Aarogya yog aayurved & Naturopathy center

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06/08/2023

खाना खाने के बाद पेट मे खाना पचेगा या खाना सड़ेगा ये जानना बहुत जरुरी है।
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हमने रोटी खाई,हमने दाल खाई,हमने सब्जी खाई, हमने दही खाया लस्सी पी , दूध,दही छाझ लस्सी फल आदि।
ये सब कुछ भोजन के रूप मे हमने ग्रहण किया
ये सब कुछ हमको उर्जा देता है और पेट उस उर्जा को आगे ट्रांसफर करता है।
पेट मे एक छोटा सा स्थान होता है जिसको हम हिंदी मे कहते है "अमाशय" उसी स्थान का संस्कृत नाम है "जठर"।

उसी स्थान को अंग्रेजी मे कहते है
"epigastrium"

ये एक थेली की तरह होता है और यह जठर हमारे शरीर मे सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि सारा खाना सबसे पहले इसी मे आता है।

ये बहुत छोटा सा स्थान हैं इसमें अधिक से अधिक 350GMS खाना आ सकता है।
हम कुछ भी खाते सब ये अमाशय मे आ जाता है।

आमाशय मे अग्नि प्रदीप्त होती है उसी को कहते हे"जठराग्न"।
ये जठराग्नि है वो अमाशय मे प्रदीप्त होने वाली आग है । ऐसे ही पेट मे होता है जेसे ही आपने खाना खाया की जठराग्नि प्रदीप्त हो गयी।
यह ऑटोमेटिक है,जेसे ही अपने रोटी का पहला टुकड़ा मुँह मे डाला की इधर जठराग्नि प्रदीप्त हो गई।
ये अग्नि तब तक जलती हे जब तक खाना पचता है।

अब अपने खाते ही गटागट पानी पी लिया और खूब ठंडा पानी पी लिया।

और कई लोग तो बोतल पे बोतल पी जाते है।

अब जो आग (जठराग्नि) जल रही थी वो बुझ गयी।

आग अगर बुझ गयी तो खाने की पचने की जो क्रिया है वो रुक गयी।

अब हमेशा याद रखें खाना जाने पर हमारे पेट में दो ही क्रिया होती है,

एक क्रिया है जिसको हम कहते हे "Digestion" और दूसरी है "fermentation"
फर्मेंटेशन का मतलब है सडना
और डायजेशन का मतलब हे पचना।

आयुर्वेद के हिसाब से आग जलेगी तो खाना पचेगा,खाना पचेगा तो उससे रस बनेगा।

जो रस बनेगा तो उसी रस से मांस,मज्जा,रक्त,वीर्य,हड्डिया,मल,मूत्र और अस्थि बनेगा और सबसे अंत मे मेद बनेगा। ये तभी होगा जब खाना पचेगा। यह सब हमें चाहिए। ये तो हुई खाना पचने की बात।

अब जब खाना सड़ेगा तब क्या होगा..? खाने के सड़ने पर सबसे पहला जहर जो बनता है वो हे यूरिक एसिड (uric acid ) कई बार आप डॉक्टर के पास जाकर कहते है की मुझे घुटने मे दर्द हो रहा है, मुझे कंधे-कमर मे दर्द हो रहा है

तो डॉक्टर कहेगा आपका यूरिक एसिड बढ़ रहा है आप ये दवा खाओ, वो दवा खाओ
यूरिक एसिड कम करो।

और एक दूसरा उदाहरण खाना

जब खाना सड़ता है, तो यूरिक एसिड जेसा ही एक दूसरा विष बनता है जिसको हम कहते हे
LDL (Low Density lipoprotive)
माने खराब कोलेस्ट्रोल (cholesterol )

जब आप ब्लड प्रेशर(BP) चेक कराने डॉक्टर के पास जाते हैं तो वो आपको कहता है (HIGH BP )

हाई-बीपी है आप पूछोगे कारण बताओ?

तो वो कहेगा कोलेस्ट्रोल बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है।

आप ज्यादा पूछोगे की कोलेस्ट्रोल कौनसा बहुत है ?

तो वो आपको कहेगा LDL बहुत है |

इससे भी ज्यादा खतरनाक एक विष हे
वो है VLDL (Very Low Density lipoprotive) ये भी कोलेस्ट्रॉल जेसा ही विष है।

अगर VLDL बहुत बढ़ गया तो आपको भगवान भी नहीं बचा सकता खाना सड़ने पर और जो जहर बनते है उसमे एक ओर विष है जिसको अंग्रेजी मे हम कहते है triglycerides

जब भी डॉक्टर आपको कहे की आपका "triglycerides" बढ़ा हुआ हे तो समज लीजिए की आपके शरीर मे विष निर्माण हो रहा है।

तो कोई यूरिक एसिड के नाम से कहे,कोई कोलेस्ट्रोल के नाम से कहे, कोई LDL VLDL के नाम से कहे समझ लीजिए की ये
विष हे और ऐसे विष 103 है। ये सभी विष तब बनते है जब खाना सड़ता है।

मतलब समझ लीजिए किसी का कोलेस्ट्रोल बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट मे ध्यान आना चाहिए की खाना पच नहीं रहा है , कोई कहता हे मेरा triglycerides बहुत बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट मे डायग्नोसिस कर लीजिए आप ! की आपका खाना पच नहीं रहा है।

कोई कहता है मेरा यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट लगना चाहिए समझने मे की खाना पच नहीं रहा है।

क्योंकि खाना पचने पर इनमे से कोई भी जहर नहीं बनता।

खाना पचने पर जो बनता है वो है मांस,मज्जा,रक्त ,वीर्य,हड्डिया,मल,मूत्र,अस्थि

और

खाना नहीं पचने पर बनता है यूरिक एसिड, कोलेस्ट्रोल
,LDL-VLDL|

और यही आपके शरीर को रोगों का घर बनाते है !

पेट मे बनने वाला यही जहर जब
ज्यादा बढ़कर खून मे आते है ! तो खून दिल की नाड़ियो मे से निकल नहीं पाता और रोज थोड़ा थोड़ा कचरा जो खून मे आया है इकट्ठा होता रहता है और एक दिन नाड़ी को ब्लॉक कर देता है जिसे आप heart attack कहते हैं !

तो हमें जिंदगी मे ध्यान इस बात पर देना है
की जो हम खा रहे हे वो शरीर मे ठीक से पचना चाहिए और खाना ठीक से पचना चाहिए इसके लिए पेट मे ठीक से आग (जठराग्नि) प्रदीप्त होनी ही चाहिए| क्योंकि बिना आग के खाना पचता नहीं हे और खाना पकता भी नहीं है।

महत्व की बात खाने को खाना नहीं खाने को पचाना है। आपने क्या खाया कितना खाया वो महत्व नहीं हे।

खाना अच्छे से पचे इसके लिए वाग्भट्ट जी ने सूत्र दिया !!

"भोजनान्ते विषं वारी"
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(मतलब खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना जहर पीने के बराबर
है )

इसलिए खाने के तुरंत बाद पानी कभी मत पिये!

अब आपके मन मे सवाल आएगा कितनी देर तक नहीं पीना ???

तो 1 घंटे 48 मिनट तक नहीं पीना !

अब आप कहेंगे इसका क्या calculation हैं ??

बात ऐसी है !

जब हम खाना खाते हैं तो जठराग्नि द्वारा सब एक दूसरे मे मिक्स होता है और फिर खाना पेस्ट मे बदलता हैं है !

पेस्ट मे बदलने की क्रिया होने तक 1 घंटा 48 मिनट का समय लगता है ! उसके बाद जठराग्नि कम हो जाती है !

(बुझती तो नहीं लेकिन बहुत
धीमी हो जाती है )

पेस्ट बनने के बाद शरीर मे रस बनने की परिक्रिया शुरू होती है !

तब हमारे शरीर को पानी की जरूरत होती हैं ।

तब आप जितना इच्छा हो उतना पानी पिये !!

जो बहुत मेहनती लोग है (खेत मे हल चलाने वाले ,रिक्शा खीचने वाले पत्थर तोड़ने वाले)

उनको 1 घंटे के बाद ही रस बनने
लगता है उनको घंटे बाद
पानी पीना चाहिए !

अब आप कहेंगे खाना खाने के पहले कितने मिनट तक पानी पी सकते हैं ???

तो खाना खाने के 45 मिनट पहले तक आप पानी पी सकते हैं !

अब आप पूछेंगे ये मिनट का calculation ????

बात ऐसी ही जब हम पानी पीते हैं
तो वो शरीर के प्रत्येक अंग तक जाता है !

और अगर बच जाये तो 45 मिनट बाद मूत्र पिंड तक पहुंचता है !

तो पानी - पीने से मूत्र पिंड तक आने का समय 45 मिनट का है !

तो आप खाना खाने से 45 मिनट पहले ही पाने पिये ! पानी ना पीये खाना खाने के बाद। इसका जरूर पालण करे !
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अधिक जानकारी के लिए काल करे या मिले
डॉ अरविन्द कुमार सिंह
बी एन आयुर्वेदिक स्टोर
राजद्वारा गेट
रामपुर

22/02/2023

*यदि आप 50 वर्ष से अधिक हैं, तो यह हैल्थ पोस्ट आपके लिए है-*

*⭕ दो चीजें चैक करते रहो-*
(1) अपना बी०पी०
(2) अपना ब्लडशुगर लेवल।

*⭕ अपने भोजन में 3 चीजें कम करें*-
(1) नमक
(2) चीनी
(3) स्टार्च वाली वस्तुएं।

*⭕ अपने भोजन में 4 चीजें बढ़ायें*-
(1) हरी सब्जियां
(2) बीन्स
(3) फल
(4) सूखे मेवे (प्रोटीन)।

*⭕ 3 बातों को भूलने की आवश्यकता*-
(1)अपनी उम्र
(2)अपना भूतकाल
(3)अपनी इच्छाएं।

*⭕ आपके पास 4 चीजें होनी चाहिए, यह मायने नहीं रखता है कि आप कमजोर हैं या मजबूत-*
(1) मित्र, जो आपसे वास्तविक प्यार करें।
(2) आपकी फिक्र (care) करने वाला परिवार।
(3) सकारात्मक सोच।
(4) घर में अपना कक्ष।

*⭕ 5 चीजें आपके स्वास्थ्य के लिए आवश्यक-*
(1) नियमित अंतराल पर व्रत
(2) मुस्कराहट/हंसी
(3) टहलना/व्यायाम/प्राणायाम
(4) वजन में कमी
(5) सामाजिक/परोपकारी कार्य।

*⭕ 6 बातें आपको नहीं करनी हैं-*
(1) तीव्र भूख लगने तक खाने की प्रतीक्षा।
(2) तीव्र प्यास लगने तक पानी पीने की प्रतीक्षा।
(3) तेज नींद न आने तक शैय्या पर जाने का इंतजार।
(4) खूब थक न जाने तक आराम करने की प्रतीक्षा।
(5) जब बीमार पड़ जाए, तब मैडीकल चैक अप कराने की प्रतीक्षा।
(6) जब तक समस्याओं से घिर न जाए, तब तक ईश्वर को याद करने की प्रतीक्षा।

अपना ख्याल रखें तथा उन्हें भी फारवर्ड करें, जिनके आप शुभचिंतक हैं। यदि आप इन्हें अपनायेंगे तो यह आपके लिए बहुत लाभदायक होंगे।

*आपका शरीर ही मंदिर है, इसकी देखभाल अवश्य करें।*
🙏🙏🙏

आरोग्य योग आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र के डॉ अरविंद कुमार सिंह व मेरे स्टाफ की ओर से अंग्रेजी नव वर्ष की हार्...
31/12/2022

आरोग्य योग आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र के डॉ अरविंद कुमार सिंह व मेरे स्टाफ की ओर से अंग्रेजी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाए
आप सभी 2023 में स्वस्थ रहे मस्त रहे
Happy new year

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