Dr Vikas K Agrawal

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15/09/2021

हेल्थ ब्लॉग:

चलिए बात करते हैं डायबिटीज के बारे में क्या होती है ये बीमारी और सामान्य भाषा में इसको कैसे समझा जाए।

किसी भी काम को करने ऊर्जा की आवश्यकता होती है ऊर्जा शुगर से मिल सकती हैं प्रोटीन से वसा या फैट से मिल सकती है सामान्यता शरीर में यह ग्लूकोस से प्राप्त होती है हम जो भी खाते हैं उसको तोड़ा जाता है और लास्ट में बनाया जाता है शुगर या ग्लूकोस।

यह ग्लूकोस ब्लड में घूमता रहता है अब आप यह सवाल पूछेंगे कि यह ग्लूकोस को उपयोग कैसे किया जाता है यह ग्लूकोस ब्लड से आपकी कोशिका के अंदर जाता है और ऑक्सीजन की उपस्थिति में इसको चलाया जाता है जिससे एक ऊर्जा बनती है और इसी उर्जा से आप सभी काम कर पाते हैं यदि शरीर में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में ना हो तो या ग्लूकोस से ऊर्जा नहीं बनेगी और आपका शरीर काम करना बंद कर देगा यही समस्या कोविड मरीजों को हो रही थी ऑक्सीजन की कमी की होने से शरीर में आवश्यक ऊर्जा का निर्माण नहीं हो रहा था पर अभी बात करेंगे डायबिटीज के ऊपर रिलेशन अपन बाद में बात करेंगे।

अब आपको समझना है कि आपने खाना खाया और उसका कुछ हिस्सा आपके शरीर में ब्लड में ग्लूकोज के रूप में घूम रहा है जैसे आप ब्लड शुगर कहते हैं कभी-कभी आप सीधे ग्लूकोज का सेवन भी करते हैं या ऐसे पदार्थ खाते हैं जिसमें ग्लूकोज की मात्रा अधिक होती है और दूसरे पदार्थ की तुलना में यह आपके शरीर में ज्यादा ग्लूकोस को छोड़ता है।

अब कोशिका के अंदर ग्लूकोस को लेकर जाना है कोशिका के बाहर दरवाजा होता है उस दरवाजे को खोलकर ग्लूकोस अंदर जाता है इस दरवाजे को खोलने में मदद करता है इंसुलिन यदि इंसुलिन ना हो या कम हो या डिफेक्टिव हो तो या शुगर आपकी कोशिका के अंदर नहीं जा पाएगा।

इसके बाद यदि इंसुलिन है सही भी है पर्याप्त मात्रा में है और दरवाजे में कोई दूसरी समस्या है तो ऐसी दवाइयों का उपयोग किया जाता है जिससे उस दरवाजे को खोला जा सके इन्हीं दवाइयों को ओरल हाइपोग्लाइसेमिक ड्रग्स शुगर कम करने वाली दवाइयां बोला जाता है।

कई बार ब्लड में शुगर बहुत ज्यादा हो जाने से ज्यादा इंसुलिन लेकर इसको कम करने का प्रयास किया जाता है या ऐसी दवाइयां दी जाती है जिससे शुगर पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाए। और आवश्यकता अनुसार शुगर ही कोशिका में जाए अधिक शुगर ब्लड में ना रहे उसके अपने अलग नुकसान हैं।

बाकी बात अगले पोस्ट में.....

धन्यवाद

अपना अपनों का ख्याल रखे।

आपका साथी आपका शुभ चिंतक

डा विकास अग्रवाल

27/05/2021

१.अपने ब्लड सुगर को कंट्रोल करे।

२. स्टेरॉइड्स का उपयोग चिकित्सक की सलाह पर करे।

३.होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज साफ सफाई का ध्यान दे।

कुनकुने पानी से नहा सकते हैं।

चद्दर ,तकिया कवर समय पर बदलते रहे।

Betadine से कुल्ला करे।

नमक पानी से कुल्ला करे।

अपने मुख स्वास्थ्य का ध्यान रखे।

दो बार दांतो और मुंह की सफाई करे।

यदि ऑक्सीजन ले रहे तो humdifier में डिस्टिल वाटर भरे।

नेबुलाइजर उपयोग कर रहे तो उसकी सफाई करे उपयोग से पहले।

ऑक्सीजन मास्क साफ सुधरा उपयोग करें।

४.४५ दिन ऐसी जगह जहां फंगस हो सकती है न जाए और मास्क का उपयोग करें।

५.कोई भी लक्षण आने कर चिकित्सक से संपर्क करे।

६. कोविड के बाद अपना ब्लड शुगर एक बार जरूर चेक करे।

७.नजदीकी दंत चिकित्सक से मिलकर अपना ओरल हाइजीन इंप्रूव करे।

८.पोस्ट कोविड कुछ दिन अपने शरीर की पूरी मॉनिटरिंग करे।

९.किसी असामान्य लक्षण को चार्ट में लिखे।

१०.और सबसे प्रमुख बात बार बार भारत में डायबिटिक के बहुत केस है और उनको पता नही है।

यदि पारिवारिक हिस्ट्री है,ज्यादा भूख ज्यादा प्यास लगती है,बार बार पेशाब जाना पड़ता है,मुंह सुखा सुखा लगता है,मुंह में जलन की शिकायत हो,दांतों के आस पास मसूड़ों से खून आने के शिकायत हो पेसाब में कई बार जलन की शिकायत रहती हो,

अपना ब्लड शुगर टेस्ट कराए एक बार खाली पेट और एक बार खाना खा कर।

जागरूकता ही समाधान है।

हमारा स्वास्थ्य हमारी जिम्मेदारी।

मॉनिटरिंग करे और कोविड से जीत जाए।

अपना अपनों का ख्याल रखे।

आपका साथी डा विकास अग्रवाल

नर सेवा ही नारायण सेवा है
27/05/2021

नर सेवा ही नारायण सेवा है

04/05/2021

सवाल किन लोगो को गम्भीर कोविड हुआ:

१.ऐसे मरीज जो किसी ऐसी बीमारी से पहले से ग्रस्त थे जिसमे इम्यूनिटी बहुत कम रहती है।

२.बहुत ज्यादा उम्र वाले बुजुर्ग मरीज जिनकी इम्यूनिटी बहुत कम हो गई थी और जिनके फेफड़े में क्षमता थोड़ी कम हो गई थी।

३.ऐसे मरीज जिन्होंने अपने लक्षण को नही पहचाना और लापरवाही बरती गई।

४. डायबिटिक मरीज जिनकी ब्लड सुगर कंट्रोल में नहीं था।( जिनको जरूरत पड़ी उनमें ये था)

५. वैक्सिन नहीं लगी है और लक्षण में लापरवाही की गई।

६.ऐसे सभी मरीज जो पांचवे दिन से (यदि आप इसे अच्छे से समझ पा रहे हैं तो) दसवें दिन तक अपने लक्षण का मोनिटरिंग अच्छे से नहीं कर थे।

बार बार एक ही बात बोलूंगा इस बीमारी में आपका सबसे बड़ा प्वाइंट आपका मोनिटरिंग है आप में से किसी को अस्पताल जाना नही पड़ेगा बस आप बीमारी को समझ कर अपना मॉनिटरिंग स्टार्ट करे।

बायफेसिक फीवर को चेक करना बहुत ज़रूरी है चिकित्सक से परमार्थ ले।

ऑक्सीजन सैचुरेशन को देखना बहुत जरूरी है

अपने चिकित्सक के संपर्क में रहे।

चार्ट मैंने आपको दिया है।

देखिए इस बीमारी की एक गति है ८५% लोगो में ये गति पांचवे दिन तक कम हो जाती है और आपका शरीर खुद ही इससे लड़ लेता है।

यह गति मरीज की इम्यूनिटी उसकी मेडिकल हिस्ट्री और वायरस के स्ट्रेन पर भी निर्भर करती है।

वायरस का स्ट्रेन पकड़ना हमारे बस में नहीं है अतः हम अपने शरीर पे फोकस करे ज्यादा अच्छा है।

बचे १५% मरीजों में बीमारी की गति फिर बढ़ती है वहां जहां आपका शरीर जब उससे लड़ नहीं पाता।

बस यही से दिक्कत सुरु होती है अब आपको चार्ट से पता चलेगा की बीमारी की गति क्या है।

डॉक्टर साहब ,हमको क्या करना है?

पांचवे दिन के बाद से जिनका भी बुखार लगातार बना हुआ है अपने चिकत्सक से मिले।

अपने ऑक्सिजन सैचुरेशन का ध्यान रखना है।
( ९४ से कम मतलब अस्पताल जाएंगे हम।)

आपकी बीमारी की गति बड रही है मतलब आपका निमोनिया बड रहा है।

बीमारी को समझिए ,बहुत से भ्रम है बीमारी को लेके।

अपने चिकत्सक के संपर्क में रहे।

और अपनी मॉनिटरिंग स्वयं करे

मोर स्वास्थ्य। मोर जिम्मेदारी।
समझे ना संगवारी।

अपना ध्यान रखे। अपनों का ध्यान रखे।

समय कठिन है पर समझदारी से काम ले।

और क्या करे

१. दिन में ५ बार जोर जोर से हसीए

२.अपनी पसंदीदा मूवी देखिए

३.कुछ दोस्तो रिश्तेदारों का दिमाग खाइए

४.ज्यादा नकारात्मक खबर मत देखिए।

५.पूरी नींद लीजिए

६.और किसी को जादू की चपी नई देने का।

७. कॉविड की सभी सावधानी बरतना है

८.सकारात्मक रहिए , जिस भी भगवान को मानते हैं कुछ टेंशन उनको दीजिए।सब आप मत लीजिए।

९.रोज सुबह एक बार और शाम को एक बार पूरा टेंशन भगवान को देके आइए और बोलिए इसको चाइना भेज दीजिए ।
बहुत वायरस का शौक है उनको।

१०.अगर घर में किसी इंसान का नाम भगवान है तो एक बार मुस्कुराइए क्योंकि भगवान की टेंशन बड़ने वाली है।😂

स्वस्थ्य रहे सुरक्षित रहे।

आपका साथी

डा विकास अग्रवाल

04/05/2021

मरीज:डॉक्टर साहब आप ये पहला लक्षण पहला लक्षण बोलते हैं,इसका कोविड में कितना महत्व है।

डॉक्टर:उतना ही जितना बॉलीवुड पिक्चर में पहले प्यार का होता है😂😂

१५ % लोगो में पहले प्यार (पहले लक्षण)का पहला गम आपको वेंटीलेटर ले जाएगा अगर आप मोनिटरिंग नही करेंगे तो।😂😂😂😂

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