11/02/2025
मैंने जीवन में कई किताबें पढ़ी हैं, लेकिन मैंने उनमें से अधिकांश जानकारी याद नहीं रखी। तो फिर इतनी सारी किताबें पढ़ने का क्या लाभ है?
एक दिन, एक छात्र ने अपने प्रोफेसर से यही सवाल पूछा। प्रोफेसर चुप रहे और उस दिन कोई उत्तर नहीं दिया। कुछ दिनों बाद, छात्र और प्रोफेसर एक नदी के किनारे मिले। प्रोफेसर ने छात्र को छेदों वाला एक बर्तन दिखाया और कहा, "आओ, इस बर्तन से नदी से पानी लाते हैं।"
छात्र ने बर्तन देखा, जिसमें कई छेद थे। उसने सोचा कि यह बेकार की बात है, क्योंकि इस बर्तन से पानी लाना असंभव है। लेकिन वह अपने प्रोफेसर की बात को टाल नहीं सका, इसलिए उसने बर्तन उठाया और नदी की ओर दौड़ा।
उसने बर्तन में पानी भरा और वापस लाने की कोशिश की, लेकिन कुछ ही कदम चलने के बाद पानी छेदों से रिसकर बाहर गिर गया। उसने कई बार प्रयास किया लेकिन हर बार असफल रहा और निराश हो गया।
आखिरकार, वह अपने प्रोफेसर के पास लौटा और बोला, "मैं असफल हो गया। मैं इस बर्तन में पानी नहीं ला सका। यह मेरे लिए असंभव है, कृपया मुझे क्षमा करें।"
प्रोफेसर मीठा-सा मुस्कराए और बोले, "तुम असफल नहीं हुए। जरा बर्तन को देखो; यह अब साफ हो गया है। यह एक नए बर्तन की तरह चमक रहा है। जब भी पानी छेदों से बाहर गिरा, उसने बर्तन के अंदर की सारी गंदगी साफ कर दी।
यही बात तुम्हारे साथ भी होती है। जब तुम एक किताब पढ़ते हो, तो तुम्हारा मन उस छेदों वाले बर्तन की तरह होता है, और किताब की जानकारी पानी की तरह। जब तुम कोई किताब पढ़ते हो, तो तुम्हें सब कुछ याद नहीं रहता। लेकिन क्या हर चीज़ याद रखना जरूरी है? नहीं, क्योंकि किताबें पढ़ने से तुम्हें नए विचार, ज्ञान, भावनाएँ, अनुभूतियाँ और सत्य मिलते हैं, जो तुम्हारे मन को शुद्ध कर देते हैं।
हर बार जब तुम कोई किताब पढ़ते हो, तो तुम्हारे भीतर एक आत्मिक परिवर्तन होता है, और तुम एक नए व्यक्ति के रूप में जन्म लेते हो। यही किताबें पढ़ने का असली उद्देश्य है।"