02/10/2025
दशहरा सिर्फ़ रावण दहन का त्योहार नहीं है…
ये अपने अंदर छुपे दस अहंकारों को जलाने का दिन है।
रावण के दस सिर, दरअसल हमारे ये दस दोष हैं –
1️⃣ काम – अनियंत्रित वासना
2️⃣ क्रोध – गुस्से की आग
3️⃣ लोभ – तृष्णा का प्यासा मन
4️⃣ मोह – असक्ति की जकड़न
5️⃣ मद – घमंड का बोझ
6️⃣ मत्सर – जलन और ईर्ष्या
7️⃣ अहंकार – ‘मैं ही सब हूँ’ का भ्रम
8️⃣ अन्याय – गलत रास्ते पर चलना
9️⃣ असत्य – झूठ और कपट
🔟 अज्ञान – आत्मज्ञान का अभाव
सच्चा विजयदशमी वही है…
जब हम इन दस सिरों को अपने भीतर से मिटाएँ।