02/10/2023
रसेन्द्र चूड़ामणि रस | Rasendra Chudamani Ras
रसेंद्र चूड़ामणि रस या रसेन्द्र चूड़ामणि रस शीघ्र*पतन, ना*मर्दी और वी*र्य विकार का काल है, इसका सेवन कर स्थाई परिणाम मिलेगा
वि*याग्रा जैसी हार्ट को व गुर्दे को तकलीफ देने वाली गोलियाँ लेने वाले भाईयो, कृपया ध्यान दें कि आयुर्वेद मे शीघ्र*पतन जैसी नामुराद बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिये आप एक बार “रसेंद्र चूड़ामणि रस” खुद तैयार करके इस्तेमाल जरूर करके देखें।
• इन गोलियों का इस्तेमाल करने वाला मर्द जिस औरत के साथ सं*भोग कर लेगा वह औरत जीवन भर उसी मर्द की दासी बनकर रह जायेगी।
• ताकतवर समझकर कभी भी बताई गई मात्रा से जयादा इस्तेमाल न करें कयोंकि जयादा मात्रा में सेवन करने से कामोत्तेजना बहुत बढ जाती है।
• यह “रसेंद्र चूडामणि योग” इतना प्रभावशाली है कि इसका सेवन करने से रोम- रोम नाचने लगता है। मस्ती से भरा हुआ मर्द जब औरत के साथ सेज साँझी करता है तो दोनों की रूह एक दूसरे में इस तरह समा जाती है जैसे तुम और मैं का भेद समाप्त हो जाता है।
• इसका उपयोग एक दूसरे से बहुत प्यार करने वाले जोड़ों को जरूर करना चाहिए। वही इसकी सही उपयोग करके एक दूसरे के हो सकते हैं। औरत वाले इसका इस्तेमाल सोच समझकर ही करें।
• यह औषधि अति विलासी “राजे- महाराजे” इस्तेमाल करते थे। क्योंकि उनके एक से अधिक औरतों के साथ संबंध होते थे। इसके कुछ दिन सेवन करने से वी*र्य बहुत गाढा हो जाता है। इसके कुछ दिनों के इसतेमाल से नाड़ीतंत्र को ताकत मिलती है।
• इसमें सोना, चाँदी, सिका (नाग) वंग व अभ्रक आदि वी*र्य वर्धक औषधियों का मिश्रण होने के कारण अफीम से होने वाले नुकसान बहुत कम हो जाते हैं। लेकिन फिर भी इसका सेवन 20 दिनों से जयादा न करने की सलाह दूंगा
शूगर के मरीजों को हमेशा शीघ्र*पतन की शिकायत रहती है उनके लिये यह “रसेंद्र चूडामणि रस” वरदान है। जबकि दूसरी बाजीकरक व वी*र्य सतंभक आयुर्वेदिक औषधियाँ 40-45 दिनों बाद अपना असर दिखाना शुरू करती हैं वहीं यह योग तुरंत प्रभाव से असर दिखाता है व इसका प्रभाव भी काफी समय तक रहता है।
रसेन्द्र चूड़ामणि रस इन चमत्कारी औषधियों और भस्मों का योग है जो १००% प्राकृतिक है जिसका कोई साइड इफ़ेक्ट नही है
शुद्ध शिलाजीत – 50 mgअश्वगंधा – 4 mgसफ़ेद मूसली – 50 mgअकर्कभा – 30 mgजतीफला – 10 mgलवंग – 10 mgकेसर – 20 mgकौन्चबुज सतहें – 100 mgदालचीनी, वीदऋकन्क – 20 mgसालम मिश्री – 20 mgगोकसुरा छोटा – 20 mgपंच रतन भस्म – 2 mgकांत लोहा भस्म – 20 mgस्वर्ण भस्म – 6 mgवंग भस्म – 60 mgअदरक भस्म – 20 mgसेमल छाल – 250 mgसरकारी ब्राह्मी – 250 mgमुलेठी – 250 mgभवन द्रव्यमान (फोर्मुला का आधा
सेवन मात्रा :
1 या 2 गोली तक दूध से लेवें। तुरंत प्रभाव हेतू संभोग से 2 घंटे पहले गर्म दूध से लेवें।
यह ना*मर्दी, वी*र्य की कमजोरी और शीघ्र*पतन दूर करने के लिये उतम योग है। ज्यादा औरतों के साथ संभोग करने वाले विलासी पुरूषों के लिये उतम औषधि है।
कृपया ध्यान दे : कृपया आप रसेंद्र चूड़ामणि रस अपने नजदीकी प्रमाणीकृत वैद्य की सहायता से ही बनवाये गलत तरीके से बनाई गई कोई भी औषिधि नुकसान दायक हो सकती है।
क्या आप निम्न से*क्स समस्याओं से परेशान हैं ?
लिं*ग का आकार आदि सामान्य होने के बावजूद भी से*क्स की इच्छा ही न होना जिस कारण संगिनी का कुंठित व्यवहार आपके सामने आ रहा है या अकारण पत्नी झिड़कियाँ दे रही है ।
से*क्स करते-करते बीच में ही उत्तेजना समाप्त होकर लिं*ग का बिना वी*र्य निकले ही ढीला पड़ जाना और पत्नी का असंतुष्ट रह जाना ?
से*क्स क्रिया शुरू करते ही वी*र्य निकल जाना और पत्नी के सामने शर्मिंदा होना पड़े ?
एक बार यदि से*क्स कर लिया तो कई-कई दिनों तक लिं*ग में से*क्स करने लायक उत्तेजना का ही न आना जिस कारण यदि पत्नी कम उम्र है तो अकारण काम का बहाना करना पड़ता है?
वी*र्य में शु*क्राणुओं की कमी, वी*र्य का पानी की तरह पतला होना ?
से*क्स के बाद भयंकर कमजोरी महसूस होना जैसे बरसों से बीमार हों ?
लिं*ग में से*क्स करने लायक कठोरता का न आना और इच्छा होने पर भी थोड़ा सा उत्तेजित होकर पिलपिला बना रहना ?
जवानी शुरू होते ही हस्त*मैथुन करके वी*र्य का सत्यानाश करा और लिं*ग को भी बीमार बना डाला है ?
से*क्स के दौरान दम फूलने लगना जैसे अस्थमा का दौरा पड़ गया हो ?
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