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13/09/2016

राम कहीं तुम लौट न आना- हनुमंत सिंह - रचना समय - २-१०-१९८४ पार्ट -२
वे भूखे रह जाएँ , और ऋषियों को , लहू पिलायें ।
निशाचरों की पदरज लेकर, वे माथे पर तिलक लगाएं
ग्रह लक्ष्मी बाजार ले जाकर , उसको शो पीस बनाएं ।
कलियुग में ले कर्म डंडा, धर्म का ढोंग रचाएं ।
पीले वस्त्रो के नीचे सूरा सुंदरी शास्त्र छुपाएं ।
ऋषी राम की बात न छेड़े , रावण के गुण गान सुनाएँ ।
राम खिन तुम भूल न जाना , अंजनीनंदन मन्त्र सीखना ।
दसकन्धर -------------------------------------------

13/09/2016

राम कहीं तुम लौट न आना- हनुमंत सिंह - रचना समय - २-१०-१९८४ पार्ट १
लंकेश्वर का राज है आया , राम कहीं तुम लौट न आना |
निसचर हैं निर्विघ्न विचरते सीता की, तुम लाज बचना ।
हनुमत को कह देना , फल देख कहीं न ललचायें ।
राम शक्ति अब छीर्ड़ हुई है , लंकेश्वर को नहीं चिड़ायें ।
निसचर है हर दाल पे बैठा , राम की न आस लगाएं |
घिर जाएँ यदि संकट में , तो सबसे पहले नॉट दिखाएँ ।
यदि काम नहीं बन पाए तो , थोड़ी सी मंदिर पिलवायें ।
फिर चाचा, ताऊ , दादा दादी , के रिस्ते दिलाएं ।
फिर भी न यदि बात बने , सिफारिशी पत्र लिखाएं ।
यदि और सामर्थ हो तो , कोई सुंदरी ले आएं |
यही मन्त्र है रावण युग का , इसको वे रट क्र जाएँ ।
राज काज के काम सभी ,पूर्ण करा कर ले आएं ।
कलयुग मैं कल बात करें पर आज पेअर छू कर आएं ।
उमर में चाहे छोटा हो , पर आज पैर छू कर आएं |
यदि ला न सकें यह बूटी, लंकेस्वर ग्रह न जाएँ ।
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13/09/2016

अपच
१- चायना- २००- अधिक चाय पीने के बाद अपच
२- कार्बोवेज -२००- चावल वायु या वायु विसर्जन के बाद आराम
३- नक्स वोमिका -२००-शाकाहारी भोजन ज्यादा करने , ज्यादा देर तक बैठ कर काम करने वाले , कसरत न करने वालों को अपच
४- पल्सेटिला -२०० - मांसाहारी भोजन करने वालों ,कचोरी, पकौड़ी ,समोसे , तले हुए पदार्थ खाने वालों की अपच
५- रात को नक्स सुबह लॉकोपोडियम -२००- आम तौर पर गैस बनाने वाले खाएं
६-आर्सेनिक एल्ब -२००- सब्जी या रखा भोजन खाने के बाद अमित प्यास व् जलन हो
७-ब्रायोनिया -२०० - मोसन न हो खाना देखकर उल्टी जैसा अनुभव हो ,पेट में कंकड़ जैसा चुभन हो ,गांठें बन जाती हों ।
कालीविच -२००- कोई भी चीज खाने के बाद दस्त आएं पैरो जाँघों में दर्द हो पीठ व् पसली मैं दुखन हो |

30/08/2016

आयुर्वेद में खुजली के लिए
1. चालमोगरा का तेल
2. गोला के तेल में गंधक मिलाकर लगाया जाता
3 .स्नान करने के बाद शरीर मैं गुलाबी जल लगाने से खुजली ख़त्म हो जाती है
४.नीम का तेल भी फायदा करता है
५.नीबू, ग्रीसलीन , गुलाबजल मिलाकर लगाने से फाटे हाथ पाँव ठीक हो जाते है
६. नहाने के पानी मैं २ चम्मच नमक डालने से भी शरीर की खुजली मैं आराम होता है

25/08/2016

आज मैं वह मंत्र लिखने जा रहा हूँ जो सारे संसार की सेवा करेगा और मानवता को सम्रध करेगा
डॉ. हनुमंत सिंह
तखान पीलीभीत आपने साइटिका नाम की वीमारी सुनीं होगी जिसे गावों मैं रिगना भी कहते हैं इसको दूर करने के लिए आप एक काला मोटा धागा लें| धागा लगभग २० से२५ इंच हो ।उस धागे में उल्टी गिनती गिनते हुए २० से १ तक गांठे लगा दें प्रभु का नाम ले कर जिस ब्यक्ति के पैरों में हिप से लेकर पैर के अंगूठों तक चलता फिरता दर्द है उसके अंजुली मैं दे दें । फिर उससे कहें की वह धागे को जमीन पर दाल दे| फिर आप मरीज से कहें की पैर के जिस हिस्से मैं दर्द है वहां ऊपर से हाथ लगाए| अब आप धागे को चप्पल से तीन बार पीट दें दर्द हट जाए तो दूसरी जगह जहाँ दर्द है वहां हाथ रखवा कर फिर चप्पल से धागे को पीटें । इसके बाद धागे को दर्द वाले पैर मैं बाँध कर तीन गाठें लगा दें । इस प्रकार साइटिका का दर्द समाप्त हो जायेगा । ध्यान रहे पहली गाँठ को २० गिना जायेगा और आख़िरी गाँठ को १ गिना जायेगा मोवा- ०९४१२३२९८६६ गर्मी ; सर्दी, ठण्ड से बचाव करें व इनर का प्रयोग करें| वाकई फिर कभी |

16/08/2016

एसीडिटी विकार-
ऐसिड सल्फ ३०-२००- सीने या भोजन नली में जलन हो तब ले|
पल्सेटीला-२००- कचौरी, पकौड़ी, पराठा, पूड़ी, तले-भुने पदार्थ, माँसाहारी पदार्थ आदि खाने से होने वाली परेशानियों में दें |
नक्स बोमिका-२००- आनाप सनाप खाने, आधिक खाने, साकाहारी पदार्थ ज़्यादा
खाने से होने वाली पेट की परेशानियों में लें|
कार्वॉवेज- ३०-२००- चावल खाने, धीमी पाचन क्रिया, पेडू के ऊपरी भाग में वायू
विकार दरद आदि में दें|
ऐंटिंम क्रूर्ड-३०-२००- लगातार ड्करें, वमन, जलन|
चाइना-३०-२००- धीमी पाचन क्रिया, वायु, मल अथवा डकार विसर्जन के बाद
भी आराम ना मिले तब दें
लायकोपोड़यम्-३०-२०० पेट फूला हुआ, कम खाने से ही मन भर जाए तब दें|

15/08/2016

होमीयो चिकित्सा के सम्बन्ध में प्राथमिक जानकारी-
३० या २०० का अर्थ है दवा पावर
३०पावर की दवा दिन में तीन वार ५ गोली ली जाती है २००- पावर की दवा १ वार ली जाती है कई बार मर्ज के अनुसार ज्यदा बार भी लेना पड़ता है| द्वा खाने से आधा घंटा फ्ले या बाद कुछ न्ही लिया जाता है|

कैप्सिकम-३० - खाँसी से दूर के अंगो में दर्द हो|
सेनेगा-३०- खाँसी छीको के साथ ख़त्म हो|
फासफोरस_२०० सुखी ख़ासी, सांस फूलना,
बेलाडोना- २०० बलगम वाली खाँसी, गले मैं दर्द,सिर मैं दर्द' फीवर आदि|
पल्सेटीला-२०० खाँसी के साथ बलगम पीला आता हो|
स्पॉंजिया-२०० सूखी ख़ासी गले मैं साय साय की आरी चलने जेसी आवाज़ हो|
इपीकाक-२००- खाँसी के साथ मिचली आती हो |
ऐंटिंम टार्ट २००-सूखी खाँसी बलगम काट काट कर निकलता हो मरीज क्म्रर से झुक जाता हो
सल्फर-२००- सूबह के समय बलगम बर्डा मुस्किल से निकलता हो|
हीपर सल्फ-२००- ऐसा लगे गले मैं बलगम अटका है सटकने मैं दर्द हो|
मेंथा पिप-२००- बोलने या गले मैं सांस या हवा जाने के साथ खाँसी हो|

11/08/2016

यूफ्रेशीया -30-200
नाक बहती हो

02/08/2016

ख़ासी-
बेलाडोना-30-200
1-कफ, खाँसी, गला दरद, जुकाम, साधारण बुखार,चेहरा लाल,में दें
हिपर सल्फ-30-200
2- कफ गले मे फ्सा हो तब दें
एकोनाइट 30-200
ठन्ड लगे या छीकी आएँ तो ले

31/07/2016

अपने फैमिली डाक्टर से सलाह कर लें
अधिक जानकारी- 09412329866 पर

31/07/2016

स्वंतः सुखाय जनसेवा

31/07/2016

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