Dr. Manish Kumar - Pain physician

Dr. Manish Kumar - Pain physician RELIEVE YOUR PAIN WITHOUT SURGERY Dr. Manish Kumar ( MBBS DA DNB FIPM FIAPM ) completed his MBBS from NMCH Patna & DA from CNMCH Kolkata.

After that, he completed his DNB from CHRC Indore. He is a well-known interventional pain specialist in Patna. He did a pain fellowships program from Choithram Hospital& Research Center Indore. He is a consultant pain physician and intensivist specialist in neck, shoulder, back hip, and knee pain & joint regeneration therapy & arthritis. Dr. Manish Kumar is the most dynamic and renowned pain physician & treated more than ten thousand patients in OPD, suffering from pain in the last few years across India

15/08/2025

PRP (प्लेटलेट रिच प्लाज़्मा) थेरेपी – जोड़ों की मरम्मत के लिए

1. PRP क्या है?

PRP का मतलब है Platelet Rich Plasma — यानी आपके अपने खून से तैयार किया गया एक ऐसा सॉल्यूशन जिसमें प्लेटलेट्स की मात्रा सामान्य से कई गुना ज्यादा होती है।
प्लेटलेट्स में ग्रोथ फैक्टर्स होते हैं जो ऊतक (tissue) की मरम्मत और पुनर्निर्माण (regeneration) में मदद करते हैं।

2. PRP कैसे तैयार किया जाता है?

ब्लड सैंपल लेना – मरीज से लगभग 10–30 ml खून लिया जाता है।

सेंट्रीफ्यूज मशीन में घुमाना – इस मशीन में खून को तेज़ गति से घुमाकर लाल रक्त कोशिकाएँ (RBC), सफेद रक्त कोशिकाएँ (WBC) और प्लाज़्मा को अलग किया जाता है।

प्लेटलेट रिच प्लाज़्मा निकालना – ऊपर की परत से प्लेटलेट्स से भरपूर प्लाज़्मा निकाला जाता है।

इंजेक्शन की तैयारी – इसे तुरंत लक्षित जोड़ों में इंजेक्ट किया जाता है।

3. PRP जोड़ों में कैसे काम करता है?

ग्रोथ फैक्टर्स रिलीज़ → जोड़ों के क्षतिग्रस्त कार्टिलेज और टेंडन को रिपेयर करने का सिग्नल देते हैं।

सूजन कम करना → लंबे समय से चल रहे सूजन (chronic inflammation) को घटाते हैं।

कोलाजन उत्पादन बढ़ाना → जोड़ों को मजबूत और लचीला बनाते हैं।

हीलिंग प्रक्रिया तेज करना → शरीर की प्राकृतिक मरम्मत क्षमता को बढ़ाते हैं।

4. किन स्थितियों में PRP उपयोगी है?

ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) – घुटना, कंधा, कूल्हा आदि

लिगामेंट या टेंडन चोटें

खेल संबंधी चोटें (Sports injuries)

मेनिस्कस (Meniscus) डैमेज

पुराने जोड़ों का दर्द जहां दवाइयों से आराम नहीं मिल रहा

5. प्रक्रिया (स्टेप-बाय-स्टेप)

जोड़ों का क्लिनिकल और इमेजिंग मूल्यांकन (X-ray/MRI)

ब्लड कलेक्शन और PRP तैयार करना

स्थानीय एनेस्थीसिया (अगर जरूरी हो)

अल्ट्रासाउंड गाइडेंस से PRP का इंजेक्शन

इंजेक्शन के बाद आराम और हल्के व्यायाम की सलाह

6. लाभ

अपने ही शरीर के खून से, इसलिए एलर्जी या रिएक्शन का खतरा बहुत कम

स्टेरॉयड की तरह सिर्फ दर्द दबाता नहीं, बल्कि हीलिंग को बढ़ावा देता है

लंबा असर (कई महीनों तक सुधार दिख सकता है)

सर्जरी का विकल्प या सर्जरी को देर तक टालने में सहायक

7. सावधानियां

PRP के बाद 24–48 घंटे जोड़ों पर ज्यादा भार न डालें

इंजेक्शन साइट पर हल्की सूजन या दर्द हो सकता है (सामान्य है)

ब्लड थिनर दवा लेने वालों को पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए

संक्रमण या बुखार होने पर टालना चाहिए

8. PRP के बाद सुधार का समय

पहले 1–2 हफ्तों में हल्का सुधार

4–6 हफ्तों में दर्द और सूजन में कमी

3–6 महीनों में ऊतक की मरम्मत से बेहतर मूवमेंट

12/08/2025

घुटने के दर्द में व्यायाम (Exercise) की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है, खासकर जब दर्द गठिया (osteoarthritis), चोट, या लंबे समय तक निष्क्रिय रहने से हो रहा हो। सही तरीके से किया गया व्यायाम घुटनों को मज़बूत, लचीला और दर्द-मुक्त रखने में मदद करता है।

घुटने के दर्द में व्यायाम के मुख्य फायदे
मांसपेशियों की मज़बूती –
व्यायाम से जांघ और पिंडली की मांसपेशियां (quadriceps, hamstrings) मज़बूत होती हैं, जिससे घुटनों पर पड़ने वाला भार कम होता है।

जोड़ों की लचीलापन –
हल्के स्ट्रेचिंग और मूवमेंट से जॉइंट्स में जकड़न (stiffness) कम होती है और चलने-फिरने में आसानी होती है।

रक्त संचार में सुधार –
व्यायाम से घुटने के आसपास ब्लड फ्लो बढ़ता है, जिससे सूजन और दर्द घटाने में मदद मिलती है।

वजन नियंत्रण –
वजन कम होने से घुटनों पर दबाव कम पड़ता है, खासकर सीढ़ियां चढ़ते-उतरते समय।

फंक्शनल मूवमेंट में सुधार –
रोज़मर्रा के काम जैसे चलना, बैठना, खड़े होना, सीढ़ी चढ़ना आसान हो जाता है।

घुटने के दर्द में लाभकारी व्यायाम

क्वाड्रिसेप्स सेट्स (Quadriceps sets) – सीधा पैर रखते हुए जांघ की मांसपेशी को कसना।

सीधा पैर उठाना (Straight Leg Raise) – पीठ के बल लेटकर पैर धीरे-धीरे उठाना।

हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच – जांघ के पीछे की मांसपेशियों को खींचना।

हील एंड टो रेज़ – खड़े होकर एड़ी और पंजों को बारी-बारी से उठाना।

स्टेशनरी साइकलिंग या स्विमिंग – लो-इम्पैक्ट कार्डियो एक्सरसाइज।

सावधानियां
दर्द बहुत ज्यादा हो तो व्यायाम न करें, पहले आराम करें।

हाई-इम्पैक्ट एक्सरसाइज (जैसे दौड़ना, कूदना) से बचें।

सही पोज़ीशन और तकनीक में ही करें, ताकि चोट न लगे।

16/07/2025
08/04/2025

PIVD (Pr*****ed Intervertebral Disc) – रोचक तथ्य

बुल्जिंग डिस्क उतनी ही दर्दनाक हो सकती है जितनी हर्निएटेड डिस्क
डिस्क सिर्फ बाहर निकलना (bulge) भी उतना ही दर्द दे सकता है जितना फटा या हर्निएटेड डिस्क।

एक्स-रे से PIVD का पता नहीं चलता
सही डायग्नोसिस के लिए MRI स्कैन जरूरी है, क्योंकि एक्स-रे सिर्फ हड्डियों को दिखाता है, डिस्क को नहीं।

कई बार डिस्क से जुड़े दर्द की गलत पहचान हो जाती है
मसल स्ट्रेन या आर्थराइटिस समझकर इलाज गलत हो सकता है।

MRI पर चौंकाने वाले आँकड़े (45 साल औसत उम्र, बिना बैक पेन वालों में)

अगर हम ऐसे लोगों का MRI करें जिनको कभी पीठ दर्द नहीं हुआ:

38% – डिस्क बुल्ज

37% – डिस्क प्रोट्रूज़न (Contained Herniation)

11% – डिस्क एक्सट्रूज़न (Non-contained Herniation)

0% – डिस्क सीक्वेस्ट्रेशन (Free Fragment)

4% – नर्व रूट कम्प्रेशन डिस्क के कारण

📊 कुल 60% ऐसे लोग जिनको कोई लक्षण नहीं, उनके MRI में डिस्क बुल्ज या उससे गंभीर समस्या (प्रोट्रूज़न/एक्सट्रूज़न) दिखेगी।

सकारात्मक संदेश

अगर आपको PIVD, LBP (Low Back Pain) या स्लिप डिस्क है —
👉 जीवन भर दर्द झेलना जरूरी नहीं
👉 सही इलाज, व्यायाम और थेरेपी से आप अपनी सामान्य गतिविधियों में लौट सकते हैं
👉 हमारे अनुभव में कई मरीजों ने पूर्ण सुधार पाया है

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Dr. Manish Kumar
Whatsaapp 075189 30751
Rajender Nagar Rode no. 2 Patna

"Thank you RadioMirchi FM for this recognition. It's an honor to be acknowledged for my contributions to healthcare Pain...
02/04/2025

"Thank you RadioMirchi FM for this recognition. It's an honor to be acknowledged for my contributions to healthcare Pain Medicine, and I'm extremely grateful for this award. This is not just for me, but for everyone who works tirelessly to improve patient care.

13/03/2025

रुमेटीइड गठिया (आरए) एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसका मतलब है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से जोड़ों पर हमला करती है। इससे जोड़ों में सूजन, दर्द, अकड़न और विकृति हो सकती है। हालांकि, सही दवाओं और जीवनशैली में बदलाव के साथ, आरए के मरीज सामान्य जीवन जी सकते हैं।

दवाएं:

आरए के इलाज के लिए कई तरह की दवाएं उपलब्ध हैं, जिनमें शामिल हैं:
* रोग-संशोधित एंटीरुमेटिक ड्रग्स (डीएमएआरडी): ये दवाएं आरए की प्रगति को धीमा करने और जोड़ों को नुकसान से बचाने में मदद करती हैं।
* जैविक दवाएं: ये दवाएं प्रतिरक्षा प्रणाली के विशिष्ट हिस्सों को लक्षित करती हैं जो सूजन का कारण बनते हैं।
* कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स: ये दवाएं सूजन और दर्द को कम करने में मदद करती हैं, लेकिन इनका उपयोग आमतौर पर केवल थोड़े समय के लिए किया जाता है।
* दर्द निवारक: ये दवाएं दर्द को कम करने में मदद करती हैं, लेकिन वे आरए की प्रगति को नहीं रोकती हैं।

जीवनशैली में बदलाव:

दवाओं के अलावा, आरए के मरीज निम्नलिखित जीवनशैली में बदलाव करके अपने लक्षणों को प्रबंधित कर सकते हैं:
* नियमित व्यायाम: व्यायाम जोड़ों को मजबूत और लचीला रखने में मदद करता है।
* स्वस्थ आहार: एक स्वस्थ आहार सूजन को कम करने और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकता है।
* तनाव प्रबंधन: तनाव आरए के लक्षणों को बढ़ा सकता है, इसलिए तनाव प्रबंधन तकनीकें महत्वपूर्ण हैं।
* पर्याप्त नींद: पर्याप्त नींद लेने से दर्द और थकान को कम करने में मदद मिल सकती है।
* धूम्रपान छोड़ना: धूम्रपान आरए के लक्षणों को खराब कर सकता है।

यहां कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए गए हैं:

* अपने डॉक्टर के साथ नियमित रूप से मिलें: आपका डॉक्टर आपकी दवाओं को समायोजित करने और आपकी प्रगति की निगरानी करने में मदद कर सकता है।
* एक सहायता समूह में शामिल हों: अन्य लोगों से जुड़ना जो आरए से पीड़ित हैं, सहायक हो सकता है।
* सकारात्मक दृष्टिकोण रखें: आरए एक चुनौतीपूर्ण बीमारी हो सकती है, लेकिन सकारात्मक दृष्टिकोण रखने से आपको अपने लक्षणों को प्रबंधित करने और एक पूर्ण जीवन जीने में मदद मिल सकती है।
याद रखें:
* हर व्यक्ति का आरए अलग-अलग होता है, इसलिए आपके लिए सबसे अच्छा उपचार योजना खोजने के लिए अपने डॉक्टर के साथ काम करना महत्वपूर्ण है।

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25/01/2025

Transforaminal epidural adhesiolysis :

Transforaminal epidural adhesiolysis is proposed as a novel therapeutic intervention to treat low back and leg pain resulting from epidural adhesions. The recommended approach to treating radicular pain from L1-5 would be trans-foraminal, whereas a caudal approach is more appropriate at the S1 level.

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04/12/2024

Pain Awareness Month :: Manish Kumar Dr. Bhoomika Shrivastava

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20/11/2024

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13/11/2024

एंकायलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस हड्डियों से संबंधित रोग है जिसमें मुख्य रूप से रीड और कूल्हे की हड्डियों में भारी दर्द महसूस होता है। आर्थराइटिस (गठिया) का ही एक प्रकार बताते हैं, जिसमें रीढ़ की हड्डी से लेकर गर्दन तक दर्द होता है। ये शिकायत टीनएजर से ही शुरू हो जाती है। इस दर्द की चुभन इतनी भयानक होती है कि एक अच्छा खासा युवक दुर्बल बन जाता है।

इस समस्या के चलते कई लोग न ठीक से बैठ पाते हैं और न ही अपने कार्यों को आसानी से कर पाते हैं। दर्द झेलने के कारण इस रोग का मरीज डिप्रेशन का शिकार भी हो सकता है। एंकायलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस के कारण मनुष्य के शरीर में फ्लेक्सिबिलिटी खत्म हो जाती है। इस बीमारी में पीठ और गर्दन में हमेशा ही दर्द रहता है जिसके चलते पसलियां भी प्रभावित होती हैं। इस कारण कभी-कभी सांस लेने में भी कठिनाई होती है।

इसके लक्षण (symptoms) का पता तब लगता है जब आपको गर्दन के निचले हिस्से से लेकर पीठ के निचले तक दर्द महसूस होता है जिसके चलते आप इन अंगों का ठीक से मूवमेंट भी नहीं कर सकते हैं। लगातार रीढ़ की हड्डी, कमर में दर्द, गर्दन में अकड़न आने और कूल्हों में दर्द होन ने ज्यादा देर तक बैठने में परेशानी होती है। इस बीमारी में चपेट में आने वाले मरीज ज्यादा देर कर खड़े भी नहीं हो सकते हैं। इन रोगियों को फिजिकल वर्क करने में कठिनाई आती है।

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06/10/2024

मिनिस्कस टियर :

घुटने की नरम उपास्थि यानी कार्टिलेज में लगी चोट को मेडिकल भाषा में मिनिस्कस टियर कहते हैं। मिनिस्कस घुटने की कार्टिलेज का एक हिस्सा है जो घुटने की जोड़ को स्थिर रखता है। यह हड्डियों को घिसने से बचाने का भी काम करता है।

वैसे तो मिनिस्कस टियर किसी को भी हो सकता है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह खिलाड़ियों में देखने को मिलता है। क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, वॉलीबॉल या दूसरे खेल के दौरान अक्सर चोट लगने पर मिनिस्कस टूट या फट जाता है।

कई बार चलते या दौड़ते समय अचानक से अपनी दिशा बदलने के कारण भी मिनिस्कस टियर हो सकता है। इतना ही है, उम्र बढ़ने पर घुटने का कार्टिलेज कमजोर हो जाता है जिसके कारण मिनिस्कस टियर का खतरा बढ़ जाता है।

मिनिस्कस का जांच करके इसकी चोट की गंभीरता की जांच की जाती है। जांच के बाद, डॉक्टर मिनिस्कस टियर के कारण और गंभीरता के आधार पर उपचार का चयन करते हैं। मिनिस्कस टियर का इलाज कई तरह से किया जा सकता है।

मिनिस्कस में चोट लगने या उसके फटने पर कुछ लोगों को घुटने में चटक की आवाज आ सकती है। साथ ही, कुछ लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं जैसे कि:-

घुटने में सूजन होना
घुटने के आसपास दर्द होना
घुटने की गतिशीलता में कमी आना
घुटने पर सहारा लेने में तकलीफ होना
इन सबके अलावा, सीढ़ी चढ़ने-उतरने, घुटने को मोड़ने या दैनिक जीवन के दूसरे उन सभी कामों को पूरा करने में परेशानी होना जिसमें घुटने का इस्तेमाल शामिल है।

अगर आप ऊपर दिए गर लक्षणों को खुद में अनुभव करते है|

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13/09/2024

स्लिप्ड डिस्क जिसे हर्नियेटेड डिस्क भी कहा जाता है, यह स्पाइन की एक स्थिति है जो तब होती है जब स्पाइनल डिस्क की बाहरी परत फट जाती है और अंदर का जेल बाहर निकल जाता है। रीढ़ की हड्डी चार भागों से मिलकर बनती है- हड्डियाँ, डिस्क, नसें और सॉफ्ट मसल्स। सॉफ्ट मसल्स स्पाइन का लगभग 70 प्रतिशत भार वहन करते हैं, जबकि हड्डियों पर केवल 30 प्रतिशत भार ही होता है। इसलिए जब आपके मसल्स टिश्यू बैक को सपोर्ट नहीं कर पाते, तब अतिरिक्त लोड हड्डियों व डिस्क पर आता है। इस स्थिति में स्लिप डिस्क होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है।

यूं तो इस स्थिति में सर्जरी करने की सलाह दी जाती है, लेकिन इसके लिए कई पेन रिलीफ ट्रीटमेंट ऑप्शन भी मौजूद हैं। इतना ही नहीं, अगर उपचार में लापरवाही न बरती जाए तो अधिकतर मामलों में बिना सर्जरी के ही व्यक्ति ठीक हो जाता है।
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