Dr.Abhay Jha

Dr.Abhay Jha BHMS, FMHMCH(MANGALURU)
Clinic@ Purnia collage chauk, purnia They have made Homeopathic treatment popular in purnia among all classes of community .

MAA PURNA DEVI HOMOEO CLINIC
Dr.Abhay kumar jha
line bazar, purnia, (Bihar)
have been offering pure Homeopathic treatment for last 11 years. They have observed amazing results with Homeopathic Medicines in various epidemic conditions. Homeopathic medicines are found to be effective in treating many viral diseases,
emergencies, as well as in critical conditions. They have been treating hereditary
disorders and lot of diseases effectively with Homeopathy medicines. like- Acne,Alcoholic liver Disease, cancer,Allergy, Alopecia ,Spondylitis, Amnesia, Anxiety, Aplastic Anemia, Ascites,Arthritis,
asthma,Asthma in children, Atopic Dermatitis, Bronchitis,cancer,Cellulitis
Cervical Spondylitis,Chronic Pancreatitis,Cirrhosis of liver, Depression,Eczema,Fatty liver,Fibroid, Fibromyalgia, Fissure-in-ano,Gall Stones
Ganglion,Gastritis,GERD (Gastro-esophageal reflux disease),Gout, Guillain Barre Syndrome,Hay Fever, Hepatitis,Herpes,Hiatus Hernia,Hyperthyroidism,Hypothyroidism,Irritable Bowel Syndrome,Jaundic, Kidney Stones,Lipoma, Lumber Spondilitis,Migraine,Multiple Myeloma Multiple Sclerosis,Myasthenia Gravis,Nasal Polyps, Nephrotic Syndrome,Oesophageal Cancer,Osteoarthritis (OA),Osteoporosis,PCOD (Polycystic Ovarian Disease)
Peptic ulcer,Piles, Prostate Cancer, Prostate Enlargement, Psoriasis, Rheumatoid Arthritis (RA), Sinusitis, Tonsillitis, Trigeminal Neuralgia, Ulcerative Colitis,Urticaria
Vertigo,Leucoderma (Vitiligo), Vocal Nodules,Warts any more diseases. Address:- MAAPURANDEVI HOMOEO CLINIC ;
Dr.Abhay kumar jha;
ADD.-Bihar talkies Road, linebazar, purnia. Location: PURNEA
District: PURNEA
State: BIHAR
Contact No.:7004722049/ 9431091566
email- maapurandevi@gmail.com
web-https://drabhayjha.business.site/?utm_source=gmb&utm_medium=referral

consultation fees-Rs.500/ only
Subtype: Homeopathic,General Physician Doctor

16/09/2025

Abhay Kumar Jha
Abhay Kumar Jha

10/09/2025
070047 22049
01/09/2025

070047 22049

27/08/2025

विद्यार्थियों, पुलिसकर्मियों, सैनिक, और उनके परिजनों से Consultation fees (परामर्श शुल्क) नहीं लिया जाता है।
- डॉ. अभय झा

13/08/2025

बिहार: 31 जिलों के पेयजल में घुला जहर, जान लें कैसे धीमे-धीमे मौत के करीब पहुंच रहे हैं आप...

बिहार सरकार हर घर नल जल योजना का जोर शोर से प्रचार प्रसार कर रही है, लेकिन जमीन वास्तविक हालात चिंताजनक हैं। बिहार के 38 में से 31 जिलों के पेयजल में आर्सेनिक की मात्रा खतरनाक स्तर पर पर पहुंच चुका है।
पटना: बिहार में पानी की क्वालिटी लगातार खराब होती जा रही है। बिहार सरकार 'हर घर जल-नल योजना' जैसे कई प्रयास कर लोगों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने के प्रयास में है, लेकिन फिर भी हालात गंभीर और चिंताजनक बने हुए हैं। 30,000 से ज़्यादा ग्रामीण वार्डों में पीने का पानी खतरनाक पाया गया है। इससे बड़ी आबादी को गंभीर बीमारियों का खतरा है।
बिहार के पानी में घुल रहा जहर

बिहार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट (2024-25) में यह बात सामने आई है। इस रिपोर्ट को इस साल बिहार विधानसभा में पेश किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के 38 में से 31 जिलों के लगभग 26% ग्रामीण वार्डों में भूजल में आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन की मात्रा तय सीमा से ज़्यादा है।
विशेषज्ञों के अनुसार, तेज़ी से बढ़ती इंडस्ट्री और शहरों के कारण भूजल खराब हो रहा है। कारखानों और शहरों से निकलने वाले कचरे को बिना साफ़ किए नदियों और ज़मीन में डाल दिया जाता है। इससे पानी में ज़हरीले तत्व मिल जाते हैं। किसान ज़्यादा फसल उगाने के लिए खेतों में रासायनिक खाद और कीटनाशक डालते हैं। ये रसायन ज़मीन में रिसकर भूजल को दूषित करते हैं। सिंचाई के लिए किसान ज़मीन से ज़्यादा पानी निकालते हैं, जिससे भूजल का स्तर गिर जाता है और पानी में मौजूद हानिकारक तत्व ज़्यादा गाढ़े हो जाते हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश कम हो रही है, जिससे भूजल का स्तर और भी कम हो गया है।

**20 जिलों के भूजल में आर्सेनिक मिला

#आर्सेनिक एक ज़हरीला पदार्थ है। पीने के पानी में आर्सेनिक की ज़्यादा मात्रा होने से आर्सेनिकोसिस नामक बीमारी हो सकती है। इस बीमारी में त्वचा पर घाव, रंग में बदलाव और हथेलियों और तलवों पर चकत्ते हो जाते हैं। यह बीमारी जानलेवा भी हो सकती है, जिससे त्वचा और आंतरिक अंगों का कैंसर हो सकता है। लंबे समय तक आर्सेनिक के संपर्क में रहने से हृदय और मधुमेह संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।

बिहार के 20 जिलों में भूजल में आर्सेनिक पाया गया है।

ये जिले हैं:
अररिया, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, मधेपुरा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सारण, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल और पश्चिमी चंपारण।

#फ्लोराइड भी सेहत के लिए हानिकारक है। भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के पूर्व उप महानिदेशक बिनोद कुमार ने कहा, 'लंबे समय तक ज़्यादा फ्लोराइड वाला पानी पीने से फ्लोरोसिस नामक बीमारी हो सकती है। इससे दांतों और हड्डियों को नुकसान पहुंचता है। बच्चों के दांतों पर धब्बे पड़ सकते हैं।' बांका, गया, जमुई, नालंदा, नवादा और शेखपुरा जिलों के कुछ हिस्सों में फ्लोराइड की मात्रा 15 मिलीग्राम/लीटर से ज़्यादा पाई गई है।

#यूरेनियम एक रेडियोधर्मी पदार्थ है। केंद्रीय भूजल बोर्ड (CGWB) के विश्लेषण के अनुसार, सीवान जिले के भूजल के नमूनों में यूरेनियम की मात्रा 30 पीपीबी से ज़्यादा पाई गई है। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अशोक कुमार घोष ने कहा कि -

सारण, भभुआ, खगड़िया, मधेपुरा, नवादा, शेखपुरा, पूर्णिया, किशनगंज और बेगूसराय में भी रेडियोधर्मी यूरेनियम पाया गया है। उन्होंने कहा, 'ज़्यादा यूरेनियम के संपर्क में रहने से हड्डियों को नुकसान, गुर्दे की समस्याएँ और कैंसर हो सकता है।'

#आयरन भी पानी में ज़्यादा होने पर नुकसानदायक होता है। बिहार के 33 जिलों में भूजल में आयरन की मात्रा ज़्यादा पाई गई है।
इन जिलों में अररिया, बांका, बेगूसराय, भभुआ, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, पूर्वी चंपारण, गया, गोपालगंज, जमुई, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, नवादा, पटना, रोहतास, सहरसा, समस्तीपुर, सारण, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल, वैशाली और पश्चिमी चंपारण शामिल हैं। आयरन की ज़्यादा मात्रा से एनीमिया हो सकता है.

CGWB की ओर से विश्लेषण किए गए 800 भूजल नमूनों में से 20 में #नाइट्रेट की मात्रा 45 मिलीग्राम/लीटर से ज़्यादा पाई गई, कुछ में तो यह 119 मिलीग्राम/लीटर तक पहुंच गई।
अरवल, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, जहानाबाद, कैमूर, कटिहार, मधेपुरा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, पटना, सहरसा, समस्तीपुर, शिवहर और सीतामढ़ी में नाइट्रेट का स्तर भी ज़्यादा पाया गया है।
जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।

05/08/2025

** #दुर्लभ_खोज **

#भारत ने #ब्रिटिश वैज्ञानिकों के सहयोग से #बेंगलुरु की एक 38 वर्षीय महिला में दुनिया के सबसे दुर्लभ रक्त समूह - की पहचान की है।
इसे अब तक खोजा गया दुनिया का सबसे #दुर्लभ #रक्त समूह बताया गया है।

रक्ताधान चिकित्सा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक सफलता के रूप में, भारत और ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने बेंगलुरु के निकट कोलार की एक 38 वर्षीय महिला में दुनिया के सबसे दुर्लभ रक्त समूह, CRIB, की पहचान की है। वैश्विक स्वास्थ्य सेवा में एक मील का पत्थर मानी जा रही इस खोज से दुनिया भर में गहन देखभाल, प्रसवपूर्व निदान और रक्तदान प्रोटोकॉल में बदलाव आ सकता है।

** #दरअसल

बेंगलुरु के मणिपाल अस्पताल में इलाज करा रही इस महिला का रक्त समूह किसी भी ज्ञात दाता के नमूने से मेल नहीं खाता था। उसके परिवार के 20 सदस्यों की जाँच के बाद भी, कोई भी संगत रक्त नहीं मिला।

उसके रक्त में पैनरिएक्टिविटी पाई गई, जिसका अर्थ था कि यह परीक्षण किए गए प्रत्येक ज्ञात नमूने के साथ असंगत था।
डॉक्टरों ने अंततः रक्त आधान के बिना ही उसकी सर्जरी कर दी, जो एक दुर्लभ और उच्च जोखिम वाला निर्णय था।
व्यापक परीक्षण के बाद, विशेषज्ञों ने एक नए एंटीजन की उपस्थिति की पुष्टि की, जिसे अब CRIB रक्त समूह के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

क्रोमर रक्त समूह प्रणाली के अंतर्गत वर्गीकृत, CRIB में एक सामान्य प्रतिजन का अभाव होता है, जिससे रक्त आधान बेहद मुश्किल हो जाता है क्योंकि कोई दाता मिलान नहीं होता है।

** रक्त समूह क्या है?

CRIB रक्त समूह एक नया और अत्यंत दुर्लभ प्रकार है जिसे क्रोमर रक्त समूह प्रणाली के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है। और दुनिया भर में इसका केवल एक ही मामला ज्ञात है - बेंगलुरु की एक महिला में। "CR" का अर्थ है क्रोमर, जो उस रक्त समूह प्रणाली से संबंधित है। "I" (India )भारत और "B" बेंगलुरु का प्रतिनिधित्व करता है, जहाँ इस मामले की पहली बार पहचान हुई थी। CRIB, भारतीय दुर्लभ प्रतिजन (INRA) प्रणाली का एक हिस्सा है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय रक्त आधान सोसायटी द्वारा मान्यता दी गई है।

एबीओ या आरएच समूहों के विपरीत, सीआरआईबी को लगभग सभी मनुष्यों में पाए जाने वाले एक उच्च-प्रचलन वाले एंटीजन की अनुपस्थिति से परिभाषित किया जाता है। इससे संगत दाताओं को ढूंढना लगभग असंभव हो जाता है।

** इतना अनोखा क्यों है?

मणिपाल अस्पताल में ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन के सलाहकार और प्रमुख डॉ. सी. शिवराम के अनुसार,

मानव शरीर रक्त को केवल ABO और Rh ही नहीं, बल्कि 47 अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त रक्त समूह प्रणालियों के माध्यम से पहचानता है।
बेंगलुरु की महिला के रक्त में क्रोमर प्रणाली के भीतर एक पहले से अज्ञात एंटीजन मौजूद था, जिसके कारण प्रत्येक परीक्षण किए गए नमूने के साथ असंगति उत्पन्न हो गई।
इस प्रतिक्रिया ने एक ऐसे अनोखे प्रतिजन का संकेत दिया, जिसके अनुरूप कोई दाता विश्व के किसी भी रक्त बैंक में उपलब्ध नहीं था।

Dr.Abhay Jha

Address

Dr. Abhay Jha, BiharTalkies Road, Line Bazar, Purnia (Bihar)india
Purnia
854301

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+917004722049

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