Dr. Manish Kumar - Pain physician

Dr. Manish Kumar - Pain physician RELIEVE YOUR PAIN WITHOUT SURGERY Dr. Manish Kumar ( MBBS DA DNB FIPM FIAPM ) completed his MBBS from NMCH Patna & DA from CNMCH Kolkata.

After that, he completed his DNB from CHRC Indore. He is a well-known interventional pain specialist in Patna. He did a pain fellowships program from Choithram Hospital& Research Center Indore. He is a consultant pain physician and intensivist specialist in neck, shoulder, back hip, and knee pain & joint regeneration therapy & arthritis. Dr. Manish Kumar is the most dynamic and renowned pain physi

cian & treated more than ten thousand patients in OPD, suffering from pain in the last few years across India

08/04/2025

Interesting Facts about PIVD:

A bulging disc may be as painful as a herniated disc
Pr*****ed discs cannot be diagnosed with an X-ray. You need an MRI test.
Many disc pain conditions are misdiagnosed

If I were to gather a group of middle-aged folks (45 average age) who have NEVER had back pain before and shoot MRIs on them all, here’s what we would find:

38% would have disc bulges,
37%-disc protrusions (aka: contained herniations),
11%-disc extrusions (aka: non-contained herniations),
0%-disc sequestrations (aka: free fragments) and
4% nerve root compression by the disc herniation.

A more shocking statistic is that 60% of asymptomatic middle-aged people would have findings of disc bulge or worse (protrusion, extrusion) on MRI!

In case you have been suffering from a pr*****ed disc, do not accept your life with pain. You can recover and return to the activities you enjoy. We have seen great success in treating patients with PIVD, LBP, and slipped discs and will be happy to help.

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Dr. Manish Kumar
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Rajender Nagar Rode no. 2 Patna

"Thank you RadioMirchi FM for this recognition. It's an honor to be acknowledged for my contributions to healthcare Pain...
02/04/2025

"Thank you RadioMirchi FM for this recognition. It's an honor to be acknowledged for my contributions to healthcare Pain Medicine, and I'm extremely grateful for this award. This is not just for me, but for everyone who works tirelessly to improve patient care.

13/03/2025

रुमेटीइड गठिया (आरए) एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसका मतलब है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से जोड़ों पर हमला करती है। इससे जोड़ों में सूजन, दर्द, अकड़न और विकृति हो सकती है। हालांकि, सही दवाओं और जीवनशैली में बदलाव के साथ, आरए के मरीज सामान्य जीवन जी सकते हैं।

दवाएं:

आरए के इलाज के लिए कई तरह की दवाएं उपलब्ध हैं, जिनमें शामिल हैं:
* रोग-संशोधित एंटीरुमेटिक ड्रग्स (डीएमएआरडी): ये दवाएं आरए की प्रगति को धीमा करने और जोड़ों को नुकसान से बचाने में मदद करती हैं।
* जैविक दवाएं: ये दवाएं प्रतिरक्षा प्रणाली के विशिष्ट हिस्सों को लक्षित करती हैं जो सूजन का कारण बनते हैं।
* कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स: ये दवाएं सूजन और दर्द को कम करने में मदद करती हैं, लेकिन इनका उपयोग आमतौर पर केवल थोड़े समय के लिए किया जाता है।
* दर्द निवारक: ये दवाएं दर्द को कम करने में मदद करती हैं, लेकिन वे आरए की प्रगति को नहीं रोकती हैं।

जीवनशैली में बदलाव:

दवाओं के अलावा, आरए के मरीज निम्नलिखित जीवनशैली में बदलाव करके अपने लक्षणों को प्रबंधित कर सकते हैं:
* नियमित व्यायाम: व्यायाम जोड़ों को मजबूत और लचीला रखने में मदद करता है।
* स्वस्थ आहार: एक स्वस्थ आहार सूजन को कम करने और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकता है।
* तनाव प्रबंधन: तनाव आरए के लक्षणों को बढ़ा सकता है, इसलिए तनाव प्रबंधन तकनीकें महत्वपूर्ण हैं।
* पर्याप्त नींद: पर्याप्त नींद लेने से दर्द और थकान को कम करने में मदद मिल सकती है।
* धूम्रपान छोड़ना: धूम्रपान आरए के लक्षणों को खराब कर सकता है।

यहां कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए गए हैं:

* अपने डॉक्टर के साथ नियमित रूप से मिलें: आपका डॉक्टर आपकी दवाओं को समायोजित करने और आपकी प्रगति की निगरानी करने में मदद कर सकता है।
* एक सहायता समूह में शामिल हों: अन्य लोगों से जुड़ना जो आरए से पीड़ित हैं, सहायक हो सकता है।
* सकारात्मक दृष्टिकोण रखें: आरए एक चुनौतीपूर्ण बीमारी हो सकती है, लेकिन सकारात्मक दृष्टिकोण रखने से आपको अपने लक्षणों को प्रबंधित करने और एक पूर्ण जीवन जीने में मदद मिल सकती है।
याद रखें:
* हर व्यक्ति का आरए अलग-अलग होता है, इसलिए आपके लिए सबसे अच्छा उपचार योजना खोजने के लिए अपने डॉक्टर के साथ काम करना महत्वपूर्ण है।

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25/01/2025

Transforaminal epidural adhesiolysis :

Transforaminal epidural adhesiolysis is proposed as a novel therapeutic intervention to treat low back and leg pain resulting from epidural adhesions. The recommended approach to treating radicular pain from L1-5 would be trans-foraminal, whereas a caudal approach is more appropriate at the S1 level.

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04/12/2024

Pain Awareness Month :: Manish Kumar Dr. Bhoomika Shrivastava

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20/11/2024

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13/11/2024

एंकायलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस हड्डियों से संबंधित रोग है जिसमें मुख्य रूप से रीड और कूल्हे की हड्डियों में भारी दर्द महसूस होता है। आर्थराइटिस (गठिया) का ही एक प्रकार बताते हैं, जिसमें रीढ़ की हड्डी से लेकर गर्दन तक दर्द होता है। ये शिकायत टीनएजर से ही शुरू हो जाती है। इस दर्द की चुभन इतनी भयानक होती है कि एक अच्छा खासा युवक दुर्बल बन जाता है।

इस समस्या के चलते कई लोग न ठीक से बैठ पाते हैं और न ही अपने कार्यों को आसानी से कर पाते हैं। दर्द झेलने के कारण इस रोग का मरीज डिप्रेशन का शिकार भी हो सकता है। एंकायलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस के कारण मनुष्य के शरीर में फ्लेक्सिबिलिटी खत्म हो जाती है। इस बीमारी में पीठ और गर्दन में हमेशा ही दर्द रहता है जिसके चलते पसलियां भी प्रभावित होती हैं। इस कारण कभी-कभी सांस लेने में भी कठिनाई होती है।

इसके लक्षण (symptoms) का पता तब लगता है जब आपको गर्दन के निचले हिस्से से लेकर पीठ के निचले तक दर्द महसूस होता है जिसके चलते आप इन अंगों का ठीक से मूवमेंट भी नहीं कर सकते हैं। लगातार रीढ़ की हड्डी, कमर में दर्द, गर्दन में अकड़न आने और कूल्हों में दर्द होन ने ज्यादा देर तक बैठने में परेशानी होती है। इस बीमारी में चपेट में आने वाले मरीज ज्यादा देर कर खड़े भी नहीं हो सकते हैं। इन रोगियों को फिजिकल वर्क करने में कठिनाई आती है।

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06/10/2024

मिनिस्कस टियर :

घुटने की नरम उपास्थि यानी कार्टिलेज में लगी चोट को मेडिकल भाषा में मिनिस्कस टियर कहते हैं। मिनिस्कस घुटने की कार्टिलेज का एक हिस्सा है जो घुटने की जोड़ को स्थिर रखता है। यह हड्डियों को घिसने से बचाने का भी काम करता है।

वैसे तो मिनिस्कस टियर किसी को भी हो सकता है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह खिलाड़ियों में देखने को मिलता है। क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, वॉलीबॉल या दूसरे खेल के दौरान अक्सर चोट लगने पर मिनिस्कस टूट या फट जाता है।

कई बार चलते या दौड़ते समय अचानक से अपनी दिशा बदलने के कारण भी मिनिस्कस टियर हो सकता है। इतना ही है, उम्र बढ़ने पर घुटने का कार्टिलेज कमजोर हो जाता है जिसके कारण मिनिस्कस टियर का खतरा बढ़ जाता है।

मिनिस्कस का जांच करके इसकी चोट की गंभीरता की जांच की जाती है। जांच के बाद, डॉक्टर मिनिस्कस टियर के कारण और गंभीरता के आधार पर उपचार का चयन करते हैं। मिनिस्कस टियर का इलाज कई तरह से किया जा सकता है।

मिनिस्कस में चोट लगने या उसके फटने पर कुछ लोगों को घुटने में चटक की आवाज आ सकती है। साथ ही, कुछ लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं जैसे कि:-

घुटने में सूजन होना
घुटने के आसपास दर्द होना
घुटने की गतिशीलता में कमी आना
घुटने पर सहारा लेने में तकलीफ होना
इन सबके अलावा, सीढ़ी चढ़ने-उतरने, घुटने को मोड़ने या दैनिक जीवन के दूसरे उन सभी कामों को पूरा करने में परेशानी होना जिसमें घुटने का इस्तेमाल शामिल है।

अगर आप ऊपर दिए गर लक्षणों को खुद में अनुभव करते है|

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13/09/2024

स्लिप्ड डिस्क जिसे हर्नियेटेड डिस्क भी कहा जाता है, यह स्पाइन की एक स्थिति है जो तब होती है जब स्पाइनल डिस्क की बाहरी परत फट जाती है और अंदर का जेल बाहर निकल जाता है। रीढ़ की हड्डी चार भागों से मिलकर बनती है- हड्डियाँ, डिस्क, नसें और सॉफ्ट मसल्स। सॉफ्ट मसल्स स्पाइन का लगभग 70 प्रतिशत भार वहन करते हैं, जबकि हड्डियों पर केवल 30 प्रतिशत भार ही होता है। इसलिए जब आपके मसल्स टिश्यू बैक को सपोर्ट नहीं कर पाते, तब अतिरिक्त लोड हड्डियों व डिस्क पर आता है। इस स्थिति में स्लिप डिस्क होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है।

यूं तो इस स्थिति में सर्जरी करने की सलाह दी जाती है, लेकिन इसके लिए कई पेन रिलीफ ट्रीटमेंट ऑप्शन भी मौजूद हैं। इतना ही नहीं, अगर उपचार में लापरवाही न बरती जाए तो अधिकतर मामलों में बिना सर्जरी के ही व्यक्ति ठीक हो जाता है।
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28/07/2024

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22/06/2024

Ankylosing Spondylitis:

एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसे ठीक से मैनेज नहीं करने पर हमेशा के लिए दर्द, थकान, जकड़न और दुर्बलता का कारण बन जाती है। हालांकि, इस रोग का सटीक प्रबंधन यह सुनिश्चित कर सकता है कि आप बेहतर गुणवत्तापूर्ण जीवन व्यतीत करें और कभी अकेला महसूस न करें।

एन्किलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस को कैसे प्रबंधित करें? (How to Manage Ankylosing Spondylitis?)

1. जीवनशैली में बदलाव है जरूरी

जीवनशैली में बदलाव लाने से व्यक्ति को एन्किलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस के साथ अच्छी तरह से जीवन व्यतीत करने में मदद मिल सकती है। इसके लिए आप निम्न बातों को फॉल करें-

नियमित रूप से कम प्रभाव वाले व्यायाम, जैसे कि टहलना, तैरना और योग आपके जोड़ो को गतिशील बनाने, आपके वजन को नियंत्रित करने, अवस्था में सुधार लाने और परिस्थिति के कारण होने वाले दर्द को कम करने में मदद करता है।
वर्क फ्रॉम होम नया ट्रेंड हो सकता है, लेकिन एन्किलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस के रोगियों के लिए यह शारीरिक गतिविधि में कमी का कारण है, इसलिए आप सुनिश्चित करें कि कार्यावधि के दौरान नियमित ब्रेक लेकर अपने अंगो का खिंचाव करने के लिए कुछ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें।

पौष्टिक भोजन का सेवन करें। प्रसंस्कृत और परिष्कृत आहार उत्पादों का ज्यादा मात्रा में सेवन करने की बजाय स्वस्थ भोजन जैसे कि फल, सब्जी और लीन प्रोटीन वाला भोजन करना चाहिए।

नियमित नींद की दिनचर्या का पालन करें और एन्किलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस के मरीज के लिए जो सामान्य समस्या है थकान, उसको दूर करने के लिए एक अच्छे गद्दे का प्रयोग करके बेहतर नींद प्राप्त करें।

एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस रोग के निदान वाले रोगियों के लिए व्यायाम को नियमित रूप से करना भी महत्वपूर्ण है। टेनिस और बैडमिंटन जैसे शारीरिक खेलों के साथ तैराकी वास्तव में फायदेमंद साबित हो सकता है। इन रोगियों को हमेशा एक ग्रह करवट होकर सोना चाहिए, सीधा बैठना चाहिए और आगे की ओर झुकने से बचना चाहिए।

अंत में, धूम्रपान एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस का दूसरा कारण है, इसलिए यदि रोग का निदान किया जाता है, तो किसी को भी धूम्रपान बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

2. चिकित्सीय सहायता लें

एन्किलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस के रोगियों के लिए एक स्वस्थ जीवनशैली आवश्यक है। आपकी चिकित्सीय सहायता प्रणाली भी अनिवार्य है।

स्थिति में प्रारंभिक हस्तक्षेप से निदान करके एक रोगी को 7-10 साल के गलत उपचार और अपरिवर्तनीय संरचनात्मक क्षति से बचा सकता है।
एन्किलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस के लिए सही विशेषज्ञ से मिलना और गलत निदान या देरी से बचने के लिए नियमित परामर्श और निरंतर ख्याल रखें।

अनुशंसित उपचार योजना का पालन करना। अपने डॉक्टर की सलाह पर भरोसा करना और छोटी और लंबी अवधि में डॉक्टर-रोगी के बीच एक अच्छा संबंध बनाए रखना।

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19/06/2024

Arthritis का मतलब है गठिया यानी कि जोड़ों में दर्द, सूजन और जकड़न रहना। गठिया (Arthritis) के सामान्य लक्षणों में जोड़ों में सूजन, दर्द, जकड़न और धीमी गति से चलना शामिल है। लक्षण हल्के से गंभीर तक भिन्न होते हैं और आते - जाते रहते हैं। आपके लक्षण समय के साथ बढ़ भी सकते हैं और गंभीर भी हो सकते है। गंभीर गठिया के परिणामस्वरूप कई दिक्कत और परेशानियां हो सकती हैं जैसे की पुराना दर्द हो सकता है, दैनिक गतिविधियों को करने में कठिनाई हो सकती है और सीढ़ियां चढ़ने में दर्द महसूस हो सकता है।

गठिया (Arthritis) 100 से अधिक प्रकार का होता है। सबसे आम प्रकारों में ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis), रूमेटोइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis), सोरियाटिक गठिया (Psoriatic Arthritis) फाइब्रोमाल्जिया (Fibromyalgia) और वात रोग (Gout) शामिल हैं।

रूमेटोइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) एक (auto-immune disease) ऑटोइम्यून बीमारी है जो आपके पूरे शरीर में जोड़ों के दर्द, सूजन और नुकसान का कारण बन सकती है। आम तौर पर इम्यून सिस्टम हमें कीटाणुओं से सुरक्षा देता है, पर रूमेटोइड आर्थराइटिस में हमारा इम्यून सिस्टम हमारे हेल्दी टिश्यू और जोड़ों को प्रभावित करता है।

रूमेटोइड आर्थराइटिस आम तौर पर कम उम्र में प्रभावित करता है 20 से 50 साल की उम्र में आमतौर पर देखा गया है और महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले ज्यादा देखा जाता है लगभग 2 से 3 गुना ज्यादा देखा जाता है महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले।

रूमेटोइड आर्थराइटिस से ग्रस्त व्यक्ति बताता है कि जोड़ों में दर्द है जकड़न है सूजन है वह बोलते हैं कि यह सुबहे के समय सबसे ज्यादा होती है और हाथों में सुबह खुलने बंद करने में काफी तकलीफ होती है जैसे जैसे दिन बीतता है यह ज्यादा खुल पाते हैं जकड़न कम हो जाती है इनके अलावा रूमेटोइड आर्थराइटिसमें कोनी कंधे घुटने पाव को प्रभावित करता है इन सब जगहों में सूजन, दर्द हो सकता है |

रूमेटाइड अर्थराइटिस एक सूजन संबंधित बीमारी है जिसमें न सिर्फ जोड़ों पर असर पड़ता है बल्कि शरीर के तंत्र, त्वचा, आंखों, लंग्स, दिल और खून पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। रूमेटाइड अर्थराइटिस में जॉइन्ट्स का आकार बदलने लगता है, जिससे पैर व हाथ या उंगलियां टेढ़ी होने लगती हैं।

शुरुआती चरणों में, रूमेटोइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) वाले लोगों को जोड़ों में सूजन दिखाई नहीं देता है, लेकिन उन्हें कोमलता और दर्द का अनुभव हो सकता है। रूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) में जोड़ों के इलावा बाकी शरीर भी प्रभावित हो सकता है, इसमें फेफडे, हृदय, आदि भी प्रभावित हो सकते हैं |

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