25/01/2024
बहुमूल्य उपयोगी जानकारी
ईश्वर की बनायी गयी इस दुनिया को दखने का माध्यम केवल हमारी ऑंखें ही है और इनको उम्र के पड़ाव के साथ देखभाल की भी नितांत आवयकता होती है क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ हमारी आँखों के चारो तरफ क मांसपेशियां ढीली पड़ने लगती है और हमारी आँखें कमजोर हो जाती है। आंखों की रौशनी हमारे आहार और जीवनशैली पर भी निर्भर करती है।
हम यहाँ पर आपको आँखों की देखभाल और उसकी रौशनी बढ़ाने के कुछ आसान से उपाय बता रहे है ।
* सुबह उठकर मुहँ में पानी भरकर आँखें खोलकर साफ पानी के छीटें आँखों में मारने चाहिए इससे आँखों की रौशनी बढ़ती है ।
* प्रातः खाली पेट आधा चम्मच ताजा मक्खन, आधा चम्मच पसी हुई मिश्री और 5 पिसी काली मिर्च मलाकर चाट लें, इसके बाद कच्चे नारीयल की गिरी के 2-3 टुकड़े खूब चबा-चबाकर खाये और ऊपर से थोड़ी सौंफ चबाकर खा लें फिर दो घंटे तक कुछ भी न खाये। यह क्रिया 2-3 माह तक जरूर करिये ।
* बालों पर रंग, हेयर डाई और केमीकल शैम्पू लगाने से परहेज करें ।
* रात को 1 चम्मच त्रिफला मिट्टी के बर्तन में भिगाकर सुबह छाने हुए पानी से आँखें धोयें। इससे आँखों की रोशनी बढ़ती है और कोई बीमारी भी नहीं होती है।
* प्रातःकाल सूर्योदय से पहले नियमित रूप से हरी घास पर 15-20 मिनट तक नंगे पैर टहलना चाहए। घास पर ओस की नमी रहती है नंगे पैर इस पर टहलने से आँख को तनाव से राहत मिलती है।और रौशनी भी बढ़ती है ।
* पैरों के तलवे की सरसों के तेल से नियमित मालिश करनी चाहिए । नहाने से 10 मिनट पूर्व पैरों के अंगूठों को सरसों के तेल से तर करने से आँखों की रौशनी लम्बे समय तक कायम रहती है ।
* पालक, पत्ता गोभी, हरी सब्जियाँ और पीले फल खाएं। विटामिन ए, सी और ई से भरपूर कई पीले फल हमारी आंखों के लिए फायदेमंद हैं। इसके अतिरिक्त पपीता, संतरा, नींबू आदि के सेवन से दिन की रोशनी में हमारे देखने की क्षमता बढ़ती हैं।
* आँखों की रौशनी बढ़ाने के लिए प्रतिदिन 1-2 गाजर खूब चबा-खाए
शरीर पर मस्से बहुत अजीब लगते है मस्से वैसे तो कोई तकलीफ़ नहीं देते लेकिन ये शरीर खासकर चेहरे की सुंदरता को भी बिगाड़ देते हैं। मस्से काले और भूरे रंग के होते हैं। अक्सर मस्से अपने-आप समाप्त हो जाते हैं, लेकिन कुछ मस्से इलाज के बाद ही जाते हैं। मस्से को काटने और फोड़ने के कारण मस्से का वायरस शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल जाते है जिसके कारण और ज्यादा मस्से हो जाते हैं। मस्से गर्दन,हाथ,पीठ ,चिन,पैर आदि शरीर के किसी भी जगह हो सकते हैं।
यहाँ पर हम आपको मस्सों से बचने के लिए कुछ आसान घरेलू उपचार के बारे में बताते हैं।
* मस्से को समाप्त करने के लिए एक अगरबत्ती जला लें और उसके जले हुए हिस्से को मस्से का स्पर्श कर तुरन्त हटा लें। ऐसा 8-10 बार करें, इससे मस्सा सूखकर झड़ जाएगा। ध्यान रहे, अगरबत्ती का स्पर्श सिर्फ मस्से पर ही होना चाहिए।
* मस्से पर आलू काटकर तुरंत उसकी फ़ांक को रगडनी चाहिये। ऐसा दिन में 3 से 4 बार करें । कुछ ही रोज में मस्से झडने लगेगे।
* केले के छिलके का भीतरी हिस्सा मस्से पर रगडें। इससे बहुत ही लाभ मिलता है।
* अलसी के बीजों को पीस कर इसमें अलसी का तेल और शहद मिलाएं और फिर इसे मस्से पर लगा लें ऐसा 4 - 5 दिन नियम से करें।
* खट्टे सेब लेकर उनका जूस निकाल के उसे दिन में कम से कम तीन बार मस्से पर लगाइए। मस्से धीरे-धीरे झड़ जाएंगे।
* एक प्याज को लेकर उसके रस को सुबह शाम नियमित रूप से लगाने से मस्से समाप्त होते हैं।
* बेकिंग सोडा और अरंडी के तेल को रात में मस्सों पर लगाकर सो जाइए, धीरे-धीरे मस्से समाप्त हो जाएंगे।
* रात को सोने से पहले और सुबह उठने के बाद मस्सों पर शहद लगाइए, इससे मस्से शीघ्र खत्म होते है ।
* लहसुन की कली को छील कर उसे काटकर मस्सों पर रगडि़ए, मस्से जल्दी ही सूखकर झड़ जाएंगे।
* ताजा कटा हुआ अनानास लें कर उसे मस्से पर लगाएं इससे जल्द ही राहत मिलती है।
घर के किसी भी छोटे बड़े सदस्य को उल्टी एवँ दस्त किसी भी वजह से हो सकते हैं जिनमें से बदहजमी सबसे मुख्य है। कभी-कभी सर्दी या गर्मी लगने, दूषित खानपान से भी उल्टी और दस्त की समस्या हो जाती है ।
* उल्टी होने पर नीँबू का रस पानी में घोल कर लेने से शीघ्र ही फायदा होता है ।
* आप एक दो लौंग, दालचीनी या इलायची मुहँ में रखकर चूसिये यह मसाले उल्टियाँ विरोधक औषधियों होने के कारण उल्टियाँ रोकने में बहुत ही मददगार साबित होते है।
* तुलसी के पत्तों का एक चम्मच रस शहद के साथ लेने से उल्टी में लाभ मिलता है ।
* एक चम्मच प्याज का रस पीने से भी उल्टी में लाभ मिलता है ।
* गर्मियों में यदि बार बार उल्टियाँ आती है तो बर्फ चूसनी चाहिए ।
* पुदीने के रस को लेने से भी उल्टी में लाभ मिलता है ।
* धनिये के पत्तों और अनार के रस को थोड़ी थोड़ी देर के बाद बारी-बारी से पीने से भी उल्टी रुक जाती है ।
* 1/4 चम्मच सोंठ एक चम्मच शहद के साथ लेने से उल्टी में शीघ्र आराम मिलता है ।
* नींबू का टुकड़ा काले नमक के साथ अपने मुंह में रखने से आपको उल्टी महसूस नहीं होती है, रुक जाती है ।
* आधा चम्मच पिसे हुए जीरे का पानी के साथ सेवन करने से उल्टियों से शीघ्र छुटकारा मिलता है ।
* एक गिलास पानी में एक चम्मच एप्पल का सिरका डालकर पियें उल्टी में तुरंत आराम मिलेगा ।
* उल्टियाँ होने से 12 घंटो बाद तक ठोस आहार का सेवन न करें, लेकिन भरपूर मात्रा में पानी और फलों के रस का सेवन करते रहें।
* तैलीय, मसालेदार, भारी और मुश्किल से पचनेवाले खाद्द्य पदार्थों का सेवन न करें इससे भी उल्टियाँ आती है ।
* पित्त की उल्टी होने पर शहद और दालचीनी मिलाकर चाटें ।
* हरर को पीसकर शहद के साथ मिलाकर चाटने से उल्टी बंद होती है|
* खाना खाने के तुरंत बाद न सोयें। खाने के बाद टहलने की आदत डालें । जब भी सोयें तो अपनी दाहिनी बाज़ू पर सोयें। इससे आपके पेट के पदार्थ मुंह तक नहीं आये
वास्तव में गुस्सा एक भयानक तूफ़ान जैसा है, जो जाने के बाद पीछे अपनी बर्बादी का निशान छो़ड जाता हैं। गुस्से में सबसे पहले दिमाग फिर जबान अपना आपा खोती है, वह वो सब कहती है, जो नहीं बिलकुल भी कहना चाहिए और रिश्तों में जबरदस्त क़डवाहट आ जाती है। और तब तो और भी मुश्किल होती है जब गुस्सा हमारे दिमाग में घर कर जाता है और हमारे अन्दर बदला लेने की सामने वाले को नुकसान पहुँचाने की भावना प्रबल हो जाती है ।
हम यहाँ पर आपको कुछ ऐसे उपाय बता रहे है जिससे हम यथासंभव अपने गुस्से पर काबू कर सकते है ।
* दो पके मीठे सेब बिना छीले प्रातः खाली पेट चबा-चबाकर पन्द्रह दिन लगातार खाने से गुस्सा शान्त होता है। बर्तन फैंकने वाला, तोड़ फोड़ करने वाला और पत्नि और बच्चों पर हाथ उठाने वाला व्यक्ति भी अपने क्रोध से मुक्ति पा सकेगा। इसके सेवन से दिमाग की कमजोरी दूर होती है और स्मरण शक्ति भी बढ़ जाती है।
* प्रतिदिन प्रातः काल आंवले का एक पीस मुरब्बा खायें और शाम को एक चम्मच गुलकंद खाकर ऊपर से दुध पी लें। बहुत क्रोध आना शीघ्र ही बन्द होगा।
* गुस्सा आने पर दो तीन गिलास खूब ठंडा पानी धीरे धीरे घूँट घूँट लेकर पिएं । पानी हमारेशारीरिक तनाव को कम करके क्रोध शांत करने में मददगार होता है।
* गुस्सा बहुत आता हो तो धरती माता को रोज सुबह उठकर हाथ से पाँच बार छूकर प्रणाम करें और सबसे विशाल ह्रदय धरती माँ से अपने गुस्से पर काबू करने और सहनशील होने का वरदान मागें।
* पलाश के छोटे छोटे पत्तों की सब्जी खाने से गुस्सा, और पित्त जल्दी ही शांत होता है ।
* रविवार को अदरक, टमाटर और लाल रंग के कपड़े गुस्सा अधिक बढ़ाते हैं अत: इनका कम से कम प्रयोग करें ।
* जिनको गुस्सा बहुत आता हो, बात- बात में चिड जाते हो वे सोमवार का उपवास करें, या एक समय भोजन करें। रात कों चन्द्रमा कों अर्घ दें तथा अपने गुस्से पर विजय प्राप्त करने के लिए प्रार्थना कीजिए
उदर-वायु एक आम तथा कभी न कभी हर किसी को होने वाली समस्या है। पेट गैस को अधोवायु भी कहते हैं। यह तब होती है, जब शरीर में भारी मात्रा में गैस भर जाती है। इस पेट में रोकने से कई बीमारियां हो सकती हैं, जैसे एसिडिटी, कब्ज, पेटदर्द, सिरदर्द, जी मिचलाना, बेचैनी आदि। पेट में गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं, जिसके बारे में हम यहां चर्चा कर रहे हैं।
कारण
* पेट में बैक्टीरिया की "ओवरप्रोड्क्शन" होना।
* जिस आहार में बहुत ज्यादा फाइबर होता है।
* मिर्च-मसाला, तली-भुनी चीजें ज्यादा खाने से।
* पाचन संबंधी विकार।
* बींस, राजमा, छोल, लोबिया, मोठ, उड़द की दाल, फास्ट फूड, ब्रेड और किसी-किसी को दूध या भूख से ज्यादा खाने से।*
*खाने के बाद कोल्ड ड्रिंक लेने से, क्योंकि इसमें गैसीय तत्व होते हैं।*
*बासी खाना खाने से और खराब पानी पीने से भी गैस हो जाती है।*
*घरेलू उपचार*
*भोजन के साथ सलाद के रूप में टमाटर का प्रतिदिन सेवन करना लाभप्रद होता है। यदि उस पर काला नमक डालकर खाया जाये तो लाभ अधिक मिलता है। पथरी के रोगी को कच्चे टमाटर का सेवन नहीं करना चाहिए।*
*आधा चम्मच सूखा अदरक पाउडर लें और उसमें एक चुटकी हींग और सेंधा नमक मिलाकर एक कप गर्म पानी में डालकर पीएं।*
*गैस के कारण सिरदर्द होने पर चाय में काली मिर्च पाउडर डालें। वही चाय पीने से लाभ मिलता है।*
*2 चम्मच ब्रैंडी को गर्म पानी में कप में डालकर रात को सोने से पहले पिएं।*
*स्लाइस की हुई कुछ ताजा अदरक नींबू के रस में भिगोकर भोजन के बाद चूमने से राहत मिलेगी।*
*पेट में या आंतों में एेंठन होने पर एक छोटा चम्मच अजवाइन में थोड़ा नमक मिलाकर गर्म पानी में लेने पर लाभ मिलता है। बच्चों को अजवाइन थोड़ी दें।*
*भोजन के एक घंटे बाद 1 चम्मच काली मिर्च, 1 चम्मच सूखी अदरक और 1 चम्मच इलायची के दानों को आधा चम्मच पानी के साथ मिलाकर पिएं।*
*वायु समस्या होने पर हरड़ के चूर्ण को शहद के साथ मिक्स कर खा लीजिए*
*दमा बहुत कष्ट देने वाली बीमारी है। यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। दमा में सांस लेने वा निकालने में परेशानी होती है। खांसी की त्रीवता और साँस की नली में कफ़ जमा हो जाने से तकलीफ़ और भी ज्यादा बढ जाती है। दमा का अटैक पड़ने पर रोगी बुरी तरह हांफ़ने लगता है। दमा होने पर खांसी, नाक का बजना, छाती का कड़ा हो जाना, सुबह और रात में सांस लेने में तकलीफ होने जैसे लक्षण होते हैं।समान्यता दमा, एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थों ,धूम्रपान करने से, ज्यादा सर्द गर्म मौसम, सुगन्धित पदार्थों, ज्यादा कसरत करने और मानसिक तनाव की वजह से काफी तकलीफ देता है।दमा को पूरी तरह से ठीक करना मुश्किल है, लेकिन इस पर नियंत्रण हो सकता है, ताकि व्यक्ति सामान्य जीवन जी सके।*
*हम यहाँ पर आपको दमा से बचाव और उसके घरेलु उपचार बता रहे है।*
*100 ग्राम दूध में लहसुन की पांच कलियां धीमी आँच पर उबाकर इस का हर रोज दिन में दो बार सेवन करने से दमे में काफी फायदा मिलता है।*
*तुलसी के 10-15 पत्ते पानी से साफ़ कर लें फ़िर उन पर काली मिर्च का पावडर बुरककर खाने से दमा मे आराम मिलता है।*
*एक पके केले में चाकू से लम्बाई में चीरा लगाकर उसमें एक चौथाई छोटा चम्मच महीन पीसी काली मिर्च भर दें। फिर उसे 2-3 घंटे बाद हल्की आँच में छिलके सहित भून लें। ठंडा होने पर केले का छिलका निकालकर केला खा लें। एक माह में ही दमें में खूब लाभ होगा।*
*लहसुन की दो पिसी कलियां और अदरक की गरम चाय पीने से भी अस्थमा नियंत्रित रहता है। इस चाय का सेवन सबेरे और शाम करना चाहिए।*
*4-5 लौंग को 150 पानी में 5 मिनट तक उबालें। इस मिश्रण को छानकर इसमें एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर गरम-गरम पी लें। रोज दो से तीन बार यह काढ़ा पीने से निश्चित रूप से लाभ मिलता है।*
*250 ग्राम पानी में मुट्ठीभर सहजन की पत्तियां मिलाकर उसे 5 मिनट तक उबालें। फिर ठंडा होने पर उसमें चुटकी भर नमक, काली मिर्च मिलाकर गुनगुना पिए*
*आज कल की अति व्यस्त भाग दौड़ भरी जिंदगी में लगातार काम करते रहने, समय पर खान पान ना करने, अत्यधिक शारीरिक श्रम करने, पर्याप्त नींद ना लेने वा तनाव की वजह से शरीर पर जल्दी ही थकावट हावी हो जाती है, बदन दर्द करने लगता है जिससे किसी भी कार्य में मन नहीं लगता है ।*
*हम यहाँ पर कुछ आसान से उपाय बता रहे है जिनकी सहायता से आप अपने बदन दर्द से निजात पा सकते है ।*
*लहसुन की चार पाँच कुलियाँ छीलकर और आधा चम्मच अजवायन के दाने तीस ग्राम सरसों के तेल में डालकर धीमी-धीमी आँच पर पकायें। लहसुन और अजवायन काली पडने पर तेल उतारकर उसे छान लें। इस हल्के गर्म तेल की मालिश करने से हर प्रकार के बदन दर्द में आराम मिलता है।*
*अखरोट के तेल की मालिश करने से हाथ पैरों की ऐंठन दर्द जल्दी ही दूर हो जाता है।*
*10 ग्राम कपूर और 200 ग्राम सरसों का तेल शीशी में भरकर उसे बंद करके धूप में रख दें। जब दोनों वस्तुएँ मिलकर एक हो जाए तब इस तेल की मालिश से हर तरह का बदन दर्द, माँसपेशियों का दर्द शीघ्र ही ठीक हो जाता हैं।*
*हल्दी में दर्द निवारक मानी गयी है। बदन दर्द में हल्दी चूर्ण को दूध के साथ लेने पर शीघ्र ही राहत मिलती है।*
* बदन दर्द से बचने के लिए फल और सब्जियों का सेवन अधिक से अधिक करें। ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर भोजन करें ।* *सरसों के तेल में नमक मिलाकर गुनगुना करके पूरे बदन पर मालिश करके गर्म पानी में नहा लें। इससे तुरंत राहत मिलती है।*
*नहाने से पहले शरीर पर बेसन और दही का पेस्ट लगाएं। इससे त्वचा साफ हो जाती है और बंद रोम छिद्र भी खुल जाते हैं।*
*गाजर का जूस रोज पिएं। तन की दुर्गध दूर भगाने में यह कारगर है।*
*पान के पत्ते और आंवला को बराबर मात्रा में पीसे। नहाने के पहले इसका पेस्ट लगाएं। फायदा होगा।*
*सांस की बदबू दूर करने के लिए रोज तुलसी के पत्ते चबाएं।*
*इलाइची और लौंग चूसने से भी सांस की बदबू से निजात मिलता है।*
*आपकी बहन बेटी मनदीप कौर 6283021266*