13/08/2023
मोमोज का स्वास्थ्य पर प्रभाव :--------
गली - मोहल्लो व नुक्कड़ मार्केट पर, सिल्वर के स्ट्रीमर में , उबलते हुए मोमोज, तीखी लाल मिर्च की चटनी के साथ खाते हुए युवा किशोर, आपको भारी संख्या में दिख जाऐंगे।
लाल मिर्च को स्वास्थ के लिए, काफी लाभदायक माना जाता है। लेकिन, उस लाल मिर्च में , प्रोसेसिंग के माध्यम से, कुछ मिलाया गया न हो तब। मोमो बेचने वाले लोग, मिर्च की गुणवत्ता की चिंता नहीं करते, वे बाजार से सस्ती या लोकल मिर्च पाउडर खरीदकर उसकी चटनी बनाते हैं। ऐसी चटनी खाने से, बवासीर / पाइल्स होने का खतरा बना रहता है।
अक्सर शाम के समय, मासूम युवा किशोर नहीं जानते , वह मोमोज खा कर, अपने स्वास्थ्य चरित्र को किस हद तक बर्बाद कर रहे हैं।
मोमोज निर्माण सामग्री में, मैदा का प्रयोग होता है और मैदा गेहूं का एक उत्पाद है । जिसमें से प्रोटीन व फाइबर निकाल लिया जाता है । मृत (starch ) ही शेष रहता है।
उसे और अधिक चमकाने के लिए, ' बेंजोयल पराक्साइड ' मिला दिया जाता है, जो एक रासायनिक ब्लीचर्स है।
ब्लीचर्स, जिससे चेहरे को स्वच्छ किया जाता है । यह ब्लीचर शरीर में जाकर, आपकी किडनी को हानि पहुंचाता है। ब्लीच केमिकल, अग्न्याशय को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं । जिससे इंसुलिन - उत्पादन क्षमता प्रभावित होती है। इन ब्लीचिंग का उपयोग प्रयोगशाला में टेस्टिंग के लिए किया जाता है। एलोक्सन केमिकल अग्न्याशय के लिए, अत्यंत हानिकारक होता है और डायबिटीज के लिए, जिम्मेदार हो सकता है।
स्वाद के लिए, मोमोज में मोनो-सोडियम ग्लूटामेट (MSG) मिलाया जाता है। कुछ खाद्य पदार्थों में , यह प्राकृतिक रूप से मौजूद होता है। लेकिन, प्रोसेस्ड फूड में इसे अलग से मिलाते हैं। सोडियम ग्लूटामेट सफेद क्रिस्टल पाउडर की तरह होता है। जो न केवल मोटापे का खतरा बढ़ाता है, बल्कि नर्व डिसऑर्डर, पसीना आना, सीने में दर्द, मतली आना और ह्रदय धड़कन बढ़ाने जैसे स्वास्थ्य को नष्ट होने का कारण बन सकता है। यह चिप्स, पैकेज्ड सूप, कैन्ड फूड जैसे प्रोसेस्ड फूड में, MSG काफी अधिक मात्रा में मौजूद होता है।
मैदे के प्रोटीन रहित होने से , इसकी प्रकृति एसिडिक हो जाती है । यह शरीर में जाकर, हड्डियों के कैल्शियम को सोख लेता है । विशेषज्ञो अनुसार मैदा में एलोक्सन होने का भी दावा करते हैं. यह केमिकल मैदा को नरम बनाए रखता है। तीखी लाल मिर्च की चटनी उत्तेजक होती है, जिससे यौन रोग, धातु रोग, नपुंसकता जैसे महा भयंकर रोग देश के किशोर व युवा को , अपनी चपेट में लेकर, उनके स्वास्थ्य को नष्ट कर रहा है।
इस में, ऐसे कैमीकलों को मिलाया जाता है , जो बच्चों के दिमाग में चले जाते हैं। जिससे बच्चों का मन बार - बार खाने को करता है।
यह कैमीकल बच्चीयों में बांझपन और लड़कों में नपुंसकता पैदा करते है। जिसकी भनक भी , खाने वालों को नहीं लगती। यह खाना आपकी आंतों में जाकर चिपक जाता है। आंतों का सत्यानाश कर देता है। जिससे बच्चों में , नया रक्त का बनना बंद हो जाता है और शरीर का विकास रूक जाता है। जीभ के स्वाद के फंदे में फंसकर स्वास्थ्य को नष्ट कर देते है ।
मोमोज में, पत्ता गोभी की स्टफिंग होती है। जिसे अगर ठीक से नहीं पकाया गया तो , इसमें टैपवार्म के बीजाणु हो सकते हैं, जो मस्तिष्क तक पहुंच सकते हैं। यह पत्तागोभी में रहने वाला एक कीड़ा है, जो स्वास्थ्य के लिए, गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
मोमोज के अंदर प्रयोग होने वाली सब्जियां और चिकन, लंबे समय तक रखे रहने से, दुषित हो जाते हैं।ऐसे इंग्रेडिएंट से बने मोमोज का सेवन करने से रोगों को निमंत्रण देना है । अधिकांश चिकन उत्पाद, जो विभिन्न आउटलेट्स पर मिलते हैं, उनमें E. coli बैक्टीरिया काफी अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह विष के समान होता है और उससे गंभीर रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
यदि आप आहार में, पर्याप्त फाइबर वाले आहार का सेवन कर रहे हैं, तो कभी-कभार जंक फूड खा सकते हैं। लेकिन, अगर हफ्ते में आप कम से कम 3 बार भी मोमोज का सेवन कर रहे हैं, तो तुरंत इसका सेवन बंद कर देना चाहिए। यदि आपको मोमोज खाना ही है, तो घर पर बनाएं और मैदे की जगह गेहूं के आटे और ताजी सब्जियों का उपयोग करें।
मोमोज खाने से, कब्ज की समस्या भी बढ़ सकती है । क्योंकि, अधिकतर मोमोज को मैदा से बनाया जाता है, जो पेट की आंतो में जाकर चिपक जाता है और कब्ज की समस्या को भी बढ़ाता है। कई बार, ठीक से न पकने के कारण भी, हैजे की समस्या हो सकती है।
मोमोज, पूर्वी एशियाई देशों चीन व तिब्बत का खाना है। वहां की जलवायु के यह अनुकूल है , वही ये भारत की गर्म जलवायु के , अनुकूल नहीं है। यदि इतने रोगों के खतरे के बाद भी , इस व्यंजन का सेवन भारी मात्रा में प्रयोग से , शरीर की स्वास्थ्य प्रणाली को, नष्ट कर देना जैसा है।