YOUnique

YOUnique Younique is Effectively Utilizing the Ancient Spiritual aspect and Western Techniques for Complete D

You , we and each & every persons is Unique and distinct caliber by his Birth. Human history is the History those people who are well known with their inborn Uniqueness and caliber and who were better Utilize their Inner resources. But many of us are living their life with lots of stress and incomplete wishes, living a normal life in high crowd, just because absence of proper guidance, Counselling and Training. There is need of a Techniques and Training which helps persons in Development of physical, mental abilities, Social and Spiritual aspects. Youinque is only Organisation who can better understand your inner needs. our Organisation provides these services to Private, Government and Social Sectors by means of Workshop and seminar with experts of India and other Countries in All India basis. Younique is Effectively Utilizing the Ancient Spiritual aspect and Western Techniques for Complete Development of human Inborn qualities .

13/09/2025

बच्चों की बदतमीजी उनके विकास का ही एक हिस्सा है। और सही मार्गदर्शन और प्यार से निपटा जा सकता है।

आभार सहित..💐
https://www.instagram.com/storywithanvi_official?igsh=emZ3M3h5ZGY0M292

13/09/2025

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गत दिनों ,गणेश पक्ष के शुभ अवसर पर  खुद में ,परिवार और समाज मे नारियों द्वारा सकारात्मक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से जिल...
06/09/2025

गत दिनों ,गणेश पक्ष के शुभ अवसर पर खुद में ,परिवार और समाज मे नारियों द्वारा सकारात्मक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से जिला कवर्धा छत्तीसगढ़ की महिलाओं द्वारा।

*नवधा नारी नवचेतना संगठन* का गठन किया गया।
इसी क्रम में उनके द्वारा यूनिक अकादमी के सहयोग से कवर्धा में पहली बार *'व्यक्तित्व विकास मानसिक स्वास्थ्य और खुशहाल परिवार '* विषय पर वर्कशॉप आयोजित किया गया

जिसके सुखद परिणाम प्रत्यक्ष है।

इसके आयोजन और संयोजन में श्री आदित्य झा एडव्होकेट आत्मज स्व चन्द्रनाथ झा और श्रीमती ऋचा आदित्य झा का विशेष योगदान रहा।

नवधा को बेहतर भविष्य हेतु शुभकामनाये

02/09/2025
18/08/2025
16/08/2025

करियर सेलेक्शन के बारे में गीता में श्री कृष्णा ने क्या कहा ? वैज्ञानिक तर्क

*क्या बने क्या बनाये?**एनिमल कि नरसिम्हा~ छावा या सैय्यारा*इतिहास बताता है कि अंग्रेजों ने चीनियों को पहले मुफ्त में मनो...
07/08/2025

*क्या बने क्या बनाये?*
*एनिमल कि नरसिम्हा~ छावा या सैय्यारा*

इतिहास बताता है कि अंग्रेजों ने चीनियों को पहले मुफ्त में मनोरंजन के नाम पर अफीम का चस्का लगाया और फिर जब ग्राहको का पूरा वर्ग तैयार हो गए तो खूब पैसा कमाया!!
वैसा ही मनोरंजन इंडस्ट्री भी कर रही धीरे-धीरे ही सही उन्होंने पूरा एक ऐसा वर्ग तैयार कर लिया है जो अश्लील या मनोवैज्ञानिक विकृतियों को देखकर रोती है चिल्लाती है ,ताली बजती है ,शर्ट भी फाड़ती है ,फिल्म को हिट बना पर्दे के पीछे वालो को करोड़ो दिलवाती है। नया नारा गढ़ा जा रहा है हिंसा,नशा या अमर्यादित सेक्स अब *न्यू नार्मल* है!
.यदि हम सूअर बन जाए या बना दिये जाये तो गन्दगी ही हमे पंसन्द आएगी।

मनोरंजन और आत्मरंजन भी मनुष्य की मौलिक प्यास है। जमजम का पानी या गंगा जल न मिले तो नाली का पानी पीकर प्यास बुझाना ही पड़ेगा।

सोशल मीडिया के जमाने में हजारों लाइक्स फॉलोवर्स से गिरी तन्हा अकेली युवा पीढ़ी बहुत गरीब है क्योंकि उसके पास कोई रोल मॉडल नहीं ,दोस्त नही,भावात्मक सहारा नहीं ऐसी स्थिति में उन्हें जहां थोड़ी भी संवेदना मिलती है वह बहक सकते ही हैं क्योंकि यह उम्र ही है ।

सही बात यह कि AI ,मेटवर्स के जमाने में यांत्रिक बुद्धिमता का प्रयोग करके भी अच्छी चीज बनाई दिखाई जा सकती हैं बाहुबली से लेकर हालिया प्रदर्शित नरसिंमहा इसका बहुत अच्छा उदाहरण है ।
यदि आपने अपने छोटे बच्चों को आज अच्छी चीजों का टेस्ट नहीं कराया तो आगे जाकर बाजार उन्हें गन्दी चीजो का उपभोक्ता बना ही देगा।

किसी बाबा जी को बुलाकर लाखों रुपए देखकर सत्संग कराना ही सत्संग नहीं, लोगों को अच्छी वर्कशॉप करवाना ,अच्छी पुस्तक देना, अच्छी कहानी सुनाना या किसी रियल हीरो का सेमिनार करवाना या सबसे बेहतर अच्छी फिल्म दिखाने के लिए टॉकीज लेकर जाना भी सत्संग का प्रकार हो ही सकता है ।

*क्यों नहीं समाज के अग्रणी संगठन ,रेसिडेंशियल सोसाइटी,व्यक्तिगत सक्षम लोग अच्छे संस्कार रोपित करने वाली पिक्चरों को दिखाने के लिए ( चाहे वह छावा हो या इकबाल, तारे जमी पर से सितारे जमी पर, एक दूजे के लिए हो या रांझणा )अपने समाज परिवार के बच्चों युवाओ को दिखाने के लिए फंडिंग कर ले जाते?*

टिकिट दान करें और परिवार, समाज,रेसिडेंशियल सोसाइटी,स्कूल के बच्चे एक साथ में फिल्म देखने जाए कम से कम बड़े होकर मनोवैज्ञानिक विकृतियों से तो बचे रहेंगे।

एक
सुझाव

सुयश ठाकुर
मनोवैज्ञानिक मनोचिकित्सक करियर काउंसलर
7697788999
www.younique.in

06/08/2025

“पेरेंट्स के रूप में अपने बच्चों को जिम्मेदार बनना,जिम्मेदारी लेना और संघर्षों का सामना करना सीखाएं, ताकि आगे जाकर वह एक बेहतर विश्व बनाने में योगदान दे सके।”

02/08/2025

“आज के समय की चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने बच्चों को मजबूत बनाएं, उन्हें सोचने दे, थोड़ा स्ट्रगल कर अंदर की मजबूती बाहर आने दे। सतर्क रहें, सपोर्ट करें पर हमेशा उंगली ना पकड़िए और overparenting न करें”

02/08/2025

“यदि आपके अंदर आग नहीं है, बीते समय की कड़वी यादें, डर , चिढ़,शिकायत का बारूद नहीं भरा है तो बाहर के लोगो की आग आपको नहीं जला सकती आप शांत ही रहेंगे। अपने अवचेतन मन को साफ कीजिए”

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