानी और 500 मिलीलीटर तेल में मिलाकर हल्की-हल्की आग पर पकाने के लिये रख दें। जब पकते हुयें पानी जल जाये और बस तेल बाकी रह जाये तो इसे निकालकर छान लें। यह तुलसी का तेल बन गया। इस तेल को सफेद दागों पर लगाने से लाभ होता है। या काली तुलसी के रस में थोड़ी सी गोलमिर्च मिलाकर रोजाना 2 बार सेवन करने से सफेद दाग में लाभ मिलता है।

नीम : नीम के तेल में चालमोंगरे का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर शीशी में भरकर रख लें। इस तेल को सफेद दागों पर लगाने और 5 से 6 बूंदे बताशे में डालकर खाने से सफेद दाग में लाभ मिलता है। या नीम की पत्तियों और फूलों को पानी के साथ पीसकर सफेद दागों पर लगाने से लाभ होता है। या नीम के ताजे कोमल पत्ते और 10 ग्राम हरे आंवला को पीसकर 50 मिलीलीटर पानी में मिलाकर और छानकर पीने से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं।

हल्दी : 10-10 ग्राम हल्दी, शीतलचीनी, सोना गेरू, बावची और नीम की छाल को लेकर सुखाकर पीस लें। इसमें से 10 ग्राम चूर्ण को शीशे के बर्तन में कम से कम 6 घंटे तक भिगोकर रखें। फिर इसे छानकर इसमें 2 चम्मच शहद मिलाकर पी जायें। इसके अन्दर बाकी बची हुई गाढ़ी चीजों का लेप बनाकर सफेद दागों पर लगाएं। यह क्रिया कम से कम 2 महीने तक करें। या 5-5 ग्राम दोनों हल्दी, केले का खार (रस), मूली के बीज, हरताल, देवदारू और शंख का चूर्ण बराबर मात्रा में लेकर नागरबेल के पत्तों के रस या नीम के तेल में मिलाकर लेप करने से सफेद दागों के रोग में लाभ होता है। या 10-10 ग्राम हल्दी, हरताल, आक की जड़, गंधक और कुटकी को एक साथ पीसकर गाय के पेशाब में मिलाकर 1 सप्ताह तक लेप करने से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं।

11-हरताल : 10 ग्राम हरताल, 20 ग्राम गंधक, 10 ग्राम मैनसिल, 10 ग्राम नीला थोथा, 10 ग्राम मुर्दाशंख, 10 ग्राम सिंदूर, 10 ग्राम सुहागा और 10 ग्राम पाराभस्म को एक साथ पीसकर आधे कप नींबू के रस में मिलाकर लगातार 2 महीने तक सफेद दागों पर लगाने से लाभ होता है।

नारियल : 10 ग्राम नारियल के तेल में 1 ग्राम नौसादर को डालकर अच्छी तरह से मिलाकर लेप बना लें। रात को सोते समय इस लेप को लगाने से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं।

काली जीरी: 3-ग्राम काली जीरी को पीसकर 25-ग्राम शक्कर के साथ खाने से सफेद दाग जल्दी ही ठीक हो जाते हैं।

कत्था और आंवला : 20-20 ग्राम खादिरसार (कत्था) और आंवला को लेकर 400 मिलीलीटर पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े में 5 ग्राम बावची का चूर्ण मिलाकर खाने से श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) ठीक हो जाता है।

अंकोल: श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) में अंकोल का तेल लगाने से बहुत लाभ होता है

अनार : अनार के पत्तों को छाया में सुखाकर बारीक पीस लें और कपड़े में छान लें। इस चूर्ण की 8-8 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम ताजे पानी से फंकी लेने से सफेद दाग दूर हो जाते हैं। अनार का सेवन सफेद दागों के रोग में बहुत ही लाभदायक है। या अनार के पत्तों के रस को शहद के साथ सेवन करने से भी सफेद दागों में लाभ होता है।

कूट : कूट , चकबड़, सेंधानमक, बायबिडंग और सरसों के दानों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। इसमें थोड़ा सा तिल्ली का तेल मिलाकर त्वचा पर लगाने से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं।

पीपल : 20-20 ग्राम बायविडंग, त्रिफला चूर्ण और पीपल को पीसकर शीशी में भर लें। इसमें से 2 चम्मच चूर्ण गाय या भैंस के घी में मिलाकर रोजाना सेवन करने से सफेद दागों के रोग में लाभ होता है।

कुटकी : मंजीठ, त्रिफला, कुटकी, बच, दारूहल्दी, नीम की छाल और गिलोय को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर 40 दिनों तक सेवन करने से सफेद दाग का रोग ठीक हो जाता है।

आलूचा: रोजाना आलूचा खाने से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं।

काजू : रोजाना काजू खाने से श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) का रोग कुछ ही समय में समाप्त हो जाता है।

कठमूर : कठूमर के फलों को सुखाकर चूर्ण बनाकर रोजाना 2 बार सेवन करने से सफेद दाग दूर हो जाते हैं।

अखरोट : रोजाना अखरोट खाने से श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) का रोग नहीं होता है और स्मरण शक्ति (याददाश्त) भी तेज हो जाती है।

काले चने : मुट्ठी भर काले चने और 10 ग्राम त्रिफला के चूर्ण (हरड़, बहेड़ा, आंवला) को 125 मिलीलीटर पानी में भिगो दें। कम से कम 12 घंटों के बाद इन चनों को मोटे कपड़े में बांधकर रख दें और बचे हुए पानी कपडे़ की पोटली के ऊपर डाल दें। फिर 24 घंटे के बाद पोटली को खोल दें। अब तक इन चनों में से अंकुर निकल आयेंगे। यदि किसी मौसम में अंकुर न भी निकले तो चनों को ऐसे ही खा लें। इस तरह से अंकुरित चनों को चबा-चबाकर लगातार 6 हफ्तों तक खाने से सफेद दाग दूर हो जाते हैं।

अदरक : 30 मिलीलीटर अदरक का रस और 15 ग्राम बावची को एक साथ मिलाकर और भिगोकर रख दें। जब अदरक का रस और बावची दोनों सूख जाये तो इन दोनों के बराबर लगभग 45 ग्राम चीनी को मिलाकर पीस लें। अब इसकी 1 चम्मच फंकी को ठंड़े पानी से रोजाना 1 बार खाना खाने के 1 घंटे के बाद लेने से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं।

छाछ : सफेद दागों के रोग में रोजाना 2 बार छाछ पीने से बहुत ही लाभ मिलता है।

बथुआ : बथुए की सब्जी खाने से सफेद दाग में लाभ होता है। इसका रस निकालकर सफेद दागों पर लगाने से सफेद दाग कुछ समय में ठीक हो जाते हैं। या सफेद दाग के रोग में बथुआ उबालकर निचोड़कर इसका रस पीये, और सब्जी साग बना कर खायें। बथुऐं के उबले हुए पानी से त्वचा को धोयें। बथुए के कच्चे पत्ते पीसकर निचोड़कर रस निकालें। इस 2 कप रस में आधा कप तिल का तेल मिलाकर हल्की आग पर गर्म करें। जब रस खत्म होकर तेल बाकी रह जायें तब इसे छानकर किसी साफ शीशी में सुरक्षित रख लें। इस तेल को त्वचा पर रोजाना लम्बे समय तक लगाने से दाद, खुजली, फोड़ा, कुष्ट और त्वचा रोग भी ठीक हो जाते हैं।

चमेली : चमेंली की नई पत्तियां, इन्द्र जौ, सफेद कनेर की जड़, करंज के फल और दारूहल्दी की छाल का लेप कुष्ठनाशक (कोढ़ को दूर करने वाला) होता है।

चमेली : चमेंली की जड़ का काढ़ा सेवन करने से कुष्ठ (कोढ) रोग में लाभ मिलता है।

मालकांगनी : मालकांगनी और बावची के तेल को बराबर मात्रा में मिलाकर एक शीशी में रख लें। इस तेल को सफेद दागों पर सुबह-शाम नियमित रूप से लगाने से लाभ मिलता है।

गिलोय: सफेद दाग के रोग में 10-से 20 मिलीलीटर गिलोय के रस को रोजाना 2-3 बार कुछ महीनों तक रोगी को देने से सफेद दाग के रोग में आराम आता है।

कुटज : कुटज के बीजों को गाय के पेशाब में पीसकर दागों पर रोजाना लगाने से सफेद दाग का रोग ठीक हो जाता है।

मूली : 10 ग्राम मूली के बीजों को 20 ग्राम खट्टे दही में डालकर रख दें। 4 घंटे के बाद इन बीजों को पीसकर लेप करने से श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) के व्रण जख्म समाप्त हो जाते हैं।

अनारदाना :10 ग्राम लाल चंदन और 10 ग्राम अनारदाना को पीसकर सहदेवी के रस में मिलाकर गोलियां बना लें। इन गोलियों को पानी में घिसकर लेप करने से सफेद दागों में बहुत लाभ मिलता है।

प्याज : प्याज के बीजों का लेप करने से सफेद दागों में लाभ मिलता हैं।

प्याज के रस में शहद और सेंधानमक मिलाकर रोजाना 2 बार लगाने से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं।

बावची : 20-20 ग्राम चालमोगरा, बावची और चंदन के तेल को लेकर एक शीशी में डालकर रख दें। इस तेल को दिन में 3 बार लगाने से श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) ठीक हो जाता है। या 3 ग्राम बावची का चूर्ण और 3 ग्राम तिल को पीसकर रोजानासुबह और शाम खाने से सफेद दाग कुछ ही दिन में ठीक हो जाता है। या 250 ग्राम बावची के बीजों को पीसकर पानी में मिलाकर किसी मिट्टी की हांड़ी या छोटे घड़े में लेप कर दें। फिर उस हांड़ी या घड़े में दही जमा लें। इस दही का घी निकालकर खाने से श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) में आराम आता है। या 100 ग्राम बावची को पीसकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण 2 ग्राम सुबह और शाम पानी के साथ सेवन करने पर श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) में लाभ होता है।

बावची और शुद्ध गंधक को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बना लें। रोजाना सुबह इस 10 ग्राम चूर्ण को 50 ग्राम पानी में डाल लें। शाम को इसे थोड़ा सा मसलकर और छानकर रोगी को पिलाने से सफेद दाग का रोग कुछ ही समय में दूर हो जाता है। या

बावची के बीज और तिल को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 1 चम्मच ठंड़े पानी से रोजाना सुबह-शाम 1 वर्ष तक लगातार सेवन करने से सफेद दाग के रोग में पूरा लाभ मिलता है।

बावची का तेल सफेद दागों पर लगाना लाभकारी रहता है। बावची का तेल लगाने से किसी-किसी रोगी के शरीर पर कभी-कभी फफोले और घाव भी हो जाता है। इसलिये रोगी को यह तेल सावधानी से लगाना चाहियें। अगर तेल लगाते समय जरा सा भी दर्द होता है तो बावची का तेल नहीं लगाना चाहिये। शुरूआत में इस तेल को शरीर में एक जगह के दाग पर 4 दिन तक लगाकर देंखें। अगर इस तेल को दाग पर लगाने से कोई परेशानी नहीं होती तो पूरे शरीर पर जहां पर भी सफेद दाग हो वहां पर ये तेल लगा लें। अगर सफेद दाग निकलना शुरू ही हुआ हो तो इस तेल का प्रयोग करने से सिर्फ 5 महीनो के अन्दर ही ये रोग ठीक हो जाता है।

सफेद दाग का सबसे आसान प्राकृतिक उपचार

सफेद दाग के रोग में सुबह-सुबह उठकर सैर करना चाहिए।

सफेद दाग में एनिमा लेना लाभदायक रहता है।

सफेद दाग वाले स्थान पर 2 मिनट तक गर्म सिंकाई करें और 3 मिनट तक ठंड़ी सिकाई करें।

धूप का स्नान सफेद दाग के रोग में काफी लाभदायक रहता है।

सम्पर्क करें।
9454873254

*मौसम के बदलाव के साथ बढ़ रहा है गले का इंफेक्शन, 5 उपाय* 🍃🌿🥬🫒🎋🌾☘️🍀 *प्रेम शर्मा 094548 73254 **((उत्तर प्रदेश ))आयुर्वेद...
07/11/2024

*मौसम के बदलाव के साथ बढ़ रहा है गले का इंफेक्शन, 5 उपाय* 🍃🌿🥬🫒🎋🌾☘️🍀

*प्रेम शर्मा 094548 73254 *
*((उत्तर प्रदेश ))आयुर्वेदाचार्य/ वेलनेस कोच*

1. गले का इंफेक्शन (Throat Infection in Hindi) या गलसुआ होने पर गरम पानी और नमक की सिकाई करना फायदेमंद होता है। इसके अलावा गरम पानी में नमक डालकर गरारे करने से भी लाभ होता है।

2. मेथी के दानों को पीसकर पाउडर बना लें और इसका लेप बनाकर गलसुए वाली जगह पर लगाएं। इसमें एक चुटकी नमक डाकर इसे बेहद हल्का गुनगुना करके लगाने से ज्यादा फायदा होगा।

3. पके हुए चावल के गुनगुने मांड में एक चुटकी नमक डालकर इसका सेवन करना फायदेमंद होता है। इससे शरीर को पोषण भी मिलेगा, पेट भी भरेगा और गलसुआ में भी लाभ होगा।

4. ताजे अदरक को टुकड़ों में काट लें और उन टुकड़ों को सुखा लें। अब इसे काले नमक में लपेटकर चूसें। इसके अलावा कच्चे अदरक को भी काले नमक के साथ चूसने पर लाभ होता है।

5. नमक को एक कपड़े में बांधकर इसे गरम तवे पर हल्का सेंक कर गले की सिकाई करें, इससे सूजन उतरेगी और दर्द भी कम होगा।

*अन्य किसी प्रकार की बीमारी के लिए संपर्क करें 9454873254*

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