10/07/2019
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अक्सर ये सवाल उठता है कि #आयुर्वेद बेहतर चिकित्सा पद्धति है या फिर #एलोपैथी ।
हालांकि दोनों ही चिकित्सा पद्धतियां इंडिया में काफी पॉपुलर हैं।
एमपी मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. आर. एस. शर्मा के मुताबिक आयुर्वेद और एलोपैथी दोनों का अपना महत्व है।
◆क्या है आयुर्वेद और एलोपैथी के फायदे?
आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति जहां बीमारी से बचाव और उसके जड़ से निदान में कारगर है
वहीं एलोपैथी एक्यूट और सीवियर बीमारियों, जटिल ऑपरेशन्स, इन्फेक्शन के इलाज में बेहतर है।
◆ क्या हैं आयुर्वेद और एलोपैथी के नुकसान?
आयुर्वेद और एलोपैथी दोनों ही पैथी के कुछ न कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं। कोई भी पैथी अपने आप में संपूर्ण नहीं कही जा सकती। कहीं दवाओं के नुकसान हैं तो कहीं रसायनों के नुकसान। कहीं आधुनिकतम सुविधाएं उपलब्ध हैं तो कहीं घरेलू नुस्खों और जड़ी बूटियों के जरिए ही असाध्य रोगों का इलाज हो जाता है।
◆ एलोपैथी का बेहतर यूज क्या है?
एक्यूट कंडीशन, जहां तुरंत इलाज की जरूरत हो, हार्ट अटैक, सीवियर इन्फेक्शन, सर्जर, एंजियोप्लास्टी वगैरह में यह काफी फायदेमंद है।
◆एलोपैथी के फायदे क्या हैं?
तुरंत आराम, सर्जिकल ऑपरेशन के लिए ज्यादा बेहतर सुविधाएं, इंजेक्शन और एंटीबायोटिक्स की बड़ी रेंज मौजूद है।
◆एलोपैथी के नुकसान क्या हैं?
सिंथेटिक दवाएं, एलर्जी, साइड इफेक्ट, कई बीमारियों का परमानेंट हल नहीं, कई बीमारियों का ऑपरेशन के बिना इलाज नहीं हो सकता ।
◆आयुर्वेद का यूज क्या है?
इम्युनिटी बढ़ाने और रोगों से बचाव के लिए, बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए, इलाज के बाद रिहैबिलिटेशन के लिए आयुर्वेद काफी बढ़िया पद्धति है।
◆आयुर्वेद के फायदे क्या हैं?
साइड इफेक्ट कम हैं, अधिकांश दवाएं नेचुरल मटेरियल्स से बनती हैं, रिएक्शन कम होते हैं, घरेलू नुस्खे भी शामिल हैं।
◆आयुर्वेद के नुकसान क्या हैं?
दवाओं का लंबा कोर्स, महंगी जड़ी बूटियों और रसायनों का दवा में इस्तेमाल, ऑपरेशन और जांच की आधुनिक सुविधा नहीं मिल पाती।