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Me and my boy ❤️
25/05/2025

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साथियों मुझे आज बाबा विश्वकर्मा कामगार यूनियन के प्रधान बलकार रामगढ़िया के बारे में जानने का मौका मिला जो मैं आपके साथ स...
18/09/2024

साथियों मुझे आज बाबा विश्वकर्मा कामगार यूनियन के प्रधान बलकार रामगढ़िया के बारे में जानने का मौका मिला जो मैं आपके साथ साझा करना चाहता हूं पोस्ट थोड़ी लंबी हो सकती है लेकिन पढ़ना जरूर बलकार रामगढ़िया का राजनीतिक सफर 2014 से गोविंद कांडा की पार्टी हलोपा से शुरू हुआ था बलकार रामगढ़िया ने गोविंद कांडा को जीतने के लिए दिन रात एक कर दिया था लेकिन गोविंद कांडा की यही गलती रही के उन्होंने बागड़ी बेल्ट को इग्नोर कर दिया पूरा मान सम्मान नहीं दिया और गोविंद कांडा की हार का मुख्य कारण यही था उसके बाद बलकार रामगढ़िया ने गोविंदा की हलोपा पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और उन्होंने मजदूरों के साथ एक वादा किया था कि मैं किसी भी पार्टी में नहीं जाऊंगा लेकिन जब रानियां नगर पालिका का अध्यक्ष पद का चुनाव आया तो हैप्पी रानिया और राजेश मलिक आम आदमी पार्टी यह कहकर ज्वाइन कराई के हम आपको नगरपालिका रानियां के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़बाना चाहते हैं आप आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर लो क्योंकि आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गुप्ता ने हैप्पी रानियां और राजेश मलिक को बोला था कि उसे बंदे को चुनाव लड़वाना है जिसकी मजदूरों में पकड़ है तू बलकार रामगढ़ीया ने हैप्पी रानियां और राजेश मलिक के कहने पर आम आदमी पार्टी ज्वाइन करी लेकिन आम आदमी पार्टी ज्वाइन करने से पहले हैप्पी रनिया की दुकान पर एक मीटिंग हुई उसमें आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार बलकार रामगढ़िया को बनाने के लिए रेगुलेशन पास किया गया जिस पर सभी कार्यकर्ता के हस्ताक्षर थे लेकिन जब उसके बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज करी तो हरियाणा में इन सबके भाव बढ़ने लग गए तो इन्होंने बलकार रामगढ़िया का नाम काटकर राजेश मलिक को नगरपालिका रानियां के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़वाया उसके बाद बलकार रामगढ़िया ने आम आदमी पार्टी छोड़ दी अब मौके पर बलकार रामगढ़िया ने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार सर मित्र को समर्थन दिया है बलकार रामगढ़ी का कहना है कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन नहीं करी लेकिन यूनियन के सदस्यों के कहने पर सिर्फ कांग्रेस पार्टी को समर्थन दिया है आईये मैं आपको बताता हूं के बलकार रामगढ़िया का सामाजिक योगदान क्या है मैं जो भी बात लिख रहा हूं तथ्य और सबूत साथ लिख रहा हूं बलकार रामगढ़िया बाबा विश्वकर्मा कामगार यूनियन के प्रधान हैं और उनकी यूनियन ट्रेड यूनियन एक्ट 1926 के तहत पंजीकृत है और रानियां हल्के की बात करें तो उनकी यूनियन के 4000 सदस्य हैं पूरे सिरसा जिले में बाबा विश्वकर्मा कामगार यूनियन के सदस्यों की गिनती हजारों में है वर्ष 2018 में हरियाणा की ट्रेड यूनियन में मिलकर एक भवन निर्माण एकता मंच हरियाणा बनाया था उसमें हरियाणा की 25 ट्रेड यूनियन एक साथ एक मंच पर आई थी उन सभी यूनियन की अध्यक्षता बलकार रामगढ़िया ने करी थी जिसकी मीटिंग सिरसा में हुई थी और सभी यूनियन ने मिलकर जो संगठन बनाया था उसका प्रधान भी बलकार रामगढ़िया को बनाया था बलकार रामगढ़िया ने आज तक कन्यादान स्कीम मातृत्व लाभ पितातव लाभ साइकिल टूलकिट स्कीम मेडिकल ट्रीटमेंट स्कीम डेथ क्लेम और अन्य सरकारी योजनाओं के तहत सिरसा जिले के मजदूरों को 10 करोड़ से अधिक राशि का लाभ दिलवा चुके हैं बलकार रामगढ़िया लगभग डेढ़ सौ बीपीएल परिवारों को डॉक्टर बी आर अंबेडकर आवास नवीनीकरण योजना के तहत मकान बनवाने के लिए राशि दिलवा चुके हैं और उनका एक अपना मजदूर वाणी के नाम से यूट्यूब चैनल भी है उस पर वह मजदूरों के मुद्दे हमेशा उठते रहते हैं बलकार रामगढ़िया 1000 से ज्यादा लोगों की बुढ़ापा विधवा विकलांग पेंशन लगवा चुके हैं फेसबुक पर भी उनके 5000 से अधिक फॉलोअर हैं और बलकार रामगढ़िया लगभग 5000 लोगों का श्रम विभाग में पंजीकरण करवा चुके हैं और बलकार रामगढ़िया हरियाणा लोकहित पार्टी के पूर्व हलका अध्यक्ष भी रह चुके हैं बलकार रामगढ़िया की बाबा विश्वकर्मा कामगार यूनियन कई खूनदान और आंखों की मुफ्त जांच और आंखों के मुफ्त ऑपरेशन के कैंप लगवा चुके हैं और कोविड 2019 में उन्होंने मजदूरो की बहुत मदद करी है और अपनी यूनियन की तरफ से सैनिटाइजर मास्क और राशन भी लोगों को बांट चुके हैं बलकार रामगढ़िया की बाबा विश्वकर्मा कामगार यूनियन बहुत सारे जरूरतमंद बच्चों की स्कूलों में फीस भी भर चुकी है बलकार रामगढ़िया ने किसान आंदोलन में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी बलकार रामगढ़िया की बाबा विश्वकर्मा कामगार यूनियन मजदूरों के हितों की रक्षा करने के लिए समय-समय पर धरना प्रदर्शन भी करते रहे हैं रानिया तहसील में मजदूरों को उनका हक दिलवाने के लिए पहली बार अगर किसी ने धरना लगाया था तो वह बाबा विश्वकर्मा कामगार यूनियन के प्रधान बलकार रामगढ़िया ने लगाया था भो धरना 15 दिन चला था उसके बाद चौधरी रणजीत सिंह ने भरोसा दिलाते हुए धरना उठाया था कि आप मुझे जितवा दो मैं मजदूरों की सभी समस्याओं का समाधान करूंगा लेकिन चौधरी रंजीत ने यूनियन के वोट लेने के बाद मजदूरों की समस्या का कोई समाधान नहीं करवाया सिर्फ झूठे आश्वासन दिए उसके बाद यूनियन ने दीपू गाबा का समर्थन चौधरी रंजीत के कहने पर किया था लेकिन दूसरी फिर झूठा आश्वासन ही मिला और कहा के मजदूरों की जो मांगे हैं मैं जल्द से जल्द कैबिनेट में बात करके पूरी करवाऊंगा लेकिन कोई समाधान बलकार रामगढ़िया के मुताबिक चौधरी रंजीत ने नहीं किया साथियों मेरी आंखों देखी बात है की बलकार रामगढ़िया का एक शीशे का बहुत बड़ा शोरूम होता था जो के बलकार रामगढ़िया के कहने के मुताबिक मजदूरों की सेवा में वह भी बिक गया और आप सभी ने देखा के बलकार रामगढ़िया का घर राजनीतिक रंजिश के चलते सील भी किया गया था और वह अपने छोटे-छोटे बच्चे लेकर 2 महीने बिना छत के अपने घर के बाहर सोया था और उसे बंदे ने जिंदगी में कभी हौसला नहीं छोड़ा जिंदगी की लड़ाई लड़ते हुए आए दिन आगे बढ़ता गया आज के हालातों की मैं बात करूं तो मजदूरो में बलकार रामगढ़िया का नाम एक ब्रांड बन चुका है सभी सबूत मैं इस पोस्ट के साथ अपलोड कर दिए हैं कृपया जरूर पड़े और कमेंट करके जरूर बताएं की आपको मेरी जो पोस्ट कैसी लगी

अब ज्यादा पैसे लगाने की जरूरत नहीं सिर्फ 4000 में अल्कलाइन पानी पियो और अच्छी सेहत बनाओ
13/09/2024

अब ज्यादा पैसे लगाने की जरूरत नहीं सिर्फ 4000 में अल्कलाइन पानी पियो और अच्छी सेहत बनाओ

हरियाणा के डबवाली में एक महिला ने मां-बाप से बिछड़ी दो बेटियों को गोद लेकर मानवता की वो मिसाल पेश की है जिससे बेटियों को ...
11/09/2024

हरियाणा के डबवाली में एक महिला ने मां-बाप से बिछड़ी दो बेटियों को गोद लेकर मानवता की वो मिसाल पेश की है जिससे बेटियों को बोझ समझने वालों के पैरों तले जमीन खिसक जाएगी.डबवाली के दिवानखेड़ा गांव की रहने वाली अनामिका के माता-पिता घरेलू हिंसा के कारण अलग हो गए थे.
मां ने दूसरा घर बसा लिया और पिता ने बेटे को अपनाते हुए बेटियों को बेसहारा छोड़ दिया था। इस मुश्किल घड़ी में वीरपाल कौर ने अपनी भांजियों को अपना सहारा दिया और उनका पालन-पोषण किया।

अनामिका, जो अब एक सफल योग खिलाड़ी हैं, ने नेपाल में आयोजित यूथ गेम्स इंटरनेशनल प्रो-लीग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है। अनामिका के इस स्वर्णिम सफर की शुरुआत छठी कक्षा में हुई थी, जब उन्होंने योग में दिलचस्पी ली और धीरे-धीरे राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। नेपाल जाने के लिए 22 हजार रुपये की आवश्यकता थी, जो वीरपाल कौर ने अपनी सोने की चेन गिरवी रखकर जुटाए। अनामिका ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए इस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता, और अपनी जीत के बाद मौसी को सम्मानित करते हुए उनके गले में सोने का मेडल पहनाया।

वीरपाल कौर ने सिलाई का काम और विधवा पेंशन से अनामिका और उसकी बहन की पढ़ाई और परवरिश की। उनकी इस कड़ी मेहनत और समर्थन ने अनामिका को एक सफल खिलाड़ी बनाया। अनामिका का कहना है कि उनकी मौसी ही उनकी असली मां हैं, और उन्होंने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है।

कोडक कंपनी याद है? 1997 में, कोडक के पास लगभग 160,000 कर्मचारी थे।और दुनिया की लगभग 85% फोटोग्राफी कोडक कैमरों से की जात...
11/09/2024

कोडक कंपनी याद है? 1997 में, कोडक के पास लगभग 160,000 कर्मचारी थे।
और दुनिया की लगभग 85% फोटोग्राफी कोडक कैमरों से की जाती थी। पिछले कुछ सालों में मोबाइल कैमरों के उदय के साथ, कोडक कैमरा कंपनी मार्केट से बाहर हो गई है। यहाँ तक कि कोडक पूरी तरह से दिवालिया हो गई और उसके सभी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया।

उसी समय कई और मशहूर कंपनियों को अपने आप को रोकना पड़ा। जैसे

HMT (घड़ी)
BAJAJ (स्कूटर)
DYANORA (TV)
MURPHY (रेडियो)
NOKIA (मोबाइल)
RAJDOOT (बाइक)
AMBASSADOR (कार)

उपरोक्त कंपनियों में से किसी की भी गुणवत्ता खराब नहीं थी। फिर भी ये कंपनियाँ बाहर क्यों हो गईं? क्योंकि वे समय के साथ खुद को बदल नहीं पाईं।

वर्तमान क्षण में खड़े होकर आप शायद यह भी न सोचें कि अगले 10 सालों में दुनिया कितनी बदल सकती है! और आज की 70%-90% नौकरियाँ अगले 10 सालों में पूरी तरह से खत्म हो जाएँगी। हम धीरे-धीरे "चौथी औद्योगिक क्रांति" के दौर में प्रवेश कर रहे हैं।

आज की मशहूर कंपनियों को देखिए-

UBER सिर्फ़ एक सॉफ्टवेयर का नाम है। नहीं, उनके पास अपनी कोई कार नहीं है। फिर भी आज दुनिया की सबसे बड़ी टैक्सी-फ़ेयर कंपनी UBER है।

Airbnb आज दुनिया की सबसे बड़ी होटल कंपनी है। लेकिन मज़ेदार बात यह है कि दुनिया में उनके पास एक भी होटल नहीं है।

इसी तरह, Paytm, Ola Cab, Oyo rooms आदि जैसी अनगिनत कंपनियों के उदाहरण दिए जा सकते हैं।

आज अमेरिका में नए वकीलों के लिए कोई काम नहीं है, क्योंकि IBM Watson नामक एक कानूनी सॉफ्टवेयर किसी भी नए वकील से कहीं बेहतर वकालत कर सकता है। इस प्रकार अगले 10 सालों में लगभग 90% अमेरिकियों के पास कोई नौकरी नहीं होगी। शेष 10% बच जाएँगे। ये 10% विशेषज्ञ होंगे।

नए डॉक्टर भी काम पर जाने के लिए बैठे हैं। Watson सॉफ्टवेयर कैंसर और दूसरी बीमारियों का पता इंसानों से 4 गुना ज़्यादा सटीकता से लगा सकता है। 2030 तक कंप्यूटर इंटेलिजेंस मानव इंटेलिजेंस से आगे निकल जाएगा।

अगले 20 सालों में आज की 90% कारें सड़कों पर नहीं दिखेंगी। बची हुई कारें या तो बिजली से चलेंगी या हाइब्रिड कारें होंगी। सड़कें धीरे-धीरे खाली हो जाएंगी। गैसोलीन की खपत कम हो जाएगी और तेल उत्पादक अरब देश धीरे-धीरे दिवालिया हो जाएंगे।

अगर आपको कार चाहिए तो आपको उबर जैसे किसी सॉफ्टवेयर से कार मांगनी होगी। और जैसे ही आप कार मांगेंगे, आपके दरवाजे के सामने एक पूरी तरह से ड्राइवरलेस कार आकर खड़ी हो जाएगी। अगर आप एक ही कार में कई लोगों के साथ यात्रा करते हैं, तो प्रति व्यक्ति कार का किराया बाइक से भी कम होगा।

बिना ड्राइवर के गाड़ी चलाने से दुर्घटनाओं की संख्या 99% कम हो जाएगी। और इसीलिए कार बीमा बंद हो जाएगा और कार बीमा कंपनियाँ भी बाहर हो जायेंगी।

पृथ्वी पर ड्राइविंग जैसी चीजें अब नहीं बचेंगी। जब 90% वाहन सड़क से गायब हो जाएँगे, तो ट्रैफ़िक पुलिस और पार्किंग कर्मचारियों की ज़रूरत नहीं होगी।

जरा सोचिए, 10 साल पहले भी गली-मोहल्लों में STD बूथ हुआ करते थे। देश में मोबाइल क्रांति के आने के बाद ये सारे STD बूथ बंद होने को मजबूर हो गए। जो बच गए वो मोबाइल रिचार्ज की दुकानें बन गए। फिर मोबाइल रिचार्ज में ऑनलाइन क्रांति आई। लोग घर बैठे ऑनलाइन ही अपने मोबाइल रिचार्ज करने लगे। फिर इन रिचार्ज की दुकानों को बदलना पड़ा। अब ये सिर्फ मोबाइल फोन खरीदने-बेचने और रिपेयर की दुकानें रह गई हैं। लेकिन ये भी बहुत जल्द बदल जाएगा। Amazon, Flipkart से सीधे मोबाइल फोन की बिक्री बढ़ रही है।

पैसे की परिभाषा भी बदल रही है। कभी कैश हुआ करता था लेकिन आज के दौर में ये "प्लास्टिक मनी" बन गया है। क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड का दौर कुछ दिन पहले की बात है। अब वो भी बदल रहा है और मोबाइल वॉलेट का दौर आ रहा है। पेटीएम का बढ़ता बाजार, मोबाइल मनी की एक क्लिक।

जो लोग उम्र के साथ नहीं बदल सकते, उम्र उन्हें धरती से हटा देती है। इसलिए जमाने के साथ बदलते रहें।

बढ़िया कंटेंट बनाते रहें, वक्त के साथ चलते रहें।

भारतीय पहलवान व् एक्टर संग्राम सिंह ने बताया की एक समय उनके अकाउंट में मात्र 900 रूपये थे और उनके पास 2 5 करोड़ का कोल्ड ...
12/08/2024

भारतीय पहलवान व् एक्टर संग्राम सिंह ने बताया की एक समय उनके अकाउंट में मात्र 900 रूपये थे और उनके पास 2 5 करोड़ का कोल्ड ड्रिंक का विज्ञापन आया लेकिन उन्होंने उसे इसलिए ठुकरा दिया क्यूंकि वो चंद पैसो के लिए यूथ को गलत चीज पीने के लिए नहीं कह सकते
इनकी इस नेक सोच पर क्या कहेंगे आप ..


क्या आप जानते हैं कि भारत की धरती पर ऐसी भी बेटी जन्मी है जिसने अपनी रफ्तार से दुनियाभर को हैरान कर दिया? जी हाँ, हम बात...
11/08/2024

क्या आप जानते हैं कि भारत की धरती पर ऐसी भी बेटी जन्मी है जिसने अपनी रफ्तार से दुनियाभर को हैरान कर दिया? जी हाँ, हम बात कर रहे हैं 'पयोली एक्सप्रेस' पीटी उषा की, जिनकी कहानी सच्चे मायनों में प्रेरणादायक है। 🚀

27 जून 1964 को केरल के कोझीकोड जिले में जन्मी पिलावुलकंडी थेकेपराम्बिल उषा का जीवन साधारण था, लेकिन उनके सपने आसमान छूने वाले थे। बचपन से ही उनके पैरों में जैसे चपलता का जादू था। वे दौड़ने में इतनी माहिर थीं कि जल्द ही उनकी रफ्तार ने उन्हें सबकी नजरों में ला दिया।

पीटी उषा ने 1982 से 1994 तक के एशियाई खेलों में हिस्सा लेकर 23 पदक अपने नाम किए, जिनमें से 14 स्वर्ण पदक थे। क्या आपको पता है कि 1984 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में उन्होंने 400 मीटर बाधा दौड़ में चौथा स्थान प्राप्त किया? हाँ, एक सेकंड से भी कम के अंतर से वे पदक से चूक गईं, लेकिन उनका प्रदर्शन इतना शानदार था कि आज भी वह पल भारतीय खेल इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है।

1984 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया और 1985 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया। ये पुरस्कार उनकी अद्भुत मेहनत और अटूट समर्पण का सम्मान थे।

अपनी सफलता की कहानी को यहीं नहीं रोका। पीटी उषा ने उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स की स्थापना की, जहाँ वे आज भी युवा एथलीट्स को प्रशिक्षण देती हैं। वे उन्हें सिखाती हैं कि कैसे कड़ी मेहनत और समर्पण से अपने सपनों को हकीकत में बदला जा सकता है।

पीटी उषा की कहानी संघर्ष, समर्पण और सफलता की एक अद्वितीय मिसाल है। उनकी जीवन यात्रा हमें सिखाती है कि चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएँ, अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती। 🌈✨

पीटी उषा, आपकी रफ्तार और जज्बा हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। सलाम है आपको! 🏅🙏

अरशद नदीम के गोल्ड जीतने पर और नीरज चोपड़ा के सिल्वर जीतने पर इससे बेहतर प्रतिक्रिया नहीं हो सकती. नीरज चोपड़ा की माँ सरोज...
09/08/2024

अरशद नदीम के गोल्ड जीतने पर और नीरज चोपड़ा के सिल्वर जीतने पर इससे बेहतर प्रतिक्रिया नहीं हो सकती. नीरज चोपड़ा की माँ सरोज देवी ने कहा है "हम बहुत खुश हैं, हमारा तो सिल्वर ही गोल्ड के जैसा है और जिसका गोल्ड आया है अरशद नदीम का वो भी हमारा ही लड़का है. मेहनत करता है ". वाकई बहुत दिनों बाद किसी खेल में अरशद नदीम और नीरज को हम दो देशों के प्रतिद्वंदी की तरह नहीं भाई जैसे खेलते देख रहें हैं. मुल्क और धर्म के नाम पर नफरत ढूढ़ रहें लोगों को करारा तमाचा है ये दोनों भाइयों का मोहब्बत.पिछले ओलम्पिक में नीरज नदीम को खींचकर साथ अपने राष्ट्रीय ध्वज के साथ फोटो खिंचवाने बोले थे. अरशद बेहद रिस्पेक्ट करता है नीरज का. पाकिस्तान भी कोहली की तरह नीरज को बेहद सम्मान देता है. गर्व है नीरज और अरशद नदीम आप दोनों पर. नीरज की माँ को प्रणाम आपने हीरा बेटा जन्म दिया है। 🙏

विनेश फोगाट ने विश्व विजेता को हरायाभारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में विश्व की नम्बर एक खिलाड़ी , चार बार की...
06/08/2024

विनेश फोगाट ने विश्व विजेता को हराया

भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में विश्व की नम्बर एक खिलाड़ी , चार बार की विश्व विजेता और डिफ़ेंडिंग ओलंपिक चैंपियन युवी सुसाकी को प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हरा दिया।

उसके बाद क्वार्टर फाइनल में युक्रेन की खिलाड़ी को शिकस्त दी।

लगातार जीत के बाद विनेश सेमी फाइनल में पहुंच गई हैं।

आप भूल तो नहीं गए कि वे वही विनेश है जिसे अपने देश में लात घुसों से मारा गया था, सड़कों पर घसीटा गया था।

आप पर गर्व है विनेश।

पदक लेकर आना, हम सब की शुभ कामनाएं साथ हैं।💐💐💐

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KARAMGARH, WARD NO. 08
Rania
125076

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