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18/01/2024

Thankyou god ...for every thing 🙏

DIP DIETHealth adviser ravi kumar dewangan preet life care ...क्या आप DIP Diet Plan के बारे में जानते हैं? हो सकता है आप...
17/01/2024

DIP DIET
Health adviser ravi kumar dewangan preet life care ...

क्या आप DIP Diet Plan के बारे में जानते हैं? हो सकता है आप मेसे अधिकतर लोगो ने इसके बारे में सुना होगा. इस DIP डाइट से आप Common Cold से लेकर Cancer तक को भी ठीक कर सकते है.

DIP डाइट एक Internationally Renowned Medical Nutritionist हैं. इनके अनुसार आप कई बीमारियों को इससे Cure कर सकते है.
मै आपको DIP Diet Plan के बारे में सरल तरिके से बताने की कोशिश करने जा रहा हू. तो चलिए शुरू करते है.

DIP डाइट क्या है?
प्राकृतिक रूप में प्राप्त होने वाले खादय पदार्थ को इसमें समलित किया जाता है. इसे Plant Source से प्राप्त खादय पदार्थ (जैसे फल, सब्जिया, पत्तियां) भी कहा जाता है. जब हम ऐसे खादय पदार्थ को प्राकृतिक रूप में ही खाते है. जैसे कच्ची सब्जिया, फल, सलाद आदि तो ये हमारे शरीर में अनुशासित तरिके से व्यवहार करते है। इसका क्या मलतब हुआ? ये हमारे शरीर की Rules and Regulation (नियमों और विनियमन) का पालन करते है।

ऐसे आहार में जीवित एंजाइम होते है. जो इन्क्रेटिन हार्मोन (Incretin Hormones) और लिवर की तथा हमारे शरीर की Signaling System (सिग्रलिंग) को समझते है. और हमारे Metabolism (चयापचय) System को भी प्रभावित नहीं करते है।

इसीलिए इस DIP Diet Plan को Discipline and Inteligent People (DIP) Diet कहा जाता है।

डी. आई. पी. डाइट प्लान
इस आहार को फॉलो करने वाला व्यक्ति बहुत कम बीमार होते है. यदि कोई बीमार हो भी जाता है. तो वह बहुत जल्दी ठिक हो जाता है. यह डाइट आपको दीर्घायु प्रदान करता है.
DIP डाइट प्लान मुख्यतः तीन भागो में है,

Step 1(सुबह का नास्ता)
Setp 2 (दोपहर का लंच)
Step 3 (रात का डिनर)

Step 1 (सुबह का नास्ता)
12 बजे तक आपको केवल 3 से 4 प्रकार के फल खाने है जैसे – आम, अंगूर, केला आदि।

अब मन में यह सवाल आता है कि कितना फल खाना है ? तो इसका जबाब है –

DIP Diet Plan

फल खाने की न्यूनतम मात्रा – Your Body Weight in kg × 10 = …gms

उदाहरण के लिए – मान लीजिये की आपका वजन 60 Kg है। तो 60 x 10 = 600gms फल आपको 12 बजे से पहले खा लेने है

Step 2 (दोपहर का लंच)
आपको अपना लंच हमेसा 2 प्लेट (Plate 1 & Plate 2) में खाना है। अब इसका क्या मतलब है? इसका मतलब यह है कि पहले आपको Plate 1 खत्म करना है फिर Plate 2 खाना है।

Plate 1 : आपके Plate 1 में गाजर, टमाटर, मूली और खीरा जैसी कम से कम 4 तरह की सब्जियां होनी चाहिए. जिन्हें आप कच्चा खा सकते हो. मन में फिर सवाल आता है कि कितनी कच्ची सब्जियाँ खानी है ? तो इसका जबाब है –

कच्ची सब्जियाँ खाने की न्यूनतम मात्रा – Your Body Weight in kg × 5 = …gms

उदाहरण के लिए – मान लीजिये की आपका वजन 60 Kg है। तो 60 x 5 = 300gms कच्ची सब्जियाँ खानी है।

Plate 2 : इसमें आपको घर का बना शाकाहारी भोजन जिसमें न के बराबर नमक और तेल हो खाना है। बात फिर आती है कि कितना खाना है ? तो इसका जबाब है आप जितना खा सकते है उतना खाइए।

Step 3 (रात का डिनर)
लंच और डिनर (Step 2 & Step 3) के नियम समान हैं। मलतब आपको लंच की तरह ही रात का डिनर भी करना है।

बस हमें यह याद रखना चाहिए कि शाम 7 बजे तक रात का खाना खत्म करने का प्रयास करना चाहिए।

DIP Diet Plan में ध्यान रखने योग्य बातें
आपको जानवरो से प्राप्त होने वाले खाद्य पदार्थ (जैसे- मांस, मछली,अंडा आदि) नहीं खाना है।
डेरी प्रोडक्स (जैसे- दूध, दही आदि) को नहीं खाना है।
Multivitamin tonic and Capsules को Avoid करनी चाहिए।
Factry से निकले वाले प्रोडक्स, डिब्बा बंद प्रोडक्स, Refined आदि को नहीं खाना है।
अपने शरीर को रोजाना कम से कम 40 मिनट धूप में रखने की कोशिश करें।

नाश्ते और पेय पदार्थों
Dip Diet Plan में नाश्ते, दोपहर के भोजन और रात के खाने के अलावा नाश्ते और पेय पदार्थों के भी विकल्प हो सकते है।

अंकुरित (Sprouts)
आप 3 मुख्य खाने (नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाने) के आलावा अंकुरित भी खा सकते है। कितना खाना है? –

अंकुरित – Your Body Weight in Kg = …gms

उदाहरण के लिए – मान लीजिये की आपका वजन 60 Kg है। तो 60 = 60gms तक अंकुरित (Sprouts) एक दिन में खा सकते है।

मेवा (Nuts)
इसमें आप सभी प्रकार के मेवे (बादाम, काजू, अखरोट आदि ) को २-३ घंटे पानी में भिगोकर रखने के बाद खा सकते है। कितना खाना है?

All Kinds of Nuts – Your Body Weight in Kg = …gms

उदाहरण के लिए – मान लीजिये की आपका वजन 60 Kg है। तो 60 = 60gms तक मेवा (Nuts) एक दिन में खा सकते है।

नाश्ते के रूप में आप फल खा सकते है।

ताजा नारियल पानी और नारियल क्रीम का सेवन कर सकते है।

Hunza Tea पी सकते है।

Hunza Tea बनाने की विधि
4 कप Hunza Tea बनाने की विधि व सामग्री इस प्रकार है –

एक Tea Pan में 4 कप Filtered Water ले और उसमे
12 पुदीना के पत्ते डाले
8 तुलसी के पत्ते डाले
4 हरि इलायची डाले
2 ग्राम दालचीनी डाले
20 ग्राम गुड़ डाले
5-7 मिनट तक इसे उबाले
स्वाद के अनुसार इसमें Lemon Juice मिलाकर पिए।

DIP Diet के फायदे
डी. आई. पी. डाइट प्लान एक बहुत शक्तिशाली आहार पद्धति है। निश्चित रूप से यह हर प्रकार के रोगो में फायदेमंद है। इस DIP Diet Plan की विशेषता यह है कि ऐसे हर कोई कर सकता है।

Diabeltes को 24 से 72 घंटे में
High Blood Pressure/High Cholesterol/Intestinal Disorder को 3 दिन से एक सप्ताह में
Obesity को 1 महीने में
Thyroid Disease 2 महीने में
Cancer/Asthma/Arthritis को 6 महीने में
Skin Disorder/Liver Disorder 8 महीने में Cure किया जा सकता है

और अधिक जानकारी के लिए मुझे कॉल या मैसेज करें।...6267382312

13/01/2024

जिंदगी भर महंगी और साईड इफेक्ट वाली दवाईयां खाना पसंद करेंगे या फिर प्राकृतिक रेड ओरा की तीन बोतल फैसला आपके हाथ?
*क्या आप इनमें से किसी भी समस्या से परेशान हो तो हमसे जरूर सम्पर्क करें क्योंकि हो सकता है कि आपकी समस्या का निवारण बगैर किसी दवाई के हो जाये...*
1- शुगर (मधुमेह)
2- ब्लड प्रेशर (हाई/लो)
3- हृदय रोग
4- कोलेस्ट्रॉल
5- दमा (अस्थमा)
6- लकवा (पैरालिसिस)
7- स्वाइन फ्लू
8- थाइराॅयड
9- माइग्रेन
10- थकान
11- अर्थराइटिस
12- मोटापा
13- त्वचा/चर्म रोग
14- सोराइसिस
15- बवासीर
16- एसिडिटी
17- पाचन सम्बंधित
18- लीवर से जुडी कोई भी परेशानी
19- अनिद्रा
20- अनीमिया (खून की कमी)
21- मानसिक तनाव
22- अनियमित मासिक धर्म
23- बांझपन
24- नपुंसकता
25- कैंसर
26- भूख न लगना
27- नसों की बलौकेज
28-डिप्रेशन
साथियों नमस्कार आज हम जिस प्रोडक्ट के बारे में बात करने वाले हैं यह एक अद्भुत और आश्चर्यचकित प्रोडक्ट है जो कि विज्ञान और आयुर्वेद के समावेश के साथ में बनाया गया है इस प्रॉडक्ट का नाम है *RED AURA*
यह प्रोडक्ट अपने अनोखे गुणों और अनेकों न्यूट्रीशन होने की बजह से एक सुपर फूड सप्लीमेंट्स बना है यह प्रोडक्ट नैनो टेक्नोलॉजी के द्वारा बना है इस इस प्रोडक्ट के अंदर जो 40 प्लस एक्टिव इंग्रेडिएंट्स है वो दुनिया के no:1 सुपर फूड है इसकी ORAC वैल्यू 20 लाख प्लस है ( ORAC: एंटीऑक्सीडेंट की ताकत मापने की इकाई ) इसकी हर बूंद है कमाल, हर बूंद मे गजब की ताकत। इस प्रोडक्ट के अंदर सभी प्रकार की बैरी जैसे की क्रेन बैरी , राष्पबैरी , बिलबैरी, स्ट्रॉबेरी , ब्लू बैरी, ब्लैकबेरी,गोजी बेरी, एसरोला चेरी,टार्ट चेरी, मिल्क थीस्ल ,गार्सिनिआ, मक्कारूट,सफेद मूसली ,आनार, सीवकथोन, ग्रेप सीड , आमला, जिनसिंग, अस्वगंधा, हल्दी, रेड एलोवेरा, बुरांश के फूल, नोनी, अर्जुन छाल, विजय छाल, खुम्बानी, पपीता, ग्रीन टी, लाल अंगूर, गिलोय, जामुन, मैंगोस्टीन, अनानास, स्टीविया, पल्म, व्हीट ग्रास, मोरिंगा औलीफेरा शतावरी शिलाजीत ,बेला जैसे सुपर फ़ूड डाले गए है।
*यह एक ऐसा अद्भूत और अनमोल मिश्रण है जो आपके शरीर को पूरी तरह से पुनः चक्रित करता है। आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। 300 से ज्यादा बीमारियों के पर यह लाभकारी है इसके चमत्कारी परिणाम है।
*www.preetlifecare.com
इसके प्रणाम देखने के लिए यहां लिंक को क्लिक करे।
https://youtube.com/?si=G63xC2REDrStVh5e

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें 6267382312

13/01/2024

बांझपन क्या है?

एक वह समस्या है, जिसमें दंपत्ति, एक वर्ष या उससे अधिक समय के प्रयास के बाद भी गर्भधारण करने में असमर्थ होते है। यह समस्या ना केवल दंपत्ति को प्रभावित करती है बल्कि उनके विस्तारित परिवार को भी प्रभावित करती है।

बांझपन के लक्षण
बांझपन के लक्षणों में सबसे मुख्य लक्षण है प्रयास करने के बावजूद भी गर्भधारण ना होना।

पुरुषों में बांझपन के लक्षण
यौन इच्छा में बदलाव महसूस करना।
अंडकोष के भीतर दर्द, गांठ या सूजन का महसूस होना।
वीर्यपात के समय समस्या होना (Ejaculatory/Erectile Dyfunction)
महिलाओं के अंदर बांझपन के लक्षण
पीसीओडी (PCOD) या पीसीओएस (PCOS) की समस्या भी एक कारण हो सकता है।
इन समस्याओं के कुछ यह लक्षण है-

बालों की समस्या जैसे बालों का पतले होना या झड़ना।
वजन का अचानक से बढ़ना।
चेहरे पर मुहांसे होना या त्वचा संबंधी कोई समस्या आदि।
मासिक धर्म के कारण पीठ या पेट में दर्द रहना।

बाँझपन के कारण
पुरुषों में बांझपन के क्या कारण हो सकते है?
शुक्राणुओं की संख्या में अधिक कमी जिसे हम अंग्रेजी में Low S***m Count भी कहते हैं।
सीमेन में शुक्राणुओं की उपस्थिति का ना होना जिसे हम अंग्रेजी में Azoospermia कहते हैं।
शुक्राणुओं की गति की समस्या जिसे हम अंग्रेजी में Low S***m Motility कहते हैं।
शुक्राणुओं के आकार की समस्या जिसे हम अंग्रेजी में Poor S***m Morphology कहते हैं।
शुक्राणुओं की गुणवत्ता की समस्या भी एक एहम कारण हो सकता है यानि की Low Quality S***m और शुक्राणुओं सबंधी कोई अन्य समस्या भी पिता बनने में दिक्कत पैदा कर सकती है।......क्या आपके पास इसका स्थायी इलाज है , अगर नहीं तो दिये गये नंबर पर कॉल या मैसेज कर सकते है।
Preet life care ..6267382312

12/01/2024

Piles ...बवासीर

बवासीर यानी पाइल्स एक गंभीर बीमारी है, जिसमें व्यक्ति को अपने नित्यकर्म में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. किसी पुरानी कब्ज और टाइट दस्त के कारण बवासीर की समस्या ट्रिगर हो सकती है. मलाशय और मलमार्ग में फोड़ों को बवासीर के रूप में जाना जाता है. बवासीर (Hemorrhoids) के कई कारण हो सकते हैं. लेकिन बवासीर में व्यक्ति को मलत्याग में बड़ी समस्या होती है. यह एक आम समस्या है और हर चार में से तीन को कभी न कभी बवासीर की समस्या से गुजरना पड़ता है. अच्छी बात ये है कि बवासीर का इलाज है और आधुनिक चिकित्सा में इसका ऑपरेशन भी होता है, जबकि आयुर्वेद और घरेलू उपचार के जरिए भी बवासीर की समस्या से निजात मिल सकती है.

बवासीर के प्रकार – Type of Piles in Hindi
बवासीर मुख्यत: दो प्रकार का होता है. दोनों ही प्रकार के बवासीर में मरीज को कई तरह की दिक्कतें होती हैं –

एक्सटर्नल पाइल्स यानी बाह्य बवासीर – इस तरह का बवासीर गुदा मार्ग यानी मल मार्ग के आसपास की त्वचा के नीचे होता है.
इंटरनल बवासीर यानी अंदरूनी बवासीर – यह प्रकार का बवासीर व्यक्ति के मलाशय यानी रेक्टम में मौजूद होता है. इन्हें देखा या महसूस नहीं किया जा सकता, लेकिन मल त्याग के दौरान दर्द रहित ब्लीडिंग हो सकती है.
बवासीर के लक्षण – Piles Symptoms in Hindi
बवासीर में व्यक्ति को मल त्यागने में परेशानी होती है. बवासीर की समस्या ज्यादा होने पर व्यक्ति को बैठने में भी समस्या होने लगती है. इसके अलावा कई ऐसे लक्षण हैं जो बवासीर की ओर संकेत करते हैं.....क्या आपके पास इसका इस्थाई समाधान है , अगर नहीं तो दिए गये नंबर पर कॉल या मैसेज करे ।
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12/01/2024

मोटापा क्या है?

जब किसी व्यक्ति का शरीर का वजन, सामान्य से अधिक हो जाता तो उसे मोटापा कहते हैं। आप रोज जितनी कैलोरी भोजन के रूप में लेते हैं, जब आपका शरीर रोज उतनी खर्च नहीं कर पाता है, तो शरीर में अतिरिक्त कैलोरी फैट के रूप में जमा होने लगता है, जिससे शरीर का वजन बढ़ने लगता है।

मोटे होने का कारण (Obesity Causes)
अधिक वजन (Over Weight) वाले व्यक्तियों के शरीर में अत्यधिक मात्रा में चर्बी (Toxins) जमा हो जाती है। यह शरीर में धीरे-धीरे गलत दिनचर्या, प्रदूषण और अपच के कारण होती रहती है। वजन दो कारणों से बढ़ता है, जो ये है-

अस्वस्थ खान-पान शारीरिक गतिशीलता में कमी
मोटे होने का लक्षण (Obesity Symptoms)
किसी व्यक्ति का उचित वजन कितना होना चाहिए, यह बी.एम.आई. पर निर्भर करता है। बी.एम.आई. दो बातों पर निर्भर करती हैः-

कद
वजन
आप बीएमआई से अपने वजन की जांच कर सकते हैं। बी.एम.आई. का यह फार्मूला होता है- वजन (कि.ग्रा. में)/कद (मीटर में )2।

अगर आपकी बीएमआई 18.5 से कम है तो आप अंडरवेट माने जाएंगे।
अगर आपकी बीएमआई 18.5 से 24.9 के बीच है तो आपका वजन सामान्य माना जाएगा।
इसी तरह 25 से 029.9 तक की बी.एम.आई. होने पर ओवरवेट माना जाता है।
30 से ज्यादा की बी.एम.आई. होने पर ओबीज या मोटापा कहलाता है।
गर्भावस्था के दौरान बी.एम.आई. की सीमा लागू नहीं होती है।
बी.एम.आई. आयु व लिंग पर निर्भर नहीं करता है।....क्या आपके पास इसका स्थायी समाधान है , अगर नहीं तो दिये गये नंबर पर कॉल या मैसेज करें।

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12/01/2024

गैस्ट्रिक समस्या क्या है?

गैस्ट्रिक दर्द मुख्य रूप से ऊपरी पेट में महसूस होने वाली परेशानी है। कई लोगों को कभी-कभी या बार-बार गैस या गैस के दर्द का अनुभव हो सकता है। किशोरों और बुजुर्गों को भी गैस्ट्रिक समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

अन्नप्रणाली या भोजन नली, पेट या आंतों के आसपास जठरांत्र संबंधी मार्ग। अन्नप्रणाली भोजन के कणों को पेट और आंतों तक पहुंचाता है जहां यह छोटे तत्वों में टूट जाता है और अन्य अंगों और ऊतकों को भोजन से पोषक तत्वों को अवशोषित करने और जैविक दिनचर्या को पूरा करने की अनुमति देता है और इष्टतम समग्र स्वास्थ्य सुनिश्चित करता है।.....क्या आपके पास इसका इस्थायी इलाज है , अगर नहीं तो दिये गये नंबर पर कॉल या मैसेज करें।

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12/01/2024

आर्थराइटिस क्या है?

रूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून अवस्था है जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) शरीर के अपने शरीर के ही स्वस्थ टिश्यू पर हमला करती है। इस बीमारी में, प्रतिरक्षा प्रणाली जोड़ों की परत को एंटीबॉडी भेजती है और जॉइंट के आसपास के टिश्यू को ट्रिगर करती है। इसके कारण, जोड़ों को ढंकने वाले नरम टिश्यू में पीड़ादायक सूजन हो जाती है। यदि बीमारी अनुपचारित रह जाती है, तो यह जॉइंट के आकार और संरेखण/अलाइन्मन्ट को नुकसान पहुंचा सकती है।

ऑस्टियोआर्थराइटिस के विपरीत रूमेटाइड अर्थराइटिस, जॉइंट लाइनिंग को प्रभावित करता है और सूजन और दर्द का कारण बनता है जो अंततः हड्डियों और जोड़ों के विकृती का कारण हो सकता है। रूमेटाइड अर्थराइटिस के परिणामस्वरूप होने वाली सूजन अन्य शरीर के अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकती है।

गठिया अगर बढ़ जाता है तो दुर्बल हो सकता है। सिनोवियम (जोड़ों के लिए तरल पदार्थ) सूजन के परिणामस्वरूप गाढ़ा हो जाता है जो समय के साथ हड्डी, कार्टिलेज और जॉइंट के कुछ हिस्सों को नुकसान पहुंचा सकता है। जोड़ों को पकड़े हुए लिगामेंट और टेंडन्स खिंच जाते हैं और कमजोर हो जाते हैं।.....क्या आपके पास इसका इस्थायी इलाज है , अगर नहीं तो दिये गये नंबर पर कॉल करे या मैसेज करे।
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12/01/2024

Cancer...

कैंसर (Cancer) शरीर में होने वाली एक असामान्य और खतरनाक स्थिति है। कैंसर तब होता है, जब शरीर में कोशिकाएं (Cells) असामान्य रूप से बढ़ने और विभाजित होने लगती हैं। हमारा शरीर खरबों कोशिकाओं से बना है। स्वस्थ कोशिकाएं शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार बढ़ती और विभाजित होती हैं। कोशिकाओं की उम्र जैसे-जैसे बढ़ती या क्षतिग्रस्त होती है, ये कोशिकाएं मर भी जाती हैं। इनकी जगह नई कोशिकाओं का निर्माण होता है। जब किसी को कैंसर होता है, तो कोशिकाएं इस तरह से अपना काम करना बंद कर देती हैं। पुरानी और क्षतिग्रस्त कोशिकाएं मरने की बजाय जीवित रह जाती हैं और जरूरत नहीं होने के बावजूद भी नई कोशिकाओं का निर्माण होने लगता है। ये ही अतिरिक्त कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विभाजित होती हैं, जिसके परिणामस्वरूप ट्यूमर (Tumour) होता है। अधिकतर कैंसर ट्यूमर्स होते हैं, लेकिन ब्लड कैंसर (Blood cancer) में ट्यूमर नहीं होता है। हालांकि, हर ट्यूमर कैंसर नहीं होता है। कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में विकसित हो सकता है। आमतौर यह आस-पास के ऊतकों (Tissues) में फैलता है। असामान्य और क्षतिग्रस्त कैंसर कोशिकाएं (Cancer cells) शरीर के दूसरे भागों में पहुंचकर नए घातक व मैलिग्नेंट ट्यूमर (malignant tumours) बनाने लगती हैं।

ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer), ओवेरियन कैंसर (ovarian cancer), स्किन कैंसर (skin cancer), लंग कैंसर (Lung cancer), कोलोन कैंसर (Colon cancer), प्रोस्टेट कैंसर (Prostate cancer), लिंफोमा (Lymphoma) सहित सौ से अधिक प्रकार के कैंसर होते हैं। इन सभी कैंसर के लक्षण और जांच एक-दूसरे से भिन्न होते हैं। कैंसर का इलाज मुख्यरूप से कीमोथेरेपी (chemotherapy), रेडिएशन (Radiation) और सर्जरी द्वारा की जाती है।... क्या आपके पास ऐसा कुछ समाधान है जिससे आप बिना ओपरेशन के कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की स्थायी रूप से इलाज कर सकें....अगर नहीं तो दिये गये नंबर पर कॉल या मैसेज करें।
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12/01/2024

हार्ट का ब्लॉकेज क्या है?

जब हृदय में स्थित धमनियों की दीवारों में कफ धातु जमा हो जाता है, तो उससे पैदा होने वाला विकार को हार्ट ब्लॉकेज (ह्रदय प्रतिचय) कहते हैं। आधुनिक रहन-सहन और खाने-पीने में लापरवाही की आदतों के चलते अधिकांश लोगों में हार्ट ब्लॉकेज की समस्या आम होती जा रही है। हार्ट ब्लॉकेज की समस्या जन्मजात भी होती है। जन्मजात ब्लॉकेज की समस्या को कॉन्जेनिटल हार्ट ब्लॉकेज (Congenital heart blockage) कहते हैं। बाद में हुई समस्या को एक्वायर्ड हार्ट ब्लॉकेज (acquired heart blockage) कहते हैं।

कोरोनरी आर्टरीज (धमनी) में किसी भी तरह की रुकावट के कारण हृदय में रक्त की आपूर्ति प्रभावित होती है। इससे रक्त के थक्के बनने लगते हैं, जिसके कारण हार्ट अटैक या दिल का दौरा पड़ता है। इसे एक्यूट मायोकार्डियल इंफार्कशन कहा जाता है। यहां हार्ट ब्लॉकेज को खोलने के लिए अनेक उपाय बहुत ही सरल भाषा (heart blockage treatment in hindi) में लिखे गए हैं ताकि आप इसका पूरा लाभ ले पाएं।
हार्ट में ब्लॉकेज होने के कारण (Heart Blockage Causes)
ब्लॉक, कोलेस्ट्रॉल, फैट, फाइबर टिश्यू और सफेद रक्त कोशिकाओं के मिश्रण से होता है। यह मिश्रण धीरे-धीरे नसों की दीवारों पर चिपक जाता है। इससे ही हार्ट ब्लॉक होने लगता है। हार्ट में ब्लॉक दो तरह का होता है। जब यह गाढ़ा और सख्त होता है, तो ऐसे ब्लॉक को स्टेबल ब्लॉक कहा जाता है। जब यह मुलायम होता है तो इसे तोड़े जाने के अनुकूल माना जाता है। इसे अनस्टेबल ब्लॉक कहा जाता है।

स्टेबल ब्लॉक (Stable Plaque)
इस तरह का ब्लॉक धीरे-धीरे बढ़ता है। ऐसे में रक्त प्रवाह को नई आर्टरीज (Artries) का रास्ता ढूंढ़ने का मौका मिल जाता है। इसे कोलेटरल वेसेल (Collateral Vessal) कहते हैं। ये वेसेल, ब्लॉक हो चुकी आर्टरी को बाईपास कर देती है, और दिल की मांसपेशियों तक आवश्यक रक्त और ऑक्सीजन पहुंचाती है। स्टेबल ब्लॉक से रूकावट की मात्रा से कोई फर्क नहीं पड़ता। इससे गंभीर दिल का दौरा भी नहीं पड़ता है।

अनस्टेबल ब्लॉक (Unstable Plaque)
अस्थाई ब्लॉक में, ब्लॉक के टूटने पर, एक खतरनाक थक्का बन जाता है। इससे कोलेटरल को विकसित होने का पूरा समय नहीं मिल पाता है। व्यक्ति की मांसपेशियां (Muscle) गंभीर रूप से डैमेज हो जाती हैं। कई बार इससे रोगी को अचानक दिल का दौरा पड़ता है, या रोगी कार्डिएक डेथ (Sudden Cardiac death) का शिकार हो जाता है।

हार्ट ब्लॉकेज के लछण
बार-बार सिरदर्द होना
चक्कर आना या बेहोश हो जाना
छाती में दर्द होना
सांस फूलना
छोटी सांस आना
काम करने पर थकान महसूस हो जाना
अधिक थकान होना
बेहोश होना
गर्दन, ऊपरी पेट, जबड़े, गले या पीठ में दर्द होना
अपने पैरों या हाथों में दर्द होना या सुन्न हो जाना
कमजोरी या ठण्ड लगना।
हार्ट ब्लॉकेज के इन लक्षणों (heart blockage symptoms) को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये लक्षण बाद में हार्ट अटैक के लक्षण भी बन सकते हैं।
क्या आपके पास इसका इस्थाई इलाज है, अगर नहीं तो दिये गये नंबर पर कॉल या मैसेज करे।
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12/01/2024

Paralysis...
क्या होता है लकवा?
अचानक ब्रेन के किसी एरिया में डैमेज हो यानी खून सप्लाई को लेकर जो डैमेज होता है, उसकी वजह से लकवा आता है. इससे होता क्या है कि शरीर के एक तरफ के हिस्से जैसे एक हाथ या एक पांव में काफी ज्यादा कमजोरी आ जाती है.
किस वजह से आता है लकवा?
लकवा के आम तौर पर दो कारण माने जाते हैं. इसमें एक कारण तो ब्रेन हैम्ब्रेज है यानी ब्रेन में जाने वाली ब्लड की पाइप फट जाना. दूसरा कारण है इस ब्लड पाइप में कोई ना कोई ब्लॉक हो जाना. माना जाता है कि ज्यादातर केस पाइप ब्लॉक होने वाले ही होते हैं और अधिकतर लोगों के इस वजह से लकवा आता है. कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 85 फीसदी लकवा के केस पाइप ब्लॉक होने के वजह से होते हैं, जबकि 15 फीसदी मामले अन्य कारणों से होते हैं.
अगर रिस्क फैक्टर की बात करे तो डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, लिपिड प्रोफाइल बढ़ी हो तो इसका खतरा बढ़ सकता है. इसके अलावा जिन लोगों को हार्ट संबधी दिक्कत होती है और ब्लड का थक्का जमने की दिक्कत रहती है तो कई बार थक्का धीरे-धीरे दिमाग तक पहुंच जाता है वहां जम जाता है, जो लकवे का कारण बनता है. ऐसे में इन बीमारियों को लकवे का रिस्क फैक्टर माना जाता है.
अक्सर लोगों के सवाल होते हैं कि क्या ऐसे कोई संकेत होते हैं, जिनसे ये पता लगाया जा सके कि किसी को आगे लकवे की शिकायत हो सकती है. ताकि व्यक्ति पहले से सतर्क रहे और आगे की दिक्कत के लिए सतर्क रहें. इस पर डॉक्टर्स का कहना है कि बहुत कम केस में इसका पहले से पता किया जा सकता है, क्योंकि यह कुछ ही मिनटों में हो जाता है और संभलने के लिए पहले से वक्त नहीं मिलता है.
मगर जिन केसों में पहले पता चलता है, उन लक्षणों की बात करें तो इसमें पहले एक छोटा सा लकवा आता है. यह होता लकवे की तरह ही है, लेकिन यह कुछ ही मिनटों में ठीक हो जाता है. जैसे कुछ देर बोलने में दिक्कत होती है और कुछ देर के लिए शरीर के एक तरफ के हिस्से में कमजोरी होने लगती है. इस केस को डॉक्टर्स टीआईए के नाम से जानते हैं. ऐसे में इस लकवा का संकेत माना जा सकता है.
क्या होते हैं लकवे के लक्षण?
अगर लकवे के लक्षण की बात करें तो अगर लकवा हाथ, पांव में होता है तो आप चलने और लिखने में दिक्कत होगी और कमजोरी आ जाएगी. वहीं, जिन लोगों को चेहरे में लकवा आता है, उन लोगों को बोलने और खाना खाने में दिक्कत होगी. इसके अलावा कमजोरी होने से काफी दिक्कतें और भी शुरू हो जाती हैं, जिसमें बेड सोर्स आदि कई तरह की दिक्कतें शमिल हैं......
क्या आपके पास इसका इस्थाई समाधान है , अगर नहीं तो दिये गये नंबर पर कॉल या मैसेज करे।
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