Dr MD Haritwal

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डॉ एमडी हरितवाल रींगस के पहले डॉक्टर थे। डॉ एमडी हरितवाल जी ने 1971 मैं अपनी M.B.B.S. की पढ़ाई पूरी करने के बाद सरकारी चिकित्सा अधिकारी के रूप मैं अपनी सेवाएं आरंभ कि थी। 100 दिन सरकारी सेवा के बाद रींगस कस्बे मैं "हरितवाल क्लिनिक" कि शुरुआत की थी।

श्री जगदीप धनखड़ को भारत के 14वें उप-राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
07/08/2022

श्री जगदीप धनखड़ को भारत के 14वें उप-राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

पाइल्स क्या हे ? कैसे हे लजेर या स्टेप्लर ट्रीटमेंट कारगर ?जब गुदा या मलाशय के आसपास की नसें सूज जाती हैं और यहां तक कि ...
30/07/2022

पाइल्स क्या हे ? कैसे हे लजेर या स्टेप्लर ट्रीटमेंट कारगर ?

जब गुदा या मलाशय के आसपास की नसें सूज जाती हैं और यहां तक कि फफोले और गांठ भी विकसित हो जाते हैं, तो इस स्थिति को बवासीर के रूप में जाना जाता है।

जब स्थिति खराब हो जाती है, रक्तस्राव के साथ अत्यधिक दर्द होता है। बवासीर फिस्टुला और फिशर सब गुदा की अलग अलग बीमारियाँ हैं। भारत में, इसे आमतौर पर “पाइल्ज़ या मस्से”के नाम से भी जाना जाता है।

बवासीर के कोई ज्ञात *कारण*नहीं हैं लेकिन जो लोग खराब आहार लेते हैं, पानी कम पीते हैं और वॉशरूम मैं ज़रूरत से ज़्यादा समय लगाते हैं उन्हें इसकी अधिक संभावना होती है। बहरहाल, इन सभी सावधानियों को बरतने वाले लोगों में भी बवासीर हो सकता है। पाइल्ज़ किसी भी उम्र मैं ही सकता है, लम्बे समय तक क़ब्ज़ रहना जैसे बच्चा होने के बाद, कोई ऐसे दवाई लेने से जहां मल आसानी से नही आता इत्यादि कुछ उधारहन हैं।

*बवासीर के विभिन्न रूप और ग्रेड होते हैं*और एक प्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा पूरी तरह से निदान के बाद ही सही उपचार की सिफारिश की जा सकती है।

*इलाज मैं*आदतें बदलना, क़ब्ज़ का धयान, पानी का सेक, antibiotics, सही खाना पीना ज़्यादातर लोगों के लिए काफ़ी होता है।

कुछ लोग जिनको ब्लीडिंग या दर्द दवाई से ठीक नहीं होता उनको ऑपरेशन के ज़रूरत पड़ती है।

पहले इसका *ऑपरेशन*मस्सों को कट कर किया जाता था। अब लेज़र या स्टेप्लर से बिना

कट लगाए पाइल्ज़ का सुरक्षित इलाज सम्भव है।

पाइल्ज़ के ऑपरेशन से जुड़ी कुछ भ्रांतियाँ।

1. ऑपरेशन के बाद दोबारा पाइल्ज़ हो जाते हैं ? # नई तकनीक व खान पान मैं बदलाव, क़ब्ज़ का निवारण तीनो ही उपाय जब एक साथ हो तो पाइल्ज़ दोबारा नही होते।

2. पाइल्ज़ के ऑपरेशन मैं महीनों रेस्ट करना पड़ता है? # क्योंकि नई तकनीक चीरा या कट के बिना है तो रेकव्री तुरंत शुरू हो जाती है। ज़्यादातर लोग ऑपरेशन के आबले दिन घर और ५ दिन मैं काम पर पहुँच जाते है।

3. कौन सा मौसम ठीक है ऑपरेशन के लिए ? # पुराने समय मैं जब AC और इन्फ़ेक्शन की रोकथाम के साधन काम थे तो ट्रीटमेंट बाहरी तापमान पर डिपेंडेंट था अब ऐसा बिलकुल नही है।

Happy Doctor's Day
01/07/2022

Happy Doctor's Day

28/06/2022

टीबी के लक्षण ! ( symptoms of TB)

थकान
बुखार
तीन या उससे ज्यादा हफ्तों से खांसी
खांसी में खून आना
खांसते या सांस लेते हुए सीने में दर्द होना
अचानक वजन घटना
ठंड लगना
सोते हुए पसीना आना

आप सभी को अन्तराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं !
21/06/2022

आप सभी को अन्तराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं !

03/06/2022

लू तापघात के लक्षण

शरीर मे लवण एव पानी अपर्याप्‍त होने पर विषम गर्म वातावरण मे लू व ताप घात निम्‍नांकित लक्षणों के द्वारा प्रभावी होता है।

1. सिर का भारीपन एवं सिरदर्द।

2.अधिक प्‍यास लगना एवं शरीर मे भारीपन के साथ थकावट।

3. जी मचलना, सिर चकराना व शरीर का तापमान बढना।

4.शरीर का तापमान अत्‍यधिक (105 एफ या अधिक ) हो जाना व पसीना आना बन्‍द होना, मुंह का लाल हो जाना व त्‍वचा का सूखा होना।

5. अत्‍यधिक प्‍यास का लगना बेहोशी जैसी स्थिति का होना / बेहोश हो जाना।

6. प्राथमिक उपचार / समुचित उपचार के अभाव मे मृत्‍यु भी सम्‍भव है।





लू व तापघात के बचाव के उपाय

1.लू व तापघात से प्रायः कुपोषित बच्‍चे, गर्भवती महिलाओ, श्रमिक आदि शीघ्र प्रभावित हो सकते है इन्‍हे प्रातः 10 बजे से सायं 6 बजे तक गर्मी से बचाने हेतु छायादार ठडे स्‍थान पर रहने हेतु रखने का प्रयास करें।

2.तेज धूप मे निकलना आवश्‍यक हो तो ताजा भोजन करके उचित मात्रा मे ठंडे जल का सेवन करके बाहर निकले।

3.थोडे अन्‍तराल के पश्‍चात ठंडे पानी,शीतल पेय, छाछ , ताजा फलो का रस का सेवन करते रहे।

4. तेज धुप मे बाहर निकलने पर छाते का उपयोग करे अथवा पतले कपडे से सिर व बदन को ढक कर रखे।

5.आकाल राहत कार्यो पर अथवा श्रमिको के कार्यस्‍थल पर छाया का पूर्ण प्रबन्‍ध रखा जावें ताकि श्रमिक थोडी देर मे छायादार स्‍थानो पर विश्राम कर सकें।



उपचार

1.लू व ताप घात से प्रभावित रोगी को तुरन्‍त छायादार ठंडे स्‍थानो पर लिटा दे।

2. रोगी की त्‍वचा को गीले कपडे से स्‍पन्‍ज करते रहे तथा रोगी के कपडो को ढीला कर दे।

3. रोगी होश मे हो तो उसे ठन्‍डा पेय पदार्थ देवे।

4. रोगी को तत्‍काल नजदीक के चिकित्‍सा सस्‍थान मे उपचार हेतु लेकर जावें।

डॉ सतीश पूनिया (चिकित्सक,रींगस) तथा उनकी पत्नी श्रीमती सरिता पूनिया (अध्यापिका, किशनपुरा), तथा राजेश जी देवन्दा का परिवा...
18/04/2022

डॉ सतीश पूनिया (चिकित्सक,रींगस) तथा उनकी पत्नी श्रीमती सरिता पूनिया (अध्यापिका, किशनपुरा), तथा राजेश जी देवन्दा का परिवार सहित दुर्घटना में निधन हो जाना अत्यंत पीड़ादायक है,एक हादसे के कारण पुरा परिवार उजड़ गया , इस पीड़ा को शब्दों के बयां करना असम्भव है ! ईश्वर सभी दिवगंत जनों की आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें ,मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ है !

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