Ujwala yoga centre ramnagar nainital u.k india

Ujwala yoga centre ramnagar nainital u.k india All deaseas cure by yoga & alternative therapy

      के द्वारा श्री गणेश उत्सव  पायतेवाली रामलीला में  कल दिनाँक 27.8.2025 से निशुल्क इलेक्ट्रो  एक्युपंचर शिविर का आयो...
26/08/2025

के द्वारा श्री गणेश उत्सव पायतेवाली रामलीला में कल दिनाँक 27.8.2025 से निशुल्क इलेक्ट्रो एक्युपंचर शिविर का आयोजन होने जा रहा है
समय 11 am से 1 pm
आप सभी सादर आमंत्रित हैं
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे
योग गुरु डॉ नितिन ढोमने
094101 12415

प्राणिक हीलिंग से किस प्रकार के रोगों का किया जा सकता है उपचार ?https://youtu.be/5Ml5Idks3MIप्राणिक हीलिंग, जैसा कि नाम ...
25/08/2025

प्राणिक हीलिंग से किस प्रकार के रोगों का किया जा सकता है उपचार ?https://youtu.be/5Ml5Idks3MI

प्राणिक हीलिंग, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है कि यह एक तरह का प्राणायाम है जो प्राण बढ़ने के लिए किया जाता है। यह एक वैज्ञानिक विद्या है जो प्राण ऊर्जा पर आधारित है। प्राण शरीर और इसमें स्थित चक्रों को देख कर रोग का पता लगाया जाता है। इस ऊर्जा से कई प्रकार के रोगों का उपचार किया जाता है। इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि यह एक तरह की चिकित्सा थेरेपी है जिसकी मदद से बिना किसी दवा का इस्तेमाल किये कई तरह के जटिल रोगों का इलाज किया जाता है। प्राणिक हीलिंग के अंतर्गत शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक रोगों तथा इसके अलावा सौंन्दर्य सम्बन्धी रोगों का उपचार संभव है।

यदि आपने ध्यान दिया होगा तो देखा होगा कि प्राचीन समय के महापुरुष आदि के सिर के पीछे हमेशा एक प्रकाश फैला रहता था, उनके सर के सन्मुख स्वर्ण आभा बनी रहती थी। बता दें कि इस चिकित्सा प्रणाली में व्यक्ति का उपचार रंगों के माध्यम से किया जाता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं इस सृष्टि में विभिन्न रंग हैं और प्रत्येक रंग के अनगिनत भेद हैं, इन्ही में से कई हमें सुखद अनुभूति कराते हैं तो कुछ निराशा के प्रतीक भी होते हैं। प्राणिक हीलिंग एक अत्यंत शक्तिशाली विज्ञान है, एक आध्यात्मिक चिकित्सक को इस विज्ञान का प्रयोग करने से पूर्व ध्यान एवं योग की कुछ क्रियाओं का नियमित अभ्यास कर स्वयं को चेतना के एक स्तर पर लाना होता है।

मनोविज्ञानिक भी सलाह देते हैं की इस योग क्रिया की मदद से कई तरह के जटिल रोगों का आसानी से इलाज किया जा सकता है। आइये जानते हैं किस तरह से प्राणिक हीलिंग की मदद से रोगों का इलाज कैसे किया जाता है और किस हद तक यह कारगर साबित होता है। सबसे पहले यदि हम बात करें शारीरिक रोगों के इलाज की तो आपको बता दें कि प्राणिक हीलिंग की मदद से डायबिटिज, एन्जाईना, हृदय रोग, गुर्दे की पथरी और विकार, आंतों की सूजन, अल्सर, रक्त स्त्राव, आधे सिर का दर्द, आँखों की कम होती रौशनी, मोतियाबिन्द, बहरापन, सांस का रोग, दमा, पाचन तंत्र के रोग, भूख न लगना, उल्टी, कब्ज व दस्त, पीलिया व लीवर के रोग, गठिया, चर्म रोग, प्रजनन संबंधित रोग , लकवा, गर्दन का दर्द, स्पान्डलाईटिस, हाई ब्लड प्रेशर, गाल ब्लैडर स्टोन, ट्यूमर, फ्रोजन सोल्डर आदि तमाम तरह के विकारों का इलाज संभव है वह भी बिना किसी दवा के।

बात करें मानसिक एवं भावनात्मक रोगों की तो आपको बता दें कि प्राणिक हीलिंग की मदद से मनोविकार, मिर्गी, चिन्ता, उदासी, भय, आत्महत्या की प्रवृति, शराब या किसी अन्य नशे की लत आदि का उपचार संभव है। सिर्फ इतना ही नहीं प्राणिक हीलिंग सौन्दर्य सम्बन्धी विकार भी दूर करता है मोटापे की समस्या, कील-मुहांसे की समस्या, लम्बाई ना बढ़ना, जले-कटे निशानो को मिटाना आदि।

यह भी पढ़ें : क्या बिना दवाइयों के भी किया जा सकता है जटिल रोगों का इलाज

प्राणिक हीलिंग से उपचार की विशेषता

डॉ नितिन ढोमने (योगगुरु) जो कि एक जाने -माने प्राणिक हीलर है और पिछले 16वर्षों से रामनगर में लोगों को अपनी सेवा दे रहे हैं वो बताते हैं कि उपचार की इस विधि में ना तो मरीज को स्पर्श किया जाता है और न ही किसी प्रकार की कोई दवा दी जाती है। बताते चलें कि प्राणिक हीलिंग उपचार के भी कई अलग अलग रूप हैं और आज हम आपको इन तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं।

सीधा उपचार : इस प्रकार के उपचार में प्राणिक हीलर द्वारा रोगी को अपने ठीक सामने बैठाकर उपचार किया जाता है।

दूरस्थ उपचार : प्राणिक हीलिंग से उपचार का यह माध्यम उन लोगों के लिए ज्यादा कारगर साबित होता है जो इलाज कराने हीलर के पास नहीं आ पाते, इस प्रक्रिया में रोगी की अनुपस्थिति में भी उपचार संभव है।

स्वयं की हीलिंग: ध्यान देने वाली बता यह हैं कि प्राणिक हीलिंग का एक खास लाभ यह भी है कि इसकी मदद से ना सिर्फ आप खुद को प्रशिक्षित कर सकते हैं बल्कि स्वयं अपने को स्वस्थ भी रख सकते है।

क्रिस्टल हीलिंग : प्राणिक हीलिंग में कई बार चिकित्सक उपचार के लिए क्रिस्टल का भी उपयोग करता है। आपको पता होना चाहिए कि क्रिस्टल एक प्रभावशाली ऊर्जा विकिरण का स्त्रोत माना जाता है। अधिकांश शल्य चिकित्सक, चिकित्सा से पहले और बाद में रोगी के मानसिक आघात को कम करने के लिये क्रिस्टल का उपयोग करते है।

मानसिक शांति एवं तनाव को दूर करने के लिये व्यक्ति के विभिन्न चक्रो पर क्रिस्टल रखे जाते है। जो उचित दिशा निर्देशो के माध्यम से व्यक्ति की नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर देते है। इसके अलावा शारिरीक बीमारियों के लिये प्राणिक हिलर क्रिस्टल द्वारा ब्रह्मांड से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त कर रोगी के शरीर में प्रवाहित करते है एवं रोगी की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करते है।

प्राणिक हीलर से करें संपर्क

हमारे नेटवर्क पर मौजूद डॉ नितिन ढोमने योगगुरु एक बेहतरीन प्राणिक हीलर, काउंसलर और आध्यात्मिक साधक है। ये जिम कॉर्बेट रामनगर में रहते है। डॉ नितिन एक दयालु व्यक्ति होने के नाते वह लोगों की पीड़ा कम करने में और मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते है। उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई पांढुर्ना छिंदवाड़ा में की और तीन साल देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार में मानव चेतना योग विज्ञान में एम ए पी एच डी की है।भारत सरकार आयुष मंत्रालय द्वारा आपको अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर 2015 में उज्बेकिस्तान ताशकन्द भेजा गया,2016 में ब्राज़ावील काँगो भेजा गया है ।

शांतिकुंज हरिद्वार उन्होंने आध्यात्मिकता की यात्रा शुरू की और प्राणिक हीलिंग सीखी। 2005 से योग प्राध्यापक के पद पर योग एवं वैकल्पिक चिकित्सा विभाग पी एन जी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामनगर में पिछले 21वर्षों से कार्यरत है, कुमाऊँ विश्विद्यालय के द्वारा संचालित स्नातक के बाद पी जी डिप्लोमा योग एवं वैकल्पिक चिकित्सा एक वर्षीय, एम ए योग एवं वैकल्पिक चिकित्सा 2वर्षीय कोर्स, कराये जाते है। उज्वला योग संस्थान द्वारा 100घंटे,200घंटे,300घंटे ,...प्राणिक हिलिंग,12345 ..लेवल, एक्युप्रेशर के कोर्स कराये जाते है, साथ ही योग में पी एच डी करायी जाती हैं।आप चाहे तो प्राणिक हीलिंग एव विभिन्न कोर्स ,उपचार के लिए इनसे मदद ले सकते हैं। संपर्क 9410112415 dr.nitindhomne@gmail.com

प्राणिक हीलिंग से किस प्रकार के रोगों का किया जा सकता है उपचार ?https://youtu.be/5Ml5Idks3MIप्राणिक हीलिंग, जैसा कि नाम ...
17/08/2025

प्राणिक हीलिंग से किस प्रकार के रोगों का किया जा सकता है उपचार ?https://youtu.be/5Ml5Idks3MI

प्राणिक हीलिंग, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है कि यह एक तरह का प्राणायाम है जो प्राण बढ़ने के लिए किया जाता है। यह एक वैज्ञानिक विद्या है जो प्राण ऊर्जा पर आधारित है। प्राण शरीर और इसमें स्थित चक्रों को देख कर रोग का पता लगाया जाता है। इस ऊर्जा से कई प्रकार के रोगों का उपचार किया जाता है। इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि यह एक तरह की चिकित्सा थेरेपी है जिसकी मदद से बिना किसी दवा का इस्तेमाल किये कई तरह के जटिल रोगों का इलाज किया जाता है। प्राणिक हीलिंग के अंतर्गत शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक रोगों तथा इसके अलावा सौंन्दर्य सम्बन्धी रोगों का उपचार संभव है।

यदि आपने ध्यान दिया होगा तो देखा होगा कि प्राचीन समय के महापुरुष आदि के सिर के पीछे हमेशा एक प्रकाश फैला रहता था, उनके सर के सन्मुख स्वर्ण आभा बनी रहती थी। बता दें कि इस चिकित्सा प्रणाली में व्यक्ति का उपचार रंगों के माध्यम से किया जाता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं इस सृष्टि में विभिन्न रंग हैं और प्रत्येक रंग के अनगिनत भेद हैं, इन्ही में से कई हमें सुखद अनुभूति कराते हैं तो कुछ निराशा के प्रतीक भी होते हैं। प्राणिक हीलिंग एक अत्यंत शक्तिशाली विज्ञान है, एक आध्यात्मिक चिकित्सक को इस विज्ञान का प्रयोग करने से पूर्व ध्यान एवं योग की कुछ क्रियाओं का नियमित अभ्यास कर स्वयं को चेतना के एक स्तर पर लाना होता है।

मनोविज्ञानिक भी सलाह देते हैं की इस योग क्रिया की मदद से कई तरह के जटिल रोगों का आसानी से इलाज किया जा सकता है। आइये जानते हैं किस तरह से प्राणिक हीलिंग की मदद से रोगों का इलाज कैसे किया जाता है और किस हद तक यह कारगर साबित होता है। सबसे पहले यदि हम बात करें शारीरिक रोगों के इलाज की तो आपको बता दें कि प्राणिक हीलिंग की मदद से डायबिटिज, एन्जाईना, हृदय रोग, गुर्दे की पथरी और विकार, आंतों की सूजन, अल्सर, रक्त स्त्राव, आधे सिर का दर्द, आँखों की कम होती रौशनी, मोतियाबिन्द, बहरापन, सांस का रोग, दमा, पाचन तंत्र के रोग, भूख न लगना, उल्टी, कब्ज व दस्त, पीलिया व लीवर के रोग, गठिया, चर्म रोग, प्रजनन संबंधित रोग , लकवा, गर्दन का दर्द, स्पान्डलाईटिस, हाई ब्लड प्रेशर, गाल ब्लैडर स्टोन, ट्यूमर, फ्रोजन सोल्डर आदि तमाम तरह के विकारों का इलाज संभव है वह भी बिना किसी दवा के।

बात करें मानसिक एवं भावनात्मक रोगों की तो आपको बता दें कि प्राणिक हीलिंग की मदद से मनोविकार, मिर्गी, चिन्ता, उदासी, भय, आत्महत्या की प्रवृति, शराब या किसी अन्य नशे की लत आदि का उपचार संभव है। सिर्फ इतना ही नहीं प्राणिक हीलिंग सौन्दर्य सम्बन्धी विकार भी दूर करता है मोटापे की समस्या, कील-मुहांसे की समस्या, लम्बाई ना बढ़ना, जले-कटे निशानो को मिटाना आदि।

यह भी पढ़ें : क्या बिना दवाइयों के भी किया जा सकता है जटिल रोगों का इलाज

प्राणिक हीलिंग से उपचार की विशेषता

डॉ नितिन ढोमने (योगगुरु) जो कि एक जाने -माने प्राणिक हीलर है और पिछले 16वर्षों से रामनगर में लोगों को अपनी सेवा दे रहे हैं वो बताते हैं कि उपचार की इस विधि में ना तो मरीज को स्पर्श किया जाता है और न ही किसी प्रकार की कोई दवा दी जाती है। बताते चलें कि प्राणिक हीलिंग उपचार के भी कई अलग अलग रूप हैं और आज हम आपको इन तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं।

सीधा उपचार : इस प्रकार के उपचार में प्राणिक हीलर द्वारा रोगी को अपने ठीक सामने बैठाकर उपचार किया जाता है।

दूरस्थ उपचार : प्राणिक हीलिंग से उपचार का यह माध्यम उन लोगों के लिए ज्यादा कारगर साबित होता है जो इलाज कराने हीलर के पास नहीं आ पाते, इस प्रक्रिया में रोगी की अनुपस्थिति में भी उपचार संभव है।

स्वयं की हीलिंग: ध्यान देने वाली बता यह हैं कि प्राणिक हीलिंग का एक खास लाभ यह भी है कि इसकी मदद से ना सिर्फ आप खुद को प्रशिक्षित कर सकते हैं बल्कि स्वयं अपने को स्वस्थ भी रख सकते है।

क्रिस्टल हीलिंग : प्राणिक हीलिंग में कई बार चिकित्सक उपचार के लिए क्रिस्टल का भी उपयोग करता है। आपको पता होना चाहिए कि क्रिस्टल एक प्रभावशाली ऊर्जा विकिरण का स्त्रोत माना जाता है। अधिकांश शल्य चिकित्सक, चिकित्सा से पहले और बाद में रोगी के मानसिक आघात को कम करने के लिये क्रिस्टल का उपयोग करते है।

मानसिक शांति एवं तनाव को दूर करने के लिये व्यक्ति के विभिन्न चक्रो पर क्रिस्टल रखे जाते है। जो उचित दिशा निर्देशो के माध्यम से व्यक्ति की नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर देते है। इसके अलावा शारिरीक बीमारियों के लिये प्राणिक हिलर क्रिस्टल द्वारा ब्रह्मांड से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त कर रोगी के शरीर में प्रवाहित करते है एवं रोगी की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करते है।

प्राणिक हीलर से करें संपर्क

हमारे नेटवर्क पर मौजूद डॉ नितिन ढोमने योगगुरु एक बेहतरीन प्राणिक हीलर, काउंसलर और आध्यात्मिक साधक है। ये जिम कॉर्बेट रामनगर में रहते है। डॉ नितिन एक दयालु व्यक्ति होने के नाते वह लोगों की पीड़ा कम करने में और मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते है। उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई पांढुर्ना छिंदवाड़ा में की और तीन साल देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार में मानव चेतना योग विज्ञान में एम ए पी एच डी की है।भारत सरकार आयुष मंत्रालय द्वारा आपको अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर 2015 में उज्बेकिस्तान ताशकन्द भेजा गया,2016 में ब्राज़ावील काँगो भेजा गया है ।

शांतिकुंज हरिद्वार उन्होंने आध्यात्मिकता की यात्रा शुरू की और प्राणिक हीलिंग सीखी। 2005 से योग प्राध्यापक के पद पर योग एवं वैकल्पिक चिकित्सा विभाग पी एन जी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामनगर में पिछले 21वर्षों से कार्यरत है, कुमाऊँ विश्विद्यालय के द्वारा संचालित स्नातक के बाद पी जी डिप्लोमा योग एवं वैकल्पिक चिकित्सा एक वर्षीय, एम ए योग एवं वैकल्पिक चिकित्सा 2वर्षीय कोर्स, कराये जाते है। उज्वला योग संस्थान द्वारा 100घंटे,200घंटे,300घंटे ,...प्राणिक हिलिंग,12345 ..लेवल, एक्युप्रेशर के कोर्स कराये जाते है, साथ ही योग में पी एच डी करायी जाती हैं।आप चाहे तो प्राणिक हीलिंग एव विभिन्न कोर्स ,उपचार के लिए इनसे मदद ले सकते हैं। संपर्क 9410112415 dr.nitindhomne@gmail.com

प्राणिक हीलिंग से किस प्रकार के रोगों का किया जा सकता है उपचार प्राणिक हीलिंग, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है कि य.....

17/08/2025
★जनचेतना का मेरा एक गिलहरी प्रयास★हाईवे पर किसी सस्ते ढाबे में खाना खाइये, menu में  कम से कम 6 आइटम  #पनीर के होंगे। 5स...
08/08/2025

★जनचेतना का मेरा एक गिलहरी प्रयास★

हाईवे पर किसी सस्ते ढाबे में खाना खाइये, menu में कम से कम 6 आइटम #पनीर के होंगे। 5स्टार होटल में जाइये, #वेजीटेरियन सेक्शन में 60% डिशेज़ पनीर की होती है।
30 रु में 6 पनीर मोमोज मिलते हैं?
50 रु में पनीर पिज़्ज़ा?
100 रु में बटर पनीर ?
40 रु मे पनीर कुलचा?

आज से 20 साल पहले भी जब मैं कहती थी कि मैं पनीर नही खाती तो लोग कहते थे इतनी हाई #प्रोटीन चीज़ नही खाये?
तब भी मुझे लगता था कि पनीर असली नही है। फिर मैं पनीर घर पर बनाने लगी। मैं 70 रु में 1 लीटर #अमूल का full क्रीम दूध लेती हूँ जिसमे से करीब 200 ग्राम पनीर मिलता है। इस हिसाब से यदि 1किलो पनीर बनाना हो तो मुझे 5 लीटर दूध की आवश्यकता पड़ेगी जिसकी कीमत 350 रु होगी। यानी अगर असली #दूघ का पनीर बनाया जाए तो उसकी लागत कम से कम 350 रु तो होगी ही, फुटकर रूप में यदि ये मान लिया जाते कि दूध का फैक्ट्री मूल्य 50 रु प्रति लीटर भी हो तो भी 250 रु सिर्फ दूध की लागत होगी। अब यदि इसमें लेबर cost, गैस, ईंधन जोड़ लिया जाए तो ये लागत 60 रु पहुंच जायेगी। अब यदि इसमें सप्लाई chain, लॉजिस्टिक भी जोड़ लिया जाए तो ये लागत 63 रु पहुंच जाती है।

यानी कि कम से कम 315 रु का एक किलो पनीर अब यदि कोई दुकानदार इसे 10% प्रॉफिट पर भी बेचे जो कि इससे कहीं ज्यादा पर बेचता है तो ग्राहक को ये लागत कम से कम 345 से 350 रु प्रति किलो पड़नी चाहिए। अब यदि आप कोई पनीर 200 रु किलो या 250 रु किलो के भाव से खरीदते हैं तो क्या दुकानदार ने दानखाता खोल रखा है जो लागत से भी 25% कम पर आपको पनीर बेचेगा? असली पनीर की कीमत और मात्रा जाननी है तो घर पर पनीर बना कर देखिए अंदाज़ा हो जायेगा। फिर आता है एनालॉग पनीर ...यानी पनीर जैसा दिखने वाला और पनीर के टेक्सचर जैसा पदार्थ जिसके मूल इंग्रेडिएंट्स पाउडर का दूध, वनस्पति फैट, पाम आयल, अरारोट, स्टेबलाइजर और डेवलपिंग एजेंट्स होते हैं। अब चूंकि पाउडर मिल्क में फैट नही होता तो उसके लिए डालडा और पाम आयल मिलाया जाता है जिससे घनत्व बढ़ जाये। ये वही तेल हैं तो आर्टरी में जम जाते हैं ।

ये एनालॉग पनीर आपको बड़े बड़े 5 star होटल में भी मिलता है चाहे आप पनीर टिक्का खा रहे हों या पनीर दो प्याजा.. उससे भी निचली श्रेणी में आता है यूरिया, डिटर्जेंट और मैदे के घोल से बना पनीर.. यानी वो पनीर जिसे आप 30 रु के 6 #मोमोज़ में स्वाद लेकर खाते है या फिर 50 रु में पनीर लोडेड #पिज़्ज़ा #बर्गर में खाते हैं। ये यूरिया सीधे आपकी किडनी और लीवर पर घात लगाता है साथ ही लंबे समय तक खाने पर जानलेवा भी सिद्ध हो सकता है। भारत मे प्रति दिन दूध का उत्पादन 64 करोड़ लीटर होता है। इस सारे दूध को फाड़कर यदि पनीर बना दिया जाए तो करीब 1 करोड़ 20 लाख किलो पनीर बन सकता है। लेकिन प्रति दिन पनीर की खपत करीब करीब 15000 टन है। क्या ये संभब है कि 1 करोड़ 50 लाख किलो पनीर 64 करोड़ लीटर दूध से बन पाए?

बाजार में मिलने वाला 80% से भी ज्यादा पनीर नकली है।

इसने रोड साइड से लेकर 5स्टार होटल भी नकली पनीर खिला रहे हैं। क्या वजह है कि पिछले 30 सालों मे लीवर और किडनी की बीमारी में तेज़ी से इज़ाफ़ा हुआ है?

कभी जाकर देखिए छोटी छोटी गलियों के भीतर उबलते हुए उन भगोनों को जिनमे यूरिया उबल रहा है। जो लोग उसे बना रहे हैं उनसे कहिये की अपने बने पनीर को खाकर दिखाएं।

अगली बार जब आप किसी होटल में पनीर की डिश आर्डर करें तो कहिएगा एक टुकड़ा कच्चा पनीर लाकर आपको दिखाएं।

शर्त लगा सकती हूँ कि वो हज़ार बहाने बनाएंगे। इसे मैं आज़मा कर देख चुकी हूँ। एक रेस्टोरेन्ट वाले ने तो ये भी कह दिया कि आपको खाना है तो खाओ वरना जाओ..लेकिन हम सैंपल नही दिखाएंगे।

#मिल्क_प्रोडक्ट सबसे बड़े scam हैं आज की तारिख़ में दुर्भाग्य से सरकार भी कुछ नही कर पा रही। नकली प्रोडक्ट हर दिन पकड़े जाते हैं लेकिन हमारे कानून में उसके लिए कुछ जुर्माना या छोटी मोटी सज़ा होती है। उनसे होने वाली लाखों इनडाइरेक्ट मौतों का जिम्मेदार उन्हें नही माना जाता। सिर्फ एक ही उपाय है जागरूकता और इन्फॉर्मेशन शेयरिंग वरना इंसान कीड़े मकोड़ों की तरह मरेंगे ओर कीड़े मकोड़े लंबे जिएंगे।

05/08/2025

*इसे सेव कर सुरक्षित कर लें, ऐसी पोस्ट कम ही आती है*.
वात पित्त कफ के दोष तीनों को संतुलित करे इस आयुर्वेदिक उपाय से...अंत तक जरुर पढ़ें।
❤❤❤वात पित्त और कफ के दोष:-
💜पोस्ट को धयान से 2 बार पढ़े
💚इस जानकारी से संबंधित यह तीसरा पोस्ट है
शरीर 3 दोषों से भरा है
वात(GAS) -लगभग 80 रोग
पित्त(ACIDITY)- लगभग 40 रोग
कफ(COUGH) -लगभग 28 रोग
💚यहां सिर्फ त्रिदोषो के मुख्य लक्षण बतये जायेगे और वह रोग घरेलू चिकित्सा से आसानी से ठीक होते है
💚सभी परहेज विधिवत रहेंगे जैसे बताता हूं
💙जिस इंसान की बड़ी आंत में कचड़ा होता है बीमार भी केवल वही होता है
💙एनीमा एक ऐसी पद्धति है जो बड़ी आंत को साफ करती है और किसी भी रोग को ठीक करती है
💚संसार के सभी रोगों का कारण इन तीन दोष के बिगड़ने से होता है
💛वात(GAS) अर्थात वायु:-💛
--शरीर मे वायु जहां भी रुककर टकराती है, दर्द पैदा करती है, दर्द हो तो समझ लो वायु रुकी है
--पेट दर्द, कमर दर्द, सिर दर्द, घुटनो का दर्द ,सीने का दर्द आदि
--डकार आना भी वायू दोष है
--चक्कर आना,घबराहट और हिचकी आना भी इसका लक्षण है
💙कारण:-
--गैस उत्तपन्न करने वाला भोजन जैसे कोई भी दाल आदि गैस और यूरिक एसिड बनाती ही है
--यूरिक एसिड जहां भी रुकता है उन हड्डियों का तरल कम होता जाता है हड्डियां घिसना शुरू हो जाती है ,उनमे आवाज आने लगती है, उसे डॉक्टर कहते है कि ग्रीस ख़त्म हो गई, या फिर स्लिप डिस्क या फिर स्पोंडलाइटिस, या फिर सर्वाइकल आदि
--प्रोटीन की आवश्यकता सिर्फ सेल्स की मरम्मत के लिए है जो अंकुरित अनाज और सूखे मेवे कर देते है
--मैदा औऱ बिना चोकर का आटा खांना
--बेसन की वस्तुओं का सेवन करना
--दूध और इससे बनी वस्तुओं का सेवन करना
-आंतो की कमजोरी इसका कारण व्यायाम न करना।
👉🏻 तन बिगड़ने वाला भोजन से
👉🏻 मन बिगड़ने वाले विचार से
👉🏻 मनोदीशा बिगड़ने वाले लोगों से कैसे दूर रहे।
💜निवारण:-
--अदरक का सेवन करें,यह वायु खत्म करता है, रक्त पतला करता है कफ भी बाहर निकालता है, सोंठ को लेकर रात में गुनगने पानी से आधा चम्मच खायेँ
--लहसुन किसी भी गैस को बाहर निकालता है,
यदि सीने में दर्द होने लगे तो तुरन्त 8-10 कली लहसुन खा ले, ब्लॉकेज में तुरंत आराम मिलता है
--लहसुन कफ के रोग और टीबी के रोग भी मारता है
--सर्दी में 2-2 कली सुबह शाम, और गर्मी में 1-1 कली सुबह शाम ले, और अकेला न खायेँ सब्जी या फिर जूस , चटनी आदि में कच्चा काटकर डालकर ही खायेँ
--मेथीदाना भी अदरक लहसुन की तरह ही कार्य करता है
💜प्राकृतिक उपचार:-
गर्म ठंडे कपड़े से सिकाई करे, अब उस अंग को पहले छुएं यदि वो गर्म है तो ठंडे सिकाई करे और वह अंग अगर ठंडा है तो गर्म सिकाई करे औऱ अगर न गर्म है और न ठंडा तो गर्म ठंडी सिकाई करे एक मिनट गर्म एक मिनट ठंडा ।
💛कफ(COUGH):-💛
--मुंह नाक से आने वाला बलगम इसका मुख्य लक्षण है
--सर्दी जुखाम खाँसी टीबी प्लूरिसी निमोनिया आदि इसके मुख्य लक्षण है
--सांस लेने में तकलीफ अस्थमा आदि या सीढी चढ़ने में हांफना
💙कारण:-
--तेल एव चिकनाई वाली वस्तुओं का अधिक सेवन
--दूध और इससे बना कोई भी पदार्थ
--ठंडा पानी औऱ फ्रिज की वस्तुये खांना
--धूल ,धुंए आदि में अधिक समय रहना
--धूप का सेवन न करना
💜निवारण:-
--विटामिन C का सेवन करे यह कफ का दुश्मन है यह संडास के रास्ते कफ निकालता है, जैसे आवंला
--लहसुन, यह पसीने के रूप में कफ को गलाकर निकालता है
--Bp सामान्य हॉगा
--ब्लड सर्कुलेशन ठीक हॉगा
--नींद अच्छी आएगी
--अदरक भी सर्वश्रेष्ठ कफ नाशक है
💜प्राकृतिक उपचार
--एक गिलास गुनगने पानी मे एक चम्मच नमक डालकर उससे गरारे करे
--गुनगने पानी मे पैर डालकर बैठे, 2 गिलास सादा।पानी पिये और सिरर पर ठंडा कपड़ा रखे, रोज 10 मिनट करे
--रोज 30-60 मिनट धूप ले ।
💛पित्त(ACIDITY):-पेट के रोग💛
--वात दोष और कफ दोष में जितने भी रोग है उनको हटाकर शेष सभी रोग पित्त के रोग है, BP, शुगर, मोटापा, अर्थराइटिस, आदि
--शरीर मे कही भी जलन हो जैसे पेट मे जलन, मूत्र त्याग करने के बाद जलन ,मल त्याग करने में जलन, शरीर की त्वचा में कही भी जलन,
--खट्टी डकारें आना
--शरीर मे भारीपन रहना
💜कारण:-
--गर्म मसाले, लाल मिर्च, नमक, चीनी, अचार
--चाय ,काफी,सिगरेट, तम्बाकू, शराब,
--मांस ,मछली ,अंडा
--दिनभर में सदैव पका भोजन करना
--क्रोध, चिंता, गुस्सा, तनाव
--दवाइयों का सेवन
--मल त्याग रोकना
--सभी 13 वेग को रोकना जैसे छींक, पाद, आदि
💜निवारण
--पुराने रोग और नए रोग का एक ही समाधान बता रहा हु
--फटे हुए दूध का पानी पिये, गर्म दूध में नीम्बू डालकर दूध को फाड़े, वह पानी छानकर पिए, पेट का सभी रोग में रामबाण है, सभी प्रकार का बुखार भी दूर करता है
--फलो व सब्जियों का रस, जैसे अनार का रस, लौकी का रस, पत्ता गोभी का रस आदि
--निम्बू पानी का सेवन
💜प्राकृतिक उपचार
--पेट को गीले कपड़े से ठंडक दे
--रीढ़ की हड्डी को ठंडक देना, लकवा इसी रीढ़ की हड्डी की गर्मी से होता है, गीले कपड़े से रीढ़ की हड्डी पर पट्टी रखें
--व्यायाम ,योग करे
--गहरी नींद ले
इलाज से बेहतर बचाव है
स्वदेशी बने प्रकृति से जुड़े
*आपसे निवेदन है ज्यादा से ज्यादा शेयर करें*

21/07/2025

21 साल की ज्योति शर्मा ने हॉस्टल में आत्महत्या कर ली।
📝 अंतिम नोट में लिखा:
"मैं डिप्रेशन में हूं... मेरी मौत के लिए मेरे शिक्षक जिम्मेदार हैं..."

🔴 परिजनों ने दो महिला प्रोफेसरों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
⚖️ अब दोनों को जेल भेजा गया है।
👮‍♀️ वार्डन से भी पूछताछ चल रही है।

🧠 डिप्रेशन और मेंटल हेल्थ को हल्के में न लें।
हर स्टूडेंट की लड़ाई दिखती नहीं – लेकिन गंभीर होती है।
कॉलेज प्रेशर, अकादमिक स्ट्रेस, और इमोशनल बोझ कई बार जानलेवा साबित होता है।

👉 अगर आप किसी को टूटता देख रहे हैं – पूछें, सुनें, मदद करें।
बात करना ही पहला स्टेप है।

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