13/06/2025
उड़ान जो आसमान से गिरी — एक डॉक्टर की श्रद्धांजलि
(अहमदाबाद फ्लाइट हादसे में जब विमान इंटर्न हॉस्टल पर गिरा😭)
थी दोपहर की घड़ी, थकान से राहत का समय,
सफेद कोट उतारे थे, कुछ पल सुकून के संग थे हम।
कैंटीन की हँसी में था जीवन का संगीत,
किसे था पता वही पल होंगे आख़िरी जीत।
इंटरन हॉस्टल के कमरों में थीं उम्मीदें जवाँ,
हर कोने में गूंजती थीं कल की योजनाएँ जहाँ।
तभी आकाश चीरा एक लोहे का पंछी,
गिर पड़ा ज़मीं पर बनके कहर की चीखी।
कोई निवाला मुँह में, कोई चाय लिए हाथ में,
एक क्षण में बदल गई तस्वीर लाशों की बात में।
हमें तो सिखाया था ज़ख्म भरना, जान बचाना,
कहाँ सोचा था — खुद ही बन जाएँगे किस्सा पुराना।
वे थे डॉक्टर — जो जीवन की राह बनाते,
आज उन्हीं की साँसें मलबे में कहीं खो जाते
ये कोई हादसा नहीं, एक पीढ़ी का अपमान है,
जो देश के कंधे थे, वो जल गए एक विमान में।
हे ईश्वर! अब भी कुछ बचा हो अगर,
तो इन आत्माओं को देना शांति का सफ़र।
हम उन्हें भूलेंगे नहीं, वो हमारी रगों में हैं,
हर सर्जरी, हर सेवा में उनके सपने संग हैं।
– एक डॉक्टर की कलम से, उन वीरों को नमन
(जो खाना खाते-खाते अमर हो गए)😭