Reiki Healing

Reiki Healing Reiki is a gentle relaxing therapy that soothes your Body, Mind and Spirit, transporting you to a st

24/07/2025
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Shiv Prashar

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20/07/2025

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‘हर व्यक्ति की 4 पत्नियां होनी चाहिए’  #बुद्ध के अनुसार किसी व्यक्ति की एक नहीं, दो नहीं, बल्कि 4 पत्नियां होनी चाहिए। ए...
13/07/2025

‘हर व्यक्ति की 4 पत्नियां होनी चाहिए’
#बुद्ध के अनुसार किसी व्यक्ति की एक नहीं,
दो नहीं, बल्कि 4 पत्नियां होनी चाहिए।

एक समय की बात है,
एक व्यक्ति था जिसकी 4 पत्नियां थीं।
यह उस दौर की बात है जब भारत में एक पुरुष को
एक से अधिक पत्नियां रखने की इजाजत थी।

उसका जीवन काफी अच्छा चल रहा था,
लेकिन परेशानियां भी अधिक दूर नहीं थीं।
वह काफी बीमार पड़ गया,
उसकी बीमारी ठीक ना होने की
कगार पर आ गई थी।
अब उसे समझ आ गया था कि
उसकी मृत्यु का समय बेहद नजदीक है।
इस बात का आभास होने पर वह काफी
अकेला और उदास रहने लगा।

लेकिन तब उसने हिम्मत करके अपनी पहली
पत्नी से एक प्रश्न किया,
“प्रिय, मेरी मृत्यु काफी नजदीक है,
बहुत जल्द मैं अपना शरीर त्यागकर संसार से
मुक्त हो जाऊंगा।
लेकिन मैं अकेले ही यह सफर
तय नहीं करना चाहता।
मैंने हमेशा तुमसे प्यार किया और
अब भी करता हूं,
क्या तुम मृत्यु के बाद मेरे साथ
चलोगी, जहां भी मैं जाऊं?”

इस बात को सुनकर कुछ क्षण के लिए
उस व्यक्ति की पत्नी खामोश हो गई।
उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या कहे।
लेकिन कुछ हिम्मत जुटाते हुए उसने अपने
पति के प्रश्न का उत्तर दिया।

“स्वामी, मैं जानती हूं कि आप मुझसे बेहद प्रेम करते हैं। मैं भी आपसे तहे दिल से मोहब्बत करती हूं,
लेकिन अब तुम्हारी मृत्यु के साथ हमारे अलग होने का समय आ गया।“
ऐसा कहते हुए पहली पत्नी ने अपने पति से विदा ली।

अब उदास पति अपनी दूसरी पत्नी के पास पहुंचा,
उससे भी उसने यही सवाल किया और कहा,
“क्या तुम मृत्यु के बाद मेरे साथ चलोगी?”

उस व्यक्ति की दूसरी पत्नी ने बेहद विनम्र तरीके से
अपने पति के इस सवाल का जवाब दिया
और कहा,
“जब आपकी पहली पत्नी ने ही आपके साथ
जाने से इनकार कर दिया,
तो मैं आपके साथ कैसे जा सकती हूं?
” ऐसा कहते हुए वह वहां से चली गई।

अब वह व्यक्ति बेहद उदास होकर वहां से चला गया। मौत के बेहद करीब खुद को पाकर उसने अपनी तीसरी पत्नी को बुलाया और वही प्रश्न किया जो उसने अपनी पहली और दूसरी पत्नी से भी किया था।
लेकिन उससे भी उसे इनकार के सिवा
और कुछ हासिल ना हुआ।

अब उसने अपनी चौथी पत्नी को बुलाया।
अब तक वह सारी उम्मीदें खो चुका था,
इसलिए अपनी चौथी पत्नी से वही सवाल
करने की हिम्मत ना कर सका।
वह चुपचाप अपनी चौथी पत्नी को देखता रहा,
लेकिन फिर कुछ पल के बाद आखिरकार
उसने वही सवाल किया।

“क्या मरने के बाद मैं जहां जाऊंगा,
वहां तुम मेरे साथ चलोगी?
क्या तुम मरने के बाद भी मेरा साथ दोगी..?

इस सवाल को चौथी बार दोहराते हुए
उस व्यक्ति की आवाज में बेहद
हिचकिचाहट थी।
लेकिन इस बार उसकी अपेक्षाएं
काफी कम हो गई थीं।

किंतु तभी उसकी पत्नी ने जवाब दिया,
“स्वामी, मैं आपके साथ अवश्य चलूंगी।
आप जहां मुझे लेकर जाना चाहें,
मैं आपका साथ दूंगी।
मैं स्वयं भी आपसे दूर नहीं रह सकती,
इसलिए आप जहां भी जा रहे हैं
मुझे साथ ही लेकर जाएं।“

इस कहानी को सुनाते हुए गौतम बुद्ध ने
अंत में कहा कि हर पुरुष एवं महिला के पास
4 पत्नियां एवं 4 पति, होने चाहिए।
ताकि उसे भी चौथी बार में हां सुनने को मिल सके।
किंतु कहानी में बताई गई 4 पत्नियों को गौतम बुद्ध ने जीवन के एक खास पहलू के साथ जोड़ा है।

गौतम बुद्ध के अनुसार कहानी में
पहली पत्नी हमारा #शरीर है।
जिसे हम कभी भी अपनी मृत्यु के बाद
अपने साथ लेकर नहीं जा सकते।
मनुष्य कितना ही प्रयत्न क्यों ना कर ले,
लेकिन उसका शरीर मृत्यु के बाद
उसके साथ नहीं जाता।

दूसरी पत्नी है हमारा ‘ #भाग्य’...
मृत्यु के बाद कैसा भाग्य?
मृत्यु ही तो अंत है,
इसके बाद हमें क्या मिलेगा और क्या नहीं
यह हमारे कर्मों पर निर्भर करता है।
लेकिन मृत्यु के बाद हमें जो मिलता है
वह एक नई शुरुआत ही है।
इसलिए हम अपने भाग्य को कभी साथ
नहीं ले जा सकते।

कहानी में तीसरी पत्नी से तात्पर्य है
‘ #रिश्ते’।
महाभारत में श्रीकृष्ण ने भी कहा था कि
मनुष्य की मृत्यु के बाद उसकी आत्मा का
किसी से भी संबंध नहीं रहता।
आत्मा किसी की नहीं होती,
जब तक उसे नया शरीर ना मिल जाए,
उसका कोई सगा-संबंधी नहीं होता।

इस बात को श्रीकृष्ण ने अर्जुन को समझाया था,
जब अपने पुत्र अभिमन्यु की मृत्यु के ग़म में
उसने युद्ध लड़ने से इनकार कर दिया था।
तब श्रीकृष्ण ने उसे स्वर्ग में भेजा,
जहां उसने अभिमन्यु को देखा।

पुत्र को आंखों के सामने देखते ही अर्जुन
अति प्रसन्न हो गया और गले से लगा लिया।
लेकिन जवाब में अभिमन्यु ने अर्जुन को
पीछे धक्का मारा और सवाल किया
कि ‘तुम कौन हो’?

तब श्रीकृष्ण ने समझाया कि वह अभिमन्यु नहीं,
मात्र एक आत्मा है।
जिसका केवल तब तक तुम्हारे साथ रिश्ता था,
जब तक वह तुम्हारे पुत्र अभिमन्यु के शरीर में थी।
अब नया शरीर मिलने तक यह आत्मा किसी की
नहीं कहलाएगा।

गौतम बुद्ध की कहानी के अनुसार तीसरी पत्नी
जो कि व्यक्ति के रिश्ते को दर्शाती है,
वह उसके साथ नहीं जा सकती।
अब अगली बारी है चौथी पत्नी की,
जो आखिरकार साथ जाने के लिए तैयार हो गई।

गौतम बुद्ध के अनुसार चौथी पत्नी है
हमारे ‘ #कर्म’।
यह एकमात्र ऐसी चीज है जो मृत्यु के बाद
हमारे साथ जाती है।
हमारे पाप-पुण्य का लेखा जोखा दिलाती है।
मृत्यु के बाद हमारी आत्मा को स्वर्ग प्राप्त होगा,
नर्क प्राप्त होगा या फिर नया जीवन,
यह कर्मों पर ही निर्भर करता है।

जय सियाराम 🙏

गुरु बिना ज्ञान अधूरा लगता,    जीवन का हर रंग अधूरा लगता।गुरु जो थाम लें हाथ हमारा,    हर मुश्किल मार्ग भी प्यारा लगता। ...
10/07/2025

गुरु बिना ज्ञान अधूरा लगता,
जीवन का हर रंग अधूरा लगता।
गुरु जो थाम लें हाथ हमारा,
हर मुश्किल मार्ग भी प्यारा लगता।
*🌹गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं🌹*

Good morning 🌄 have a 9ce day 🙏
07/07/2025

Good morning 🌄 have a 9ce day 🙏

कुंडलिनी जागरण मंत्र – Kundalini Jagran Mantraमूलाधार चक्र – “ ॐ लं परम तत्वाय गं ॐ फट “स्वाधिष्ठान चक्र – “ ॐ वं वं स्व...
06/07/2025

कुंडलिनी जागरण मंत्र – Kundalini Jagran Mantra
मूलाधार चक्र – “ ॐ लं परम तत्वाय गं ॐ फट “
स्वाधिष्ठान चक्र – “ ॐ वं वं स्वाधिष्ठान जाग्रय जाग्रय वं वं ॐ फट “
मणिपुर चक्र – “ ॐ रं जाग्रनय ह्रीम मणिपुर रं ॐ फट “
अनाहत चक्र – “ ॐ यं अनाहत जाग्रय जाग्रय श्रीं ॐ फट “
विशुद्ध चक्र – “ ॐ ऐं ह्रीं श्रीं विशुद्धय फट “
आज्ञा चक्र – “ ॐ हं क्षं चक्र जगरनाए कलिकाए फट “
सहस्त्रार चक्र – “ ॐ ह्रीं सहस्त्रार चक्र जाग्रय जाग्रय ऐं फट “

Good Morning. Have a 9ce sunday
06/07/2025

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