Ujwala yoga centre ramnagar nainital u.k india

Ujwala yoga centre ramnagar nainital u.k india All deaseas cure by yoga & alternative therapy

*सादर आमंत्रण व सूचना*           ----//-------//-------//-----//-----/                *नि:शुल्क योग शिविर**विश्व योग दिव...
15/06/2025

*सादर आमंत्रण व सूचना*
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*नि:शुल्क योग शिविर*

*विश्व योग दिवस* *21 जून 2025*
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हर वर्ष की भांति 21 जून, 2025 को योग दिवस के अवसर पर *एम पी हिन्दू इंटर कॉलेज के ऑडिटोरियम* ग्राउंड में प्रांतः 5:00 से 7:30 बजे तक *उज्ज्वला योग संस्थान* के तत्वावधान एवं अनुभवी *योगगुरु डॉ नितिन ढोमने* जी के सानिध्य में एक विशाल योग शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें शारीरिक ,मानसिक तथा आत्मिक रूप से स्वस्थ रहने के विभिन्न योग आसन सिखाये व अभ्यास कराये जायेंगे।

योग शिविर में ओंकार की ध्वनि और विख्यात बांसुरीवादक श्री *विनीत रिखाड़ी* की सुपुत्री *गायत्री रिखाड़ी* जी के मधुर बांसुरी वादन के साथ ध्यान व प्राणायाम कराया जाएगा, जिससे समस्त प्रतिभागी योगसाधकों को सुखद अनुभूति व दिव्यता का अनुभव होगा।

अतः आप सभी से निवेदन है कि सपरिवार इष्टमित्रों सहित शिविर में पहुंच कर लाभ प्राप्त करें।

कार्यक्रम में विशेष सहयोग
श्री अशोक कुमार, श्री मनीष कुमार भारत गैस रामनगर तथा प्रबंध समिति एम .पी इंटर कॉलेज का रहेगा। कार्यक्रम के *मुख्य अतिथि वरिष्ठ IFS श्री साकेत बडोला जी (निदेशक CTR)* होंगे। साथ ही IFS श्री दिगंत नायक जी (डीएफओ रामनगर वनप्रभाग), कु० मनीषा मारकाना जी (तहसीलदार रामनगर), श्री अमित गुप्ता जी (अधिशाषी अभियंता सिंचाई विभाग रामनगर) कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे।

कृपया अधिक जानकारी के लिये सम्पर्क करें:

*योगगुरु डॉ0 नितिन ढोमने* 094101 12415

किशमिश का पानी, किशमिश को रात भर पानी में भिगोकर बनाने के बाद बनता है. यह पानी पीने से पाचन बेहतर होता है और कब्ज़ से आर...
09/06/2025

किशमिश का पानी,
किशमिश को रात भर पानी में भिगोकर बनाने के बाद बनता है. यह पानी पीने से पाचन बेहतर होता है और कब्ज़ से आराम मिलता है. किशमिश में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जैसे कि आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, एंटीऑक्सीडेंट्स, और डाइट्री फ़ाइबर. किशमिश का पानी पीने से कई तरह के फ़ायदे होते हैं.

#किशमिश का पानी
सुबह-सुबह इसका पानी पीने से लिवर को मिल जाएगा नया जीवन, पेट में जमी ज़िद्दी से ज़िद्दी क़ब्ज़ को ये ख़त्म कर एसिडिटी की हवा निकाल देगा, जानें ऐसे 10 फ़ायदे

आज हम आपको किशमिश और इसके पानी के 10 फ़ायदे बताएँगे जिन्हें आप जान गये तो इसका उपयोग करने से ख़ुद को नही रोक पाएँगे।

सूखे मेवे में शामिल किशमिश #अंगूर को सुखाकर तैयार किया जाता है। इसमें अंगूर के सभी गुण मौजूद होते है। इसके सेवन से रस, रक्त, कमज़ोरी आदि तथा ओज की मात्रा बढ़ती है जो कि आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है।

किशमिश में भरपूर मात्रा में आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और फाइबर पाया जाता है। साथ ही इसमें दूध में मौजूद हर तत्व पाया जाता है। अब आप सोच रहे होगे कि किशमिश का पानी हमारे स्वास्थ्य के लिए कैसे फायदेमंद है। तो हम आपको बताते है कि किशमिश का पानी कैसे हमारे लिए फायदेमंद है। आइए जानते है इसके 10 फ़ायदों के बारे में…

किशमिश के 10 अद्भुत फायदे

शरीर को शक्तिशाली बनाना : सुबह के समय लगभग 25 से 30 किशमिश को गर्म पानी से धोकर साफ कर लें और फिर इसे कच्चे दूध में डाल दें। आधे या एक घंटे बाद किशमिशों को दूध के साथ गर्म करके खाएं और ऊपर से दूध पी लें। इससे शरीर में खून बढ़ता है, ठंडक दूर होती है, पुरानी बीमारी, अधिक कमजोरी, यकृत/लिवर की खराबी और बदहजमी दूर होती है।

#कब्ज :
किशमिश 25 ग्राम, मुनक्का 4 पीस, अंजीर 2 पीस और सनाय का चूर्ण चौथाई चम्मच लेकर एक गिलास पानी में भिगो दें। थोड़ी देर बाद सभी को उसी पानी में मसलकर छान लें और इसमें एक कागजी नींबू का रस व 2 चम्मच शहद मिलाकर सुबह खाली पेट सेवन करें। इससे कब्ज दूर होती है।

#कोलेस्ट्राल :
किशमिश के पानी को रोज पीने से कोलेस्ट्राल के लेवल को ठीक रखता है। जो कि अधिकतर लोगों को अनियमित रूप से खाना खाने के कारण हो जाता है। इसीलिए इसका सेवन करें। साथ ही ये शरीर के ट्राईग्लिसेराइड्स के स्तर को कम करने में मदद भी करता है।

#एसिडिटी और थकान :
अगर आपको कब्ज, एसिडिटी और थकान की समस्या है तो यह काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। इसका नियमित रूप से सेवन करने से जल्द आपको फायदा नजर आएगा।
लिवर : रोजाना इसके पानी पीने से आपका लिवर भी फिट रहता है और यह मेटाबॉलिज्म के स्तर को नियंत्रित करने में भी सहायक है।

#बुखार :
अगर आपको बुखार आ रहा है तो इसका सेवन करें। इसमें मौजूद फिनॉलिक पायथोन्यूट्रियंट जो कि जर्मीसाइडल, एंटी बॉयटिक और एंटी ऑक्सीडेंट तत्वों से बुखार छूमंतर हो जाता है।
हृदय की धड़कन : 50 ग्राम किशमिश को पानी में मसलकर व उबालकर सेवन करने से हृदय की धड़कपन सामान्य होती है। इससे हृदय को शक्ति मिलती है।

#झुर्रियो को हटाये :
आप तो यह जानते ही होगे कि किशमिश खाने से आपकी उम्र बढ जाती है, लेकिन इसके साथ ही ये आपकी त्वचा में आई झुर्रियो को भी हटा देती है। इसके लिए इसके पानी को रोज सुबह पीएं। जिससे आप हमेशा जवां रहें।

#पाचन और मेटाल्जिम :

रोजाना इसके सेवन करने से आपको पाचन, मेटाल्जिम आदि के स्तर को कम रखेगा। जिससे आप हमेशा फिट रहेगे।

#ब्लडप्रेशर :
चीनी मिट्टी के बर्तन में 20 से 25 किशमिश को 150 मिलीलीटर पानी में रात को भिगोकर रख दें। सुबह किशमिश को खूब चबा-चबाकर खाएं। इससे निम्न रक्तचाप या लो ब्लडप्रेशर में लाभ मिलता है और शरीर पुष्ट होता है।

किशमिश का पानी ऐसे करें तैयार

किशमिश के पानी के लिए सबसे पहले एक पैन में किशमिश को पानी में डालकर अगर 20 मिनट तक उबालें और पानी को रातभर रखने के बाद सुबह इसका सेवन करें तो आपको कई लाभ मिलेगे। जानिए।

ध्यान में रखें ये बात

#डायबिटीज के रोगी इसके इस्तेमाल से परहेज करें। इसका सेवन एक महीने में सिर्फ चार दिन ही करें और इस दौरान शक्कर का इस्तेमाल थोड़ा कम कर दें।किशमिश का पानी,
किशमिश को रात भर पानी में भिगोकर बनाने के बाद बनता है. यह पानी पीने से पाचन बेहतर होता है और कब्ज़ से आराम मिलता है. किशमिश में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जैसे कि आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, एंटीऑक्सीडेंट्स, और डाइट्री फ़ाइबर. किशमिश का पानी पीने से कई तरह के फ़ायदे होते हैं.

#किशमिश का पानी
सुबह-सुबह इसका पानी पीने से लिवर को मिल जाएगा नया जीवन, पेट में जमी ज़िद्दी से ज़िद्दी क़ब्ज़ को ये ख़त्म कर एसिडिटी की हवा निकाल देगा, जानें ऐसे 10 फ़ायदे

आज हम आपको किशमिश और इसके पानी के 10 फ़ायदे बताएँगे जिन्हें आप जान गये तो इसका उपयोग करने से ख़ुद को नही रोक पाएँगे।

सूखे मेवे में शामिल किशमिश #अंगूर को सुखाकर तैयार किया जाता है। इसमें अंगूर के सभी गुण मौजूद होते है। इसके सेवन से रस, रक्त, कमज़ोरी आदि तथा ओज की मात्रा बढ़ती है जो कि आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है।

किशमिश में भरपूर मात्रा में आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और फाइबर पाया जाता है। साथ ही इसमें दूध में मौजूद हर तत्व पाया जाता है। अब आप सोच रहे होगे कि किशमिश का पानी हमारे स्वास्थ्य के लिए कैसे फायदेमंद है। तो हम आपको बताते है कि किशमिश का पानी कैसे हमारे लिए फायदेमंद है। आइए जानते है इसके 10 फ़ायदों के बारे में…

किशमिश के 10 अद्भुत फायदे

शरीर को शक्तिशाली बनाना : सुबह के समय लगभग 25 से 30 किशमिश को गर्म पानी से धोकर साफ कर लें और फिर इसे कच्चे दूध में डाल दें। आधे या एक घंटे बाद किशमिशों को दूध के साथ गर्म करके खाएं और ऊपर से दूध पी लें। इससे शरीर में खून बढ़ता है, ठंडक दूर होती है, पुरानी बीमारी, अधिक कमजोरी, यकृत/लिवर की खराबी और बदहजमी दूर होती है।

#कब्ज :
किशमिश 25 ग्राम, मुनक्का 4 पीस, अंजीर 2 पीस और सनाय का चूर्ण चौथाई चम्मच लेकर एक गिलास पानी में भिगो दें। थोड़ी देर बाद सभी को उसी पानी में मसलकर छान लें और इसमें एक कागजी नींबू का रस व 2 चम्मच शहद मिलाकर सुबह खाली पेट सेवन करें। इससे कब्ज दूर होती है।

#कोलेस्ट्राल :
किशमिश के पानी को रोज पीने से कोलेस्ट्राल के लेवल को ठीक रखता है। जो कि अधिकतर लोगों को अनियमित रूप से खाना खाने के कारण हो जाता है। इसीलिए इसका सेवन करें। साथ ही ये शरीर के ट्राईग्लिसेराइड्स के स्तर को कम करने में मदद भी करता है।

#एसिडिटी और थकान :
अगर आपको कब्ज, एसिडिटी और थकान की समस्या है तो यह काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। इसका नियमित रूप से सेवन करने से जल्द आपको फायदा नजर आएगा।
लिवर : रोजाना इसके पानी पीने से आपका लिवर भी फिट रहता है और यह मेटाबॉलिज्म के स्तर को नियंत्रित करने में भी सहायक है।

#बुखार :
अगर आपको बुखार आ रहा है तो इसका सेवन करें। इसमें मौजूद फिनॉलिक पायथोन्यूट्रियंट जो कि जर्मीसाइडल, एंटी बॉयटिक और एंटी ऑक्सीडेंट तत्वों से बुखार छूमंतर हो जाता है।
हृदय की धड़कन : 50 ग्राम किशमिश को पानी में मसलकर व उबालकर सेवन करने से हृदय की धड़कपन सामान्य होती है। इससे हृदय को शक्ति मिलती है।

#झुर्रियो को हटाये :
आप तो यह जानते ही होगे कि किशमिश खाने से आपकी उम्र बढ जाती है, लेकिन इसके साथ ही ये आपकी त्वचा में आई झुर्रियो को भी हटा देती है। इसके लिए इसके पानी को रोज सुबह पीएं। जिससे आप हमेशा जवां रहें।

#पाचन और मेटाल्जिम :

रोजाना इसके सेवन करने से आपको पाचन, मेटाल्जिम आदि के स्तर को कम रखेगा। जिससे आप हमेशा फिट रहेगे।

#ब्लडप्रेशर :
चीनी मिट्टी के बर्तन में 20 से 25 किशमिश को 150 मिलीलीटर पानी में रात को भिगोकर रख दें। सुबह किशमिश को खूब चबा-चबाकर खाएं। इससे निम्न रक्तचाप या लो ब्लडप्रेशर में लाभ मिलता है और शरीर पुष्ट होता है।

किशमिश का पानी ऐसे करें तैयार

किशमिश के पानी के लिए सबसे पहले एक पैन में किशमिश को पानी में डालकर अगर 20 मिनट तक उबालें और पानी को रातभर रखने के बाद सुबह इसका सेवन करें तो आपको कई लाभ मिलेगे। जानिए।

ध्यान में रखें ये बात

#डायबिटीज के रोगी इसके इस्तेमाल से परहेज करें। इसका सेवन एक महीने में सिर्फ चार दिन ही करें और इस दौरान शक्कर का इस्तेमाल थोड़ा कम कर दें।
संपर्क करे

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हार्ट अटैक..हमारे  देश  भारत  में  3000 साल  पहले  एक  बहुत  बड़े ऋषि  हुये थे महाऋषि वागवट..।।उनका  नाम  था महाऋषि वागव...
30/05/2025

हार्ट अटैक..
हमारे देश भारत में 3000 साल पहले एक बहुत बड़े ऋषि हुये थे महाऋषि वागवट..।।

उनका नाम था महाऋषि वागवट जी उन्होंने एक पुस्तक लिखी थी जिसका नाम है अष्टांग हृदयम (Astang hrudayam) और इस पुस्तक में उन्होंने बीमारियों को ठीक करने के लिए 7000 सूत्र लिखें थे
यह उनमें से ही एक सूत्र है वागवट जी लिखते हैं कि कभी भी हृदय को घात हो रहा है मतलब दिल की नलियों मे blockage होना शुरू हो रहा है !
तो इसका मतलब है कि रक्त (blood) में , acidity (अम्लता ) बढ़ी हुई है अम्लता आप समझते हैं जिसको अँग्रेजी में कहते हैं acidity
अम्लता दो तरह की होती है एक होती है

पेट की अम्लता और एक होती है रक्त (blood) की अम्लता आपके पेट में अम्लता जब बढ़ती है तो आप कहेंगे पेट में जलन सी हो रही है खट्टी खट्टी डकार आ रही हैं मुंह से पानी निकल रहा है
और अगर ये अम्लता (acidity) और बढ़ जाये
तो hyperacidity होगी और यही पेट की अम्लता बढ़ते-बढ़ते जब रक्त में आती है तो रक्त अम्लता (blood acidity) होती है और जब blood में acidity बढ़ती है तो ये अम्लीय रक्त (blood) दिल की नलियों में से निकल नहीं पाती और नलियों में blockage कर देता है

तभी heart attack होता है इसके बिना heart attack नहीं होता और ये आयुर्वेद का सबसे बढ़ा सच है जिसको कोई डाक्टर आपको बताता नहीं
क्योंकि इसका इलाज सबसे सरल है इलाज क्या है ?वागवट जी लिखते हैं कि जब रक्त (blood) में अम्लता (acidity) बढ़ गई है तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करो जो क्षारीय हैं आप जानते हैं दो तरह की चीजें होती हैं अम्लीय और क्षारीय
acidic and alkaline अब अम्ल और क्षार को मिला दो तो क्या होता है ?acid and alkaline को मिला दो तो क्या होता है ? neutral
होता है सब जानते हैं तो वागवट जी लिखते हैं कि रक्त की अम्लता बढ़ी हुई है तो क्षारीय (alkaline) चीजें खाओ तो रक्त की अम्लता (acidity) neutral हो जाएगी

और रक्त में अम्लता neutral हो गई तो heart attack की जिंदगी मे कभी संभावना ही नहीं ये है सारी कहानी अब आप पूछेंगे कि ऐसी कौन सी चीजें हैं जो क्षारीय हैं और हम खायें ? आपके रसोई घर में ऐसी बहुत सी चीजें है जो क्षारीय हैं जिन्हें आप खायें तो कभी heart attack न आए और अगर आ गया है तो दुबारा न आए यह हम सब जानते हैं कि सबसे ज्यादा क्षारीय चीज क्या हैं और सब घर मे आसानी से उपलब्ध रहती हैं, तो वह है लौकी जिसे दुधी भी कहते हैं English में इसे कहते हैं bottle gourd जिसे आप सब्जी के रूप में खाते हैं !

इससे ज्यादा कोई क्षारीय चीज ही नहीं है
तो आप रोज लौकी का रस निकाल-निकाल कर पियो या कच्ची लौकी खायो वागवट जी कहते हैं रक्त की अम्लता कम करने की सबसे ज्यादा ताकत लौकी में ही है तो आप लौकी के रस का सेवन करें कितना सेवन करें ? रोज 200 से 300 मिलीग्राम पियो कब पिये ? सुबह खाली पेट (toilet जाने के बाद ) पी सकते हैं या नाश्ते के आधे घंटे के बाद पी सकते हैं इस लौकी के रस को आप और ज्यादा क्षारीय बना सकते हैं इसमें 7 से 10 पत्ते तुलसी के डाल लो तुलसी बहुत क्षारीय है इसके साथ आप पुदीने के 7 से 10 पत्ते मिला सकते हैं पुदीना भी बहुत क्षारीय है इसके साथ आप काला नमक या सेंधा नमक जरूर डाले
ये भी बहुत क्षारीय है लेकिन याद रखें नमक काला या सेंधा ही डाले वो दूसरा आयोडीन युक्त नमक कभी न डाले ये आओडीन युक्त नमक अम्लीय है

तो आप इस लौकी के जूस का सेवन जरूर करें
2 से 3 महीने की अवधि में आपकी सारी heart की blockage को ठीक कर देगा 21 वें दिन ही आपको बहुत ज्यादा असर दिखना शुरू हो जाएगा
कोई आपरेशन की आपको जरूरत नहीं पड़ेगी
घर में ही हमारे भारत के आयुर्वेद से इसका इलाज हो जाएगा और आपका अनमोल शरीर और लाखों रुपए आपरेशन के बच जाएँगे आपने पूरी पोस्ट पढ़ी , आपका बहुत- बहुत धन्यवाद !

# Dr Nitin Dhomne
094101 12415

पुनर्नवा अर्थात शरीर के अंगों को पुनः नया जीवन देने वाली औषधि ऑटो इम्यून डिसीज की घातक शत्रु है यह दिव्य औषधि। इसके प्रय...
18/05/2025

पुनर्नवा अर्थात शरीर के अंगों को पुनः नया जीवन देने वाली औषधि ऑटो इम्यून डिसीज की घातक शत्रु है यह दिव्य औषधि। इसके प्रयोग से आज के तनाव भरे जीवन को खुशहाल बनाया जा सकता है। पुनर्नवा, जिसे आयुर्वेद में "पुनर्नवा" कहा जाता है, का अर्थ है "पुनः नया करने वाली"। यह एक अद्भुत औषधीय पौधा है, जो भारत में मुख्य रूप से गीली और नम भूमि में पाया जाता है।

पुनर्नवा आयुर्वेद की सबसे भरोसेमंद और कारगर औषधियों में से एक है। इसका प्रयोग मूत्र संबंधी रोगों के उपचार में किया जाता है। खास बात यह है की इसे महिला और पुरुष दोनों ही इस्तेमाल कर सकते हैं। लोगों में भ्रांति बनी हुई है कि यह केवल महिलाओं के रोगों में ही उपयोगी है। इसके नाम का ही अर्थ होता है rejuvenation यानि कि शरीर को पुनः नया या जैसा का वैसा कर देने वाली औषधि। इसे कई सारी बीमारियो एवम रोगों में औषधि की तरह प्रयोग किया जाता है, किन्तु मुख्यतः UTI, धातु रोग, मासिक धर्म के असंतुलन, रक्ताल्पता, कमजोरी तथा शरीर में harmonal imbalance को ठीक करने के लिए यह सबसे भरोसे मंद औषधि है। लिवर और किडनी रोगों के लिये यह सबसे चर्चित है। पुराने अनुभवी चिकित्सक मानते हैं कि इसके काढ़े के नित्य सेवन से कैंसर में जबरदस्त फायदा मिलता है। ल्युकोडेर्मा नामक त्वचा रोग अगर प्रारंभिक अवस्था मे है तो यह पुर्ननवा के नित्य सेवन से जल्द ही ठीक हो जाता है। लंबा बना रहने वाला बुखार, किडनी रोग व वात रोग के कारण हाथ पैरों में आने वाली सूजन को भिनयः कम करता है। उच्च रक्तचाप तथा हृदय रोगों में वही यह अच्छा खासा कारगर है। पीलिया/ कामला रोग में तो भूमि आंवले के साथ पुनर्नवा की साग बनाकर खाने की सलाह दी जाती है। 2- 3 दिन में ही रोग छू मंतर हो जाता है।

वैसे तो इसके सम्पूर्ण पौधे (पंचांग) का उपयोग किया जाता है, किन्तु जड़ों का विशेष महत्व है। आयुर्वेद में इसके सफ़ेद और लाल फूल वाले दो भेद माने जाते हैं। जिसमे सफ़ेद फूल वाला ज्यादा कारगर है। लेकिन सावधानी रखने वाली बात है कि इसी से मिलती जुलती Trianthema portulacastrum नामक वनस्पति को लोग अक्सर पुनर्नवा समझ बैठते हैं जबकि यह सामान्य भाषा मे सांठी कहलाता है। आयुर्वेद व पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में कई औषधियों को खाली पेट लेने की सलाह दी जाती है लेकिन इन सबके विपरीत पुनर्नवा को भोजन में बाद ही ग्रहण किया जाता है। वर्तमान समय मे auto immune disease बहुत घातक और चर्चित विषय है और इस मामले में कोई खास दवाएं भी असरदार नही होती किन्तु एकमात्र पुनर्नवा ऐसी औषधि है जो ऑटो इम्मयून डिसीज में भी अपना प्रभाव रखती है, बशर्ते कि सही समय पर बीमारी की पहचान हो जाये।
आधुनिक विज्ञान के चश्मे से देखें तो इसमें कई महत्वपूर्ण रसायन अब तक खोजे गए हैं जो इसके औषधीय गुणों के लिए जिम्मेदार होते हैं। जैसे इसमें पाया जाने वाले Boerhavia G तथा Boerhavia H नामक rotenoides insecticidal प्रभाव रखते हैं। इसी तरह इसमें पाये जाने वाले lunamarine नामक alkaloid में कैंसर तथा एंटअमीबा प्रतिरोधी क्षमता पाई जाती है।

गाँव देहात में पुनर्नवा के कोमल डंठल और पत्तियों को चुनकर इसका साग बनाया जाता है, चूंकि यह मौसमी साग है अतः सिर्फ विशेष मौसम ठंड के समय ही यह उपलब्ध होता है। गर्मियों में इसकी शाखायें सूख जाती हैं और मोटी जड़ो के रूप में यह भविष्य के लिए सुरक्षित रहता है। इन मांसल जड़ों से प्रतिवर्ष वर्ष ऋतु में नए पौधे विकसित होते हैं जो ठण्ड के मौसम में खूब फैलते हैं।

🙏 इसका उपयोग प्राचीन काल से ही आयुर्वेद और अन्य पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में किया जा रहा है।

पुनर्नवा बूटी दो प्रकार की होती हैं। एक के पत्ते नकुले व फूल लाल होते हैं। इसे लाल या रक्त पुनर्नवा कहते हैं। दूसरी पुनर्नवा के पत्ते थोड़े चपटे होते हैं व इसके फूल सफेद से हल्की लालिमा लिये होते हैं। इसे आम भाषा में साँठी कहा जाता है।

दोनों ही औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं।

पुनर्नवा ( #गदापुरना) खास तौर पर बरसात के मौसम में उगने वाला पौधा है। औषधि के रूप में इसका पंचांग और हमेशा मिलने वाला जड़ को उपयोग में लाया जाता है। पुनर्नवा का पावडर , सिरप और टैबलेट आप को आसानी से मार्केट में मिल जाएंगे। इसका उपयोग गंभीर से गंभीर बीमारियों को जड़ से खतम करने के लिए किया जाता है। पुनर्नवा शरीर को ऊर्जावान बनाता है यह इतना गुणकारी है कि शरीर के पांव से लेकर शर तक हर बीमारी को मात दे सकता है। इसके गुणों के कारण आयुर्वेद में इसे अमृत समान माना गया है । यह हमारे स्किन को हेल्दी, अस्थमा रोग निवारक, तिल्ली ,लिवर,किडनी को सुरक्षा प्रदान करने वाला होता है तथा यह कैंसर जैसे घातक बीमारी से भी बचाता है।
पुनर्नवा में नाइट्रेट क्लोराइड पाए जाते हैं इस लिए यह हार्ट डिजीज में बहुत अच्छा काम करता है। ब्लडप्रेशर को नियंत्रित करता है। इसका 7/8 दिन उपयोग करने से अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देता है,इसे हम काढ़े के रूप में या पावडर,टैबलेट, सिरप के रूप में उपयोग में ला सकते हैं।
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पुनर्नवा के प्रमुख फायदे:-

1. सूजन और सूजन संबंधी रोगों में फायदेमंद।

यह प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी है, जो गठिया (arthritis), जोड़ों के दर्द और सूजन में राहत देता है। पुनर्नवा सुजन को नष्ट करती है यह ह्रदय रोग व किडनी के विकारों में (पथरी, किडनी की सुजन आदि) में विशेष लाभदायी है। पुनर्नवा शारीर में आए हुए सूजन को कम करता है ।यह शरीर के बाहरी अंग में आए हुए सूजन को कम करता है ।और शरीर के अंदर जो अंग होते हैं अगर उनमें सूजन आ गया हो तो उसको भी यह कम करता है यह मूत्रल होता है मूत्रल होने के वजह से पेशाब ज्यादा लाता है और शरीर में जमा हुआ पानी बाहर निकलने में मदद करता है जिससे सूजन कम हो जाता है सूजन लीवर में हो तिल्ली में हो, युटेरस में हो, किडनी में हो,हाथ में हो पैर में हो या चाहे पूरे शरीर में ही क्यों ना हो हर जगह की सूजन खत्म करने की ताकत यह पुनर्नवा रखता है।

2. गुर्दे (किडनी) की सेहत के लिए उपयोगी

यह मूत्रल (diuretic) गुणों वाला होता है, जो मूत्र मार्ग को साफ करता है और किडनी फंक्शन सुधारता है। अगर पेशाब करते समय जलन होता हो, पेशाब रुक रुक कर आता हो, किडनी में सूजन हो, पथरी हो, या फिर किडनी खराब हो रही हो,क्रिएटिनिन का लेवल बढ़ता जा रहा हो तो पुनर्नवा इसमें रामबाण की तरह काम करता है।
इसके लिया पुनर्नवा जड़ और गोखरू को समान मात्रा में लेकर पावडर बना ले और सुबह शाम 5/5 ग्राम खाना खाने के पश्चात सेवन करें।

किडनी स्टोन (पथरी) के इलाज में भी सहायक है।

3. लीवर डिटॉक्स में मददगार

पुनर्नवा लीवर को विषैले तत्वों से मुक्त करता है और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों में लाभदायक है। अगर आप के लिवर में खराबी आ गई हो तो आप पुनर्नवा का इस्तेमाल कर सकते हैं यह लिवर को detox करके लिवर के सूजन को मिटाता है लिवर के गंदगी को बाहर निकालता है और लिवर संक्रमित होने से बच जाता है। पुनर्नवा हेपेटाइटिस ए हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी, एनीमिया , एनोरेक्सिया, पीलिया जैसे गंभीर रोग में भी फायदेमंद है। पुनर्नवा पावडर सुबह शाम 3/3 ग्राम सेवन करें। इसका सिरप भी मार्केट में उपलब्ध है आप दवा को 15 ml निकाल कर के 15ml पानी में मिक्स करके सुबह शाम खाना खाने के बाद ले सकते हैं । अगर पुनर्नवा का पौधा मिल जाए तो इसका साग (सब्जी बना कर) खाएं।

4. मूत्र संबंधी समस्याएं

पेशाब में जलन, बार-बार पेशाब आना या रुक-रुक कर पेशाब आने की समस्या में फायदेमंद है। पुनर्नवा के चूरण का नियमित रूप से सेवन करने से आप स्वस्थ रह सकते हैं. किडनी में पथरी होने की समस्या आजकल काफी बढ़ रही है और इसके इलाज के लिए लोग नए-नए तरीके भी अपनाते हैं. पुनर्नवा गुर्दे में मौजूद पथरी को खत्म करने मे बहुत ही कारगर है।

5. मधुमेह (डायबिटीज) में सहायक।

यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। शरीर का ब्लड शुगर कंट्रोल करने में भी पुनर्नवा काफी फायदेमंद होता है. पुनर्नवा के इस्तेमाल से खून में ग्लूकोज का स्तर नियंत्रित होता है, जिससे डायबिटीज जैसी प्रॉब्लम से बचा जा सकता है. इस औषधि में एंटीडायबिटिक गुण होते हैं, जो ब्लड शुगर स्पाइक को करने में मदद करते हैं.

6. ह्रदय स्वास्थ्य में लाभकारी -

यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है और ह्रदय को मजबूत बनाता है। पुनर्नवा का पाउडर शहद के साथ मिलाकर खा सकते हैं. इसमें मौजूद मैग्नीशियम हाई और लो ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करने में काफी मददगार साबित हो सकता है. जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या है, उन्हें दिन में एक बार इसका सेवन जरूर करना चाहिए।

7. त्वचा रोगों में उपयोगी -

त्वचा पर फोड़े-फुंसी, एक्जिमा आदि में पुनर्नवा का पेस्ट लाभदायक होता है।

8. पाचन तंत्र सुधारता है -

गैस, कब्ज, अपच जैसी समस्याओं में राहत देता है।

9. मोटापा को कंट्रोल -

पुनर्नवा का उपयोग वजन घटाने के लिए लगभग सभी हर्बल दवाओं में घटक के रूप में किया जाता है।यह जड़ी-बूटी इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा को कम किए बिना पेशाब को उत्तेजित करता है और शरीर से अतिरिक्त तरल और अपशिष्ट पदार्थ को शरीर से हटाने में मदद करता है। इस प्रकार पुनर्नवा वजन घटाने में मदद करता है।
मोटापा दूर करने के लिए पुनर्नवा के 5 ग्राम चूर्ण में 10 ग्राम शहद मिलाकर सुबह-शाम लें। पुनर्नवा की सब्जी बना कर खायें।

10. प्रोस्टेट में फायदेमंद

पुरुषों में 50 वर्ष के बाद प्रोस्टेट का बढ़ाना आम सी बीमारी हो गई है। जिन लोगों का प्रोस्टेट बढ़ जाता है उन लोगों के लिए पुनर्नवा बहुत ही लाभकारी होता है। प्रोस्टेट ग्रंथि की वृद्धि हो जाने पर पुनर्नवा का चूर्ण और गोखरू का चूर्ण समान मात्रा में लेकर के 5 ग्राम सुबह खाली पेट और 5 ग्राम शाम को सोते समय हल्का गुनगुना पानी से लें इससे प्रोस्टेट का साइज कम होगा और आप इस रोग से छुटकारा पा लेंगे।

11. अस्थमा में फायदेमंद

अगर आपको सांस फूलने की समस्या है यानी कि अस्थमा की बीमारी है तो आप आधा ग्राम हल्दी का पाउडर और 3 ग्राम पुनर्नवा के जड़ का पाउडर दोनों को मिक्स करके सुबह-शाम आप हल्का गुनगुना पानी से ले सकते हैं।
पुनर्नवा के पत्तियों का काढ़ा बनाकर उसमें थोड़ा सा काली मिर्च और थोड़ा सा अदरक का रस मिलाकर के सेवन कर करने से अत्यंत ही लाभकारी साबित होता है।

12. पेट के लिए फायदेमंद

पुनर्नवा पेट के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है । यह एसिडिटी कम करता है। पेट दर्द को कम करता है। भूख को बढ़ाने में मदद करता है। यह कब्ज से भी राहत देता है।
इसके लिए आप पुनर्नवा का चूर्ण 5/5 ग्राम सुबह-शाम या फिर पुनर्नवारिष्ट सिरप लाकर 15 ml दवा और 15 ml पानी किसी बर्तन में मिक्स करके सुबह शाम खाना खाने के बाद ले सकते हैं।

13. कैंसर में फायदेमंद

पुनर्नवा को कैंसर के इलाज के लिए सब से अच्छी जड़ीबूटियों में से एक माना जाता है। इसको कैंसर विरोधी एजेंट माना जाता है। पुनर्नवा कैंसर सेल्स के प्रगति को रोकता है।

#सेवन_का_तरीका:-

पुनर्नवा का उपयोग ताजा पत्तों का रस, सब्जी के रुप में, या जड़ तना फूल और पतियों को सुखाकर पीस कर पाउडर बनाकर लंबे समय तक के उपयोग कर सकते हैं। पुनर्नवा का जड़ आयुर्वेदिक दुकान पर आपको आसानी से उपलब्ध हो जाएगा पुनर्नवा के जड़ का पाउडर आप उपयोग में ला सकते हैं। अगर पुनर्नवा का जड़ ना मिले तो आप बना बनाया पुनर्नवा का पाउडर भी मार्केट से ला सकते हैं मार्केट में पुनर्नवा का सिरप भी आपको उपलब्ध हो जाएगा। पुनर्नवारिष्ट,, सिरप के नाम से उपलब्ध रहता है ।पुनर्नवा का टैबलेट भी आता है,आपको आसानी से आयुर्वेदिक दुकान से मिल जाएगा ।

चूर्ण (पाउडर): 1-3 ग्राम, दिन में दो बार गुनगुने पानी के साथ।

काढ़ा या अर्क: आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से

कैप्सूल या टैबलेट: बाज़ार में उपलब्ध, निर्देशानुसार सेवन करें

सावधानियां:-

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को बिना चिकित्सक की सलाह के सेवन नहीं करना चाहिए।
संपर्क करें
*योगगुरु डॉ नितिन ढोमने*
094101 12415

*स्वास्थ्य का महत्व : राकेश झुनझुनवाला के  अंतिम विचार**4,85,56,75,90,000.00/- ₹ (चार खरव पिच्चासी अरब छप्पन करोड़ पचहत्...
17/03/2025

*स्वास्थ्य का महत्व : राकेश झुनझुनवाला के अंतिम विचार*

*4,85,56,75,90,000.00/- ₹ (चार खरव पिच्चासी अरब छप्पन करोड़ पचहत्तर लाख नव्वे हजार रु मात्र)की संपत्ति रखने वाले राकेश झुनझुनवाला (बिगबुल/स्टॉक ट्रेडर) के निधन से पहले के अंतिम शब्द.....*

मैं व्यापार जगत में सफलता के शिखर पर पहुँच चुका हूँ। मेरा जीवन दूसरों की नज़र में एक उपलब्धि है। हालाँकि, काम के अलावा मेरे पास कोई खुशी नहीं थी। पैसे केवल एक सत्य हैं जिसका मैं उपयोग करता हूँ।

इस समय अस्पताल के बिस्तर पर लेटे हुए और अपनी पूरी जिंदगी को याद करते हुए, मुझे एहसास होता है कि मुझे जो पहचान और पैसे पर गर्व था, वह मृत्यु से पहले झूठा और बेकार हो गया है।

आप अपनी कार चलाने या पैसे कमाने के लिए किसी को किराए पर ले सकते हैं। लेकिन, आप किसी को पीड़ित होने और मरने के लिए किराए पर नहीं ले सकते।

खोई हुई भौतिक वस्तुएँ मिल सकती हैं। लेकिन एक चीज़ है, जो खो जाने पर कभी नहीं मिलती - और वह है "जीवन"।

हम जीवन के किसी भी चरण में हों, समय के साथ हमें उस दिन का सामना करना होगा, जब दिल बंद हो जाएगा।

अपने परिवार, जीवनसाथी और दोस्तों से प्यार करें...🙏 उनके साथ अच्छा व्यवहार करें, उनके साथ धोखा न करें, बेईमानी या विश्वासघात कभी न करें।

जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं और समझदार बनते हैं, हमें धीरे-धीरे एहसास होता है कि Rs 300 या Rs 3000 या Rs 2-4 लाख की कीमत की घड़ी पहनने से - सब कुछ एक ही समय को दर्शाता है।

हमारे पास 100 का पर्स हो या 500 का - अंदर सब कुछ समान होता है।

चाहे हम 5 लाख की कार चलाएँ या 50 लाख की कार चलाएँ। रास्ता और दूरी एक ही है और हम उसी मंजिल पर पहुँचते हैं।

हम जिस घर में रहते हैं, चाहे वह 300 वर्ग फुट का हो या 3000 वर्ग फुट का - अकेलापन हर जगह समान है।

आपको एहसास होगा कि आपकी सच्ची आंतरिक खुशी इस दुनिया की भौतिक वस्तुओं से नहीं मिलती।

आप फर्स्ट क्लास या इकोनॉमी क्लास में उड़ान भरें, अगर विमान नीचे गिरता है तो आप भी उसके साथ नीचे ही जाएंगे।

इसलिए.. मैं आशा करता हूँ कि आपको एहसास होगा, आपके पास दोस्त, भाई और बहनें हैं, जिनके साथ आप बातें करते हैं, हंसते हैं, गाते हैं, सुख-दुख की बातें करते हैं,... यही सच्ची खुशी है!!

जीवन की एक निर्विवाद सच्चाई:

अपने बच्चों को केवल अमीर बनने के लिए शिक्षित न करें। उन्हें खुश रहना सिखाएँ। जब वे बड़े होंगे तो उन्हें चीज़ों की लागत नहीं, मूल्य की जानकारी होगी।

जीवन क्या है❓

जीवन को बेहतर समझने के लिए तीन स्थान हैं:
- अस्पताल
- जेल
- श्मशान

अस्पताल में आप समझेंगे कि स्वास्थ्य से अच्छा कुछ नहीं है।
जेल में आप देखेंगे कि आज़ादी कितनी अमूल्य है।
और श्मशान में आपको एहसास होगा कि जीवन कुछ भी नहीं है।

आज हम जिस ज़मीन पर चल रहे हैं, वह कल हमारी नहीं होगी।

*चलो अब से विनम्र बनें और हमें जो मिला है उसके लिए ईश्वर को तथा अपने माता पिता दोस्तों और परिवार जनों का धन्यवाद करें।*

*क्या आप इस संदेश को किसी और के साथ साझा कर सकते हैं? और मैं अपने मां बाप, भाई, बहन, सभी रिश्तेदार, पड़ोसी मित्र परिवार, मेरा समाज, मेरा देश सभी से में प्यार करता हूं।*

*सबका मंगल हो।*
*सबका कल्याण हो।*
*सभी प्राणी सुखी हो।*

*शारीरिक,मानसिक, स्वास्थ्य को योग एवं वैकल्पिक चिकित्सा द्वारा सर्वोत्तम बनाने हेतु सलाह ले,*
*योगगुरु डॉ नितिन ढोमने*
*9410112415*

आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि  8 मार्च 2025 दिन शनिवार को सुबह 10:00 बजे से उज्ज्वला योग संस्थान के तत्वावधान मे...
07/03/2025

आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि 8 मार्च 2025 दिन शनिवार को सुबह 10:00 बजे से उज्ज्वला योग संस्थान के तत्वावधान में बनवारी बैंकट हॉल रामनगर में कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें एलोपैथी के विशेषज्ञ डॉ निकुंज जी MBBS, MD एवं प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ श्री अवनीश त्यागी जी (रिटायर्ड वायुसेना अधिकारी) पधार रहे हैं।

अतः आपसे निवेदन है कि कार्यक्रम में पहुंचकर अपने खानपान और अपनी जीवनशैली को बदलकर स्वस्थ जीवन जीने की जानकारी का लाभ लें। कार्यक्रम का शुभारंभ विख्यात बासुरीवादक श्री विनीत रेखाड़ी जी के बासुरीवादन से होगा।

धन्यवाद

स्थान - बनवारी बैंकट हॉल कोसी रोड रामनगर नैनीताल।
समय - 8 मार्च 2025 दिन शनिवार सुबह 10:00 बजे से।

हार्ट अटैक..हमारे  देश  भारत  में  3000 साल  पहले  एक  बहुत  बड़े ऋषि  हुये थे महाऋषि वागवट..इसे सेव कर सुरक्षित कर लें,...
16/02/2025

हार्ट अटैक..हमारे देश भारत में 3000 साल पहले एक बहुत बड़े ऋषि हुये थे महाऋषि वागवट..

इसे सेव कर सुरक्षित कर लें, ऐसी पोस्ट कम ही आती है..अंत तक जरुर पढ़े🧵

उनका नाम था महाऋषि वागवट जी उन्होंने एक पुस्तक लिखी थी जिसका नाम है अष्टांग हृदयम (Astang hrudayam) और इस पुस्तक में उन्होंने बीमारियों को ठीक करने के लिए 7000 सूत्र लिखें थे

यह उनमें से ही एक सूत्र है वागवट जी लिखते हैं कि कभी भी हृदय को घात हो रहा है मतलब दिल की नलियों मे blockage होना शुरू हो रहा है !

तो इसका मतलब है कि रक्त (blood) में , acidity (अम्लता ) बढ़ी हुई है अम्लता आप समझते हैं जिसको अँग्रेजी में कहते हैं acidity अम्लता दो तरह की होती है एक होती है

पेट की अम्लता और एक होती है रक्त (blood) की अम्लता आपके पेट में अम्लता जब बढ़ती है तो आप कहेंगे पेट में जलन सी हो रही है खट्टी खट्टी डकार आ रही हैं मुंह से पानी निकल रहा है

और अगर ये अम्लता (acidity) और बढ़ जाये
तो hyperacidity होगी और यही पेट की अम्लता बढ़ते-बढ़ते जब रक्त में आती है तो रक्त अम्लता (blood acidity) होती है और जब blood में acidity बढ़ती है तो ये अम्लीय रक्त (blood) दिल की नलियों में से निकल नहीं पाती और नलियों में blockage कर देता है

तभी heart attack होता है इसके बिना heart attack नहीं होता और ये आयुर्वेद का सबसे बढ़ा सच है जिसको कोई डाक्टर आपको बताता नहीं

क्योंकि इसका इलाज सबसे सरल है इलाज क्या है ?वागवट जी लिखते हैं कि जब रक्त (blood) में अम्लता (acidity) बढ़ गई है तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करो जो क्षारीय हैं आप जानते हैं दो तरह की चीजें होती हैं अम्लीय और क्षारीय
acidic and alkaline अब अम्ल और क्षार को मिला दो तो क्या होता है ?acid and alkaline को मिला दो तो क्या होता है ? neutral
होता है सब जानते हैं तो वागवट जी लिखते हैं कि रक्त की अम्लता बढ़ी हुई है तो क्षारीय (alkaline) चीजें खाओ तो रक्त की अम्लता (acidity) neutral हो जाएगीऔर रक्त में अम्लता neutral हो गई तो heart attack की जिंदगी मे कभी संभावना ही नहीं ये है

सारी कहानी अब आप पूछेंगे कि ऐसी कौन सी चीजें हैं जो क्षारीय हैं और हम खायें ?

आपके रसोई घर में ऐसी बहुत सी चीजें है जो क्षारीय हैं जिन्हें आप खायें तो कभी heart attack न आए और अगर आ गया है तो दुबारा न आए यह हम सब जानते हैं कि सबसे ज्यादा क्षारीय चीज क्या हैं और सब घर मे आसानी से उपलब्ध रहती हैं, तो वह है लौकी जिसे दुधी भी कहते हैं English में इसे कहते हैं bottle gourd जिसे आप सब्जी के रूप में खाते हैं !

इससे ज्यादा कोई क्षारीय चीज ही नहीं है
तो आप रोज लौकी का रस निकाल-निकाल कर पियो या कच्ची लौकी खायो वागवट जी कहते हैं रक्त की अम्लता कम करने की सबसे ज्यादा ताकत लौकी में ही है तो आप लौकी के रस का सेवन करें कितना सेवन करें ? रोज 200 से 300 मिलीग्राम पियो कब पिये ?

सुबह खाली पेट (toilet जाने के बाद ) पी सकते हैं या नाश्ते के आधे घंटे के बाद पी सकते हैं इस लौकी के रस को आप और ज्यादा क्षारीय बना सकते हैं इसमें 7 से 10 पत्ते तुलसी के डाल लो तुलसी बहुत क्षारीय है इसके साथ आप पुदीने के 7 से 10 पत्ते मिला सकते हैं पुदीना भी बहुत क्षारीय है इसके साथ आप काला नमक या सेंधा नमक जरूर डाले

ये भी बहुत क्षारीय है लेकिन याद रखें नमक काला या सेंधा ही डाले वो दूसरा आयोडीन युक्त नमक कभी न डाले ये आओडीन युक्त नमक अम्लीय हैतो आप इस लौकी के जूस का सेवन जरूर करें

2 से 3 महीने की अवधि में आपकी सारी heart की blockage को ठीक कर देगा 21 वें दिन ही आपको बहुत ज्यादा असर दिखना शुरू हो जाएगा

कोई आपरेशन की आपको जरूरत नहीं पड़ेगी
घर में ही हमारे भारत के आयुर्वेद से इसका इलाज हो जाएगा और आपका अनमोल शरीर और लाखों रुपए आपरेशन के बच जाएँगे आपने पूरी पोस्ट पढ़ी , आपका बहुत- बहुत धन्यवाद ! 094101 12415

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06/02/2025

https://youtu.be/v68rJ7uRHQM?feature=shared
सभी प्रकार के मानसिक समस्या जैसे तनाव, डिप्रेशन, निगेटिव विचार, चिंता, आदि का प्राणिक हीलिंग द्वारा ( ऑनलाइन) उपचार करने के लिये संपर्क करे
*प्राणिक हीलर*
*Happiness Coach*
*योगगुरु डॉ नितिन ढोमने*
9410112415

प्राणिक हीलिंग से किस प्रकार के रोगों का किया जा सकता है उपचार ?प्राणिक हीलिंग, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है कि य....

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