01/05/2023
यह कैसा मजदूर दिवस?
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अपना है मजदूर दिवस
आधी रोटी खाता हूं
मजदूर दिवस मनाता हूं
हां! मजदूर दिवस मनाता हूं
झोली रहती खाली हरदम
बच्चों की ललक अधूरी रहती
रोज कल पर थोप कर
उसको मैं मनाता हूं
आधी रोटी खाता हूं
मजदूर दिवस मनाता हूं
हां! मजदूर दिवस मनाता हूं
गैस चूल्हा और कुकर है घर में
एक छोटा सा टीभी भी
राशनकार्ड नहीं है घर में
और! मजदूर दिवस मनाता हूं
बीबी घर में है, तो बताऊं
टीभी है वह भी बतला दूं
पेट है भूखी किसे बताऊं
नियम कहता है
बीबी है तो ठीक है
टीभी है तो ग़लत है
गरीब हैं तो टीभी कैसे?
राशनकार्ड नहीं मिलेगा
स्मार्ट फोन क्यों पास है
आधे पेट कौन भरेगा
ऐसा मजदूर दिवस क्यों लाते हैं
हम मजदूर दिवस मनाते हैं
सरस्वती है पर लक्ष्मी दूर
लाख जतन पर अन्न है दूर
शरीर तोड़ कमाता हूं
पर बच्चों की खुशियां है दूर
कहां से लाऊं खुशियां बोलो
पढ़ा लिखा बेरोजगार हूं
जो मिलता है काम उसे मैं
निष्ठापूर्वक निभाता हूं
पैसे नहीं मिलते हैं उतने
कि! बच्चों की खुशियां ला सकूं
मजदूर हूं, मजदूर दिवस मनाता हूं
किसे बताऊं,
यह दिवस नहीं हमारा है
तकदीर के मारे
तिनका तिनका जोड़ रहा हूं
बच्चों के खातिर अब भी मैं
कमरतोड़ मेहनत करता हूं
बिन राशनकार्ड के
रोटी को तरसता हूं
फिर कैसा दिवस
जिसे मैं मनाता हूं
यह मजदूर दिवस नहीं हमारा
फिर भी! मजदूर दिवस मनाता हूं।