Doctor Nanu- Homeopathy Medicine Advisor

Doctor Nanu- Homeopathy Medicine Advisor EVERY ONE WILL BE CURED BY HOMEOPATHY

09/04/2024

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लौकी (कद्दू) के साथ #करेला + #चुकंदर खाने से #सफेद दाग होता है ... कभी न खाये 🙏

24/03/2024

अंगूर विभिन्न रोगों में उपचार

मूर्च्छा (बेहोशी)
दाख (मुनक्का) और आंवले को समान मात्रा में लेकर, उबालकर पीसकर थोड़ा शुंठी का चूर्ण मिलाकर, शहद के साथ चटाने से बुखारयुक्त मूर्च्छा (बेहोशी) दूर हो जाती है। ।25 ग्राम मुनक्का, मिश्री, अनार की छाल और खस 12-12 ग्राम, जौकूट कर 500 मिलीलीटर पानी में रात भर भिगो दें, सुबह मसल-छानकर, 3 खुराक बनाकर दिन में 3 बार (सुबह, दोपहर और शाम) सेवन करें।100-200 ग्राम मुनक्का को घी में भूनकर थोड़ा-सा सेंधानमक मिलाकर रोजाना 5-10 ग्राम तक खाने से चक्कर आना बंद हो जाता है।

सिर में दर्द
8-10 मुनक्का, 10 ग्राम मिश्री तथा 10 ग्राम मुलेठी तीनों को पीसकर नस्य देने से पित्त के विकार के कारण उत्पन्न सिर का दर्द दूर होता है।

मुंह के रोग
मुनक्का 10 दाने और 3-4 जामुन के पत्ते मिलाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े से कुल्ला करने से मुंह के रोग मिटते हैं।

नकसीर (नाक से खून आना)
अंगूर के रस को नाक में डालने से नाक की नकसीर (नाक से खून आना) रुक जाती है।

मुंह की दुर्गन्ध
कफ या अजीर्ण के कारण मुंह से दुर्गन्ध आती है तो 5-10 ग्राम मुनक्का नियमपूर्वक खाने से दूर हो जाती है।

उर:क्षत (सीने में घाव)
मुनक्का और धान की खीले 10-10 ग्राम को 100 मिलीलीटर पानी में भिगों दें। 2 घंटे बाद मसल-छानकर उसमें मिश्री, शहद और घी 6-6 ग्राम मिलाकर उंगली से बार-बार चटायें। सीने के घाव में लाभ होता है तथा उल्टी की यह दिव्य औषधि है।

सूखी खांसी
द्राक्षा, आंवला, खजूर, पिप्पली तथा कालीमिर्च इन सबको बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। इस चटनी के सेवन से सूखी खांसी तथा कुकुर (कुत्ता) खांसी में लाभ होता है।

क्षय (टी.बी.)
घी, खजूर, मुनक्का, मिश्री, शहद तथा पिप्पली इन सबका अवलेह बनाकर सेवन करने से बुखार, खांसी, श्वास, जीर्णज्वर तथा क्षयरोग का नाश होता है।

पित्तज कास
10 मुनक्का, 30 पिप्पली तथा मिश्री 45 ग्राम तीनों को मिश्रण बनाकर प्रतिदिन शहद के साथ चटाने से लाभ होता है।

दूषित कफ विकार
8-10 नग मुनक्का, 25 ग्राम मिश्री तथा 2 ग्राम कत्थे को पीसकर मुख में धारण करने से दूषित कफ विकारों में लाभ होता है।

गलग्रंथि
दाख (मुनक्का) के 10 मिलीलीटर रस में हरड़ का 1 ग्राम चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम नियमपूर्वक पीने से गलग्रंथि मिटती है।गले के रोगों में इसके रस से गंडूष (गरारे) कराना बहुत अच्छा है।

मृदुरेचन (पेट साफ रखने) के लिए
10-20 पीस मुनक्कों को साफकर बीज निकालकर, 200 मिलीलीटर दूध में अच्छी तरह उबालकर (जब मुनक्के फूल जायें) दूध और मुनक्के दोनों का सेवन करने से सुबह दस्त साफ आता है।

मुनक्का 10-20 पीस, अंजीर 5 पीस, सौंफ, सनाय, अमलतास का गूदा 3-3 ग्राम तथा गुलाब के फूल 3 ग्राम, इन सबके काढ़े में गुलकन्द मिलाकर पीने से दस्त साफ होता है।रात्रि में सोने से पहले 10-20 नग मुनक्कों को थोड़े घी में भूनकर सेंधानमक चुटकी भर मिलाकर खाएं।सोने से पहले आवश्यकतानुसार 10 से 30 ग्राम तक किसमिस खाकर गर्म दूध पीयें।

मुनक्का 7 पीस, कालीमिर्च 5 पीस, भुना जीरा 10 ग्राम, सेंधानमक 6 ग्राम तथा टाटरी 500 मिलीग्राम की चटनी बनाकर चाटने से कब्ज तथा अरुचि (भोजन का अच्छा न लगना) दूर हो जाता है।

पित्तज शूल
अंगूर और अडू़से का काढ़ा 40-60 मिलीलीटर की मात्रा में पिलाने से पित्त कफ जन्य उदरशूल दूर होता है।

अम्लपित्त
दाख (मुनक्का), हरड़ बराबर-बराबर मात्रा में लें। इसमें दोनों के बराबर शक्कर मिलायें, सबको एक साथ पीसकर, एक-एक ग्राम की गोलियां बना लें। 1-1 गोली सुबह-शाम शीतल जल के साथ सेवन करने से अम्लपित्त, हृदय-कंठ की जलन, प्यास तथा अपच का नाश होता है।मुनक्का 10 ग्राम और सौंफ आधी मात्रा में दोनों को 100 मिलीलीटर पानी में भिगों दें। सुबह मसलकर और छानकर पीने से अम्लपित्त में लाभ होता है।

पांडु (कामला या पीलिया)
बीज रहित मुनक्का का चूर्ण (पत्थर पर पिसा हुआ) 500 ग्राम, पुराना घी 2 लीटर और पानी 8 लीटर सबको एक साथ मिलाकर पकाएं। जब केवल घी मात्र शेष रह जाये तो छानकर रख लें, 3 से 10 ग्राम तक सुबह-शाम सेवन करने से पांडु (पीलिया) आदि में विशेष लाभ होता है।अंगूर पीलिया रोग को दूर करने में सहायता करता है।

पथरी
काले अंगूर की लकड़ी की राख 10 ग्राम को पानी में घोलकर दिन में दो बार पीने से मूत्राशय में पथरी का पैदा होना बंद हो जाता है।अंगूर की 6 ग्राम भस्म को गोखरू का काढ़ा 40-50 मिलीलीटर या 10-20 मिलीलीटर रस के साथ पिलाने से पथरी नष्ट होती है।8-10 नग मुनक्कों को कालीमिर्च के साथ घोटकर पिलाने से पथरी में लाभ होता है।अंगूर के जूस में थोड़े-से केसर मिलाकर पीयें। इससे पथरी ठीक होती है।

बल एवं पुष्टि के लिए
मुनक्का 12 पीस, छुहारा 5 पीस तथा मखाना 7 पीस, इन सभी को 250 मिलीलीटर दूध में डालकर खीर बनाकर सेवन करने से खून और मांस की वृद्धि होकर शरीर पुष्ट होता है।

अगर आपको किसी बीमारी का इलाज करवाना हो तो आप बीमारी के बारे में बताकर या परेशानी के बारे मे बता कर आयुर्वेदिक औषधियां मंगवा सकते हैं।..

किसी भी जानकारी के लिए या ट्रीटमेंट के लिए आप पहले हमें अपनी प्रॉब्लम व्हाट्सप्प कर दीजिये समय मिलते ही आपको जवाब दिया जायेगा...

सभी सुखी और निरोगी रहे

Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard! Jyoti Shankar Prasad, Navin Kumar, Anwar Ali, Anshu Singh...
07/10/2023

Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard! Jyoti Shankar Prasad, Navin Kumar, Anwar Ali, Anshu Singh Gaur, RamPravsh Kumar, T.P. Singh, Sanjeet Chaurasiya, Kihore Routh, Rajesh Upadheyay, Bipul Kumar, Pramod Kumar Sinha, Brajesh Shukla, Sudhir Kumar, Binod Soni

30/08/2023

एक विचार: सर्वे भवन्तु निरामया

*20 से 40 वर्ष तक के युवा तेजी से अस्वस्थ हो रहे हैं चाहे उनकी अस्वस्थता सबको दिखाई दे या नहीं।*
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*एक प्रतिष्ठित डॉक्टर साहब से चर्चा* हो रही थी और उन्होंने बताया कि युवाओं में मोटापा, चीनी, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, फोलिक एसिड, विटामिन बी12 या डी की कमी, बढ़ा हुआ होमोसेस्टिन, गर्दन या पीठ दर्द की समस्या तेजी से बढ़ रही है।

*जब मैंने पूछा कि ऐसा क्यों है* तब उन्होंने बताया कि आलस्य पूर्ण जीवन, बैठ करके लंबे समय तक काम करना, बाहर का खाना ज्यादा खाना, योगा एक्सरसाइज मॉर्निंग वॉक नहीं करना, सिगरेट दारु पीना, इंटरनेट का एडिक्शन, 7- 8 घंटे नहीं सो पाना, तनाव में रहना, अध्यात्म को महत्व नहीं देना और हमेशा दूसरों से अपने को कंपेयर करना इत्यादि इसके मुख्य कारण है।

*मैने डॉक्टर साहब से निवेदन किया कि आप युवाओं को क्या सलाह देना चाहेंगे?*

डॉक्टर साहब ने कहा कि युवा सूर्योदय के साथ उठे और व्यायाम, योगा, मॉर्निंग वॉक करें, बाहर का खाना और कार्बोहाइड्रेट कम खाए, प्रोटीन ज्यादा खाएं, समय पर खाए, चीनी, चॉकलेट, मिठाई और डबाबंद चीजों को कम से कम खाएं, तनाव पर नियंत्रण रखें, सोशल मीडिया एवं लेट नाइट पार्टी पर संयम रखें, भरपूर नींद सोए, शराब सिगरेट इत्यादि से दूर रहे और अपना नियमित हेल्थ चेकअप करवाए, तभी कुछ ठीक हो सकेगा नही तो मेरी SIP आपके यहां हर साल दुगनी होती रहेगी।

यदि आप डॉक्टर साहब की बात से सहमत है तो मुझे 👍 से जबाब दे।
🙏

*अनुलेख:* पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर में हो माया।

03/06/2023

हार्ट अटैक -:
भारत में 3000 साल पहले एक बहुत बड़े ऋषि हुये थे। नाम था महाऋषि वागवट जी उन्होंने एक पुस्तक लिखी, जिसका नाम है, अष्टांग हृदयम Astang hrudayam इस पुस्तक में उन्होंने बीमारियों को ठीक करने के लिए 7000 सूत्र लिखें थे। यह उनमें से ही एक सूत्र है। वागवट जी लिखते हैं कि कभी भी हृदय को घात हो रहा है मतलब दिल की नलियों मे blockage होना शुरू हो रहा है तो इसका मतलब है कि रक्त blood में acidity अम्लता बढ़ी हुई है अम्लता आप समझते हैं, जिसको अँग्रेजी में कहते हैं acidity अम्लता दो तरह की होती है एक होती है पेट की अम्लता और एक होती है रक्त blood की अम्लता आपके पेट में अम्लता जब बढ़ती है तो आप कहेंगे पेट में जलन सी हो रही है, खट्टी खट्टी डकार आ रही हैं , मुंह से पानी निकल रहा है और अगर ये अम्लता acidity और बढ़ जाये तो hyperacidity होगी और यही पेट की अम्लता बढ़ते-बढ़ते जब रक्त में आती है तो रक्त अम्लता blood acidity होती है और जब blood में acidity बढ़ती है तो ये अम्लीय रक्त blood दिल की नलियों में से निकल नहीं पाती और नलियों में blockage कर देता है तभी heart attack होता है इसके बिना heart attack नहीं होता और ये आयुर्वेद का सबसे बढ़ा सच है जिसको कोई डाक्टर आपको बताता नहीं क्योंकि इसका इलाज सबसे सरल है ! इलाज क्या है ? वागवट जी लिखते हैं कि जब रक्त (blood) में अम्लता (acidity) बढ़ गई है तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करो जो क्षारीय हैं आप जानते हैं दो तरह की चीजें होती हैं अम्लीय और क्षारीय ! acidic and alkaline अब अम्ल और क्षार को मिला दो तो क्या होता है ? acid and alkaline को मिला दो तो क्या होता है ? neutral होता है सब जानते हैं तो वागवट जी लिखते हैं कि रक्त की अम्लता बढ़ी हुई है तो क्षारीय (alkaline) चीजें खाओ ! तो रक्त की अम्लता (acidity) neutral हो जाएगी ! और रक्त में अम्लता neutral हो गई ! तो heart attack की जिंदगी मे कभी संभावना ही नहीं ! ये है सारी कहानी ! अब आप पूछेंगे कि ऐसी कौन सी चीजें हैं जो क्षारीय हैं और हम खायें ? आपके रसोई घर में ऐसी बहुत सी चीजें है जो क्षारीय हैं जिन्हें आप खायें तो कभी heart attack न आए और अगर आ गया है तो दुबारा न आए यह हम सब जानते हैं कि सबसे ज्यादा क्षारीय चीज क्या हैं और सब घर मे आसानी से उपलब्ध रहती हैं, तो वह है लौकी जिसे दुधी भी कहते हैं English में इसे कहते हैं bottle gourd जिसे आप सब्जी के रूप में खाते हैं ! इससे ज्यादा कोई क्षारीय चीज ही नहीं है ! तो आप रोज लौकी का रस निकाल-निकाल कर पियो या कच्ची लौकी खायो वागवट जी कहते हैं रक्त की अम्लता कम करने की सबसे ज्यादा ताकत लौकी में ही है तो आप लौकी के रस का सेवन करें, कितना सेवन करें ? रोज 200 से 300 मिलीग्राम पियो कब पिये ? सुबह खाली पेट (toilet जाने के बाद ) पी सकते हैं या नाश्ते के आधे घंटे के बाद पी सकते हैं इस लौकी के रस को आप और ज्यादा क्षारीय बना सकते हैं इसमें 7 से 10 पत्ते तुलसी के डाल लो तुलसी बहुत क्षारीय है इसके साथ आप पुदीने के 7 से 10 पत्ते मिला सकते हैं पुदीना भी बहुत क्षारीय है इसके साथ आप काला नमक या सेंधा नमक जरूर डाले ये भी बहुत क्षारीय है लेकिन याद रखें नमक काला या सेंधा ही डाले वो दूसरा आयोडीन युक्त नमक कभी न डाले ये आओडीन युक्त नमक अम्लीय है तो आप इस लौकी के जूस का सेवन जरूर करें 2 से 3 महीने की अवधि में आपकी सारी heart की blockage को ठीक कर देगा 21 वें दिन ही आपको बहुत ज्यादा असर दिखना शुरू हो जाएगा कोई आपरेशन की आपको जरूरत नहीं पड़ेगी घर में ही हमारे भारत के आयुर्वेद से इसका इलाज हो जाएगा और आपका अनमोल शरीर और लाखों रुपए आपरेशन के बच जाएँगे आपने पूरी पोस्ट पढ़ी , आपका बहुत बहुत धन्यवाद। सनातन धर्म सर्वश्रेष्ठ है🙏❤
राधे राधे गोविंदा 🙏🚩

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