17/03/2025
खसड़ा (Measles) या छोटी माता के साधारण लक्षण --
पहले सर्दी होती है, आँख, नाक से कच्चे पानी की तरह सर्दी निकलती है, छींक और सूखी खाँसी आया करती है आँख मुँह लाल और फूले- फूले तमतमाये दिखायी देते हैं, ज्वर १०१ से १०४ डिग्री तक होता है। कभी-कभी अकड़न भी हो जाती है। अगर ब्रांकाइटिस हो जाती है, तो श्वास में खिंचाव, जल्दी-जल्दो खाँसी, जल्दी-जल्दी श्वास-प्रश्वास, गलेमें साँय साँय आवाज इत्यादि लक्षण दिखाई देते हैं , बमन (कैय) होता है, कभी पहले दस्त आते हैं और आँव हो जाता है और कभी-कभी कब्ज रहता है। जो हो, खसड़ा का बुखार पहले अधिक होता है, पर २-१ दिनोंमें २-१ डिग्री उतर जाता है, प्रायः चौथे - पाँचवे दिन शरीर पर दाने निकल आते है उसी दिन ज्वर फिर १०४ डिग्री तक बढ़ जाता है, 7 - 8 दिनों के बाद खसड़ा के दाने अच्छे हो जाते हैं और ज्वर भी छूट जाता है। ये सब हल्के ढंगके खसड़के लक्षण हैं और अक्सर इलाज किये बिना ही आरोग्य हो जाते हैं, पर इसकी एक तरह की कड़ी बीमारी भी होती है, जिसे रक्तस्रावी या मालिगनेंट मीजल्स कहते हैं ; उसमें समूचा शरीर लाल दिखाई देता है, नाक, मुँह, आँख या शरीर के किसी अन्य द्वार से खून निकलता है, उसमें सही होमियोपैथी इलाज न कराने से रोगी अकसर मरणासन्न हो जाता है और मर भी जाता है l
और भी एक तरहका खसड़ा का बुखार होता है- इसमें भी बहुत जोरों का बुखार होता है, गोटियाँ उतनी ज्यादा नहीं निकलतीं, या दब जाती हैं, उसमें शरीर नीला दिखाई देता है, नाड़ो बहुत कमजोर रहती है और क्षीण हो जाती है, रोगीमें टाइफॉयडके लक्षण सब प्रकट हो जाते हैं, विकार की तरह प्रलाप में कुछ से कुछ बकता रहता है गाना गाने लगता है, इसकी होमियोपैथ चिकित्सा बहुत सावधानी से करनी पड़ती है, यह भी प्राणघातक बीमारी है ।
ध्यान रहे इसमें एलोपैथी दवाओं से इलाज बिल्कुल न करें
इन संक्रामक रोगों में होमियोपैथी ही श्रेष्ठ है l
हमारे चिकित्सालय में चेचक की सभी अवस्थाओं के लिए समुचित इलाज की ब्यवस्था है l
डॉo अजय कुमार झा
होमियोपैथी फिजिशियन
स्टेशन रोड , खुश्की बाग , पूर्णिया (बिहार)