17/10/2025
अंतर्राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस | 17 अक्टूबर 2025
“सम्मान, न्याय और आत्मनिर्भरता — यही है गरीबी उन्मूलन का सार”
आज, 17 अक्टूबर को विश्व समुदाय अंतर्राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस मना रहा है — यह दिन हमें याद दिलाता है कि गरीबी केवल आय की कमी नहीं, बल्कि गरिमा, न्याय और सामाजिक समावेशन का प्रश्न है।
इस वर्ष का विषय है — “परिवारों के प्रति सम्मान और प्रभावी सहयोग सुनिश्चित कर सामाजिक एवं संस्थागत दुर्व्यवहार का अंत।”
इसका उद्देश्य है: सबसे पीछे छूटे लोगों को प्राथमिकता देना और ऐसी संस्थाएँ बनाना जो परिवारों को साथ बनाए रखें, उन्हें सशक्त करें और उनके भविष्य को आकार देने का अवसर दें।
गरीबी में जीवन यापन करने वाले परिवार अक्सर उन्हीं संस्थानों में अपमान और नियंत्रण का सामना करते हैं, जो उनकी सहायता के लिए बने हैं — जैसे स्कूल, क्लिनिक, कल्याण कार्यालय और बाल संरक्षण प्रणाली। एकल माताएँ, आदिवासी परिवार और ऐतिहासिक रूप से वंचित समुदाय पूर्वाग्रह और अविश्वास का अनुभव करते हैं, जिससे गरीबी-प्रेरित पारिवारिक विखंडन जैसी स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं जो बच्चों और माता-पिता दोनों के लिए गहरे भावनात्मक और सामाजिक प्रभाव छोड़ती हैं।
इस स्थिति में परिवर्तन लाने के लिए आज का विषय तीन प्रमुख दिशाओं पर बल देता है —
1. नियंत्रण से देखभाल की ओर: सेवाओं को विश्वास, गरिमा और सहयोग के आधार पर पुनः डिज़ाइन किया जाए। अनावश्यक शर्तें और जटिल दस्तावेज़ीकरण कम किए जाएँ।
2. निगरानी से सहयोग की ओर: निवेश का ध्यान निगरानी और दंडात्मक उपायों से हटाकर परिवार-सुदृढ़ीकरण सेवाओं पर केंद्रित किया जाए — जैसे आय सहायता, गुणवत्तापूर्ण बाल देखभाल, सुरक्षित आवास, मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ, पालन-पोषण सहयोग और न्याय तक पहुँच।
3. ऊपर से नीचे नहीं, साथ मिलकर समाधान: गरीबी में जीवन जीने वाले परिवारों को हर चरण में शामिल किया जाए — नीति निर्माण, बजट निर्धारण, क्रियान्वयन और मूल्यांकन तक।
यह दृष्टिकोण सतत विकास लक्ष्यों (SDGs 1, 2, 3, 4, 5, 8, 10, 16) को आगे बढ़ाने का माध्यम है, जो सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रोजगार में लोग-केंद्रित विकास की दिशा में ठोस परिवर्तन लाता है।
गरीबी के खिलाफ यह आंदोलन 1987 के उस ऐतिहासिक दिन से प्रेरित है, जब पेरिस में 1 लाख से अधिक लोग एकत्र हुए थे — यह घोषणा करने