10/08/2024
मेरे प्रिय हिंदु देशवासी भाई बहनों. आप सभी लोग बांग्लादेश से आ रही हृदय विधायक घटनाओं के चित्र वीडियो और समाचार सुनकर दुखित होंगे. इससे भी ज्यादा मन में क्रोध और क्षोभ होगा कि हम उनके लिए कुछ नहीं कर सकते, और भारत सरकार भी शायद हाथ पैर हाथ रख कर बैठी है. ऐसे समय पर भगवान को कोसने की जगह हमें भी अपना योगदान देना चाहिए. उसके लिए हम सभी को मिलकर कुछ प्रयास करना होगा.
हम सभी अपने मन में संकल्प लें कि अगले एक वर्ष के लिए जितना भी पूजा पाठ व्रत उपवास मंत्र जाप जो भी मैं कर रहा हूँ उस सभी को दुष्ट शक्तियों, आतंकवादियों और विधर्मियों के नाश के लिए मैं समर्पित कर रहा हूं. यदि आप अधिक पूजा उपासना नहीं भी करते हैं तो भी वे भाई बहन यदि केवल प्रतिदिन 2 मिनट लगाकर दुर्गा सप्तशती में से सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें, या एक माला गायत्री जप करें और उससे उत्पन्न पुण्य और लाभ को अधर्मियों के नाश के लिए संकल्प लेकर समर्पित करें.
इस संकल्प से इतनी अधिक शक्ति पैदा होगी कि एक महा मारण प्रयोग आतंकवादियों और विधर्मियों के ऊपर होगा, इन सभी का समूह नाश हो जाएगा. भारत के 100 करोड़ हिंदुओं में से मात्र 10 करोड़ भी यदि अपनी 1 वर्ष की तपस्या समर्पित कर दें तो 10 करोड़ वर्ष का पुण्य, 10 करोड़ वर्ष का तंत्र साधना इन दुष्टो पर गिरेगी. निश्चित रूप से उस ऊर्जा से परमाणु बम से भी अधिक कठोर प्रभाव प्राप्त होगा.
इस साधन से अधर्मी दुष्ट प्राणियों का नाश होगा और सदाचारी लोगों का कल्याण होगा. हर उपासना के बाद हम कहते हैं धर्म की स्थापना हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में संभावना हो.
इस समय अपने व्यक्तिगत लोभ लालच के लिए अपने पूजा पाठ पुण्य को प्रयोग ना करें. मात्र 1 वर्ष का पुण्य एक वर्ष की साधना केवल और केवल अधर्म के नाश के लिए समर्पित कर दें.
हम नहीं चाहते कि हमारी माता और बहनों को वह समय देखना पड़े जो बांग्लादेश में आज हो रहा है और आज से पहले पाकिस्तान कश्मीर और अन्य जगह रहा है. यदि अपने बच्चों के लिए एक अच्छा समय और देश छोड़कर जाना चाहते हैं तो मात्र अपनी 1 वर्ष की साधना देश हित में और समाज हित में लगा दें.
क्या पता अगले कुछ वर्षों बाद हम में से कोई हिंदू साधना करने के लिए बचे भी या नहीं. आप और हम बंदूक और तलवार लेकर आतंकवाद का सामना नहीं कर सकती लेकिन यहां बैठकर घर बैठकर केवल सिद्ध कुंजिका स्तोत्र या सप्तशती या किसी अन्य मंत्र का प्रयोग मनोयोग से अवश्य कर सकते हैं. पहले भी ऋषि सत्ता ने ऐसे अभियान चलाये हैं.
ध्यान रहे भारत को स्वतंत्रता दिलाने में महर्षि अरविंद, विवेकानंद, महर्षि रमण, श्रीराम शर्मा आचार्य जैसे अनेक योगियों ने अपनी पूरी पूरी साधना लगा दी तब जाकर भारत को स्वतंत्रता मिली थी.
श्री राम मंदिर बनाने के लिए भी करोड़ों भारतीय लोगों ने करोड़ों करोड़ों मंत्र जाप करे. उस मंत्र की सघन ऊर्जा से राम मंदिर की स्थापना अयोध्या में हो सकी है.
रामायण काल में हजारों ऋषि मुनियों ने अपनी तब साधना को रामचंद्र जी को दिया उनके पीछे अपनी साधना लगे तब जाकर रावण का विनाश हुआ.
आज भी इसी की आवश्यकता है. हम लोग कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं कि अपने मन से भगवान से प्रार्थना करें और अपनी साधना को इन दुष्टों के विनाश के लिए लगाए.
अपने सभी मित्रों परिवार जनों परिचितों को भी इस पुण्य कार्य में प्रेरित करें. यह महायुद्ध है. आप लड़ोगे तो भी, नहीं लड़ोगे तो भी युद्ध प्रारंभ है. इस युद्ध में अपनी शक्ति का प्रयोग जैसे संभव हो वैसे करना चाहिए. गिलहरी के समान ही अपना योगदान तो मैं कर ही सकता हूं.
विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे राष्ट्रवादी संगठन और मीडिया इनफ्लुएंसर युटयुबर्स, फेसबुक पर राष्ट्रवादी पेज चलने वाले सभी लोगों से प्रार्थना है कि इस मैसेज को सभी लोगों तक पहुंचाएं. हो सकता है कुछ लोगों का विवेक जागृत हो ही जाए.