Homeo Clinic The Neomed

Homeo Clinic The Neomed "The Neomed" is the largest homoeopathy clinics in Rourkela. The clinic aims at reaching to people all over the world.

"The Neomed" extend a helping hand to the needy. Mission is to develop the best world standards with ultra modern facilities. Homeo Clinic "The Neomed" is one of the largest homoeopathy clinics in Rourkela. The clinic aims at reaching homoeopathy to people all over the world. Homeo Clinic "The Neomed" is known to extend a helping hand to the needy and also offer a separate waiting area to celebrit

y clients and VIPs with complete privacy. Their mission is to develop the best world standards in homoeopathic practise and make them available to their patients. Homeo Clinic "The Neomed" is committed to offering effective, efficient, and ethical homoeopathic treatments for a range of chronic and recurring diseases.

04/03/2023

HEALTH MANTRA: 001.
3 Kilometres of Walking.
3 Litres of Water.
3 Hourly Meals.
------ Dr. Dibanath Neogi ------

25/09/2022
15/08/2022

ये 10 लक्षण बताते हैं कि आपके शरीर में बढ़ रहा है ब्लड शुगर लेवल, जानिए हाइपरग्लेसेमिया को कंट्रोल करने के उपाय

Hyperglycemia (हाइपरग्लेसेमिया) - डायबिटीज में पैदा होने वाली एक ऐसी स्थिति है, जिसमें ब्लड शुगर लेवल काफी ज्यादा बढ़ जाता है। यह सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। जानिए इस स्थिति से कैसे निपटना है।

शरीर में बढ़ रहा है ब्लड शुगर लेवल?
हाइपरग्लेसेमिया को कंट्रोल करने के उपाय:
गलत खानपान की आदत और फिजिकली एक्टिव न होने के कारण डायबिटीज की समस्या बढ़ती जा रही है। डायबिटीज होने के बावजूद जब आप अपने आहार और लाइफस्टाइल में बदलाव नहीं करते, तो यह और भी ज्यादा जोखिम भरा हो सकता है। जिससे हाइपरग्लेसेमिया जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति में आपका शरीर काफी कम मात्रा में इंसुलिन प्रोड्यूस कर पाता है। जिससे स्वास्थ्य के लिए कई खतरे पैदा हो जाते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप हाइपरग्लेसेमिया (Hyperglycemia) के कारणों और उसे कंट्रोल करने के उपायों (Tips to control hyperglycemia) के बारे में सब कुछ जानें।

समझिए इंसुलिन की उपोगिता:
इंसुलिन वह हार्मोन है, जो शुगर को ब्लड में ट्रांसफर करता है। यदि शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम हो जाए, तो ग्लूकोज और शुगर ब्लड में अच्छी तरह नहीं घुल पाते। जिससे ब्लड शुगर लेवल हाई हो जाता है। यह समस्या ज्यादातर डायबिटीज के मरीजों में तब देखने को मिलती है, जब वे लगातार अपनी सेहत की लापरवाही करते हैं।

हाइपरग्लेसेमिया, यानी कि बॉडी में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने पर नजर आने वाले लक्षण।
यदि आपको भी डायबिटीज है, तो ऐसे लक्षण नजर आते ही बिना इंतजार किए डॉक्टर से मिलकर सलाह लें।

ब्लड शुगर लेवल बढ़ने पर नजर आने वाले 10 लक्षण:
1. बिना शारीरिक गतिविधियों में भाग लिए थकान और बेचैनी महसूस होना।

2. सांस लेने में तकलीफ होना और घबराहट महसूस होना।

3. चिड़चिड़ापन महसूस करना।

4. बार-बार पेशाब लगने की समस्या।

5. बहुत छोटे अंतराल पर प्यास लगना।

6. उल्टी जैसा महसूस होते रहना।

7. इंफेक्शन और एलर्जी होना इसके साथ ही इनका लंबे समय तक बना रहना।

8. यूरिनरी इनफेक्शन होना और खुजली होते रहना।

9. आंखों की दृष्टि का कमजोर होना और धुंधलापन नजर आना।

10. अचानक से वजन में गिरावट आना

क्या हैं डायबिटीज में हाइपरग्लेसेमिया होने के कारण:
1. जब आपका शरीर नेचुरल इंसुलिन को प्रभावी तरीके से प्रयोग नहीं कर पाता।

2. आपका शरीर कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को बॉडी इंसुलिन बैलेंस नहीं कर पाती। इस कंडीशन में भी हाइपरग्लेसेमिया होने की संभावना बनी रहती है।

3. जब आपकी डायबिटीज मेडिसिन और अन्य इंसुलिन डोज आपके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित नहीं कर पाते।

4. यदि आपको डायबिटीज है और आप शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं हैं, तो यह स्थिति पैदा हो सकती है।

5. इमोशनल और मेंटल स्ट्रेस भी आपकी इस समस्या का कारण बन सकता है।

6. फिजिकल स्ट्रेस जैसे कि कोल्ड एंड कफ, फ्लू, इन्फेक्शन इत्यादि होने से हाइपरग्लेसेमिया की स्थिति पैदा होने की संभावना बनी रहती है।

7. जब आप किसी अन्य हेल्थ कंडीशन को लेकर स्टेरॉइड्स ले रही होती हैं।

8. यदि आप प्रेगनेंट हैं तो जेस्टेशनल डायबिटीज होने से भी यह स्थिति पैदा हो सकती है।

हाइपरग्लेसेमिया से बचने के उपाय:

1. शारीरिक गतिविधियों में भाग लें – खुद को जितना हो सके उतना फिजिकली एक्टिव रखने की कोशिश करें। नियमित रूप से एक्सरसाइज करने की आदत बनाएं और योगा सेशन में भाग ले सकते हैं। यह आपके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखता है, और हाइपरग्लेसेमिया जैसी स्थिति उत्पन्न होने की संभावना को कम कर देता है।

2. खानपान की आदतों को संतुलित रखें – एक उचित खानपान लेना बहुत जरूरी है। साथ ही अपने आहार से जुड़ी जरूरी जानकारी रखने की कोशिश करें। इसके साथ ही डॉक्टर की सलाह से एक डायबिटीज मील प्लान जरूर तैयार करें।

3. हेल्दी वेट मेंटेन करें – ऐसी परिस्थिति से बचने के लिए एक हेल्दी वेट मेंटेन करना बहुत जरूरी है। इसके लिए संतुलित खानपान और शारीरिक रूप से सक्रिय रहना बहुत जरूरी है।

4. धूम्रपान न करें – ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन रखने और हाइपरग्लेसेमिया जैसी स्थिति को पैदा होने से रोकने के लिए धूम्रपान को बिल्कुल नजरअंदाज करें। यदि आप स्मोकिंग नहीं करते हैं, तो बहुत अच्छी बात है। परंतु यदि आपको स्मोकिंग की आदत है तो इसे फौरन छोड़ना उचित रहेगा।

5. अल्कोहल की मात्रा सीमित करें – अल्कोहल आपके शरीर में ब्लड शुगर लेवल की मात्रा को बढ़ा देता है। इसके साथ ही यह लो ब्लड शुगर लेवल का भी कारण हो सकता है। इसलिए एक सीमित मात्रा में ही अल्कोहल का सेवन करें। यदि आप इसे पूरी तरह अनदेखा कर सकते हैं, तो यह और भी ज्यादा फायदेमंद रहेगा।

28/07/2022

High Cholesterol के लक्षण दिखते हैं शरीर के इन हिस्सों पर, इस तरह पहचानें कॉलेस्ट्रोल के शुरुआती Warning Signs
High Cholesterol Symptoms: शरीर में कॉलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ने पर कुछ संकेत दिखने लगते हैं जिन्हें शुरुआत में ही पहचान लेना बेहतर है. लेख में जानिए कौनसे वॉर्निंग साइन हैं जिनसे सचेत रहने की जरूरत है.
खास बातें .......
शरीर में कई कारणों से कॉलेस्ट्रोल लेवल बढ़ सकता है.
कॉलेस्ट्रोल की बड़ी हुई मात्रा इस तरह पहचानें.
पैरों पर भी नजर आते हैं कॉलेस्ट्रोल के शुरुआती लक्षण.
High Cholesterol Symptoms: शरीर किसी भी बीमारी की चपेट में आता है तो अलग-अलग अंगों पर उसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं. बिलकुल इसी तरह शरीर में कॉलेस्ट्रोल लेवल (Cholesterol Level) बढ़ने पर अलग-अलग लक्षण व संकेत नजर आने लगते हैं. आइए जानते हैं वे कौनसे वार्निंग साइन (Warning Signs) हैं जिनसे आपको सचेत रहने की जरूरत है और जिन्हें देखते ही आपको अपने कॉलेस्ट्रोल लेवल्स की जांच करवाना चाहिए जिससे आपको समस्या बढ़ने से पहले ही पता चल जाए और आप जरूरी इलाज शुरू कर सकें.

हाई कॉलेस्ट्रोल के लक्षण और संकेत |
High Cholesterol Signs And Symptoms

पैरों पर असर:
शरीर में कॉलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ने पर पैरों में नंबनेस (Numbness) महसूस होने लगती है यानी कोई हलचल महसूस नहीं होती और हर समय पैर सोया-सोया नजर आता है. साथ ही, पैरों में झनझनाहट महसूस हो सकती है और पैर हर वक्त ठंडे लगने लगते हैं।

पैरों में दर्द:
पैरों की नसों तक भी कॉलेस्ट्रोल के कारण सही तरह से रक्तसंचार नहीं होता है ना ही ऑक्सीजन ठीक तरह से पहुंच पाता है। ऐसे में पैरों में तेज दर्द उठने लगता है।

पीले नाखून:
कॉलेस्ट्रोल का असर नाखूनों में भी नजर आने लगता है। शरीर में बढ़ा हुए कॉलेस्ट्रोल नसों को अवरुद्ध करने लगता है जिससे शरीर के अलग-अलग हिस्सों तक खून कम पहुंचता है। इसका प्रभाव नाखूनों पर भी पड़ता है और उनके अंदर गहरी लकीरें पड़ने लगती हैं. साथ ही, नाखूनों पर पीले, पतले और गहरे ब्राउन रंग की लकीरें भी नजर आने लगती हैं जो ज्यादातर नाखूनों की सीध में होती हैं।

बरतें ये सावधानियां .......
शरीर में कॉलेस्ट्रोल की मात्रा ना बढ़े इसके लिए कुछ सावधानियां बरतनी बेहद जरूरी हैं।
धूम्रपान की आदत छोड़ दें। यह दिल की बीमारियों और स्ट्रोक (Stroke) के खतरे को बढ़ाता है।
उन चीजों का सेवन करें जिनमें प्राकृतिक रूप से फैट की मात्रा कम हो।
सैचुरैटेड फैट की अत्यधिक मात्रा वाले फूड्स से परहेज करें.
रोजाना एक्सरसाइज करना भी सेहत के लिए अच्छा है।

अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

Allium Sativa.
20/05/2022

Allium Sativa.

WISH YOU ALL, HAPPY AND HEALTHY.
07/04/2022

WISH YOU ALL, HAPPY AND HEALTHY.

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