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14/08/2025
अंकुरित चना और मूंग खाने से कई फायदे होते हैं। ये पाचन को बेहतर बनाते हैं, वजन कम करने में मदद करते हैं, और शरीर को भरपू...
07/08/2025

अंकुरित चना और मूंग खाने से कई फायदे होते हैं। ये पाचन को बेहतर बनाते हैं, वजन कम करने में मदद करते हैं, और शरीर को भरपूर ऊर्जा देते हैं। इनमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन C और B, आयरन, और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाते हैं।

एक शांत और एक तनावग्रस्त माइंड की फोटो
04/08/2025

एक शांत और एक तनावग्रस्त माइंड की फोटो

🫀लो ब्लड प्रेशर (निम्न रक्तचाप) में शरीर के महत्वपूर्ण अंगों तक पर्याप्त खून नहीं पहुँच पाता है, जिससे चक्कर आना, थकान, ...
29/07/2025

🫀लो ब्लड प्रेशर (निम्न रक्तचाप) में शरीर के महत्वपूर्ण अंगों तक पर्याप्त खून नहीं पहुँच पाता है, जिससे चक्कर आना, थकान, कमजोरी, नजर धुंधली होना, मतली या उल्टी, और कभी-कभी बेहोशी भी हो सकती है।🫀

हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) में धमनियों की दीवारों पर रक्त का दबाव लगातार बहुत ज़्यादा रहता है, जिससे हृदय को रक्त पंप करने ...
26/07/2025

हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) में धमनियों की दीवारों पर रक्त का दबाव लगातार बहुत ज़्यादा रहता है, जिससे हृदय को रक्त पंप करने के लिए ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है। अक्सर इसके कोई खास लक्षण नहीं होते, लेकिन लंबे समय तक अनुपचारित रहने पर यह दिल का दौरा, स्ट्रोक, किडनी फेल्योर, और आंखों को नुकसान जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। कुछ लोगों को सिरदर्द, चक्कर आना, धुंधली दृष्टि, या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण अनुभव हो सकते हैं।

21/07/2025

💪शरीर को हैक करने के तरीके💪

1. घबराहट में अपनी नाक बंद कर लें, इससे घबराहट शांत हो जाएगी।

2. चिंता कम करने के लिए अपने दिल पे हाथ रखें और धीरे-धीरे सांस लें।

3. ऊर्जा बढ़ाने के लिए अपने चेहरे पर ठंडे पानी के छीटे मारें और बाहर खुले में घूमें।

4. नींद ना आए तो एक मिनट तक तेज़ी से पल झपकाओ ।

5. ऐसी मनोवैज्ञानिक टिप्स के लिए हमें फ़ॉलो करें।🫂

21/07/2025

आज मैंने एक 36 साल के पेशेंट की बीपी चेक की उसका बीपी DP प्रेशर 160 और सिस्टोलिक प्रेशर 280 था और वो अपने पैरों पर चलकर सही सलामत आया था

19/07/2025

Tetanus का इंजेक्शन कब लगाना चाहिए? डॉक्टर से जानें
टिटनेस एक गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण है, जो नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। इसकी रोकथाम के लिए टिटनेस का इंजेक्शन बेहद जरूरी होता है। चलिए यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल (फरीदाबाद) के इंटरनल मेडिसिन एंड रुमेटोलॉजी के डॉयरेक्टर डॉ. जयंत थकुरिया से जानते हैं कि टिटनेस का इंजेक्शन कब लगाना चाहिए।

टिटनेस कैसे फैलता है?
यह क्लोस्ट्रीडियम टेटानी नामक बैक्टीरिया से फैलता है, जो जंग लगे लोहे या गंदगी से संक्रमित घाव के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। इससे मांसपेशियों में अकड़न और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।

गहरी या जंग लगी चोट पर
अगर जंग लगे मेटल से चोट लगी है या घाव गहरा है, तो 48 घंटे के भीतर टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना जरूरी होता है। यह बैक्टीरिया के पनपने से रोकने में मदद करता है।

जानवर के काटने पर
कुत्ते, बिल्ली या अन्य जानवर के काटने पर टिटनेस और रेबीज दोनों इंजेक्शन जरूरी होते हैं। बैक्टीरिया घाव के जरिए शरीर में फैल सकते हैं, जिससे गंभीर संक्रमण हो सकता है।

जलने या कुचलने पर लगवाएं इंजेक्शन
जलने या अंग कुचलने की स्थिति में टिशू डैमेज हो जाता है, जिससे बैक्टीरिया तेजी से फैल सकते हैं। इसलिए ऐसे मामलों में भी टिटनेस इंजेक्शन जरूर लगवाएं।

गंदगी या मिट्टी से लगी चोट पर
अगर घाव मिट्टी, खाद या गंदे पानी से जुड़ा है, तो टिटनेस का खतरा अधिक होता है। मामूली कट या खरोंच भी गंभीर संक्रमण का कारण बन सकती है।

ऑपरेशन या डिलीवरी के बाद
कुछ विशेष मेडिकल स्थितियों जैसे सर्जरी या डिलीवरी के बाद भी टिटनेस का इंजेक्शन दिया जाता है, ताकि संक्रमण से बचाव हो सके। यह प्रोफिलेक्टिक सुरक्षा के रूप में दिया जाता है।

क्या हर बार लगवाना जरूरी है?
हर बार चोट लगने पर इंजेक्शन जरूरी नहीं होता, अगर पिछले 2-3 साल के भीतर वैक्सीन लग चुकी हो। लेकिन एक्सपर्ट की सलाह लेना सबसे सही उपाय होता है।

टिटनेस एक जानलेवा बीमारी बन सकती है। इसलिए गंदी या गहरी चोट लगने पर खुद से इलाज न करें, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और समय पर इंजेक्शन जरूर लगवाएं। हेल्थ से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें चिकित्सा ज्ञान

14/07/2025

🌺पीरियड के बिना भी प्राइवेट पार्ट से खून क्यों आता है..?🌺

पीरियड्स के बिना भी प्राइवेट पार्ट से खून आने की कई वजहें हो सकती हैं. इनमें से कुछ वजहें ये हैं:

हार्मोनल असंतुलन

यौन संचारित रोग (एसटीडी)

प्रजनन पथ में संक्रमण

योनि, गर्भाशय ग्रीवा, या गर्भाशय में चोट लगना

एंडोमेट्रियोसिस

यीस्ट इंफेक्शन

थायरॉइड की समस्या

हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्शन के साइड इफ़ेक्ट🫂

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