Cancer HIV tips hindi

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14/07/2025

۞ कैंसर गज केशरी हीरक ۞
जब कैंसर रोगी चौथे स्टेज में पहुँचता है — जहाँ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता लगभग समाप्त हो जाती है, खून की कमी, गठानें (Tumors), मवादयुक्त घाव और असहनीय दर्द होता है — वहाँ केवल आयुर्वेदिक रसायन, विशेष भस्में और सूक्ष्म गुणधर्म वाली औषधियाँ ही रोगी को संबल दे सकती हैं।
इस वक्त में हमें रोगी की स्थिति के अनुसार कई तरह के कॉम्बिनेशन देने पड़ते हैं उसी को ध्यान में रखते हुए यह विशेष योग "कैंसर गज केशरी हीरक" बस्तर हर्बल्स में तैयार किया जाता है ।

✪ घटक :
• हीरक भस्म (Diamond Bhasma) – 1 ग्राम
⇏ तेज़ रोग-प्रतिरोधक, कोशिकाओं की पुनर्रचना, कैंसररोधी नैनो पार्टिकल्स के रूप में कार्य करता है।

• स्वर्ण भस्म (Gold Bhasma) – 1 ग्राम
⇏ इम्यून बूस्टर, धातुपोषक, रोगनाशक और रेडिएशन के दुष्प्रभाव से रक्षा करता है।

• मुक्ता पिष्टी (Pearl Calcium Pishti) – 4 ग्राम
⇏ शीतवीर्य, तिक्त-कषाय, मन को शांति देने वाली, रक्तसुद्धिकरण में सहायक।

• ताम्र भस्म (Copper Ash) – 1 ग्राम
⇏ अर्बुदशोषक, कफवातहर, यकृत-शुद्धिकारी, रस-रक्त दोषनाशक।

• माणिक्य भस्म (Ruby Bhasma) – 2 ग्राम
⇏ पित्तशामक, रक्तवर्धक, वातपित्त दोषों को संतुलित करने वाला।

• तालसिंदूर (Tal Sindoor – Red Sulphide of Mercury) – 2 ग्राम
⇏ अर्बुदहारी, सूजन-नाशक, ज्वरहर, विषनाशक।

• त्रैलोक्य चिंतामणि रस (Trailokya Chintamani Rasa – Classical Herbometallic compound) – 3 ग्राम
⇏ अत्यंत रसायन, रोगहर, सभी अर्बुदों (Tumors) के लिए शोधनकारक।

✦ निर्माण विधि :

✓ सहजन (Moringa bark), दूब (Cynodon dactylon), धमासा और तुलसी (Holy Basil) के क्वाथ से रोजाना 5-6 घंटे तक खरल करें
✓ इस तरह से सात भावना दीजिये और हर बार छाया में ही सुखाना है |
✓ खरल की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद 2-2 रत्ती (250 mg) की गोलियाँ बनाकर छाया में सुखा लें।
✓ बस्तर हर्बल्स में हम इसे सूक्ष्म औषधी कल्पना में भी बनाते हैं |

✦ मात्रा और सेवन विधि :

⇏ सामान्य खुराक: 1 गोली सुबह व शाम, खाली पेट।

⇏ अनुपान: शहद, तुलसी रस या गिलोय स्वरस के साथ चाटकर लें।

⇏ कमज़ोर रोगी: 1 गोली केवल सुबह; यदि पित्त प्रकोप हो तो मुक्तापिष्टी बढ़ाकर दें। भोजन से 1 घंटा पूर्व और साथ में "धमासा काढ़ा" 50 ml देना अनिवार्य।

✦ मुख्य लाभ :
✰ सभी प्रकार के अर्बुदों (Cancerous Tumors) में प्रभावी

✰ स्तन कैंसर (Breast Cancer), फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer), मुख-गला कैंसर में विशेष लाभ

✰ पुराने फोड़े, गलते हुए घाव और सिस्ट में तीव्र परिणाम

✰ कोशिकीय स्तर पर रोग-प्रतिरोधक क्षमता पुनः जागृत करता है

✰ जिन मरीज़ों में कीमोथैरेपी या रेडिएशन से क्षीणता हो, उनके लिए यह बल देता है, किमो के साथ भी सेवन कर सकते हैं |

✰ रक्तस्राव (bleeding) व स्रावी अर्बुदों (ulcerated tumors) में विशेष कारगर

✦ ग्रंथ प्रमाण :
✤ रसतंत्रसार-सिद्धप्रयोग:
“हीरकं सर्वरोगेषु, अर्बुदे शूलनाशनम्। रसायनं तु दिव्यं, रोगक्लेशविनाशनम्॥”
– हीरक भस्म सभी रोगों में उपयोगी है, विशेषकर अर्बुद और दर्द में। यह उत्तम रसायन है।

✤ भैषज्य रत्नावली – अर्बुद चि.:
“त्रैलोक्यचिंतामणिर्दिव्यो, अर्बुदान् नाशयेद्रणात्। सोऽयं रसायनश्रेष्ठो, क्षयं पित्तकफजं जयेत्॥”
– त्रैलोक्य चिंतामणि रस अर्बुद, फोड़े, शूल और क्षय नाशक है।

✤ रसप्रकाश सुधाकर:
“स्वर्णं रसायनं श्रेष्ठं, जीवनं बलवर्धनम्। अर्बुदं नाशयेत् शीघ्रं, रक्तपित्तहरं परम्॥”
– स्वर्ण भस्म उत्तम रसायन, जीवन वर्धक, बलदायक और अर्बुद हर है।

✦ शोध :
★ Diamond Bhasma (Hirak) –
→ Cytotoxic on cancer cells, apoptosis-inducing effect shown in vitro.
[Ref: IJTK, CSIR-NIScPR, 2021]

★ Gold Bhasma –
→ Enhances T-cell modulation, reduces oxidative damage in cancer.
[Ref: Journal of Ayurveda and Integrative Medicine, 2022]

★ Tamra Bhasma –
→ Copper ion-based cancer cytotoxicity, especially in hepatocellular carcinoma.
[Ref: Bioinorganic Chemistry and Applications, 2020]

★ Trailokya Chintamani Ras –
→ Shows multiple organ-protective effects post chemotherapy.
[Ref: AYUSH Clinical Trials Registry, 2023 - CTRI/2023/06/002778]

✦ निर्देश :
⤷ यदि रोगी को तेज़ दर्द हो तो रसपर्पटी या गिलोय सत्व + अफीम/गांजा मिश्रण दी जा सकती है।
⤷ जिन मरीज़ों को कब्ज़ हो, उन्हें सुबह त्रिफला गुग्गुलु या गन्धर्व हरीतकी दें।
⤷ भोजन में केवल मूँग की खिचड़ी, नारियल पानी, बेल शर्बत और गौ-घृत युक्त सूप लें।
⤷ नशे का परित्याग अत्यावश्यक है – अन्यथा औषधियाँ निष्क्रिय हो जाती हैं।
⤷ पित्त प्रकृति वालों को शीतल द्रव्यों के साथ दें – जैसे प्रवाल पिष्टी, शंख भस्म, गिलोय सत्व।

✦ あ याद रहे :
⇏ यह योग उन कैंसर मरीज़ों के लिए बना है जिन्हें जीवन की अंतिम उम्मीद दी जानी हो।
⇏ अगर कोई रोगी कैंसर के पता चलने पर एलोपैथी के साथ साथ यह कॉम्बिनेशन भी लेता है तो अति संभावना है की वह आजीवन कैंसर से मुक्त रहेगा |

⇏ यह रसायन, बल्य और अर्बुदहर तीनों रूपों में कार्य करता है।

⇏ सहजन, दूब और तुलसी की भावना इसे और सूक्ष्म एवं तीव्र बना देती है।

⇏ सभी कैंसर एक जैसे नहीं होते, अतः यह योग अकेले नहीं, बल्कि अन्य supportive योगों के साथ संयोजन में दिया जाना चाहिए।

⇏ हमेशा कैंसर के प्रकार, रोगी की स्थिति, रोगी की प्रकृति, कैंसर के स्टेज के अनुसार ही कॉम्बिनेशन करें |

✦A rare and high-potency herbometallic formulation, “Cancer Gaj Keshari Hirak” is ideal in terminal solid tumors, epithelial malignancies and ulcerated cancers. Not suitable for leukemia or sarcomas without modification. Shows cellular rejuvenation and inflammation resolution.

✦ विश्लेषण:
यह योग वातपित्तजन्य अर्बुदों (Tridoshic tumors with heat and pain) में सबसे अधिक लाभदायक सिद्ध होता है। जब शरीर की सातों धातुएँ दुर्बल हों, अन्नपाचन मंद हो और रोग प्रतिकारकता न्यूनतम स्तर पर हो, तब यह रसायन कोशिका स्तर पर पुनर्निर्माण करता है और रोगी में नव जीवन की आशा जगाता है।

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#कैंसर #कैंसरगजकेशरीहीरक #बस्तरहर्बल्स #हीरकभस्म #मुक्तापिष्टी #टेन्डरनेस

❖ Motor Neurone Disease (MND)➤ हिंदी: मांसपेशीय स्नायु ह्रास रोग➤ आयुर्वेदिक: मज्जाक्षय, वातव्याधि विशेष❖ Dementia➤ हिंद...
14/07/2025

❖ Motor Neurone Disease (MND)
➤ हिंदी: मांसपेशीय स्नायु ह्रास रोग
➤ आयुर्वेदिक: मज्जाक्षय, वातव्याधि विशेष

❖ Dementia
➤ हिंदी: स्मृति भ्रंश / विस्मृति
➤ आयुर्वेदिक: स्मृतिभ्रंश, मनोविकार, मस्तिष्कधातु दौर्बल्य
📖 अष्टांग हृदय: "स्मृतिभ्रंशो मनोदौर्बल्यात्"

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◉ हाजमा/मोशन कैसा है / गैस की दिक्कत —

◉ रोज पेट साफ़ होता है -

◉ कोई नशा करते हैं (गुटखा, शराब, सिगरेट आदि ) अगर करते हैं तो कब से और कितना —

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◉ मुख्य परेशानी के अलावा और क्या रोग है (बीपी, शुगर, थैरोइड आदि)

◉ इसके लिए क्या क्या इलाज ले चुके हैं -

◉ अभी क्या दवाएं चल रही है -

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#डिप्रेसन #उन्माद #अर्थरैतिस

14/07/2025

۞ त्रिफला मसी – व्यापक संक्रमण एवं त्वचा-मुख रोगहर औषधि ۞

(Anti-bacterial, Anti-fungal, Anti-inflammatory, Wound-healing carbonized Triphala)

❖ त्रिफला मसी सिर्फ मुँह या दाँत का इलाज नहीं—यह प्राकृतिक एंटीबायोटिक है जो कटे-घाव, मवादयुक्त संक्रमण, फोड़े-फुंसी, त्वचा के छाले, बुखार-ज्वर, फंगल रोग और सिर के रोमछिद्रों तक काम करती है।

यह क्षारयुक्त, रासायनिक प्रतिक्रिया से बनी काली कॉर्पसेंट मसी है, जो आम त्रिफला चूर्ण से कहीं अधिक तेज़ और गहन क्रिया करती है।

✦ निर्माण विधि :

1. 100 ग्राम त्रिफला चूर्ण तैयार करें (हरितकी, बिभीतकी, अमलकी बराबर मात्रा)

2. लोहे की कड़ाही में धीमी आंच पर तिल या सरसों तेल की बूँद लगाकर हल्का गरम करें

3. उसमें त्रिफला चूर्ण डालें और हलकी आंच में लगातार चलाते हुए भूनें, तली में चिपकना नहीं चाहिए

4. जब रंग हलके भूरे से गाढ़े भूरे-काले की ओर जाए, आँच बंद करें, ध्यान रहे पूरा जल कर काला नहीं होना चाहिए

5. आग बंद करके भी थोड़ी देर ऐसे ही चलाते रहे, फिर ठंडा होने दीजिए

6. इस मसी को एयर-टाइट कांच की शीशी में रखें—इसे त्रिफला मसी कहा जाता है

✦ रोग-विशेष अनुप्रयोग:

1. मसूढ़ों का मवाद/पायरिया/ मसूड़ों का इन्फेक्शन
› शाम-सबेरे छेदों में भरें, लार आए तो थूक दे, अगर अंदर भी चला जाए तो दिक्कत नहीं

› सेवन : 500 mg गर्म जल या त्रिफला क्वाथ के साथ

2. फोड़े, मवाद रोग, त्वचा घाव
› नीम जल से घाव धो कर सूखा लीजिए फिर — त्रिफला मसी लेप कर पट्टी बांधें

› सेवन : 500 mg हल्दी दूध या त्रिफला क्वाथ के साथ जरुरत अनुसार 2 या 3 बार

3. बुखार/संक्रमण (Jwara)
› सेवन : 500 mg दिन में 2 बार गिलोय क्वाथ के साथ, एंटीबायोटिक जैसा काम करता है

4. गले की सूजन, अल्सर, टॉन्सिल
› शहद में मसी मिलाकर बाहरी लेप करें
› सेवन : 500 mg तुलसी अर्क या गुनगुने पानी के साथ

5. घाव/दर्दनाक अल्सर
› सफाई के बाद मसी भरकर पट्टी बांधें
› सेवन: 500 mg मंजीष्ठा चूर्ण + शहद

6. बाल झड़ना, Indralupta
› मसी + तिल तेल मिलाकर सिर पर सप्ताह में दो बार मालिश

✦ प्रमुख गुणधर्म:

त्रिदोष शांत — वात, पित्त, कफ संभालता है

रक्त शुद्धिक — infection दोष निकालता है

शोथ, मवाद, फोड़ा सुखाने वाला

एंटीबैक्टेरियल, एंटीफंगल

एंटीपायोरिक (बुखार-घटाने वाला )

घाव को सिकोड़कर heal करता

✦ ग्रन्थ प्रमाण:

📜 “त्रिफला त्रिदोषघ्नी रक्ता शोथहर व्रणनाशिनी।” — भावप्रकाश निघण्टु

📜 “त्रिफला मसी मुखरोगेषु विशेषेण प्रयोगिता।” — चरक संहिता, सूत्रस्थान १/१५०

📜 “मसूरगण्ठ, शोथ, पायरिया, मुखविकार, व्रणनाशिनी।” — भैषज्य रत्नावली

✦ रिसर्च प्रमाण :

Gram+/– बैक्टीरिया, Candida पर प्रभावशाली ([PMC 2249739, 2021])

Anti-pyretic, inflammation कम करने की कार्रवाई बिना ulcers के ([Phytojournal 2016])

500 mg/kg तक सुरक्षित, कोई acute toxicity नहीं मिली ([PMC 2249739])

✦ निर्देश :

सामान्य दस्त (safe dose) — 250–500 mg

बाह्य/आंतरिक दोनों तरह

कोर्स: 7–14 दिन,

घाव/इंफेक्शन: 3–5 दिन,

बाल/हेयर रोग: 2–4 सप्ताह
अनुपान: गुनगुना पानी, त्रिफला/हल्दी दूध, या गिलोय क्वाथ

✦ सावधानियाँ:

अत्यधिक सूखापन लगे तो → सर्दियों में तिल तेल से मिलाए

-Bleeding ulcers/रक्तस्राव → वैद्य की निगरानी में

गर्भवती/ज्वर/पीलिया में केवल हल्की मात्रा; वैद्य निर्देशित

बच्चों को 100 mg तक — वैद्य निर्देशन में

۞ बस्तर हर्बल्स में हम कैंसर रोगियों के घाव के लिए, खाने के लिए इससे बनी कॉम्बिनेशन देते हैँ, लेकिन हम तीव्र असर के लिए "त्रिफला घन " की मसी बनाते हैँ

✦ あ याद रहे ↣

त्रिफला मसी = “natural antibiotic + anti-inflammatory agent”
यह मुख–त्वचा–घाव–घाव/बुखार सब जगह काम करता है

अनुसंधान प्रमाण ने इसकी उपयोगिता साबित की है

यह ऎसी दवा है जो हर समय आपके घर में रहनी चाहिए।

इसके बहुंत से प्रयोग हैँ जिसे देना संभव नहीं है।

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❖ Diabetes➤ हिंदी: मधुमेह➤ आयुर्वेदिक: मधुमेह, प्रमेह, कफप्रधान रोग📖 चरक संहिता, चरक निधानस्थान 4/44: "मधुरमिव मूत्रं स्...
14/07/2025

❖ Diabetes
➤ हिंदी: मधुमेह
➤ आयुर्वेदिक: मधुमेह, प्रमेह, कफप्रधान रोग
📖 चरक संहिता, चरक निधानस्थान 4/44: "मधुरमिव मूत्रं स्यात्"

✦ न्यूरोलॉजिकल और मांसपेशीय रोग ✦
❖ Multiple Sclerosis (MS)
➤ हिंदी: एकाधिक तंत्रिका मायलिन विकृति
➤ आयुर्वेदिक: मज्जावह स्रोतस विकृति, वातव्याधि, स्नायुदोष
📖 चरक संहिता, सूत्रस्थान 28/16: “वाताद् स्नायवः स्तम्भं गच्छंति”

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◉ नींद कैसी आती है —

◉ क्या सोते समय मुंह थोड़ा खुलता है —

◉ हाजमा/मोशन कैसा है / गैस की दिक्कत —

◉ रोज पेट साफ़ होता है -

◉ कोई नशा करते हैं (गुटखा, शराब, सिगरेट आदि ) अगर करते हैं तो कब से और कितना —

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#सूजाक #हेपेटाइटिसए #हेपेटाइटिसबी #हेपेटाइटिससी #हेपेटाइटिसडी

14/07/2025

✦ आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान की दृष्टि से वर्षा ऋतु में स्वास्थ्य रक्षा के सरल उपाय ✦

⟴ बारिश का सीजन , जिसे आयुर्वेद में "वर्षा ऋतु" कहा गया है, आषाढ़ व श्रावण (जुलाई-अगस्त) मास में आती है। यह काल दोषों के विशेष संचय और प्रकुप्त होने का समय होता है। चरक संहिता के अनुसार —

> "वर्षास्वाम्लं लवणं स्निग्धं अल्पं चानिलशोधनम् |
दोषप्रकोपकालश्च वर्षासंक्रान्तिरुच्यते ||"
(चरक संहिता, सूत्रस्थान 6/24)

अर्थ: वर्षा ऋतु में वात दोष का प्रकोप, पित्त का संचय और कफ का शमन होता है। यह समय पाचन शक्ति के न्यूनतम स्तर पर होने के कारण रोग उत्पन्न करने वाला होता है।

❁ वर्षा ऋतु में शरीर की स्थिति – (आयुर्वेदिक दृष्टि से)

✦ जठराग्नि मंद हो जाती है (भोजन के पाचन की शक्ति कम)

✦ वात दोष विशेष रूप से बढ़ता है

✦ पित्त का संचय होता है जो शरद ऋतु में प्रकोप करेगा

✦ जल के प्रदूषण से आमव्रुद्धि, ज्वर, डायरिया, हेपेटाइटिस, त्वचा रोग बढ़ते हैं

✦ जीवाणु-विषाणु संक्रमण (viral-bacterial infection) का खतरा बढ़ता है

⇏ आयुर्वेद के अनुसार वर्षा ऋतु की विशेष दिनचर्या (ऋतुचर्या):

➤ आहार संबंधी निर्देश:
✪ पचने में हल्का, गर्म, ताजा बना हुआ भोजन लें

✪ खट्टा (aml), नमकीन (lavana), स्निग्ध (ghee-oiled) भोजन उपयुक्त है

✪ पानी को उबालकर पीना चाहिए, चाहे बारिश का हो या नल का

✪ भूख अनुसार भोजन करना चाहिए, अति-भोजन से बचें

❌ क्या न खाएं:
✤ कच्चा सलाद (क्योंकि इनमें कृमि, वायरस रह सकते हैं)

✤ सड़क किनारे का खाना, पकोड़े, चाट आदि

✤ दही (बिना हींग या सोंठ के), क्योंकि यह कफ व आम बढ़ाता है

✤ ठंडा पानी, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक

✤ अरबी, पालक, भिंडी, बैंगन – ये भारी, कफवर्धक व वातकारक हैं

√ क्या खाएं:
✪ पुराने जौ, गेहूं, चावल का बना हल्का भोजन

✪ मूंग की दाल, अदरक के साथ

✪ ताजा बना गर्म सूप, सब्ज़ी जैसे लौकी, तोरई, टिंडा

✪ सोंठ, जीरा, हींग, काली मिर्च जैसे दीपक-पाचन द्रव्य

✪ गाय का घी (थोड़ी मात्रा में), जो अग्नि को बल देता है

✪ त्रिकटु चूर्ण (सोंठ, मरीच, पिप्पली) – भूख कम हो तो चुटकी भर शहद से

⤇ क्या सावधानी रखें (प्रतिदिन की आदतों में)

✦ सुबह तांबे के पात्र का उबला हुआ पानी पिएं

✦ स्नान के लिए हल्का गर्म पानी जरुरत अनुसार प्रयोग करें

✦ पैरों में गीले मोज़े या गीली चप्पल पहनने से बचें

✦ शरीर में ठंडा पानी न लगे – इससे वातजन्य रोग हो सकते हैं

✦ समय पर मल त्याग करें – मलावरोध से आमव्रृद्धि और डायरिया का कारण बन सकता है

✦ गीले कपड़े तुरंत बदलें, अन्यथा त्वचा रोग, फंगल इन्फेक्शन संभव

✦ बाहर के गंदे जल से बचें – जलजन्य रोगों का मुख्य कारण है

★ डायरिया, पीलिया, लीवर विकार से बचाव हेतु आयुर्वेदिक सुझाव:

① गिलोय (Tinospora cordifolia):
⇒ 10 ml गिलोय स्वरस + 2-3 तुलसी पत्ते का रस रोज़ सुबह
⇒ इम्यूनिटी बढ़ाता है, पाचन सुधारता है, वायरल इंफेक्शन में रामबाण

② कुटकी चूर्ण (Picrorhiza kurroa):
⇒ 1 ग्राम गुनगुने पानी के साथ – लीवर विकार, उल्टी, पीलिया में
⇒ रसतंत्र सार में इसे तीव्र पित्तनाशक कहा गया है

③ अर्क पंचांग (गिलोय, कलमेघ, तुलसी, नीम, भूमि आमला):
⇒ 10-20 ml रोज सुबह खाली पेट
⇒ Mod. Science: Clinical studies prove hepatoprotective & anti-viral effects

④ हरीतकी चूर्ण + सोंठ:
⇒ 1-1 ग्राम रात में गर्म जल से – कब्ज, गैस, विषहर
⇒ चरक संहिता में कहा गया है –

> "हरीतकी वायुनाशिनी, दीपनि, मलशोधिनी"

⑤ हल्दी दूध या हल्दी चूर्ण + शहद:
⇒ सूजन, पीलिया, इम्यून सिस्टम की रक्षा करता है
⇒ Modern Studies: Curcumin acts as liver protector & gut modulator (DOI: 10.1016/j.phymed.2016.11.009)

✪ वैज्ञानिक प्रमाण :

✤ World Health Organization (WHO) द्वारा बताया गया कि वर्षा ऋतु में 70% बीमारियाँ जलजनित होती हैं – डायरिया, हेपेटाइटिस A & E, टाइफाइड प्रमुख हैं।

✤ Journal of Ayurveda and Integrative Medicine (2022) के एक अध्ययन के अनुसार वर्षा ऋतु में नियमित गिलोय सेवन से IgA व IgG स्तर में सुधार होता है।

✤ PubMed Clinical Trial (2020): कुटकी (Picrorhiza kurroa) showed strong hepatoprotective effects in patients with viral hepatitis and fatty liver.

≛ वर्षा ऋतु के लिए सरल घरेलू प्रयोग:

➫ प्रयोग 1:
10 तुलसी पत्ते + 5 नीम पत्ते + 5 काली मिर्च + 1 छोटा टुकड़ा अदरक
⇒ उबालें, छानकर सुबह-शाम पिएं – वायरस से रक्षा करता है

➫ प्रयोग 2:
भू निम्ब पंचांग + त्रिफला + सोंठ – बराबर मात्रा में मिलाकर
⇒ 1 चम्मच गर्म जल से सुबह-शाम – लीवर और आंतों के लिए श्रेष्ठ

✰ वर्षा ऋतु में वमन, दस्त, पीलिया के संकेत मिले तो तुरंत करें:

✢ गिलोय सत्व 500 mg + त्रिभुवन कीर्ति रस 1 गोली + भृंगराज चूर्ण 2g
⇒ दिन में 2 बार शहद के साथ दें

✢ यदि उल्टी बार-बार हो तो एलादी वटी या वसंत मालती रस भी उपयोगी

あ याद रहे ↣

⇏ वर्षा ऋतु में रोगों की आशंका अधिक होती है क्योंकि शरीर की अग्नि मंद हो जाती है।

⇏ वात दोष का प्रकोप, जल का दूषण और भोजन में सावधानी न रखना ही रोगों का मुख्य कारण है।

⇏ आयुर्वेद में दिये गए ऋतुचर्या का पालन करने से लीवर, पेट व प्रतिरोधक शक्ति ठीक बनी रहती है।

⇏ कफ-वात और आम को नियंत्रित रखना ही वर्षा ऋतु की चिकित्सा का मूल आधार है।

⇏ गिलोय, सोंठ, त्रिफला, हल्दी, नीम, भृंगराज आदि प्रमुख औषधियाँ इस ऋतु में शरीर को रोगमुक्त रखने में सहायक हैं।

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#ऋतुचर्या #वर्षाऋतु #रोगमुक्त

❖ Huntington’s Disease➤ हिंदी: अनुवांशिक तंत्रिका क्षय रोग➤ आयुर्वेदिक: मज्जा क्षयजन्य वातरोग❖ Muscular Dystrophy➤ हिंदी...
14/07/2025

❖ Huntington’s Disease
➤ हिंदी: अनुवांशिक तंत्रिका क्षय रोग
➤ आयुर्वेदिक: मज्जा क्षयजन्य वातरोग

❖ Muscular Dystrophy
➤ हिंदी: मांसपेशियों की दुर्बलता
➤ आयुर्वेदिक: मांसक्षय, मांसधातु दौर्बल्य, वातपित्तज व्याधि

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किसी भी तरह की निशुल्क टिप्स चाहते हो तो यह डिटेल भरकर हमें whatsapp कीजिये -
🌳➲ प्रत्येक व्यक्ति की प्रकृति अलग होती है उनके विकारों का हेतु अलग होता है, इसकी पूर्ण जानकारी बिना उपचार प्रभावी नहीं होता।
अत: यह डिटेल भरकर या आडियो में हमें भेजें ताकि बेहतर सुझाव मिल सके —

◉ मरीज का पूरा नाम —

◉ उम्र —

◉ हाईट —

◉ वजन —

◉ निवासी/शहर -

◉ व्यवसाय डिटेल में —

◉ ज्यादा बैठे रहने वाला काम है या खड़े रहने वाला -

◉ वैवाहिक स्थिति —

◉ शाकाहारी / मांसाहारी -

◉ खाने मे ज्यादा पसंद मीठा या नमकीन (कोई एक) —

◉ गुस्सा कैसा है.. (तुरंत आता है—जल्दी शांत होता है..या.. डिटेल में) —

◉ नींद कैसी आती है —

◉ क्या सोते समय मुंह थोड़ा खुलता है —

◉ हाजमा/मोशन कैसा है / गैस की दिक्कत —

◉ रोज पेट साफ़ होता है -

◉ कोई नशा करते हैं (गुटखा, शराब, सिगरेट आदि ) अगर करते हैं तो कब से और कितना —

◉ क्या तकलीफें हैं और कब से हैं, विस्तार में बताएं —

◉ मुख्य परेशानी के अलावा और क्या रोग है (बीपी, शुगर, थैरोइड आदि)

◉ इसके लिए क्या क्या इलाज ले चुके हैं -

◉ अभी क्या दवाएं चल रही है -

◉ किन्ही चीजों से एलर्जी -

◉ अन्य कोई विवरण जो आप देना चाहें —

👉🏽 याद रहे आप जितना अच्छा विवरण देंगे दवा उतनी अच्छी होगी।
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✬ वैद्य मुहम्मद अख्तर
☘️ Baštar Hérbals ⋠ Raipur (C.G.)

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#कैंसररोध #कैंसरसेबचाव #एंटीकैंसरमेडिसिन #एंटीकैंसर
#हेपेटाइटिस

14/07/2025

۞ कैंसर हर मिश्रण ۞
❖ "कैंसर हर मिश्रण" एक प्राचीन तंत्र-रस-भस्म पर आधारित बहुचर्चित रसायन योग है, जिसका उपयोग मुख्यतः तीसरे और चौथे चरण के कैंसर (Stage III & IV Cancer), विशेषतः ulcerative, cystic और अर्बुद (malignant tumors) रूपों में किया जाता है। इसमें हीरक, स्वर्ण, पन्ना, हरताल और सर्वेश्वर जैसे अत्यंत प्रभावशाली भस्मों का युक्तिक्रम से संयोजन किया गया है।

⥀ घटक :
➫ सर्वेश्वर पर्पटी - 6g

→ कार्य: त्रिदोषनाशक, अर्बुदनाशक, शोथहर, कीमो-प्रोटेक्टिव।

→ Modern Research: Heavy metal-based Ayurvedic preparations like Parpati Kalpas have shown potent anti-tumor and cytotoxic effects in vitro. (Ref: IJAR, 2021, Vol. 12(3))

➫ शुद्ध हरताल (Orpiment) - 3g

→ कार्य: अर्बुदहर, ग्रंथिहर, शोथहर, शोधन में विशेष।

→ Scientific Study: Arsenic Trisulfide (As₂S₃) has demonstrated apoptotic effects on gastric cancer cell lines. (Ref: OncoTargets & Therapy, 2020)

➫ स्वर्ण भस्म (Gold Bhasma) - 2g

→ कार्य: रसायन, धातुपोषक, इम्यूनोमॉड्युलेटरी, जीवनवर्धक।

→ Study: Gold nanoparticles from Bhasma were found to inhibit cancer cell proliferation. (Ref: J Ayurveda Integr Med, 2021)

➫ अभ्रक भस्म - 6g

→ कार्य: बल्य, रक्तवर्धक, धातु रिचार्जर, मेटास्टेसिस रोकने वाला।

→ Proof: Abhraka Bhasma improved mitochondrial function and promoted RBC regeneration. (J Ethnopharmacology, 2022)

➫ मुक्ता पिष्टी - 6g

→ कार्य: पित्तशामक, रक्तप्रदाहहर, मानसिक बलदायक।

→ Clinical Insight: In advanced cancer, when pain and burning are high, this acts as a natural coolant and pain stabilizer.

➫ हीरक भस्म - 1g

→ कार्य: सर्वश्रेष्ठ रसायन, कोशिका स्तरीय पुनर्निर्माण, कैंसर कोशिका अपोप्टोसिस में सहायक।

→ Evidence: Nano-form diamond ash promotes apoptosis in breast and colon cancer models. (Ref: J Nanomedicine Res, 2021)

➫ पन्ना पिष्टी - 3g

→ कार्य: हृदय व रक्त संबंधी दोष निवारक, पित्तहर, सूक्ष्म विषहर।

→ Research: Emerald extracts reduce oxidative stress and improve immune signaling. (Ref: Pharm Biol, 2020)

➫ गिलोय सत्व - 50g

→ कार्य: ज्वरहर, रसायन, इम्यून बूस्टर, कीमो-रेडिएशन से क्षत कोशिकाओं की मरम्मत।

→ Scientific Proof: Tinospora cordifolia enhances NK-cell activity and DNA repair. (Ref: Phytotherapy Research, 2023)

⤇ निर्माण विधि :
• सभी घटकों को मिलाकर सात बार सहजन (Moringa bark decoction) की भावना देकर खरल करें और छाया में सुखाएं ।
• प्रत्येक दिन 4-6 घंटे तक मर्दन करें।
• गोलियाँ 2 रत्ती (250mg) आकार की बनाकर छाया में सुखाएं।

⤇ सेवन विधि :
• 1 गोली सुबह और शाम शहद या तुलसी रस के साथ लें।
• साथ में 20 ml सहजन रस देना अत्यंत लाभकारी।
• यदि रोगी बहुत दुर्बल हो, तो शीतवीर्य पिष्टी (प्रवाल, मोती) मिलाकर देना चाहिए।

✦ मुख्य गुणधर्म एवं लाभ :
✢ त्रिदोषहर – वात, पित्त और कफ तीनों को संतुलित करता है।

✢ अर्बुदहर – सभी प्रकार के कैंसर में विशेषकर ulcerative और cystic रूपों में लाभकारी।

✢ धातुपोषक – सभी सप्तधातु को पोषण देता है, विशेषकर रक्त, मांस, मेद और ओज।

✢ इम्यून बूस्टर – कीमो और रेडिएशन से प्रभावित रोगी में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

✢ विशेष उपयोग – त्वचा, मुख, स्तन, आँत, मस्तिष्क और यकृत कैंसर में विशेष प्रभावी।

✦ शास्त्रीय प्रमाण -
▣ रसतंत्रसार – परपटी कल्प:
"सर्वेश्वरं पर्पटीं श्रेष्ठां, अर्बुदं पाचनं स्मृतम्॥"
(सर्वेश्वर पर्पटी को अर्बुदनाशक श्रेष्ठ रसायन माना गया है)

▣ भैषज्य रत्नावली – अर्बुद चि.:
"हरतालं शोथहरं, विषघ्नं च विशेषतः॥"
(शुद्ध हरताल सूजन और विषनाश में श्रेष्ठ है)

▣ धन्वन्तरि निघंटु:
"मुक्ताभस्मं पित्तार्ते, मनश्शान्तिकरं परम्॥"
(मोती भस्म पित्त को शांत कर मानसिक शांति प्रदान करता है)

✦ वैज्ञानिक साक्ष्य :
• Parpati Kalpas in cancer: IJAR 2021; 12(3): Anti-cancer efficacy of herbo-metallic complexes.

• Orpiment in Oncology: OncoTargets & Therapy, 2020; Induced apoptosis in gastric carcinoma.

• Gold Bhasma: J Ayurveda Integr Med, 2021 – Gold nanoparticles in immunomodulation.

• Diamond Ash: J Nanomed Res, 2021 – Effective in solid tumor cell line suppression.

• Giloy in Cancer: Phytotherapy Res, 2023 – DNA damage repair and NK cell stimulation.

✦ निर्देश :
➲ यह योग मेटास्टेटिक (Metastatic) कैंसर में भी अच्छा काम करता है।

➲ पित्त प्रधान मरीज़ों में इसे शीतवीर्य अनुपान (प्रवाल पिष्टी, अनार स्वरस) के साथ दें।

➲ रोगी यदि कीमो ले चुका हो तो यह योग पुनरुद्धार (recovery) के लिए उपयुक्त है।
➲ रोगी अगर किमो ले रहा हो तो इमसे प्रवाल पिष्टी और रजत भस्म अनुपात में मिलाएं तथा स्वर्ण सर्वतोभद्रा वटी का एक कॉम्बिनेशन भी चलाएँ |

➲ गंभीर internal ulcer वाले रोगियों में मात्रा घटानी चाहिए।

✦A multi-mineral Ayurvedic cancer formulation, "Cancer Har Mishran" shows cytotoxic, anti-inflammatory, and immunomodulatory effects. Suitable for solid tumors in ulcerative and cystic presentations.

✦ あ याद रहे :-
➫ यह योग स्टेज III व IV कैंसर में भी उपयोगी है।
➫ अल्सरयुक्त, मवादयुक्त, और गांठदार कैंसर में श्रेष्ठ परिणाम।
➫ शुद्ध और उत्तम गुणवत्ता की भस्में ही लें।
➫ सहजन, दूर्वा और धमासा जैसे अनुपान से प्रभाव तीव्र होता है।
➫ रोगी की प्रकृति, कैंसर का प्रकार व संप्राप्ति के अनुसार उपयोग करें।

✔ आयुर्वेद पर भरोसा रखिये..जरूर लाभ होगा ❦
➲ निःशुल्क कैंसर परामर्श (वाट्स अप करें, कॉल न करें)
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#धमासा #मेटास्टेटिक #धन्वन्तरिनिघंटु #इमोशनलस्ट्रेस #वर्कस्ट्रेस

⍟  अब्बासी ⍟Complete Child GrowdMental and Physical⍟  घटक - स्वर्ण कुमार कल्याण रसआयुर्वेंद शास्त्रों में वर्णित खासतौर ...
24/11/2024

⍟ अब्बासी ⍟
Complete Child Growd
Mental and Physical

⍟ घटक - स्वर्ण कुमार कल्याण रस
आयुर्वेंद शास्त्रों में वर्णित खासतौर से
बच्चों के संपूर्ण विकास के लिये बनाया गया
रस कल्पना। दिमाग और आंख भी तेज करे।
एैसी कल्पना जो हर बच्चे का कल्याण करती है।

⍟ भावना - सफेद मुसली, काली मुसली,
विदारी कंद, केंवाच, तेजराज, भोजराज,
अतिबला, कामराज, शतावरी

⍟ लाभ - बच्चों का शरीर कमजोर होना, रोग
प्रतिरोधक क्षमता कम होना, बार-बार बिमार
पड़ना, अच्छे से खाना नहीं खाना, हेल्दी शरीर
ना होना, चिड़चिड़ा होना आदि को दुर करता है।
यह बच्चों के हृदय को मजबूत करता हैं, सभी धातुओं को पोषण देता है।
पूरे शरीर को मजबूत करता है।

⍟ हमने जितने भी बच्चों को दिया, सभी में रिजल्ट मिलता ही है, लाभ होता ही है।
अगर बच्चा किसी बिमारी के लिये एलोपैथी भी खा रहा है तो साथ में सेवन कर सकता है।
किसी गंभीर बिमारी का ईलाज चल रहा है तो उसके रिकवर होने की स्पीड को बढ़ा देता है।
पूरी तरह से सुरक्षित, बच्चों के हिसाब से ही ‘सुक्ष्म औषधि कल्पना’ में बनाया गया है।

⍛ फ्री - अनस्ता अर्क (30 तरह की जड़ियों का अर्क) जो
पूरे शरीर को डिटॉक्स करे, रक्त को साफ करे।

⍟ मुल्य - केवल 1000/- एक माह के लिये।
➲ निःशुल्क कैंसर परामर्श
❦ आपका शुभकांक्षी
⟴ वैद्य मुहम्मद अख्तर
⋠ रायपुर (छ.ग.) ☘
☛ 9302229602

आज के समय में हर किसी को डर लगा रहता है कि वह किसी बड़ी बिमारी से ग्रसित ना हो जाए।उसमें भी कैंसर का डर सबसे बड़ा है। इसलि...
24/11/2024

आज के समय में हर किसी को डर लगा रहता है कि वह किसी बड़ी बिमारी से ग्रसित ना हो जाए।
उसमें भी कैंसर का डर सबसे बड़ा है।

इसलिये हम बस्तर हबर्स लेकर आए हैं एैसा पैक जो शरीर में पैदा होने वाले कैंसर सेल्स की संभावना को कम करता है और अगर आप किसी तरह का नशा करते हैं तो फिर आपको यह कोर्स करना ही चाहिये।
टोटल 105 तरह की औषधियों और रस रसायन से बनी यह दवाएं जो स्पेशली कैंसर रोधी जड़ियों का कांबिनेशन है यह बहुंत अच्छा रिजल्ट देती है।
जिन्हें कोई कैंसर के लक्षण नहीं हैं वह केवल साल में 3 माह यह दवाएं ले लेते हैं तो उनका शरीर पूरी तरह से साफ हो जाएगा और शरीर के अंदर किसी भी तरह से कोई भी कैंसर सेल्स के जन्म लेने की संभावना होगी तो वह उसे बहुंत कम कर देगा।
- कोई भी उग्र और प्रकृति वाले इन दवाओं को ले सकते हैं बिना किसी साईड इफेक्ट के।
- यह हमारे सप्तधातुओं में जाकर कार्य करता है क्योंकि इसमें हिरक भस्म, र्स्व्ण भस्म, स्वर्ण बसंत मालती, सिद्ध स्वर्ण मकरध्वज जैसे बहुमुल्य रसायन मिलाये गये हैं।
- इसमें एंटी कैंसर या कैंसर के ईलाज में काम आने वाले औषधि जैसे - काचनार, वरूण, धमासा, पित्तपापड़ा, सालपर्णी, रक्त कोहड़ा जैसे अनेक जड़ियों की भावना दी गई है।
- इन दवाओं को सुक्ष्म औषधि कल्पना से निर्मित किया गया है जिस वजह से इनका मुल्य कम हो जाता है और असरदार भी रहती हैं।

‶ कैंसर कवच पैक में आर्युवेद की बहुंत से शास्त्रीय योग हैं जो त्रिदोष का शमन करते हैं और जीवनशक्ति को बढ़ाते हैं।
कैंसर में कार्य करने वाली दवाओं के साथ एैसी औषधियों की भावना दी गई है जो शरीर में कहीं पर भी होने वाली गांठ/कैंसर के व्रण या आंतरिक गांठ, हड्डीयों में भी अगर व्रण हो गए हों, रक्त में विकार आ गया हो उसे साफ करती है।
‶ कैंसर कवच पैक में बहुंत से तत्व योगवाही हैं यानि एैसी औषधि जो दुसरी औषधियों के लाभ तथा गुणों को बढ़ा देती है तथा साथ मिलकर बेहतर कार्य करती है।
≽ इस दवा की तासीर नार्मल है किसी को भी दवा सेवन से कोई परेशानी नहीं हुई है, रोगी किमो के साथ भी इसे ले सकते हैं।
कैंसर से लड़ने के अलावा यह दिमाग को शांत करती है, घबराहट दुर करती है, हार्ट, लीवर, किडनी सबको स्ट्रांग करती है
☛ Price only 799/- for one month

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#ब्लडकैंसर

⍟  अब्बासी ⍟Complete Child GrowdMental and Physical⍟  घटक - स्वर्ण कुमार कल्याण रसआयुर्वेंद शास्त्रों में वर्णित खासतौर ...
24/11/2024

⍟ अब्बासी ⍟
Complete Child Growd
Mental and Physical

⍟ घटक - स्वर्ण कुमार कल्याण रस
आयुर्वेंद शास्त्रों में वर्णित खासतौर से
बच्चों के संपूर्ण विकास के लिये बनाया गया
रस कल्पना। दिमाग और आंख भी तेज करे।
एैसी कल्पना जो हर बच्चे का कल्याण करती है।

⍟ भावना - सफेद मुसली, काली मुसली,
विदारी कंद, केंवाच, तेजराज, भोजराज,
अतिबला, कामराज, शतावरी

⍟ लाभ - बच्चों का शरीर कमजोर होना, रोग
प्रतिरोधक क्षमता कम होना, बार-बार बिमार
पड़ना, अच्छे से खाना नहीं खाना, हेल्दी शरीर
ना होना, चिड़चिड़ा होना आदि को दुर करता है।
यह बच्चों के हृदय को मजबूत करता हैं, सभी धातुओं को पोषण देता है।
पूरे शरीर को मजबूत करता है।

⍟ हमने जितने भी बच्चों को दिया, सभी में रिजल्ट मिलता ही है, लाभ होता ही है।
अगर बच्चा किसी बिमारी के लिये एलोपैथी भी खा रहा है तो साथ में सेवन कर सकता है।
किसी गंभीर बिमारी का ईलाज चल रहा है तो उसके रिकवर होने की स्पीड को बढ़ा देता है।
पूरी तरह से सुरक्षित, बच्चों के हिसाब से ही ‘सुक्ष्म औषधि कल्पना’ में बनाया गया है।

⍛ फ्री - अनस्ता अर्क (30 तरह की जड़ियों का अर्क) जो
पूरे शरीर को डिटॉक्स करे, रक्त को साफ करे।

⍟ मुल्य - केवल 1000/- एक माह के लिये।
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