30/05/2024
*पूरी दुनिया में बच्चो से लेकर बुजुर्गाें तक यह सभी जानते हैं कि तम्बाकू जहर है व तम्बाकू के सेवन से कैंसर होता है। इसके बावजूद तम्बाकू को बहुतायत समाज द्वारा स्वीकार किया गया है व हर घर तथा धर्म, जाति व समाज द्वारा किसी न किसी रूप में उपयोग में लाया जाता है। अनेकों देशों द्वारा तम्बाकू की खेती की जाती है। विश्व के अधिकांश देशों में दिनांक 31 मई को ‘‘विश्व तम्बाकू निषेध दिवस‘‘ के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनानें का उदृृदेश्य है- तम्बाकू के दृष्परिणामों से बचनें हेतु समाज को जागरूक करना। इस अवसर पर केन्द्र सरकार व राज्य सरकारें समस्त जन प्रतिनिधियों व समज सेवी, संगठन सहित समस्त समाज के लोगो द्वारा रैली, बैठक करना, नारा लेखन व पम्पलेट वितरण आदि गतिविधियां आयोजित की जाती है। विगत तीन दिशकों में यह गतिविधियां बहुत बड़ी संख्या में आयोजित होती है जिसके अच्छे परिणाम भी आये हैं। उदाहरण- वर्ष 2010 की तुलना में विगत वर्ष तक तम्बाकू का सेवन करने वालों की संख्या मे कमी हुयी है जो तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम में शुभ संकेत है। यद्यपि वर्तमान समय में विश्व के लिये ‘‘तम्बाकू महामारी‘‘ एक बहुत बड़ा खतरा है। वर्ष 2024 की विश्व तम्बाकू निषेध दिवस की थीम है ‘‘बच्चों को तम्बाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना‘‘। निष्कर्ष यह है कि तम्बाकू उद्योग अपनें ब्यवसाय व आय बढ़ानें हेतु 13-15 वर्ष आयु के बच्चों को जाल में फंसानें हेतु लुभावने विज्ञापन व अन्य प्रलोभन दिये जाते हैं। वही शासन व अभिभावक बच्चों को इस जाल में फंसनें से बचानें का प्रयास करते है। किन्तु यह प्रयास नाकाफी है व शासन स्तर से कार्ययोजना बनाकर ठोस कार्यवाही करना चाहिये।* *विकासशील देशों की बहुत बड़ी आबादी आज भी गरीबी व भुखमरी से पीड़ित है। वैश्विक स्तर पर आवश्यकता है कि इस भीषण समस्या पर चिंतन हो व सभी देश मिलकर ‘‘खाना उगायें, तम्बाकू नही‘‘।*
*तम्बाकू जहर क्यों-*
*विश्व की 1/7 वीं आबादी यानि 1 अरब से अधिक लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं। तम्बाकू के कारण प्रतिवर्ष 80 लाख लोगों की मृत्यु होती है। जिसमें 12 प्रतिशत लोगों में अप्रत्यक्ष धूम्रपान जिम्मेदार है। दुनिया मे प्रति मिनट 10 लोगों की मौत होती है व 1 मिनट में 1 करोड़ से अधिक सिगरेट आमजन पी जाते हैे। इस नशे के कारण विश्व में 2.5 करोड़ से ज्यादा कैंसर रोगी हैं। जो वर्ष 2025 में यह संख्या 3 करोड़ होनें की प्रबल संभावना है। भूटान तम्बाकू की विक्री पर प्रतिबंध लगानें वाला पहला देश है। तम्बाकू के सर्वाधिक उत्पादन में देश चीन( 36 प्रतिशत), भारत (13 प्रतिशत), ब्रजील (12 प्रतिशत) व जिम्बाम्बे (3.5 प्रतिशत है)। वर्ष 2000 में जहां हर तीसरा व्यक्ति तम्बाकू का सेवन करता था वहीं 2022 में अध्ययन के अनुसार हर पांचवा व्यक्ति तम्बाकू सेवन कर रहा है। 13-15 वर्ष के 3.5 करोड़ बच्चे विश्व में तम्बाकू का सेवन करते है।*
*भारत में तम्बाकू - भारत दूनिया का दूसरा बड़ा देश है जो तम्बाकू उत्पादक (13 प्रतिशत) व उपभोक्ता है। देश में 20 करोड़ से अधिक पुरूष व अनुमानित 5 करोड़ महिलायें तम्बाकू का सेवन करते है।* *जबकि धूम्रपान करने वालों की संख्या क्रमशः 7 करोड़ व 60 लाख है। देश में कानूनी तौर पर धूम्रपान की उम्र 18 वर्ष निर्धारित है जिसे संशोधित कर 21 वर्ष करनें की आवश्यकता है। देश में अनुमानित 17 लाख व्यक्तियों की तम्बाकू के कारण कैंसर से मौत होती है जो कुल कैंसर का 30 प्रतिशत है। दुखद पहलू यह है कि 65 हजार बच्चों की मौत अप्रत्यक्ष धूम्रपान के कारण होती है।भारत में सर्वाधिक तम्बाकू का उत्पादन आंध्रप्रदेश में होता है (11 हजार टन) व सर्वाधिक उपयोग मिजोरम (67प्रतिशत) व सबसे कम गोवा (9 प्रतिशत) मे होता है। महानगर कलकत्ता में 56 प्रतिशत व्यक्ति (82 प्रतिशत पुरूष व 25 प्रतिशत महिलायें) धूम्रपान करते हैं। वहीं सर्वाधिक बीड़ी उत्तराखण्ड में पी जाती है। वर्ष 2002 में महाराष्ट्र व 2012 से केरल में तंबाकू के विज्ञापन व बिक्री पर प्रतिबंध किया गया है।*
*मध्य प्रदेश में तंबाकू- मध्य प्रदेश में तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या अनुमानित 39% है । दुखद पहलू यह है कि 59 प्रतिशत लोग बिस्तर से उठते ही तंबाकू का सेवन करते हैं। सिगरेट पीने वालों की संख्या 17% हैl प्रदेश में अनुमानित 65000 से अधिक लोगों की मौत प्रतिवर्ष होती है । प्रदेश में 13 से 15 उम्र के 1 लाख से अधिक बच्चे प्रति वर्ष तंबाकू सेवन की शुरुआत करते हैं।*
*तंबाकू के दुष्परिणाम- तंबाकू या धूम्रपान की मात्रा व अवधि के अनुसार मनुष्य को विभिन्न शारीरिक समस्याओं,हाई ब्लड प्रेशर,हार्ट अटैक,टीबी व दमा, विभिन्न अंगों के कैंसर,सुगंध व स्वाद में हास,अंधत्व,बहरापन, नपुंसकता,लीवर की बीमारी व पेट में अल्सर के साथ जीवन के 10 से 12 वर्षों की कमी हो जाती है।*
*तंबाकू के सेवन का कारण-*
*आमजन द्वारा तंबाकू के उपयोग में लाने के कई महत्वपूर्ण कारणों में शौक, आदत (लत), मौज-मस्ती, मित्रता में, चिंता व मानसिक तनाव,डिप्रेशन,दांत व पेट की बीमारी का इलाज व लुभावने विज्ञापन प्रमुख हैं।*
*घातक परोक्ष धूम्रपान -*
*अधिकांश लोग इस बात से अनभिज्ञ रहते हैं कि उनके धूम्रपान करने से अन्य लोग प्रभावित हो सकते हैंl घनी आबादी, फैक्ट्री, कार्यालयों व घरों में धूम्रपान न करने वाले निर्दोष लोगों व बच्चों में धूम्रपान करने से वह भी प्रभावित होते हैं जिसे अप्रत्यक्ष धूम्रपान कहा जाता है। इससे 12 लाख लोगों तथा लगभग 65 हजार बच्चों की विभिन्न कारणों से मौत हो जाती है।*
*तंबाकू छोड़ने के लाभ-*
*तंबाकू धूम्रपान के उपयोग में लाने के किसी भी समय यदि छोडा जाता है तो असीमित लाभ होते हैं जैसे दिल की धड़कन व हाई ब्लड प्रेशर सामान्य होना,जीवन की गुणवत्ता में सुधार, पुरानी खांसी व दमा में सुधार के साथ लकवा व कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाव की गति बढ़ जाती है।*
*गर्भवती महिलाओं में तंबाकू -*
*गर्भवती महिलाओं द्वारा तंबाकू सेवन से गर्भपात, एक्टॉपिक गर्भ,समय पूर्व प्रसव, कम वजन के बच्चों का जन्म,नवजात शिशु की आकस्मिक मृत्यु,कटे-फटे होंठ के साथ बांझपन व कैंसर ( स्तन व सर्वाइकल )होने की संभावना हो सकती है।*
*तंबाकू नियंत्रण कानून-*
*भारत सरकार द्वारा 18 मई 2003 को तंबाकू के दुष्परिणामों के रोकथाम के लिए सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम लागू किया गया।*
*जिसका उल्लंघन करने पर अर्थ दंड और अथवा जेल का प्रावधान है।धारा 4 के अंतर्गत सर्वाधिक स्थान में धूम्रपान करने पर प्रतिबंध है।धारा 5 के अंतर्गत सभी प्रकार के तंबाकू उत्पादों में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापनों पर प्रतिबंध, धारा 6A के अंतर्गत नाबालिक और नाबालिकों द्वारा तंबाकू उत्पाद बेचने पर प्रतिबंध धारा 6B के अंतर्गत शैक्षणिक संस्थाओं के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री प्रतिबंध हैl धारा 7 में तंबाकू उत्पादों को वैधानिक चेतावनी लिखे पैकेट में ही बेचे जाएं।*
*मध्य प्रदेश में जुलाई 2007 से राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम प्रभावशील है। 01 अप्रैल 2012 से तंबाकू युक्त गुटके पर प्रतिबंध है। इसके अंतर्गत जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति का निर्माण किया गया है जिसका दायित्व है कि कानून का कड़ाई से पालन किया जाए।*
*अपेक्षाएं -*
*भारत सरकार व राज्य सरकार तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को कड़ाई से लागू करें साथ ही विज्ञापन, प्रतिबंधात्मक कार्यवाही व कर बढ़ाने हेतु ठोस कानून बनना चाहिए l जिला प्रशासन समस्त समाजसेवी संगठन जन प्रतिनिधि व आम जन द्वारा तंबाकू का सेवन यदि शुरू नहीं किया है तो ना करें और यदि शुरू किया है तो छोड़ने का प्रयास करें।* *विद्यालयों में शिक्षक व घर में अभिभावक 13 से 15 वर्ष के बच्चों को तंबाकू व धूम्रपान से दूर रखने हेतु स्वस्थ वातावरण का निर्माण करें।आमजन से अपील है कि अपने स्वस्थ जीवन हेतु न तो तंबाकू खाएं, ना किसी को खिलाये ,ना घर में रखें व शादी ब्याह जैसे कार्यक्रम में मेहमानों को तंबाकू न परोसें।*